हुंडई ग्रैंड आई10 निओस Vs मारुति स्विफ्ट Vs फोर्ड फिगो : कंपेरिजन रिव्यू
Published On जून 15, 2020 By arun for हुंडई ग्रैंड आई10 निओस 2019-2023
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हुंडई की ग्रैंड आई10 निओस अपने सेगमेंट की नई पेशकश है। क्या यह छोटी कार सबसे अच्छी डीजल हैचबैक साबित होगी? जिसे आप अभी खरीदना चाहेंगे और वो भी तब जब मारुति सुजुकी स्विफ्ट और फोर्ड फिगो जैसी हैचबैक्स पहले से ही मार्केट में उपलब्ध हैं। इसकी प्राइस फिगो की तुलना में 45,000 रुपये ज्यादा है, जबकि स्विफ्ट के मुकाबले कम है। यहां हमने तीनों कारों का परफॉर्मेंस कम्पेरिज़न किया है तो चलिए जानते हैं इनमें से कौनसी कार सबसे अच्छी साबित होती है:-
साइज़
हुंडई अपनी कारों के साइज़ को प्रतिद्वंदी कारों के मुकाबले छोटा रखती है। अगर इसे स्विफ्ट और फिगो के आसपास खड़ा किया जाए तो निओस का साइज़ काफी छोटा नज़र आता है। हालांकि, इसमें मशीन फिनिश अलॉय व्हील्स और बूमरेंग-शेप डेटाइम रनिंग लैंप्स जैसी खासियतें मिलती हैं जो इसे अपनी प्रतिद्वंदी कारों से एकदम अलग बनाती है।
साइज़ |
हुंडई ग्रैंड आई10 निओस |
मारुति सुजुकी स्विफ्ट |
फोर्ड फिगो |
लंबाई |
3805 मिलीमीटर |
3840 मिलीमीटर |
3941 मिलीमीटर |
चौड़ाई |
1680 मिलीमीटर |
1735 मिलीमीटर |
1704 मिलीमीटर |
ऊंचाई |
1520 मिलीमीटर |
1530 मिलीमीटर |
1525 मिलीमीटर |
व्हीलबेस |
2450 मिलीमीटर |
2450 मिलीमीटर |
2490 मिलीमीटर |
यहां मारुति स्विफ्ट की ऊंचाई और चौड़ाई सबसे ज्यादा है। हालांकि इसकी डिज़ाइन काफी पुराने स्टाइल की है, लेकिन इसके बावजूद भी यह ध्यान आकर्षित करती है। इस गाड़ी के पेंट की क्वॉलिटी इतनी ज्यादा अच्छी नहीं है।
वहीं, फोर्ड ने फिगो को स्पोर्टी लुक देने का काफी प्रयास किया है। ब्लैक व्हील्स, चौड़े टायर्स और स्क्वाट स्टेंस के चलते फिगो का लुक आकर्षित करने वाला लगता है।
केबिन
सेगमेंट की सभी कारों के मुकाबले निओस का इंटीरियर सबसे ज्यादा पसंद आने वाला है। इसके डैशबोर्ड और डोर पैड पर इस्तेमाल हुए मटीरियल की क्वॉलिटी काफी अच्छी है। सीटों पर इस्तेमाल हुआ फैब्रिक भी बेहतरीन क्वॉलिटी का है। ऐसे में यह सेगमेंट से बढ़ कर अनुभव देती है। यह एलीट आई20 के जैसी ही लगती है। इस कार की डिज़ाइन इतनी ज्यादा आकर्षक नहीं है, लेकिन यह एक स्पेशियस कार जरूर है।
निओस में रियर साइड पर अच्छी-खासी नीरूम स्पेस मिलती है। हुंडई ने इसके डैशबोर्ड का अच्छा-खासा इस्तेमाल किया है। यह ज्यादा केबिन स्पेस घेरता नज़र नहीं आता। आगे की तरफ बिना एडजस्ट किया जाने वाला हैडरेस्ट दिया गया है। गाड़ी की सीटें काफी अच्छा सपोर्ट देती हैं। लंबे कद के पैसेंजर्स को इसमें ज्यादा स्पेस की आवश्यकता महसूस हो सकती है। यहां निओस ही केवल हैचबैक है जिसमें रियर साइड पर एसी वेंट्स और 12 वोल्ट चार्जिंग सॉकेट जैसे फीचर्स दिए गए हैं।
ग्रैंड आई10 के मुकाबले निओस की चौड़ाई काफी कम है। ऐसे में यह एक अच्छी फोर-सीटर कार साबित होती है।
