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टाटा अल्ट्रोज आईटर्बो : फर्स्ट ड्राइव रिव्यू

Published On जनवरी 22, 2021 By भानु for टाटा अल्ट्रोज़ 2020-2023

भले ही टाटा अल्ट्रोज को 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिल चुकी हो, मगर हमारी नजर में इस कार में एक बहुत बड़ी कमी थी। वो ये कि इसमें एक दमदार इंजन का ऑप्शन नहीं दिया गया था। लेकिन कंपनी ने इस बात को समझते हुए ये ऐलान कर दिया था कि वो इसमें टर्बो पेट्रोल डीसीटी का कॉम्बिनेशन पेश करेगी लेकिन अल्ट्रोज के इस वेरिएंट को बाजार में आते आते काफी देर हो गई है। 

इसमें नेक्सन वाला इंजन दिया गया है जो कम पावर ट्यूनिंग के साथ आएगा। अल्ट्र्रोज का ये नया वर्जन कुछ छोटे मोटे बदलाव के साथ भी आएगा। 

अल्ट्रोज टर्बो को आईटर्बो के नाम से 26 जनवरी के दिन लॉन्च किया जाएगा। इसकी लॉन्चिंग से पहले ही हमने इसका रोड टेस्ट कर लिया है जिसके बारे में आप आगे जानेंगे विस्तार सेः-

लुक्स

  • इसमें काफी ज्यादा स्टाइलिश हार्बर ब्लू कलर दिया गया है 
  • नए टॉप वेरिएंट जेडएक्स प्लस में ड्यूल टोन ब्लैक रूफ दी गई है। 

  • इसके बूट पर आईटर्बो नाम की बैजिंग दी गई है जिससे लोगों को ये मालूम चल जाएगा कि ये इसका टर्बो वेरिएंट है। 
  • वैसे कंपनी को इसके फ्रंट में भी टर्बो वेरिएंट के नाम की कोई हाइलाइटिंग करनी चाहिए थी। 

इंटीरियर

  • नई ऑल्ट्रोज आईटर्बो के केबिन में कुछ नए फीचर्स दिए गए हैं। 
  • इसकी सीटों पर लैदर अपहोल्स्ट्री काफी प्रीमियम नजर आती है।

  • इसमें अपडेटेड इंफोटेनमेंट सिस्टम दिया गया है जो क्लाइमेट कंट्रोल, म्यूजिक मोड्स जैसे फीचर्स को हिंगलिश वॉइस कमांड से कंट्रोल करता है। इसका वॉइस रेक्ग्निशन काफी एक्यूरेट और क्विक है। 

  • अब इस कार में कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी का फीचर भी दे दिया गया है जिससे बैठे-बैठे कार को लॉक अनलॉक करना, एंटी थैफ्ट अलर्ट, जिओ फेंसिंग और लाइव व्हीकल ट्रैकिंग करना मुमकिन हो गया है। क्लाइमेट कंट्रोल के लिए आप इस कार को बैठे बैठे स्टार्ट कर सकते हैं। 
  • इसमें एक्सप्रेस कूल नाम का एक फीचर और दिया गया है जो ड्राइवर साइड की विंडो को खोल देता है और गर्म हवा को बाहर कर एसी से फटाफट केबिन को ठंडा कर देता है। टाटा का दावा है कि ये फीचर केबिन को 70 प्रतिशत तक जल्दी से ठंडा कर देता है। 
  • अल्ट्रोज के टर्बो वेरिएंट्स में दो ड्राइव मोड्स सिटी और स्पोर्ट दिए गए हैं। जबकि रेगुलर वेरिएंट्स में सिटी और ईको मोड दिए गए हैं। 
  • अल्ट्रोज में अब कलाईयों में पहना जा सकने वाला की बैंड का फीचर भी दे दिया गया है जो चाबी के रूप में कार को लॉक अनलॉक करने के काम आता है। 

इंजन और परफॉर्मेंस

अल्ट्रोज के नैचुरली एस्पिरेटेड इंजन के मुकाबले इसका टर्बो पेट्रोल इंजन ज्यादा पावरफुल है क्योंकि ये इससे 24 पीएस की ज्यादा पावर और 27 एनएम का ज्यादा टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। 

नैचुरली एस्पिरेटेड इंजन के मुकाबले इसके टर्बो पेट्रोल इंजन का रिफाइनमेंट लेवल भी काफी अच्छा है। फिर भी हुंडई आई20 टर्बो और फॉक्सवैगन पोलो के मुकाबले अल्ट्रोज आईटर्बो में काफी अंतर है। 3000 आरपीएम के बाद अल्ट्रोज का टर्बो इंजन शोर करने लग जाता है। लेकिन इसी दौरान ये अपनी असली पावर भी दिखाता है। 

सिटी के अंदर ये इंजन अच्छी ड्राइवेबिलिटी भी देता है जो कि नैचुरली एस्पिरेटेड नहीं दे पाता है। टर्बोचार्ज्ड इंजन होने के बावजूद भी अल्ट्रोज 2000 आरपीएम से नीचे रहते हुए धीमी नहीं पड़ती है। ये कम थ्रॉटल इनपुट देते हुए स्पीड पकड़ने लगती है जिससे ड्राइविंग भी बेहतर बनती है। 

