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रेनो ट्राइबर 20,000 किलोमीटर लॉन्ग टर्म रिव्यू: इतना ड्राइव करने के बाद अब तक दिखी खूबियों और नजर आई खामियों के बारे में जानिए यहां

Published On मई 19, 2022 By भानु for रेनॉल्ट ट्राइबर

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यदि आप हमारी कारों की लॉन्ग टर्म ड्राइव रिपोर्ट्स को फॉलो कर रहे हैं तो आपको मालूम ही होगा कि हम रेनो ट्राइबर की प्रेक्टिकेलिटी से कितना इंप्रेस हुए थे। हमनें इस कार को अपनी प्रोडक्शन टीम का हिस्सा बना रखा है और जो काम हम करते हैं वो काफी चुनौतियों से भरपूर है और हमें इस काम के लिए एक परफैक्ट व्हीकल की जरूरत भी रहती है। अब तक हमनें जितना भी इसे ड्राइव किया इस दौरान कई मौकों पर हमें इस कार में कुछ खूबियां दिखी तो कुछ ​कमियां भी नजर आई। पिछले साल तक हम इसे 20,000 किलोमीटर तक ड्राइव कर चुके थे और इस दौरान हमें क्या कुछ इस कार में खूबियां और खामियां आई नजर, इस बारे में आप जानेंगे आगे:

खामियां 

1.स्लो शिफ्टिंग ट्रांसमिशन

ट्राइबर का एएमटी ट्रांसमिशन शिफ्ट होने में काफी स्लो महसूस होता है। हालांकि इस चीज को रेगुलर सिटी ड्राइविंग के दौरान जब आप कार आराम से चला रहे होते हैं तब तो नजरअंदाज किया जा सकता है। मगर हाईवे पर और सिटी में थोड़ा फास्ट ड्राइविंग के दौरान ये चीज आपका पूरा एक्सपीरियंस खराब कर देती है। इसके शिफ्ट्स फास्ट ड्राइविंग के मुताबिक नहीं है। हालांकि आप मैनुअल कंट्रोल भी ले सकते हैं और ओवरटेकिंग के दौरान आपको ज्यादा स्पीड की जरूरत पड़ेगी फिर भी इसके शिफ्ट्स आपको स्लो ही नजर आएंगे। तो कुल मिलाकर आप कार आराम से ड्राइव करना ज्यादा पसंद नहीं करते हैं तो आपको इसका एएमटी वर्जन अच्छा एक्सपीरियंस नहीं देगा। 

2. केबिन एक्सपीरियंस 

इस कार की मैटेरियल क्वालिटी ठीक ठाक नजर आती है, मगर रेनो ने इसके केबिन इंसुलेशन पर ठीक से काम नहीं किया है। ड्राइवर सीट पर बैठने के बाद आपको लगातार इंजन की आवाज आएगी और यहां तक कि इसके एसी का कंप्रेशर भी शोर करता है। सेकंड रो पर बैठने के बाद आपको टायर और ट्रैफिक साउंड भी साफ सुनाई देगा। ये इसके केबिन की कुछ कमियां है और बाकी ओवरऑल एक्सपीरियंस अच्छा मिल जाता है। 

3. लिमिटेड बूट स्पेस 

यदि आप ट्राइबर को एक पूरी तरह से 7 सीटर कार के तौर पर इस्तेमाल करना चाह रहे हैं तो फिर सामान रखने के लिए आपको इसकी रूफ के भरोसे रहना पड़ सकता है। इसकी सभी सातों सीट पर पैसेंजर ठीक ठाक कंफर्ट के साथ बैठ सकते हैं। इसमें केवल 84 लीटर का बूट स्पेस दिया गया है जहां आप मीडियम साइज बैग पैक या डफल बैग रख सकते हैं। 

खूबियां 

1. केबिन में अच्छा खासा स्टोरेज स्पेस

एक सब 4 मीटर एमपीवी होने के बावजूद रेनो ट्राइबर का केबिन काफी स्पेशियस नजर आता है। छिटपुट सामान रखने के लिए इसमें काफी ज्यादा स्टोरेज स्पेस दिए गए हैं। इसमें सेपरेट फोन ट्रे, सेंटर कंसोल के अंदर बड़ा सा ओपन स्पेस, दो ग्लव बॉक्स, फ्रंट सीट्स के बीच में सेपरेट कूल्ड ग्लव बॉक्स और दो स्पेशियस ग्लवबॉक्स दिए गए हैं। इसमें चार्जिंग ऑप्शंस की कमी भी नहीं है, इसमें दो 12 वोल्ट के सॉकेट और फ्रंट यूएसबी पोर्ट दिया गया है। जहां इसमें 7 लोगों का लगेज रखने में तो समस्या आएगी, मगर छोटा मोटा सामान रखने में कोई समस्या नहीं आएगी। 

2. कंफर्टेबल राइड एक्सपीरियंस

रेनो ने इंडियन रोड कंडीशन के हिसाब से ट्राइबर के सस्पेंशन को काफी परफेक्ट तरीके से ट्यून किया है। ऐसे में फिर सड़क चाहे कितनी भी खराब हो कोई फर्क नहीं पड़ता है और ट्राइबर रास्ते में आने वाली हर तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहती है। कार में भले ही पांच पैसेंजर भी क्यों ना बैठे हो ट्राइबर में आपको कभी उछाल महसूस नहीं होगा। ऐसे में यदि आप अगर कुछ इस तरह के एरिया में रहते हैं जहां सड़कें खस्ताहाल है तो ट्राइबर आपके लिए सेफ और कंफर्टेबल साबित होगी। 

3. थर्ड रो को फोल्ड करने के बाद मिलता है सबसे शानदार बूट स्पेस

एक सब 4 मीटर कार के हिसाब से ट्राइबर में शानदार बूट स्पेस मिलता है। थर्ड रो की सीटों को पूरी तरह से हटाने के बाद इसमें 625 लीटर का बूट स्पेस बन जाता है, वहीं अगर सेकंड रो की सीटों को थोड़ा आगे कर दें तो ये इसे और ज्यादा बढ़ाया जा सकता है। इसकी सेकंड रो सीट फ्लैट फोल्ड नहीं होती है जिससे इसके फ्लेक्सिबल सीटिंग सेटअप में ये एक बड़ी कमी नजर आती है। 

ट्राइबर एएमटी से जुड़े हमारे और एक्सपीरियंस को जानने के लिए नीचे दिए गए आर्टिकल लिंक पर क्लिक करें। 

Published by
भानु

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