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किया केरेंस vs मारुति एक्सएल6 : स्पेस व प्रेक्टिकेलिटी कम्पेरिज़न

प्रकाशित: मार्च 22, 2022 12:25 pm । स्तुतिकिया केरेंस

किया ने अपनी दूसरी एमपीवी केरेंस को भारत में फरवरी में लॉन्च किया था। इस गाड़ी की प्राइस 8.99 लाख रुपए (एक्स-शोरूम पैन इंडिया) से शुरू होती है। इसका साइज़ हुंडई अल्कज़ार के जैसा ही है, वहीं कीमत के मोर्चे पर इसका मुकाबला रेनो ट्राइबर और मारुति अर्टिगा-एक्सएल6 से है। स्पेस और प्रेक्टिकेलिटी के मामले में यहां हमनें 6-सीटर केरेंस का मुकाबला एक्सएल6 से किया है तो चलिए जानते हैं इन दोनों में से कौनसी कार ज्यादा बेहतर साबित होती है :-

लुक्स

केरेंस की डिज़ाइन बेहद आकर्षित करने वाली लगती है। कंपनी ने इसे ना ही एसयूवी और ना ही एमपीवी का दर्जा दिया है, लेकिन इसमें एसयूवी और एमपीवी वाले कुछ एलिमेंट्स जरूर मिलते हैं जिनमें हाई ग्राउंड क्लीयरेंस , रूफ रेल्स और बॉडी क्लैडिंग शामिल हैं।

मारुति एक्सएल6 कार का डिजाइन भी काफी प्रीमियम नजर आता है। इसमें वॉल्वो जैसी टेललाइटें दी गई हैं साथ ही इसमें ओआरवीएम्स, अलॉय व्हील्स, बी और सी-पिलर पर ब्लैक एलिमेंट भी दिया गया है जिसके चलते इसका लुक बेहद दमदार लगता है।

इन दोनों ही कारों में ब्लैक बॉडी क्लैडिंग, एलईडी हेडलाइट्स एलईडी डीआरएल्स के साथ, एलईडी फॉग लैंप्स और एलईडी टेललाइटें दी गई हैं। केरेंस में 16-इंच के अलॉय व्हील्स मिलते हैं, जबकि मारुति की एक्सएल6 में 15-इंच के अलॉय व्हील्स दिए गए हैं।

साइज़ के मामले में इन दोनों ही कारों के बीच काफी अंतर है। सभी पैमानों पर केरेंस कार एक्सएल6 से बड़ी है। यहां देखें इन दोनों कारों के साइज़ में अंतर :-

डाइमेंशन

मारुति एक्सएल6

किया केरेंस

अंतर

लंबाई

4,445 मिलीमीटर

4,540 मिलीमीटर

+95 मिलीमीटर

चौड़ाई

1,775 मिलीमीटर

1,800 मिलीमीटर

+25 मिलीमीटर

ऊंचाई

1,700 मिलीमीटर

1,708 मिलीमीटर (रूफ रेल्स के साथ)

+8 मिलीमीटर

व्हीलबेस

2,740 मिलीमीटर

2,780 मिलीमीटर

+40 मिलीमीटर

केबिन क्वॉलिटी

नई होने के नाते केरेंस का केबिन इन दोनों ही कारों में से ज्यादा मॉडर्न और प्रीमियम लगता है। इसमें ड्यूल टोन डैशबोर्ड लेआउट के साथ स्मूद प्लास्टिक पैनल्स और अच्छी क्वॉलिटी की अपहोल्स्ट्री भी दी गई है। हालांकि, हमें लगता है कि किया अपनी केरेंस में डैशबोर्ड पर और भी ज्यादा अच्छी क्वॉलिटी का प्लास्टिक और सेंटर कंसोल बटन दे सकती थी जिससे इसमें सेल्टोस की तरह ही एकदम प्रीमियम फील मिल पाता।

