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प्लग इन हाइब्रिड टेक्नोलॉजी वाली कारें कैसे करती हैं काम,जानिए यहां

संशोधित: मई 28, 2024 04:05 pm | भानु | बीएमडब्ल्यू एक्सएम

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Plug-in Hybrid System Explained

हाल ही के कुछ सालों में इंडियन ऑटोमोटिव मार्केट में नए हाइब्रिड व्हीकल्स शामिल हुए जिनमें से कई मारुति,टोयोटा और होंडा जैसे ब्रांड्स के हैं। इनमें दो तरह के हाइब्रिड व्हीकल्स है: माइल्ड हाइब्रिड और स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड। 

मगर हाइब्रिड कारों की एक और कैटेगरी भी होती है जिन्हें प्लग इन हाइब्रिड व्हीकल्स कहा जाता है जो कि प्रीमियम सेगमेंट में उपलब्ध है। कैसे काम करती है प्लग इन हाइब्रिड टेक्नोलॉजी,ये देखिए इस वीडियो में:

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प्लग इन हाइब्रिड टेक्नोलॉजी का कुछ ऐसा है गणित

BMW XM

जहां माइल्ड और स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड सेटअप के तहत बैटरी पैक दिया जाता है जो कि इंजन से चार्ज होती है उससे ठीक उलट प्लग इन हाइब्रिड कारों में बैटरी पैक को चार्जर के जरिए चार्ज किया जाता है। 

ये मारुति ग्रैंड विटारा और टोयोटा इनोवा हाइ​क्रॉस जैसे ही काम करती है जहां बैटरी पैक और इलेक्ट्रिक मोटर इंजन को असिस्ट करते हुए बेहतर माइलेज देने में मदद करते हैं। चूंकि इन कारों में बड़ा बैटरी पैक दिया गया है इसलिए सिटी में ये पूरी तरह से इलेक्ट्रिक पावर पर भी चल सकती है। 

प्लग इन हाइब्रिड कारों में इंजन पर से लोड को कम करने के लिए पावरफुल इलेक्ट्रिक मोटर दी जाती है जिससे ये ज्यादा माइलेज भी देती है। उदाहरण के लिए बीएमडब्ल्यू एक्सएम की क्लेम्ड फ्यूल एफिशिएंसी 61.9 किलोमीटर प्रति लीटर है और इसकी प्योर ईवी रेंज 88 किलोमीटर है। 

BMW XM Cabin

हालांकि प्लग इन हाइब्रिड और ट्रेडिशनल स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड सिस्टम के बीच एक बड़ा अंतर है। स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारों में यदि बैटरी का चार्ज खत्म हो जाए तो उन्हें इंजन रिचार्ज कर देता है। ये चीज प्लग इन हाइब्रिड व्हीकल्स में नहीं होती है क्योंकि इनमें बैटरी का साइज बड़ा होता है। इन व्हीकल्स में इंजन कुछ चार्ज बैटरी पैक को सप्लाय करता है मगर ये उतना नहीं होता कि व्हीकल चल सके इसलिए बैटरी को चार्ज करने के लिए पावर सोर्स की जरूरत पड़ती है। 

माइलेज में अंतर

BMW XM Engine

स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड सिस्टम वाली कारें 20 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज दे देती है और मारुति ग्रैंड विटारा और टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस इसके प्रमुख उदाहरण है। मगर बीएमडब्ल्यू एक्सएम जैसी प्लग इन हाइब्रिड कार 61.9 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती है। ऑन पेपर तो ये अंतर काफी बड़ा है मगर असल में ये गैप उतना बड़ा नहीं है। 

चूंकि प्लग इन हाइब्रिड व्हीकल्स इंजन से चार्ज नहीं हो सकते हैं इसलिए बैटरी खत्म होने के बाद ये उतना अच्छा माइलेज नहीं देते हैं। वहीं स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारों के बैटरी पैक इंजन से चार्ज होते रहते हैं इसलिए इनके माइलेज में कोई बदलाव नहीं होता है। 

लॉन्ग ड्राइव के दौरान स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कार का माइलेज स्थिर रहता है तो वहीं प्लग इन हाइ​ब्रिड कार का माइलेज बैटरी पैक की चार्जिंग की स्थिती पर निर्भर करता है। 

कीमत में अंतर

BMW XM

बड़ा बैटरी पैक,इलेक्ट्रिक मोटर और प्लग इन हाइब्रिड सेटअप होने के कारण इनकी कीमत ज्यादा होती है। उदाहरण के तौर पर बीएमडब्ल्यू एक्सएम की कीमत 2.60 करोड़ रुपये एक्सशोरूम है जबकि इनकी ऑन रोड कीमत 3 करोड़ से ज्यादा हो जाती है। एक्सएम एक महंगी कार तो है ही और इससे पहले भारत में उपलब्ध प्लग इन हाइब्रिड कारें लग्जरी या प्रीमियम सेगमेंट मेंं ही मौजूद थी जो हर कोई नहीं ले सकता है। 

फिलहाल भारत में काफी स्ट्रॉन्ग और प्लग इन हाइब्रिड कारें उपलब्ध है जिनका माइलेज काफी अच्छा है। हालांकि भारत में प्लग इन हाइब्रिड कारें सीमित ही है जिनकी कीमत काफी ज्यादा है मगर क्या आप चाहते हैं ऐसी और भी कारें भारत में उपलब्ध हो?कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं। 

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