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टोयोटा ग्लैंजा ड्यूल-जेट माइल्ड हाइब्रिड फर्स्ट ड्राइव रिव्यू: बलेनो का बेहतरीन और किफायती विकल्प

Published On जुलाई 31, 2019 By भानु for टोयोटा ग्लैंजा 2019-2022

टोयोटा ने ग्लैंज़ा को लॉन्च कर प्रीमियम हैचबैक सेगमेंट में एंट्री ले ली है। यह कार मारुति सुजुकी बलेनो का ही ​री-बैज्ड वर्जन है जो हूबहू इसी के जैसा लगता है। टोयोटा ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए इसकी शुरूआती कीमत को कम रखा है और कंपनी इसपर अच्छी-खासी वॉरन्टी की पेशकश भी कर रही है। हमने हाल ही में ग्लैंज़ा के जी वेरिएंट का रोड टेस्ट किया है। यह वेरिएंट 1.2 लीटर ड्यूल-जेट माइल्ड हाइब्रिड इंजन में उपलब्ध है। कैसा रहा हमारा अनुभव ये जानेंगे इस फर्स्ट ड्राइव रिव्यू में:

डिज़ाइन 

आपने सड़कों पर मारुति बलेनो को गुज़रते हुए जरूर देखा होगा। ये कार साल 2015 से भारतीय बाज़ार में उपलब्ध है। कंपनी ने इसमें कुछ कॉस्मैटिक बदलाव कर इसके फेसलिफ्ट अवतार को बाज़ार में उतार दिया है। टोयोटा ग्लैंजा को मारुति बलेनो फेसलिफ्ट पर ही तैयार किया गया है।बलेनो से अलग दिखाने के लिए इसमें केवल अलग डिजाइन की फ्रंट ग्रिल और बूट लिड पर टोयोटा की बैजिंग देकर मामूली से बदलाव किए गए हैं। ग्लैंज़ा के जी वेरिएंट में प्रोजेक्टर हैडलैंप दिए गए हैं जबकि इसमें एलईडी डीआरएल जैसे फीचर का अभाव है। इनकी जगह इसमें लाइट गाइड का फीचर दिया गया है। इसके साइड प्रोफाइल की बात करें तो यहां 195/55 आर16 सेक्शन के ड्यूल टोन कलर वाले अलॉय व्हील दिए गए हैं। ठीक इसी तरह की यूनिट आपको बलेनो फेसलिफ्ट में भी देखने को मिल जाएगी। 

कार के पिछले हिस्से की बात करें तो यहां केवल आपको बैजिंग के रूप में ही एकमात्र बदलाव नज़र आएगा। यहां टेलगेट पर कार के वेरिएंट की बैजिंग दी गई है। जबकि मारुति ने बलेनो के पिछले हिस्से पर किसी वेरिएंट की बैजिंग नहीं दी है। कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि टोयोटा को इसे मारुति बलेनो से अलग दिखाने के लिए इसे एक अलग डिज़ाइन देना चाहिए था। 

इंटीरियर

टोयोटा ग्लैंजा का डैशबोर्ड डिज़ाइन ऑल ब्लैक कलर थीम पर तैयार किया गया है जहां सिल्वर एसेंट्स का इस्तेमाल काफी ढंग से हुआ है। कार में इस्तेमाल किए गए प्लास्टिक मैटेरियल काफी प्रीमियम नज़र आता है मगर शायद आपको इसकी क्वालिटी पसंद ना आए। ग्लैंज़ा के जी वेरिएंट में फैब्रिक अपहोल्स्ट्री स्टैंडर्ड दी गई है। वहीं इसके बेस वेरिएंट में लैदर कवर वाले स्टीयरिंग व्हील का अभाव है। 

ग्लैंजा, बलेनो की ही तरह एक फीचर लोडेड कार है। इसमें एंड्रॉयड ऑटो और एपल कारप्ले कनेक्टिविटी से लैस बड़ी टचस्क्रीन, ऑटो क्लाइमेट कंट्रोल, हाइड एडजस्टेबल ड्राइवर सीट, स्टीयरिंग माउंटेड कंट्रोल आदि जैसे फीचर दिए गए हैं। कार में दिया गया म्यूज़िक सिस्टम भी काफी बेस्ट क्वालिटी का है जिसका साउंड बहुत ही बढ़िया है। 

