ऑटोमेटिक कारों में मिलते हैं ये 5 तरह के ड्राइव सिलेक्टर, देखिए पूरी लिस्ट
अधिकांश ऑटोमेटिक कार में स्टिक जैसा ड्राइव सिलेक्टर मिलता है जबकि प्रीमियम और इलेक्ट्रिक गाड़ियों में इन दिनों अलग शेप का गियर सिलेक्टर दिया जा रहा है
पिछले कुछ सालों में भारत में कारों में ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन मिलना काफी आम बात हो गई है और खासकर उन ग्राहकों के लिए यह चीज काफी मायने रखती है जो भारी ट्रैफिक से तंग आ चुके हैं और वे आरामदायक ड्राइविंग एक्सपीरियंस चाहते हैं। इन दिनों गाड़ियों में आपके पास ना केवल ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के कई ऑप्शन हैं, बल्कि अब ड्राइव सिलेक्टर (गियर सिलेक्टर) के लिए भी कई विकल्प मौजूद हैं। ऑटोमेटिक कारों में आपको पी (पार्क) से डी (ड्राइव) और आर (रिवर्स) जैसे कई ऑप्शन मिलते हैं। यहां हमनें ऑटोमेटिक कारों में मिलने वाले पांच तरह के गियर सिलेक्टर/ ड्राइव मोड सिलेक्टर का जिक्र किया है, जिस पर आप भी डालिए एक नजरः
जिग जेग पेटर्न लीवर - एएमटी
इस तरह का गियर लीवर सिलेक्टर अधिकांश ऑटोमेटेड मैनुअल ट्रांसमिशन (एएमटी) कारों में मिलता है, जो ईसीयू द्वारा हाइड्रोलिक कंट्रोल्ड के माध्यम से मैनुअल ट्रांसमिशन को ऑटोमेटिक करता है। एएमटी ट्रांसमिशन वाली कार में गियर सिलेक्टर को पार्क, ड्राइव और रिवर्स जैसे मोड सिलेक्ट करने के लिए जिगजेग पेर्ट्न मिलता है। इसके अलावा इस गियर लीवर में मैनुअल गियर शिफ्ट करने के लिए प्लस/मानइस पेटर्न के साथ मैनुअल मोड भी मिलता है। यह सबसे अफोर्डेबल ट्रांसमिशन है जो मारुति, हुंडई और टाटा जैसी कंपनियों की मास मार्केट कारों में मिलता है।
फॉरवर्ड और बैकवर्ड ट्रांसमिशन शिफ्टर - डीसीटी, टॉर्क कनवर्टर (एटी), और सीवीटी
ऑटोमेटिक कार में दूसरा सबसे ज्यादा मिलने वाला ड्राइव सिलेक्टर लीवर फॉरवर्ड और बैकवर्ड पैटर्न के साथ आता है। इस प्रकार का गियर लीवर ज्यादातर ड्यूल-क्लच ट्रांसमिशन (डीसीटी), टॉर्क कनवर्टर (एटी) और कंटीन्यूशली वेरिएबल ट्रांसमिशन (सीवीटी) से लैस कारों में मिलता है। इसके अलावा इस गियर लीवर में प्लस/मानइस पेटर्न के साथ मैनुअल और स्पोर्ट मोड भी मिलता है, जिससे ड्राइवर को शिफ्टिंग पर नियंत्रण रखने की अनुमति मिलती है।
इस ट्रांसमिशन की कॉस्ट एएमटी गियरबॉक्स से ज्यादा होती है, क्योंकि इसका ड्राइविग एक्सटीरियंस ज्यादा अच्छा होता है और इसमें एएमटी के बजाए ज्यादा जटिल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है। अधिकांश टर्बो-पेट्रोल, डीजल और हाइब्रिड कार में इस तरह का गियर सिलेक्टर मिलता है।
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टोगल टाइप ड्राइव सिलेक्टर - प्रीमियम आईसीई कार / ईवी
प्रीमियम और इलेक्ट्रिक कारों में अधिकांश कपंनियां रेगुलर शिफ्ट-स्टिक की जगह टोगल टाइप ड्राइव सिलेक्टर दे रही है। इसमें ड्राइव मोड को बदलने के लिए टोगल को आगे और पीछे करना होता है, और इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर पर इसकी जानकारी दिखाई देती है। इस ड्राइव सिलेक्टर का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे सेंटर कंसोल में ज्यादा स्पेस मिलता है और कंसोल का लेआउट भी काफी साफ सुथरा रहता है। इस सेटअप वाली कारों में मैनुअली गियरबॉक्स चेंज करने के लिए पेडल शिफ्टर्स भी मिलता है।
सिट्रोएन सी5 एयरक्रॉस और सिट्रोएन ईसी3 इलेक्ट्रिक हैचबैक में पोर्श कारों की तरह इस टाइप का ड्राइव मोड सिलेक्टर दिया गया है।
रोटरी ड्राइव सिलेक्टर
ड्राइव मोड सिलेक्टर इन दिनों टोगल सिलेक्टर से ज्यादा कॉमन हो चुका है और यह आईसीई और इलेक्ट्रिक दोनों तरह की कारों में मिलता है। आपको जिस भी मोड पर कार ड्राइव करनी हो डायल को उस मोड पर रोटेट करना होता है और उसकी लाइट जलने लग जाती है। यह डायल सेटअप टाटा नेक्सन, पंच ईवी, नेक्सन ईवी, हैरियर और सफारी जैसी कारों में मिलता है। वहीं लैंड रोवर और जगुआर जैसी कारों में यह फीचर अलग स्टाइल में दिया गया है, इनमें जरूरत ना होने पर यह डायल कंसोल में चला जाता है और कार चालू करने पर ऊपर आ जाता है।
इस सेटअप वाली कारों में मैनुअली गियरबॉक्स चेंज करने के लिए पेडल शिफ्टर्स भी मिलता है।
स्टॉक ड्राइव सिलेक्टर (स्टीयरिंग व्हील के पीछे)
यह सबसे पुराना ड्राइव सिलेक्टर है जो आपको अधिकांश क्लासिक कार में देखने को मिल जाएगा। रॉल्स रॉयस और मर्सिडीज-बेंज जैसी कंपनियों की कारों में स्टीयरिंग व्हील के पीछे की तरफ स्टॉक ड्राइव सिलेक्टर दिया गया है। ड्राइव मोड को स्विच करने के लिए आपको स्टॉक को पी, एन, डी और आर मार्किंग पर सेट करना होता है।
सोनू
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