मारुति ने एक्सएल6 में ऑल-ब्लैक केबिन लेआउट (अपहोल्स्ट्री सहित) दिया है। इस गाड़ी के केबिन में चारों तरफ सिल्वर एक्सेंट और डैशबोर्ड पर स्टोन फिनिश दी गई है जो इसे एकदम प्रीमियम लुक देती है, लेकिन ज्यादा बड़े ग्लास एरिया के चलते गर्मियों के दिनों में इस एमपीवी के अंदर आपको गर्मी से परेशानी हो सकती है।

फ्रंट सीट

केरेंस की फ्रंट सीटों पर ऊंची सीटिंग पोज़िशन मिल पाती है, लेकिन फिर भी इसमें बोनट दिखाई नहीं देता है। इसकी फ्रंट सीट को अपने अनुसार आसानी से एडजस्ट किया जा सकता है। इस गाड़ी में स्टीयरिंग व्हील पर टिल्ट और टेलीस्कोपिक एडजस्टमेंट भी मिलता है।

एक्सएल6 में डैशबोर्ड और विंडो को थोड़ा नीचे की तरफ दिया गया है जिसके चलते इसमें विंडशील्ड और साइड विंडो से बाहर का नज़ारा अच्छे से दिख पाता है। कार को नया नया ही सीखा ड्राइवर भी इसे अच्छे से ड्राइव कर सकता है। केरेंस की तरह ही एक्सएल6 में भी हाइट एडजस्टेबल ड्राइवर सीट और टिल्ट स्टीयरिंग व्हील दिया गया है, लेकिन इसमें टेलीस्कोपिक एडजस्टमेंट फीचर नहीं मिलता है।

मिडिल रो सीट

किया केरेंस कार को 6-सीटर और 7-सीटर दोनों लेआउट में पेश किया गया है। इसके 6-सीटर वर्जन में सेकंड रो पर कैप्टेन सीटें दी गई हैं। इसकी सेकंड रो के सीट बेस को बेहतर अंडरथाई सपोर्ट के लिए थोड़ा ऊंचा रखा गया है। इसकी स्लाइड और रेक्लाइनिंग सीटें अधिकतर फ्रेम्स को सपोर्ट करती हैं लेकिन इसमें ऊंचे कद के लोगों को लो सीट बैक हाइट के चलते शोल्डर्स पर सपोर्ट की कमी लग सकती है।

इसमें दाएं तरफ बैठे पैसेंजर्स को ड्राइवर साइड सीट के पीछे की तरफ पोज़िशन किए गए बड़े साइज़ के एयर प्यूरीफायर के चलते नीरूम की कमी महसूस हो सकती है।

किया केरेंस के मुकाबले मारुति की यह एमपीवी कार केवल 6-सीटर लेआउट में ही आती है। एक्सएल6 की सेकंड रो की सीटें बेहद कम्फर्टेबल हैं और बड़े फ्रेम्स के साथ भी दो पैसेंजर्स के बैठने के लिहाज से काफी चौड़ी हैं। हालांकि, इसमें पैसेंजर के बेहतर अंडरथाई सपोर्ट और कम्फर्ट के लिए सीट बैक की कंटूरिंग को बेहतर किया जा सकता था।

एक्सएल6 में ज्यादा लेगरूम स्पेस के लिए मिडिल रो पर स्लाइड फंक्शन भी मिलता है। इसका लंबा सीट बेस, आर्मरेस्ट और रेक्लाइनेबल बैकरेस्ट पैसेंजर को लंबे सफर में कम्फर्टेबल रखने में मदद करता है।

थर्ड रो सीट

केरेंस की तीसरी रो में एंटर करना बेहद आसान है क्योंकि किया ने इसमें सेकंड रो की सीटों को वन-टच इलेक्ट्रिक टम्ब्ल फंक्शन के साथ दिया है। इसमें बड़ा रियर डोर, ऊंची रूफ और मैनेजेबल फ्लोर हाइट दी गई है जिसके चलते आखिरी रो के पैसेंजर्स इसमें आसानी से अंदर जाकर बाहर निकल सकते हैं।