यहां स्विफ्ट ऐसी हैचबैक है जो सबसे ज्यादा चौड़ी है। रियर साइड पर इसमें तीन पैसेंजर्स आसानी से बैठ सकते हैं। केबिन के फ्लोर पर इसमें बीच में हंप मिलता है जो मिडल पैसेंजर के लिए थोड़ी परेशानी खड़ी करता है। रियर डोर हैंडल को सी-पिलर के पास पोज़िशन करने के लिए इसके ग्लास एरिया को पहले से छोटा किया गया है। तीनों ही कारों के मुकाबले स्विफ्ट की फ्रंट सीटें सबसे ज्यादा चौड़ी व कम्फर्टेबल हैं।
क्वॉलिटी के मामले में मारुति की स्विफ्ट कुछ ख़ास नहीं लगती। हालांकि, पुरानी स्विफ्ट के मुकाबले इसे सुधार कर पेश किया गया है। लेकिन, निओस से इसकी तुलना करें तो यह पहले से ज्यादा स्क्रेची लगती है। गाड़ी का डैशबोर्ड ड्राइवर की पहुंच में है। इसके केबिन को ब्लैक कलर थीम के साथ पेश किया गया है और इसे कॉम्प्लीमेंट देने के लिए ग्रे रंग के एलिमेंट्स का इस्तेमाल किया गया है।
फोर्ड ने फिगो हैचबैक के लोअर वेरिएंट्स के केबिन को बेज/ब्लैक कलर कॉम्बिनेशन के साथ पेश किया है। वहीं, टॉप वेरिएंट ब्लू को ऑल-ब्लैक कलर थीम के साथ लॉन्च किया गया है। इस वेरिएंट के केबिन में ब्लू एक्सेंट भी मिलते हैं। सीटों पर इसमें कॉन्ट्रास्ट स्टिचिंग और 'ब्लू' बैजिंग मिलती है। इसमें हार्ड प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है जिससे पता चलता है कि यह बजट सेगमेंट की कार है। गाड़ी का डैशबोर्ड काफी बड़ा है जो ज्यादा पैसेंजर स्पेस घेरता है।
फिगो की फ्रंट सीटें काफी चौड़ी हैं। हालांकि, यह पैसेंजर्स को और बेहतर सपोर्ट देने में सक्षम हो सकती थी। इसकी रियर साइड की सीट भी इतनी ज्यादा प्रभावित करने वाली नहीं लगती है। यदि एवरेज साइज़ के एडल्ट पैसेंजर के लिए सीट सेट कर दें तो इसमें रियर साइड पर पर्याप्त स्पेस मिलता है। गाड़ी की फ्रंट सीटें थोड़ी उठी हुई है।
इसमें 257 लीटर का बूट स्पेस मिलता है, जबकि निओस का लगेज स्पेस 260 लीटर है। वहीं, स्विफ्ट में 268 लीटर की कार्गो स्पेस मिलता है। स्विफ्ट का बूट काफी गहरा व चौड़ा है जिसके चलते इसमें अतिरिक्त 8-लीटर तक का लगेज आसानी से रखा जा सकता है। वहीं, निओस मीडियम साइज़ के सूटकेस, दो छोटे बैग्स रखने के लिए अच्छी है। जबकि, फिगो में फुल साइज़ के सूटकेस के अलावा एक मीडियम साइज़ के सूटकेस और एक सॉफ्ट बैग को भी रखा जा सकता है। इसकी रियर साइड की सीटों को 60:40 रेश्यो में स्प्लिट फोल्ड किया जा सकता है।
टेक्नोलॉजी
निओस, स्विफ्ट और आई10 तीनों कारों के टॉप वेरिएंट्स में टिल्ट एडजस्टेबल स्टीयरिंग व्हील, ड्राइवर सीट हाइट एडजस्ट, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल और लैदर रैप्ड स्टीयरिंग व्हील दिए गए हैं। इसके अलावा इनमें की-लैस एंट्री और पुश-बटन स्टार्ट जैसे फीचर्स भी मिलते हैं। पैसेंजर सेफ्टी के लिहाज से इसमें ड्यूल एयरबैग, एबीएस के साथ ईबीडी स्टैंडर्ड दिए गए हैं। तीनों ही कारों में टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम भी दिया गया है। लेकिन, हुंडई में 8-इंच स्क्रीन मिलती है, जबकि बाकी दोनों कारों में 7-इंच की स्क्रीन दी गई है। इन तीनों कारों में से केवल फोर्ड फिगो में ही एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले की कमी खलती है।
