टोयोटा फॉर्च्यूनर लेजेंडर Vs महिंद्रा स्कॉर्पियो एन/स्कॉर्पियो क्लासिकः क्या एक जापानी एसयूवी ही है काफी या लेना चाहेंगे दो देसी एसयूवी?
Published On अप्रैल 28, 2023 By भानु for महिंद्रा स्कॉर्पियो एन
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फर्ज कीजिए आपके पास 50 लाख रुपये तक का बजट है और उसमें आप एसयूवी कारों में पहलवान टाइप की कोई कार लेना चाह रहे हैं, तो ऐसे में टोयोटा फॉर्च्यूनर लेजेंडर पर गौर किया जा सकता है। इसके लुक्स वाकई दमदार हैं और इसमें आपकी फैमिली और उनका लगेज रखने के लिए काफी स्पेस भी मौजूद है और इसका डीजल इंजन भी काफी दमदार है। मगर आपको बता दें कि इन सभी क्वालिटी के साथ आने वाली महिंद्रा स्कॉर्पियो एन के मुकाबले फॉर्च्यूनर अब काफी महंगी भी हो गई है।
ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि क्या आप 20 लाख रुपये एक्सट्रा खर्च करके एक ज्यादा प्रीमियम एसयूवी लेना चाहेंगे? या फिर आपको नई स्कॉर्पियो एन लेनी चाहिए और जो पैसा बच रहा है उसमें आपके पास एक और एसयूवी लेने का विकल्प मौजूद है जिसका नाम है स्कॉर्पियो क्लासिक? ऐसे में तमाम सवालों के जवाब आपको मिलेंगे इस कंपेरिजन रिव्यू मेंः
रोड प्रजेंस की होती है अपनी ही खासियत
भारतीय लोग रोड प्रजेंस के लिए ही इतना बड़ा अमाउंट खर्च करने को तैयार रहते हैं और इस मोर्चे पर फॉर्च्यूनर एक बेस्ट कार है। ये काफी भारी भरकम और सॉलिड नजर आती है जिसका रोड प्रजेंस काफी आकर्षक है। इसके लेजेंडर वेरिएंट में लेक्सस जैसा फ्रंट, ड्युअल टोन अलॉय और ऑडी जैसे डायनैमिक इंडिकेटर्स दिए गए हैं, जिससे इसे एक प्रीमियम लुक मिल रहा है। फॉर्च्यूनर के फेवर में एक और चीज जो जाती है वो है इसका साइज और ये इन तीनों में सबसे लंबी एसयूवी है।
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टोयोटा फॉर्च्यूनर |
महिंद्रा स्कॉर्पियो एन |
महिंद्रा स्कॉर्पियो क्लासिक |
लंबाई (मिलीमीटर) |
4,795मिलीमीटर |
4,662मिलीमीटर |
4,456मिलीमीटर |
चौड़ाई (मिलीमीटर) |
1,855मिलीमीटर |
1,917मिलीमीटर |
1,820मिलीमीटर^ |
ऊंचाई (मिलीमीटर) |
1,835मिलीमीटर |
1,857मिलीमीटर* |
1,995मिलीमीटर |
व्हीलबेस (मिलीमीटर) |
2,745मिलीमीटर |
2,750मिलीमीटर |
2,680मिलीमीटर |
*बिना रूफ रेक और एंटीना के
^ओआरवीएम्स के बिना
नई महिंद्रा स्कॉर्पियो एन काफी साधारण सी कार नजर आती है। इसका अपराइट डिजाइन और स्लेटेड ग्रिल और स्कवायर शेप के हेडलैंप्स जैसे एलिमेंट्स आपको स्कॉर्पियो की ही याद दिलाएंगे। मगर सॉफ्ट लाइंस और कर्व्स की वजह से ये थोड़ी ज्यादा आकर्षक लगती है। कुल मिलाकर इसमें एक रग्ड एसयूवी और मॉडर्न कार दोनों का ही एक परफैक्ट बैलेंस नजर आता है।