सेकंड और थर्ड रो की सीट्स पर 6 फुट तक के पैसेंजर्स आराम से एकदूसरे के आगे पीछे बैठ सकते हैं। थर्ड रो पर ऊंचे कद के पैसेंजर्स को अच्छा ख़ासा हेडरूम स्पेस मिल पाता है साथ ही इसमें बड़े साइज़ की विंडो भी दी गई हैं जिसके चलते वह इसमें बैठने पर बिलकुल भी घुटन महसूस नहीं करते हैं। इसका ऊंचा सीट बेस यह सुनिश्चित करता है कि इसमें पैसेंजर्स को अच्छा ख़ासा अंडरथाई सपोर्ट मिले और इसमें पैसेंजर्स को अपने घुटने उंचे करके भी नहीं बैठने पड़ते हैं। इस गाड़ी में रेक्लाइनेबल बैकरेस्ट भी दिया गया है जिसके चलते पैसेंजर्स को बैठने पर एकदम कम्फर्टेबल पॉस्चर मिल पाता है।

वहीं, एक्सएल6 में सेंकड रो की सीटें भी केरेंस की तरह टम्ब्ल डाउन नहीं होती हैं। थर्ड रो की सीटों तक जाने के लिए इन्हें आगे की तरफ फोल्ड और स्लाइड किया जा सकता है। सीटों को फोल्ड किए बिना पैसेंजर्स सेकंड और थर्ड रो के बीच दिए गए पैसेज पर वॉक करके भी थर्ड रो तक पहुंच सकते हैं।

इसमें ऊंचा सीट बेस दिया गया है जिसके चलते इसमें ऊंचे कद के पैसेंजर्स को अच्छा ख़ासा अंडरथाई सपोर्ट मिल पाता है। ज्यादा हाइट वाले पैसेंजर्स को इसमें हेडरूम स्पेस थोड़ी कम जरूर लग सकती है, लेकिन वह एक्सएल6 कार की आखिरी रो में मिलने वाली नी और फुट रूम स्पेस को लेकर बिलकुल भी शिकायत नहीं करेंगे।

एक्सएल6 में रिक्लाइनेबल सीटों के साथ थ्री-पॉइंट सीटबेल्ट और एडजस्टेबल हेडरेस्ट भी दिया गया है जिसके चलते आप काफी कम्फर्टेबल महसूस करेंगे। हालांकि, इसमें बैठने पर आपके घुटने की पोज़िशन थोड़ी ऊंची जरूर रहेगी, मगर इसकी सीटें रोज़ाना के सफर में आपको बिलकुल भी असुविधाजनक नहीं लगेंगी। चूंकि इसमें कैप्टेन सीटें दी गई हैं ऐसे में तीसरी रो के पैसेंजर्स ज्यादा कम्फर्टेबल बैठने के लिए अपने पैरों को स्ट्रेच भी कर सकते हैं।

फीचर्स

कॉमन फीचर्स

केरेंस फीचर हाईलाइट्स

टचस्क्रीन सिस्टम

डिजिटाइज़्ड ड्राइवर डिस्प्ले

टिल्ट एडजस्टेबल स्टीयरिंग व्हील

टेलीस्कोपिक स्टीयरिंग व्हील

पुश बटन स्टार्ट/स्टॉप

एयर प्यूरीफायर

ऑटो हेडलाइट्स

64-कलर एम्बिएंट लाइटिंग

क्रूज़ कंट्रोल

वेन्टीलेटेड फ्रंट सीटें

ऑटोमेटिक क्लाइमेट कंट्रोल

सिंगल पेन सनरूफ

रिवर्स कैमरा

वायरलैस फोन चार्जर कूलिंग फंक्शन के साथ

एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले

कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी

कूल्ड कप होल्डर्स (फ्रंट सेंटर कंसोल)

सेकंड रो पर कूल्ड कैन होल्डर

कीलैस एंट्री

छह एयरबैग्स

इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल

टायर प्रेशर मॉनिटर

रेन सेंसिंग वाइपर

इन दोनों ही एमपीवी कारों में टचस्क्रीन सिस्टम (एक्सएल6 में 7-इंच यूनिट और केरेंस में 10.25-इंच यूनिट), ऑटो एसी और कीलैस एंट्री जैसे बेसिक फीचर्स दिए गए हैं।

