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टाटा की पिंपरी फैक्ट्री में महिलाएं एक दिन में बनाती हैं 200 से ज्यादा हैरियर और सफारी एसयूवी, जानिए कैसा पूरा किया जाता है ये काम

प्रकाशित: मार्च 31, 2023 03:14 pm । स्तुतिटाटा हैरियर 2019-2023

ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में जहां पुरुषों की संख्या ज्यादा है, वहां टाटा ने हैरियर और सफारी के प्रोडक्शन के लिए 1500 से ज्यादा महिला कर्मचारियों को रखा है

  • हैरियर और सफारी को एक ही फ़ैक्ट्री लाइन पर तैयार किया जाता है।
  • हैरियर और सफारी की मैन्युफैक्चरिंग प्रकिया 90 प्रतिशत ऑटोमेटेड है।
  • सिंगल बॉडी-इन-व्हाइट (बीआइडब्ल्यू) के पूरे बॉडी फिटमेंट में लगभग तीन घंटे का समय लगता है।
  • महिलाओं के लिए काम करना आसान बनाने के लिए ओमेगा फैक्ट्री (टीसीएफ शॉप) की असेंबली लाइन में कई बदलाव किए गए हैं।

हैरियर और सफारी टाटा के लाइनअप की पॉपुलर एसयूवी कारें हैं। यह दोनों ही कारें ना सिर्फ सेल्स के मामले में अच्छी है, बल्कि कंपनी को अच्छी पहचान भी दिलाई है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है इन कारों को कैसे बनाया जाता है?

हाल ही में हमें पुणे स्थित टाटा के पिंपरी प्रोडक्शन प्लांट को विजिट करने का मौका मिला, जिसमें कंपनी ने हमें दिखाया कि इन व्हीकल्स को मैन्युफैक्चर कैसे किया जाता है।

हमें क्या देखने को मिला?

हमने अपनी विजिट के दौरान इस प्लांट में दो दुकानों का दौरा किया, जिनमें एक थी बॉडी शॉप जहां बॉडी-इन-व्हाइट (बीआईडब्ल्यू) बनाए जाते हैं और दूसरा टीसीएफ शॉप (ट्रांसमिशन, चेसिस और फाइनल) जिसे ओमेगा फैक्ट्री के नाम से भी जाना जाता है। यह नाम ओमेगा प्लेटफॉर्म से लिया गया है जिस पर दो एसयूवी कारों को तैयार किया गया है और इसीलिए ही वह एक जैसी असेंबली लाइन पर बनी हैं। टीसीएफ एक ऐसी शॉप है जहां कार के इंटीरियर, डोर, ग्लास और अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स को बॉडी पर फिट किया जाता है।

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बॉडी शॉप

जैसा की नाम से पता चलता है यह वह जगह है जहां डाई कास्टिंग और प्रेसिंग प्रक्रिया के जरिये बने कार की बॉडी के अलग-अलग पार्ट्स को एकसाथ असेंबल किया जाता है। इनमें अलग-अलग बॉडी पैनल, फुटवेल और रूफलाइन शामिल हैं। एक साथ कम्बाइन करने पर यह बॉडी-इन-व्हाइट (बीआईडब्ल्यू) के रूप में जाने जाते हैं।

इन टुकड़ों को एक साथ जोड़ने के लिए स्टड वेल्डिंग और टिग वेल्डिंग जैसी कई वेल्डिंग प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जाता है। वैसे तो कार के हर हिस्से को रोबोट द्वारा वेल्ड किया जाता है, लेकिन रूफ पैनल को वर्कर द्वारा मैन्युअल रूप से वेल्ड किया जाता है। इन मीडियम साइज़ एसयूवी कारों के कुल 3,000 हिस्सों पर वेल्डिंग की जाती है।