क्या आपको एक अफोर्डेबल और भारी भरकम कार चाहिए? तो आपको ये खूबियां स्कॉर्पियो क्लासिक में मिल जाएंगी। स्कॉर्पियो क्लासिक का डिजाइन आज भी काफी दमदार नजर आता है। इसमें नए ड्युअल टोन अलॉय व्हील्स और कंपनी का नया लोगो दिया गया है जिससे इसे एक फ्रैश लुक भी मिल रहा है।
अंदर से प्रीमियमनैस का भी रहता है अहम किरदार
फॉर्च्यूनर के डैशबोर्ड का डिजाइन काफी सिंपल और सोबर है। इसमें कंट्रोल्स आपके कंफर्ट के हिसाब से ही पोजिशन किए गए हैं। इसके लेजेंडर वेरिएंट में ब्लैक और रेड कलर की इंटीरियर थीम दी गई है जिससे इसे अंदर से एक स्पोर्टी प्रीमियम लुक मिल रहा है। इसकी प्राइस को देखते हुए ऐसा भी महसूस होता है कि इसमें ज्यादा प्रीमियम मैटेरियल्स का इस्तेमाल किया जाना चाहिए था। इसके अलावा इसके इंफॉर्मेशन ग्राफिक्स भी इसकी प्राइस को देखते हुए फिट बैठते नहीं दिखाई देते हैं, मगर ये यूनिट काफी फास्ट और रिस्पॉन्सिव है।
ये चीज स्कॉर्पियो एन में दी गई यूनिट के लिए नहीं कही जा सकती है, जिसके लुक्स काफी अपमार्केट मगर कभी कभी इसमें अटकाव जरूर महसूस होता है। इसके रिवर्सिंग कैमरे का रेजोल्यूशन भी ठीक से काम नहीं करता है और इसे थोड़ा और स्मूद होना चाहिए था। हालांकि कई पार्ट्स के मैटेरियल की क्वालिटी काफी अच्छी नजर आती है और डैशबोर्ड पर सॉफ्ट टच प्लास्टिक की पैडिंग से ये काफी प्रीमियम महसूस होती है। साथ ही इसमें दी गई ब्लैक और ब्राउन कलर की थीम इसे एक आलीशान लुक देने का काम करती है। इसके डैशबोर्ड का डिजाइन काफी अच्छा है और सभी कंट्रोल्स वहीं दिए गए हैं जहां आपको उनकी जरूरत है।
इसके पिछले जनरेशन मॉडल के मुकाबले इसमें जो सुधार हुआ है उसका उल्लेख भी हमने इस टेस्ट के द्वारा किया है। क्लासिक में बॉटल होल्डर काफी टाइट है और खासतौर पर दरवाजे बंद होने के बाद तो ये और टाइट हो जाता है। क्लासिक बाहर से तो काफी क्लासी दिखाई पड़ती है, मगर अंदर से ये काफी कम मॉडर्न नजर आती है। इसका लेआउट काफी पुराना सा लगता है और इसमें दिया गया 9 इंच का एंड्रॉयड बेस्ड इंफोटेनमेंट ऐसा लगता है जैसे बाजार से लेकर लगाया गया हो।
घर शिफ्ट करने के लिए भी एकदम परफैक्ट
तीनों एसयूवी कारों में इतना बूट स्पेस दिया गया है कि आप अपना घर का सामान ही इनसे शिफ्ट कर सकते हैं। मगर कंपेरिजन करें तो इस काम के लिए यहां फॉर्च्यूनर काफी बेस्ट साबित होती है। इसकी तीसरी रो की सीटों को बिना फोल्ड किए इसके बूट में छोटे सूटकेस और सॉफ्ट बैग रखने जितनी जगह मिलती है। इसके 50ः50 स्प्लिट और टंबल थर्ड रो काफी फ्लैक्सिबल हैं। इसकी सीटों को साइड में भी किया जा सकता है जिससे और भी जगह बन जाती है। वहीं सेकंड रो को फोल्ड डाउन करने पर आपको अपना घर शिफ्ट करने के लिए किसी पैकर या मूवर की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