किया केरेंस कार में ज्यादा मॉडर्न फीचर्स जैसे वायरलैस फोन चार्जर, वेन्टीलेटेड फ्रंट सीटें और एयर प्यूरीफायर दिए गए हैं।

किया केरेंस की सेफ्टी लिस्ट भी काफी इम्प्रेसिव है। इसमें छह एयरबैग्स, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (बेस वेरिएंट से ही) दिया गया है। एक्सएल6 के मौजूदा मॉडल में अतिरिक्त एयरबैग्स, रेन सेंसिंग वाइपर्स और ऑटो डिमिंग आईआरवीएम जैसे फीचर्स का अभाव है। लेकिन, अनुमान है कि कंपनी यह सभी फीचर्स इस एमपीवी के अपकमिंग फेसलिफ्ट वर्जन में दे सकती है।

केबिन प्रेक्टिकेलिटी

  • केरेंस के सभी डोर पॉकेट में बड़ी बॉटल और छोटे-मोटे समान को आसानी से रखा जा सकता है। इसमें फ्रंट डोर पॉकेट पर अम्ब्रेला होल्डर भी मिलते हैं।

  • इसमें फ्रंट पैसेंजर के लिए पॉप-आउट कप होल्डर और अंडरसीट स्टोरेज ट्रे भी दी गई है। इसमें ड्राइवर के लिए पॉप आउट कॉइन/टिकट होल्डर भी मिलता है। इसके अलावा इसमें डोर आर्मरेस्ट के नीचे की तरफ सेकंडरी स्टोरेज भी मिलती है जिसे छोटे आइटम रखने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • सेकंड रो पैसेंजर्स के लिए इसमें दो यूएसबी टाइप-सी फ़ास्ट चार्जर, रूफ माउंटेड एसी वेंट्स ब्लोअर कंट्रोल्स के साथ, ट्रे टेबल कपहोल्डर के साथ और टेबलेट/फोन स्लॉट (लेफ्ट साइड पैसेंजर) दिए गए हैं।

  • थर्ड रो पर इसमें दो यूएसबी टाइप-सी चार्जर, टेबलेट/फोन स्लॉट और रूफ माउंटेड एसी वेंट्स मिलते हैं।

  • एक्सएल6 में कपहोल्डर्स (कूल्ड) के आगे की तरफ स्टोरेज स्पेस मिलती है। इसमें बॉटल व अन्य आइटम्स को रखने के लिए बड़े डोर पॉकेट्स भी दिए गए हैं। इस कार में स्लाइडिंग फ्रंट आर्मरेस्ट पर भी छोटी स्टोरेज स्पेस मिल पाती है।

  • मारुति ने इसमें रूफ-माउंटेड एसी वेंट्स ब्लोअर कंट्रोल के साथ , 12 वोल्ट सॉकेट और डोर पर बॉटल होल्डर भी दिए हैं। चूंकि यह एक प्रीमियम कार है, ऐसे में कंपनी इसमें कप होल्डर्स, फोल्डिंग सनब्लाइंड और यूएसबी सॉकेट जरूर दे सकती थी।

  • मारुति ने इस रो के पैसेंजर्स के लिए साइड आर्मरेस्ट, कप होल्डर्स और बाएं तरफ के पैसेंजर के लिए 12 वोल्ट का सॉकेट भी दिया है।

बूट स्पेस

  • किया ने केरेंस की बूट स्पेस के बारे में नहीं बताया है। वहीं, एक्सएल6 के बूट स्पेस फिगर कुछ इस प्रकार हैं :- 209 लीटर (बिना थर्ड रो सीट को फोल्ड किए), 550 लीटर (तीसरी रो फोल्ड करने के बाद) और 692 लीटर (सेकंड रो और तीसरी रो फोल्ड करने के बाद) हमनें इन दोनों ही गाड़ियों का टेस्ट तीन सूटकेस और दो सॉफ्ट बैग्स को रख कर किया है जिससे यह पता लगाया जा सके कि कौनसी एमपीवी में सबसे ज्यादा समान को रखने की जगह मिल पाती है।