यहां ग्रैंड आई10 निओस ही एकमात्र कार है जिसमें प्रोजेक्टर फॉग लैंप्स, वायरलैस चार्जिंग, चिल्ड ग्लवबॉक्स और रियर एसी वेंट्स जैसे फीचर्स मिलते हैं। यदि कंपनी इसमें ऑटो-डिमिंग आईआरवीएम, ऑटोमैटिक हैडलैंप्स जैसे फीचर्स देती तो यह और बेहतर पैकेज हो सकता था।
मारुति की स्विफ्ट में कोई भी ख़ास फीचर्स नहीं मिलते हैं। लेकिन, ऐसा भी नहीं है कि इसमें कई महत्वपूर्ण फीचर्स की कमी खलेगी। गाड़ी में हैडलैंप्स पर नई तरह की एलईडी लाइटिंग और ऑटोमैटिक हैडलैंप्स दिए गए हैं।
वहीं, फोर्ड ने फिगो में नई तरह की अप्रोच अपनाई है। इसमें ऑटोमैटिक हैडलैंप्स और वाइपर्स के अलावा कोई ज्यादा दमदार फीचर्स नहीं दिए गए हैं। लेकिन, पैसेंजर सेफ्टी के लिहाज से इसमें साइड और कर्टेन एयरबैग दिए गए हैं। इसमें डेटाइम रनिंग लैंप्स, प्रोजेक्टर हैडलैंप्स या फिर ज्यादा आकर्षक इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर नहीं दिया गया है। इसके टॉप वेरिएंट ब्लू की प्राइस निओस के स्पोर्टज़ और स्विफ्ट के ज़ेड वेरिएंट के लगभग बराबर है।
डीजल इंजन :
मारुति स्विफ्ट |
हुंडई ग्रैंड आई 10 निओस |
फोर्ड फिगो |
|
0-100 किलोमीटर/घंटे |
12.38 सेकंड |
13.13 सेकंड |
10.69 सेकंड |
क्वॉर्टर माइल |
18.44 सेकंड @ 118.80 किलोमीटर/घंटे |
18.71 सेकंड @ 114.70 किलोमीटर/घंटे |
17.46 सेकंड @ 126.85 किलोमीटर/घंटे |
30-80 किलोमीटर/घंटे (तीसरा गियर) |
8.54 सेकंड |
8.84 सेकंड |
8.74 सेकंड |
40-100 किलोमीटर/घंटे (चौथा गियर) |
14.89 सेकंड |
14.06 सेकंड |
15.35 सेकंड |
फिगो में लगा डीजल इंजन राइड्स के दौरान बेहद पावरफुल लगता है। स्विफ्ट और निओस के मुकाबले फिगो का डीजल इंजन 25 पीएस की अतिरिक्त पावर और 25 एनएम का अतिरिक्त टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। ऐसे में यह गाड़ी 100 किलोमीटर/घंटे की स्पीड पर सबसे कम समय में पहुंच जाती है। हाइवे पर ड्राइव करते समय इसमें अच्छा-ख़ासा टॉर्क मिल पाता है। इसके लिए ड्राइवर को केवल एक्सलरेट करने की जरूरत पड़ती है और इंजन अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस अपने आप ही देने में सक्षम रहता है। हमारे टेस्ट में गाड़ी ने हाइवे पर 26 किलोमीटर/लीटर का माइलेज दिया। यदि आप किसी कॉम्पैक्ट कार को खरीदने की इच्छा रखते हैं जो हाइवे पर चलाने के हिसाब से अच्छी हो तो ऐसे में फिगो को चुनना अच्छा आप्शन है।
वहीं, फिगो फेसलिफ्ट में नया गियरबॉक्स लगा है। 1500 आरपीएम से कम पर सिटी में ड्राइव करते समय इसका इंजन थोड़ा सुस्त लगता है और इसका रिस्पांस भी काफी स्लो मिलता है। तेज़ एक्सलेरेट करने के लिए गियर को डाउनशिफ्ट करने की जरूरत पड़ती है। वहीं, अच्छे टॉर्क के लिए गियर को एकदम से अपशिफ्ट करना पड़ता है।
निओस की बात करें तो इसके क्लच, स्टीयरिंग व्हील और गियर बेहद हल्के हैं। गाड़ी आगे बढ़ने पर इंजन बेहद स्मूद व रिफाइन किया हुआ लगता है। आइडल मोड पर इंजन की आवाज़ एकदम कर्कश लगती है और वाइब्रेशन भी महसूस होते हैं। लेकिन, तेज़ एक्सलरेट करने पर वाइब्रेशंस गायब हो जाते हैं। कम स्पीड और हाई गियर पर चलाने में भी इसमें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती। यह गाड़ी बाकी दोनों कारों की तरह ही तीसरे गियर में तेज़ आगे बढ़ती है, लेकिन चौथे गियर में और भी ज्यादा पावरफुल हो जाती है। ऐसे में हुंडई की इस हैचबैक को सिटी ड्राइविंग के लिए चुनना अच्छा ऑप्शन है।