भले ही स्कॉर्पियो एन में ज्यादा बूट स्पेस दिया गया हो, मगर स्पेस के मोर्चे पर ये फ्लैक्सिबल नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी थर्ड रो की सीटें 50ः50 के अनुपात में नहीं बटी हुई है जो अच्छा खासा स्पेस कवर कर लेती है।
मगर जब आप फॉर्च्यूनर के साइज की ही दो कारें ले रहे हो तो आप अपनी दूसरी कार में बाकी का सामान रख सकते हैं चाहे फिर वो स्कॉर्पियो एन में फिट ना हो रहा हो तो स्कॉर्पियो क्लासिक को इस्तेमाल में लिया जा सकता है।
फीचर्स
दोनों मॉडल्स में जरूरत के सभी बेसिक फीचर दिए गए हैं। दोनों कारों में टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, एंड्रॉयड ऑटो एवं एपल कारप्ले, कम से कम सिंगल-ज़ोन क्लाइमेट कंट्रोल, वायरलेस फ़ोन चार्जर, टिल्ट एडजस्टेबल स्टीयरिंग व्हील, क्रूज़ कंट्रोल, एक मल्टी-इंफो डिस्प्ले, ऑटो हेडलैंप और पावर्ड ड्राइवर की सीट जैसे फीचर्स मौजूद हैं। ये कुछ ऐसे फीचर्स हैं जो आपकी रुटीन लाइफ में काफी काम में आते हैं।
हालांकि दोनों मॉडल में कुछ अच्छे फीचर्स की कमी भी है। उदाहरण के तौर पर स्कॉर्पियो एन में ड्युअल जोन क्लाइमेट कंट्रोल और सबसे खास सनरूफ का फीचर दिया गया है और ये दोनों फीचर्स फॉर्च्यूनर कार में नहीं दिए गए हैं।
दूसरी तरफ फॉर्च्यूनर में वेंटिलेटेड सीट के तौर पर काफी काम का फीचर दिया गया है जो आपको स्कॉर्पियो एन में नहीं मिलेगा। इसके अलावा टोयोटा की इस एसयूवी में पावर्ड को-ड्राइवर सीट, टेलीस्कोपिक रीच एडजस्टेबल स्टीयरिंग व्हील और पावर्ड टेलगेट जैसे फीचर्स भी दिए गए हैं।
सेफ्टी
सेफ्टी की बात करें तो स्कॉर्पियो एन और फॉर्च्यूनर दोनों में ही इस मामले में बराबर की टक्कर है। इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, ईबीडी के साथ एबीएस, हिल स्टार्ट असिस्ट, फ्रंट और रियर पार्किंग सेंसर और हिल डिसेंट कंट्रोल, ये कुछ ऐसे फीचर्स हैं जो इन दोनों कारों में कॉमन हैं।
एक और एरिया जिसमें फॉर्च्यूनर स्कॉर्पियो एन को मात देती है वो है एयरबैग्स की संख्या। जहां टोयोटा की एसयूवी में 7 एयरबैग दिए गए हैं तो वहीं महिंद्रा की स्कॉर्पियो एन में 6 एयरबैग दिए गए हैं। दोनों कारों में एडवांस्ड ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम नहीं दिया गया है जो कि अब कई कारों में दिया जाने लग गया है। फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो एन को एशियन एनकैप और ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट दोनों से ही 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिल चुकी है।
सड़क पर कौनसी कार है दमदार?