  • केरेंस कार के बूट में केवल मीडियम साइज़ का और छोटा ट्रॉली बैग फिट (बिना थर्ड रो सीट को फोल्ड किए) किया जा सकता है। वहीं, तीसरी रो को फोल्ड करने पर इसमें फैमिली लगेज जैसे बड़ा ट्रॉली और दो छोटे सॉफ्ट बैग्स को आसानी से रखा जा सकता है।

  • एक्सएल6 में तीनों रो उठी होने पर केवल मीडियम साइज़ का ट्रॉली बैग और सॉफ्ट बैग ही रखने की जगह मिल पाती है। वहीं, तीसरी रो नीचे की तरफ फोल्ड होने पर एक्सएल6 में केरेंस की तरह ही तीन ट्रॉली बैग और दो सॉफ्ट बैग्स को रखने की स्पेस मिलती है।

  • इन दोनों ही एमपीवी कारों में तीसरी रो फोल्ड होने पर अतिरिक्त लगेज के तौर पर लैपटॉप और डफल बैग्स को स्टोर किया जा सकता है।

राइड क्वॉलिटी

  • केरेंस के सस्पेंशन काफी सॉफ्ट हैं जिसके चलते इसके केबिन में (खासकर सेकंड रो पर) स्पीड ब्रेकर और गड्ढों के झटके कम से कम महसूस हो पाते हैं। ऐसा ही इस एमपीवी कार की तीसरी रो पर भी महसूस होता है। चूंकि इसकी सीटें भी बेहद कम्फर्टेबल हैं, ऐसे में लंबे सफर में ज्यादा देर तक इसकी सीटों पर बैठने में कोई भी परेशानी नहीं आती है।

  • एक्सएल6 के मुकाबले केरेंस का एनवीएच (नॉइस, वाइब्रेशन और हार्शनैस) लेवल ज्यादा बेहतर है जिसके चलते इसके केबिन में किसी भी तरह की आवाज़ सुनने को नहीं मिलती है।

  • एक्सएल6 के सस्पेंशन भी काफी सॉफ्ट हैं, ऐसे में यह एमपीवी कार स्पीड ब्रेकर और टूटी फूटी सड़कों से गुज़रने पर भी एकदम कम्फर्टेबल लगती है। लेकिन, जब भी इसमें शार्प लेवल चेंज होता है तो सेकंड और थर्ड रो पैसेंजर्स को इसमें ऊपर की तरफ थोड़ा झटका लगता है। मगर, स्मूदली ड्राइव करने पर केबिन के अंदर यह झटका बिलकुल भी महसूस नहीं होता है।

  • एक्सएल6 के एनवीएच लेवल की बात करें तो केबिन के अंदर सड़क की आवाज़ काफी महसूस होती है जिसके चलते ड्राइव करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।

निष्कर्ष :

इन दोनों ही एमपीवी में से किसे चुनना है ज्यादा बेहतर? हमारे अनुसार केरेंस को पिक करना बेस्ट है क्योंकि इसकी इंटीरियर क्वॉलिटी और राइड क्वालिटी काफी अच्छी है। साथ ही इसमें दमदार सेफ्टी फीचर्स और कई सारे इंजन गियरबॉक्स ऑप्शंस भी मिल पाते हैं। हालांकि, यह सभी चीज़ें इसमें एक्सएल6 से ज्यादा प्राइस पर मिलती हैं।

मारुति की एमपीवी की बात करें तो यह गाड़ी स्पेस, प्रेक्टिकेलिटी और बूट स्पेस के मामले में अच्छी है जिसके चलते यह केरेंस को कड़ी टक्कर देती है। फीचर्स के मामले में इसका टॉप अल्फा वेरिएंट केरेंस के मिड वेरिएंट के जैसा ही है। यह गाड़ी उन खरीदारों के लिए एक अच्छी चॉइस है जो एक तय बजट में प्रीमियम एमपीवी कार चाहते हैं।

यह भी पढ़ें : टोयोटा ग्लैंजा वी : क्या इस फुली फीचर लोडेड वेरिएंट की ज्यादा प्राइस है वाजिब?

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