हाइवे की बजाए निओस को सिटी में ड्राइव करना ज्यादा बेहतर लगता है। यह 100 से 120 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार को जल्दी पकड़ लेती है। लेकिन, अगर आपको इंजन से ज्यादा पावर की आवश्यकता होती है तो ऐसी स्थिति में आपको डाउनशिफ्ट करना होगा। यदि आप पांचवें गियर में एक्सलरेट करने की कोशिश करते हैं तो यह गाड़ी ओवरटेकिंग के दौरान भी कुछ समय लेती है। हाइवे पर यह हैचबैक स्विफ्ट की तुलना में कम माइलेज देती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीएस6 नॉर्म्स लागू होने के बाद से मारुति स्विफ्ट में डीजल इंजन का ऑप्शन हटा दिया गया है, हालांकि कुछ समय पहले तक इसमें डीजल इंजन का ऑप्शन भी मिलता था। स्विफ्ट डीजल हाइवे पर 27 किलोमीटर/लीटर से ज्यादा का माइलेज देती है। ऐसे में स्विफ्ट रोज़ाना चलाने और हाइवे पर बेहतर परफॉर्मेंस देने के हिसाब से अच्छी साबित होती है। ड्राइविंग के दौरान इसके डीजल इंजन के साथ पावर की कमी बिलकुल भी महसूस नहीं होती। लेकिन, 2000 आरपीएम से कम पर इसमें पावर की कमी जरूर महसूस होती है। ऐसे में सिटी में चलाते समय इसके गियर को डाउनशिफ्ट करने की जरूरत पड़ती है।
तीनो ही कारों की तुलना करें तो यहां स्विफ्ट एकदम फन-टू-ड्राइव कार लगती है। गाड़ी का स्टीयरिंग व्हील बेहद हल्का है और इसका फीडबैक भी काफी अच्छा है, ऐसे में टर्न लेते समय इसके साथ किसी तरह ही कोई परेशानी नहीं होती। हुंडई की ग्रैंड आई10 भी मोड पर एकदम स्टेबल रहती है। इसका स्टीयरिंग व्हील एकदम हल्का है, ऐसे में इसे आसानी से मोड़ा जा सकता है। वहीं, फिगो का स्टीयरिंग व्हील काफी भारी है जिसके चलते इसे मोड़ने में थोड़ी परेशानी होती है।
निओस एकदम कम्फर्टेबल राइड देती है। यह गाड़ी कम गति पर स्पीड ब्रेकर्स को आसानी से पार कर लेती है। इस दौरान पैसेंजर्स को झटका भी बिलकुल महसूस नहीं होता। वहीं, स्विफ्ट और फिगो गड्ढों से गुज़रने पर थोड़ी हार्श लगती है। ऐसे में झटका केबिन के अंदर तक पैसेंजर्स को महसूस होता है।
निष्कर्ष :
सेफ्टी के मामले में फिगो बेहद अच्छी है। इसकी प्राइस निओस से ज्यादा और स्विफ्ट से कम है। कार की रियर सीट बेहद छोटी है और इंटीरियर की क्वॉलिटी इतनी दमदार नहीं है। जबकि, स्विफ्ट एक फन-टू-ड्राइव कार है और अच्छा माइलेज देने में सक्षम है। इसमें रियर साइड पर तीन पैसेंजर्स कम्फर्टेबल होकर बैठ पाते है। कार में बूट स्पेस भी काफी अच्छा मिलता है। हालांकि अब डीलरशिप पर इसका डीजल वेरिएंट बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है। वही, निओस की इंटीरियर क्वॉलिटी काफी अच्छी है, साथ ही इसका डीजल इंजन भी स्मूद राइड्स देने में सक्षम है। सिटी ड्राइविंग के हिसाब से इसे चलाना अच्छा है। इसके केबिन की चौड़ाई भी काफी ज्यादा है। इस कार का इंजन हाइवे ट्रिप्स पर बेहद पावरफुल साबित होता है।