पेंट शॉप

टाटा विजिटर को पेंट फैसिलिटी में आने की अनुमति नहीं देती है, यहां बीआइडब्ल्यू को फाइनल बॉडी टच अप प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है। कलर अप्लाई करने से पहले कार की बॉडी को जंग रोधी कोट वाले टैंक में डुबोया जाता है। यह कार की बॉडी के ऑक्सीकरण को रोकने और पेंट को लंबे समय तक बरकरार रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

प्राइमरी कोट लगने के बाद कार की बॉडी पर अलग-अलग एक्सटीरियर पेंट अप्लाई किए जाते हैं जो टाटा कंपनी इन दोनों एसयूवी कारों के साथ देती है।

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ओमेगा फ़ैक्ट्री

टीसीएफ शॉप (कई सब असेंब्ली लाइन में बंटी) वह जगह है जहां फ्रेश पेंटेड बॉडी पर फाइनल ट्रिम फिटिंग और अंडरबॉडी वर्क किया जाता है। ओमेगा प्लांट एक्सपर्ट महिला वर्कर द्वारा संचालित है। इसका लेआउट ट्रिम 1 असेंबली लाइन से शुरू होता है, जहां डैशबोर्ड और ग्लास पैनल जैसे कंपोनेंट्स और महत्वपूर्ण इलेक्ट्रिकल वायरिंग को शेल पर रखा जाता है।

इसके बाद वह बीआइडब्ल्यू के अंडरबॉडी फिटमेंट पर जाने से पहले कार के दरवाजे इंस्टॉल करते हैं जिसमें फ़्रंट व रियर सस्पेंशन और फ्यूल टैंक शामिल हैं। फिर ड्राइवलाइन और पावरट्रेन को इंस्टॉल किया जाता है, व्हील्स इस लाइन पर लगाए जाने वाले सबसे आखिरी एलिमेंट है।

फुल-बॉडी एसयूवी में परिवर्तित होने के बाद इनका व्हील एलाइनमेंट और हेडलाइट एडजस्टमेंट, डायनो पर एक्सीलरेशन और ब्रेकिंग टेस्ट, फाइनल पेंट इंस्पेक्शन और शावर टेस्ट किया जाता है। सभी टेस्ट पास करने के बाद इन एसयूवी कारों को आखिर में टीसीएफ शॉप से बाहर कर दिया जाता है।

ओमेगा फ़ैक्ट्री में महिलाओं के लिए किए गए बदलाव

टाटा की ओमेगा फ़ैक्ट्री में 1500 से ज्यादा महिलाएं कार्यरत है, जबकि पुणे मन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी में कुल 2,000 से ज्यादा महिलाएं काम कर रही है। टाटा ने टीसीएफ स्टोर में काम करने वाली महिलाओं को बेहतर सुविधा देने के लिए कई बदलाव किए हैं। 4'8" कद वाली महिलाओं को ध्यान में रखते हुए ग्लास मैनिपुलेटर और अंडरबॉडी फिटिंग प्लेटफॉर्म की हाइट में भी कई बदलाव किए गए हैं।

निष्कर्ष

सिंगल बीआइडब्ल्यू के पूरे बॉडी फिटमेंट में लगभग तीन घंटे का समय लगता है। इसका 90 प्रतिशत प्रोडक्शन ऑटोमेटेड रहता है। टाटा की पिंपरी फैक्ट्री दो शिफ्टों में प्रतिदिन 200 से ज्यादा एसयूवी का उत्पादन करने में सक्षम है। वर्तमान में हैरियर और सफारी एसयूवी कारों पर वेरिएंट अनुसार एक से दो महीने का वेटिंग पीरियड चल रहा है।

हैरियर और सफारी को नया अपडेट हाल ही में दिया गया है जिसके चलते इसमें एडीएएस और बड़ा टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट जैसे कई प्रीमियम फीचर्स शामिल हो गए हैं। वर्तमान में टाटा हैरियर की कीमत 15 लाख रुपए से 24.07 लाख रुपए के बीच है, जबकि सफारी की प्राइस 15.65 लाख रुपए से शुरू होकर 25.02 लाख रुपए (एक्स-शोरूम दिल्ली) तक जाती है।

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