तीनों कारों में ज्यादा कैपेसिटी वाले डीजल इंजन दिए गए हैं और ये काफी पावरफुल भी हैं। हालांकि फॉर्च्यूनर में 2.8 लीटर का डीजल इंजन दिया गया है जो 204 पीएस की पावर जनरेट करते हुए काफी शोर करता है। तीनों एसयूवी कारों में से इसके डीजल इंजन से काफी अच्छा पंच मिलता है और ये काफी दमदार भी है। खुली खुली सड़कों पर तो इसकी परफॉर्मेंस देखने लायक होती है। चूंकि इसमें छठा गियर भी मौजूद है तो ये शानदार क्रूजर साबित होती है और बिना किसी परेशानी के मीलों का सफर तय कर लेती है। मगर इसमें एक कमी जरूर नजर आती है और वो है इसका रिफाइनमेंट लेवल। फॉर्च्यूनर का इंजन काफी शोर करता है और जितना ज्यादा आप इसे हार्ड पुश करेंगे उतना ज्यादा ही ये शोर मचाएगा।
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टोयोटा फॉर्च्यूनर |
महिंद्रा स्कॉर्पियो एन |
महिंद्रा स्कॉर्पियो क्लासिक |
इंजन |
2.8-लीटर 4 सिलेंडर |
2.2-लीटर 4 सिलेंडर |
2.2-लीटर 4 सिलेंडर |
पावर (पीएस) |
204 पीएस |
175 पीएस |
132 पीएस |
टॉर्क (एनएम) |
420 एनएम (मैनुअल) / 500 एनएम (ऑटोमैटिक) |
370 एनएम (मैनुअल) / 400 एनएम (ऑटोमैटिक) |
300 एनएम |
ट्रांसमिशन ऑप्शंस |
6-स्पीड मैनुअल / 6-स्पीड ऑटोमैटिक |
6-स्पीड मैनुअल / 6-स्पीड ऑटोमैटिक |
6-स्पीड मैनुअल |
ड्राइवट्रेन |
रियर व्हील ड्राइव / 4व्हील ड्राइव |
रियर व्हील ड्राइव / 4व्हील ड्राइव |
रियर व्हील ड्राइव |
स्कॉर्पियो एन के डीजल इंजन का साउंड भी केबिन में साफ सुनाई देता है, मगर एल्यूमिनियम की बॉडी होने के कारण ये फॉर्च्यूनर के डीजल इंजन से ज्यादा रिफाइंड लगता है। साथ ही स्कॉर्पियो एन में स्मूद पावर डिलीवरी भी मिलती है। यहां तक कि हमारे इस टेस्ट में फॉर्च्यूनर के मुकाबले स्कॉर्पियो एन कुछ ही सेकंड से धीमी रही। ये एसयूवी भी बिना किसी पावर की कमी के मीलों तक का सफर तय करने में सक्षम है।
खास बात ये है कि स्कॉर्पियो क्लासिक में 132 पीएस की ही पावर जनरेट करने वाले डीजल इंजन से भी हमें ऐसा ही ड्राइविंग एक्सपीरियंस मिला। इसमें तेजी से भागते ट्रैफिक में लगातार कार ड्राइव करने जितनी पावर मिल जाती है। ये केवल मैनुअल गियरबॉक्स में ही उपलब्ध है और इन्हें शिफ्ट करने के लिए कोई बहुत ज्यादा जोर नहीं लगाना पड़ता है और इसका क्लच काफी लाइटवेटेड है, मगर इसका ट्रैवल काफी लंबा है।
कौनसी कार है कंफर्टेबल क्रूजर?