केबिन स्पेस के मामले में भी टोयोटा ग्लैंज़ा काफी अच्छी कार है। इसकी रियर सीट पर बैठते ही आपको अंदाज़ा हो जाएगा कि यहां लेगरूम, नी-रूम और हैडरूम स्पेस की कोई कमी नहीं है। हालांकि, दूसरी कुछ हैचबैक और सेडान कारों की तरह इसमें भी 6 फीट लंबे पैसेंजर को पर्याप्त हैडरूम स्पेस नहीं मिलता है। दूसरी तरफ, कार के सीट बेस पर साफ्ट कुशनिंग दी गई है जिससे पैसेंजर को काफी आराम मिलता है। मगर, यहां रियर एसी वेंट और सेंटर आर्मरेस्ट का अभाव भी है। इसमें फ्रंट पैसेंजर सीट के नीचे ली-आयन बैट्री पैक को रखा गया है जिससे पैसेंजर को आराम से पैर रखने में थोड़ी परेशानी आती है। 

ग्लैंजा की एक और खास बात ये है कि इसमें छिटपुट सामान रखने के लिए काफी सारे स्टोरेज़ स्पेस दिए गए हैं। इसके अलावा इसमें 339 लीटर का बूट स्पेस भी दिया गया है। ग्लैंज़ा में नॉइस इंसुलेशन की समस्या काफी आती है। इसके इंजन और सस्पेंशन से निकलने वाला साउंड कार के केबिन तक पहुंचता है। वहीं हाइवे पर राइडिंग के दौरान सड़क से चिपककर चलते हुए टायरों का शोर भी काफी आता है जो कुछ समय बाद आपके कानों को चुभने लगता है। 

इंजन और परफॉर्मेंस 

ग्लैंज़ा में दिया गया नया 4 सिलेंडर, 1.2 लीटर ड्यूल जेट स्मार्ट हाइब्रिड इंजन सबसे पहले बलेनो में पेश किया गया था। यह इंजन बीएस6 उत्सर्जन मानकों पर अपग्रेडेड है और इसने 1.3 लीटर डीज़ल इंजन की जगह ली है जिसे अब बंद कर दिया गया है। बलेनो के 1.2 लीटर रेग्युलर पेट्रोल इंजन वाले वेरिएंट के मुकाबले 1.2 लीटर ड्यूल जेट स्मार्ट हाइब्रिड इंजन वाला वेरिएंट 88,000 रुपये महंगा है। ग्लैंज़ा में यह इंजन केवल मैनुअल गियरबॉक्स के साथ आने वाले जी वेरिएंट में ही दिया गया है। 

इस इंजन की खूबियों की बात करें तो चाबी घुमाते ही बिना किसी शोर और वाइब्रेशन के इंजन चालू हो जाता है। इससे ज्यादा शोर तो कार का एसी कंप्रेसर करता है जिसकी आवाज़ को कार से बाहर निकलते ही साफ-साफ सुना जा सकता है। 

इंजन क्षमता

1.2-लीटर

पावर

89.7पीएस 

टॉर्क

113एनएम

गियरबॉक्स

5-स्पीड मैनुअल

ग्लैंज़ा को 1000 आरपीएम के नीचे रहने पर स्पीड पकड़ने में थोड़ा समय लगता है। इसके ऊपर  पहुंचते ही ये कार शानदार तरीके से चलने लगती है। इसका यह इंजन स्टैंडर्ड 1.2 लीटर इंजन से 7 पीएस की ज्यादा पावर देता है। ग्लैंज़ा को 0 से 100 किलोमीटर / घंटे की रफ्तार पकड़ने में 13.19 सेकंड का समय लगता है। हालांकि, इस मामले में प्रीमियम हैचबैक सेगमेंट में कुछ ऐसी कारें भी मौजूद हैं जो इससे ज्यादा तेज़ हैं। 

ग्लैंज़ा को शहरी सड़कों पर तीसरे और चौथे गियर पर चलते रहने में कोई परेशानी नहीं आती है। इस दौरान बार बार गियर बदलने का झंझट भी नहीं र​हता है। कार का क्लच काफी हल्का है जो ट्रैफिक जाम की स्थिती में काफी राहत देता है। ग्लैंजा को थर्ड गियर पर 30 से 80 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार पकड़ने में 11.24 सेकंड का समय लगता है। वहीं, 40 से 100 किलोमीटर / घंटे की रफ्तार पकड़ने के लिए ये 20.52 सेकंड का समय लेती है। इन आंकड़ो को देखकर आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि सिटी में ड्राइविंग के लिहाज़ से ग्लैंज़ा ज्यादा फुर्तिली नहीं है। 