टाटा अल्ट्रोज आईटर्बो सेकंड और थर्ड गियर पर आराम से चलती है। हालांकि जल्दी से किसी दूसरे व्हीकल को ओवरटेक करने के लिए आपको सेकंड गियर पर आना पड़ता है। इसका गियरबॉक्स भी काफी स्मूदली काम करता है। फिलहाल तो अल्ट्रोज के टर्बो मॉडल में मैनुअल गियरबॉक्स ही दिया गया है। बाद में इसमें डीसीटी गियरबॉक्स का ऑप्शन भी दे दिया जाएगा। 

हाईवे की बात की जाए तो अल्ट्रोज में यहां बिल्कुल भी पावर की कमी महसूस नहीं होती है। ये काफी आराम से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेती है। हालांकि फिर इस स्पीड पर इंजन काफी शोर करने लगता है। टाटा का कहना है कि अल्ट्रोज टर्बो में स्पोर्ट मोड स्विच करके आपको एक्सट्रा पंच के लिए 25 प्रतिशत ज्यादा टॉर्क मिलेगा। 5000 आरपीएम से नीचे तक इसकी परफॉर्मेंस जबरदस्त रहती है। टाटा का दावा है कि अल्ट्रोज टर्बो को 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल करने में 11.9 सेकंड का समय लगता है। हालांकि हमने जब इस मोर्चे पर इसका टेस्ट लिया तो इसे 11.92 सेकंड का समय लगा। 

टर्बो इंजन के आ जाने से इसकी परफॉर्मेंस तो सुधरी है मगर अब भी ये देश की सबसे स्लो हैचबैक कार है। इसके मुकाबले डीसीटी गियरबॉक्स के साथ आने वाली हुंडई आई20 को 0 से 100 किलोमीटर की रफ्तार पकड़ने में 10.88 सेकंड का समय लगता है। वहीं मैनुअल गियरबॉक्स के साथ आने वाली पोलो को 9.66 सेकंड और इसी के ऑटोमैटिक वेरिएंट को 10.79 सेकंड का समय लगता है। दूसरी तरफ हुंडई ग्रैंड आई10 निओस 9.88 सेकंड का समय लेती है। ये जो आंकड़े हम आपको बता रहे हैं ये हमारे द्वारा ही टेस्ट करने के बाद सामने आए हैं। 

राइड और हैंडलिंग 

हैंडलिंग के मोर्चे पर अल्ट्रोज काफी अच्छी कार है। कॉर्नर्स पर ये कार काफी स्थिर रहती है और इसकी ग्रिपिंग भी काफी अच्छी है। इन चीजों से इस कार की परफॉर्मेंस भी अच्छी हो जाती है। इसका स्टीयरिंग आपको अच्छा रिस्पॉन्स देता है जो ये भी बताने में सक्षम है कि आप गाड़ी ढंग से चला रहे हैं कि नहीं। राइड क्वालिटी की जब बात आती है तो अल्ट्रोज के सस्पेंशन अपना काम बखूबी जानते हैं जो केबिन को स्थिर रखते हैं, शोर नहीं मचाते और पैसेंजर्स को पूरा कंफर्ट पहुंचाते हैं। कोई गड्ढा या खराब सड़क आने पर भी केबिन के अंदर तक इनसे आने वाले झटके नहीं पहुंचते हैं। कुल मिलाकर अल्ट्रोज की राइड और हैंडलिंग इस पूरे सेगमेंट में सबसे बेहतर है। 

निष्कर्ष 

टाटा अल्ट्रोज लॉन्च होने के बाद से ही अपने सेगमेंट की दूसरी कारों को कड़ी से कड़ी टक्कर दे रही है। इसमें बस एक पावरफुल पेट्रोल इंजन की ही कमी थी जो भी अब पूरी होने जा रही है। इसमें दिया गया नया टर्बो पेट्रोल इंजन रोजाना की ड्राइविंग के हिसाब से आपको ज्यादा कंफर्ट पहुंचाएगा। हालांकि ये उतना रिफाइंड नहीं है और ना ही इसमें ज्यादा तेज लपक है। वहीं दूसरी कमी ये भी है कि फिलहाल इसके साथ ऑटोमैटिक गियरबॉक्स का ऑप्शन नहीं दिया जा रहा है। फिर भी मैनुअल गियरबॉक्स कॉम्बिनेशन, हैंडलिंग और राइड क्वालिटी अच्छा एक्सपीरियंस देते हैं। 


अपकमिंग टाटा अल्ट्र्रोज आईटर्बो तीन वेरिएंट्स एक्सटी, एक्सजेड और नई एक्सजेड प्लस में उपलब्ध होगी। यदि टाटा ने आईटर्बो की कीमत रेगुलर मॉडल से एक लाख रुपये तक ज्यादा रखी तो इसका मतलब ये होगा कि इसके एक्सजेड प्लस आईटर्बो वेरिएंट की प्राइस 9 लाख रुपये तक होगी। ड्राइविंग के लिहाज से हम आपसे यही कहेंगे कि स्टैंडर्ड इंजन चुनने के बजाए आप इसका टर्बो पेट्रोल इंजन वाला वेरिएंट चुनें। ये आपको पोलो और आई20 टर्बो पेट्रोल वेरिएंट्स से ज्यादा सस्ता पडे़गा।

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