स्कॉर्पियो एन और फॉर्च्यूनर दोनों ही एसयूवी कारों की बिल्ट क्वालिटी काफी मजबूत है और इनके लिए गड्ढे तो कोई मायने नहीं रखते हैं। चूंकि ये एक कंपेरिजन रिपोर्ट है इसलिए निष्कर्ष देना जरूरी है। इस मोर्चे पर स्कॉर्पियो एन से बेहतर राइड क्वालिटी मिलती है। ये गड्ढों का सामना काफी आराम से कर लेती है और फॉर्च्यूनर के मुकाबले आपको केबिन में कम झटके लगते हैं।
दूसरी तरफ उबड़ खाबड़ रास्तों पर फॉर्च्यूनर के मुकाबले स्कॉर्पियो एन ज्यादा जल्दी सैटल होती है। यहां तक कि खराब सड़कों पर ड्राइव करते वक्त भी महिंद्रा की इस एसयूवी में कम साइड टू साइड मूवमेंट महसूस होता है। केवल कुछ बेहद चुनौतिपूर्ण ऑफ रोड कंडीशन में ही महिंद्रा की ये एसयूवी थोड़ी सी परेशानी झेलती हुई नजर आती है।
इस मोर्चे पर फॉर्च्यूनर कुछ बेहतर नजर आती है। जब आप इस भारी भरकम एसयूवी के साथ डामर की खराब सड़कों से गुजरते हैं तो सस्पेंशन का ट्रैवल लंबा होने की वजह से आपको बेहतर राइड क्वालिटी मिलती है। हालांकि ऑन रोड के इस्तेमाल के हिसाब से इसकी राइड ठीक ठाक है मगर ये स्कॉर्पियो एन जितनी अच्छी नहीं है।
हैंडलिंग की बात करें तो दोनों ही एसयूवी कारें लैडर ऑन फ्रेम चेसिस पर बनी हैं और दोनों को पूरा दिन 100 किलोमीटर प्रति घंटे से उपर की रफ्तार में ड्राइव किया जा सकता है। यदि आप कॉर्नर्स पर थोड़ा आक्रामक ढंग से निकलते हैं तो यहां फॉर्च्यूनर में बेहतर टर्न एंगल मिलता है जिससे ये कॉर्नर पर थोड़ी बेहतर नजर आती है। स्कॉर्पियो एन की भी परफॉर्मेंस कुछ ऐसी ही है मगर यहां तेजी से इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम अपना काम करता है कॉर्नर के बीच में ही ब्रेक लगा देता है और गाड़ी धीमी हो जाती है।
कीमत और हमारी राय
सबसे पहली बात तो ये कि फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो में से किसी एक को चुनना कहीं से भी गलत नहीं माना जा सकता है। अपने अपने सेगमेंट की ये सबसे शानदार एसयूवी हैं।
टोयोटा फॉर्च्यूनर ना केवल अपने टोयोटा की बैजिंग के लिए जानी जाती है और ये आपको शानदार ओनरशिप एक्सपीरियंस और शानदार रीसेल वैल्यू का एक्सपीरियंस देगी। फॉर्च्यूनर के लुक्स काफी शानदार है, इसका डीजल इंजन काफी पंची है और इसमें काफी अच्छा केबिन कंफर्ट भी मिलता है और ये बिना किसी परेशानी के एक दिन में 1000 किलोमीटर तक का सफर तय करने में सक्षम है। हालांकि इसमें कुछ फील गुड फीचर्स की कमी नजर आती है और इसकी राइड क्वालिटी भी थोड़ी बेहतर हो सकती है। साथ ही इसे थोड़ा अफोर्डेबल भी किया जाना चाहिए। मगर आज फॉर्च्यूनर ने अपना इतना नाम कर लिया है कि कोई भी लोग इन सब चीजों से समझौता करने को तैयार है।
दूसरी तरफ महिंद्रा स्कॉर्पियो एन में अफोर्डेबल प्राइस पॉइन्ट पर वो सब चीजें मिल जाएंगी जो फॉर्च्यूनर में दी गई हैं। हालांकि इसकी इंटीरियर क्वालिटी थोड़ी बेहतर होनी चाहिए थी और महिंद्रा को इसके इंफोटेनमेंट को थोड़ा और अच्छे से ट्यून करना चाहिए था। कुल मिलाकर स्कॉर्पियो एन की शानदार राइड क्वालिटी,रिफाइंड इन केबिन एक्सपीरियंस और एक लंबी फीचर लिस्ट इसको एक अच्छी अपील देती है। एक और खास बात ये कि आप फॉर्च्यूनर को ना लेकर जितने पैसों की बचत करेंगे उसमें एक और एसयूवी खरीदी जा सकती है।