हमारे इस टेस्ट में ग्लैंज़ा से हमें सिटी में 17.13 किलोमीटर/लीटर का माइलेज प्राप्त हुआ। वहीं हाइवे पर ये आंकड़ा और जबरदस्त रहा और इससे हमें 24.25 किलोमीटर/लीटर का माइलेज प्राप्त हुआ। कार में लगी हाइब्रिड मोटर इसकी माइलेज देने की क्षमता को बढ़ाती है। कार में ज्यादा लोड होने पर टॉर्क असिस्ट का फीचर इंजन से लोड कम कर देता है जिससे कार और भी अच्छा माइलेज देती है। कार में लगी बैट्रियां ब्रेक एनर्जी रीजनरेशन सिस्टम से चार्ज होती हैं। इन सभी चीज़ों से जुड़ी जानकारी को आप कार के केबिन में दी गई एमआईडी यानी मल्टी इंफॉर्मेशन डिस्प्ले स्क्रीन पर देख सकते हैं। 

राइड और हैंडलिंग

ग्लैंज़ा की राइड क्वालिटी को सिटी ड्राइविंग के हिसाब से ट्यून किया गया है​ जिसके अच्छे परिणाम भी इसे चलाते वक्त नज़र आते हैं। कार के सस्पेंशन खराब सड़कों और गड्ढों से आने वाले झटकों को कार के केबिन तक नहीं पहुंचने देते हैं।

60 किलोमीटर / घंटे की रफ्तार पर ग्लैंज़ा काफी स्मूद तरीके से चलती है और इस दौरान इसके स्टीयरिंग व्हील हल्के महसूस होते हैं। मगर, जैसे ही आप इसे 60 की स्पीड से ऊपर  ले जाते हैं तो आपको बॉडी रोल का अहसास होने लगता है। 

घाट और पहाड़ी क्षेत्रों में ग्लैंज़ा को चलाने के लिए ज्यादा आत्मविश्वास की जरूरत महसूस होती है। सिटी में कार की ब्रेकिंग पावर काफी अच्छी है। 100 किलोमीटर / घंटे की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के बाद यह 44.58 मीटर की दूरी पर जाकर रूक जाती है। 

सेफ्टी

टोयोटा ग्लैंज़ा में कंपनी ने सारे जरूरी सेफ्टी फीचर दिए हैं। इनमें ड्यूल फ्रंट एयरबैग, एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्टम के साथ इलेक्ट्रॉनिक ब्रेकफोर्स डिस्ट्रीब्यूशन एवं ब्रेक असिस्ट, आईएसओफिक्स चाइल्ड सीट एंकर और रियर पार्किंग सेंसर शामिल हैं। ग्लैंज़ा के टॉप वेरिएंट वी में रिवर्स पार्किंग कैमरा का फीचर स्टैंडर्ड दिया गया है। आप चाहे तो बेस वेरिएंट जी में इसे अलग से खरीदकर लगवा सकते हैं। ग्लैंज़ा और बलेनो के भारतीय वर्जन का फिलहाल ग्लोबल एनकैप द्वारा क्रैश टेस्ट नहीं लिया गया है। ऐसे में दोनों कारों में सेफ्टी के क्या पैमाने हैं इसके लिए कोई आंकड़ा मौजूद नहीं है। 

निष्कर्ष

टोयोटा ग्लैंज़ा के दो सबसे बड़े प्लस पॉइन्ट इसकी कम कीमत और वॉरन्टी पैकेज हैं। यदि इसके साथ पेश किए जा रहे वॉरन्टी पैकेज की बलेनो से तुलना ​की जाए तो, मारुति इसके साथ 2 साल या 40,000 किलोमीटर वॉरन्टी देती है। जबकि टोयोटा, ग्लैंज़ा के साथ 3 साल या 1 लाख किलोमीटर की वॉरन्टी दे रही है। इसके साथ ही आप इसे 5 साल या 2.2 लाख किलोमीटर तक एक्सटेंड भी करा सकते हैं। ऐसे में यदि आप घूमने फिरने के ज्यादा शौकीन है या फिर आपकी कार आपके काफी काम आती है तो ग्लैंज़ा आपके लिए एक परफैक्ट प्रीमियम हैचबैक साबित होगी। कीमत के मोर्चे पर बलेनो से तुलना की जाए तो ग्लैंज़ा का बेस वेरिएंट जी, बलेनो के ज़ेटा वेरिएंट जैसा ही है जिसमें समान ही फीचर दिए गए हैं। बलेनो ज़ेटा, टोयोटा ग्लैंज़ा जी वेरिएंट से 65,000 रुपये महंगा है। इसके अलावा आपको ग्लैंज़ा के साथ टोयोटा की विश्वसनीय आफ्टर सेल सर्विस भी मिलती है।

टोयोटा ग्लैंज़ा जी वेरिएंट की कीमत 7.22 लाख रुपये (एक्स-शोरूम, दिल्ली) है। अच्छे खासे फीचर के साथ ये एक परफैक्ट सिटी कार है। इसमें स्पेस की कोई कमी नहीं है और कंफर्ट भी काफी अच्छा मिलता है।

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