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फॉक्सवैगन पोलो जीटी टीएसआई: रिव्यू

Published On दिसंबर 30, 2020 By भानु for फॉक्सवेगन पोलो

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काफी लंबे समय से फॉक्सवैगन पोलो जीटी टीएसआई स्पोर्टी ड्राइविंग के शौकीनों के लिए एक बजट कार के तौर पर बेस्ट चाॅइस बनी रही है। इसमें वो सभी बातों मौजूद हैं जो स्पोर्टी हैचबैक्स में होती हैं। पोलो को काॅम्पिटिशन में बनाए रखने के लिए इसमें समय समय पर बदलाव किए जाते रहे हैं। अब पोलो के जीटी टीएसआई में 3 सिलेंडर,1.0 लीटर टर्बोचार्ज्ड इंजन और टाॅर्क कन्वर्टर ट्रांसमिशन देकर एक बड़ा बदलाव किया गया है। ये इंजन डीएसजी गियरबाॅक्स के साथ आने वाले 1.2 लीटर टर्बाेचार्ज्ड इंजन की जगह पेश किया गया है। ऐसे में डालते हैं नजर नए इंजन से लैस फोक्सवैगन पोलो जीटी टीएसआई पर एक नजरः-

हम पोलो के 2020 मॉडल को काफी अच्छे से रिव्यू कर चुके हैं और उस रिव्यू के लिए हमने इसके हाईलाइन प्लस वेरिएंट का इस्तेमाल किया था। ऐसे में इस गाड़ी के ड्राइविंग के साथ साथ दूसरे पहलुओं के बारे में ज्यादा जानने के लिए आप यहां फोक्सवैगन पोलो का रिव्यू पढ़ सकते हैं। पोलो जीटी टीएसआई के इस रिव्यू में हम केवल इस गाड़ी के पावरट्रेन और ड्राइविंग मैनर्स के बारे में आपको बताएंगे। मगर उससे पहले आप ये भी जान लें कि लुक्स और फीचर्स के मोर्चे पर हाइलाइन प्लस से कितनी अलग है पोलो जीटी टीएसआई।

लुक्स

  • इसकी ग्रिल पर जीटी की बैजिंग दी गई है। जीटी टीएसआई में ग्लॉस ब्लैक कलर के ओआरवीएम दिए गए हैं जबकि पोलो के दूसरे वेरिएंट्रस में बॉडी कलर की यूनिट दी गई है। जीटी के सी पिलर पर जीटी टीएसआई का स्टिकर दिया गया है।
  • पोलो जीटी टीएसआई को दूसरे वेरिएंट्रस से जो चीज अलग बनाती है वो है ऑल ब्लैक स्पॉयलर। ये काफी अलग है और हाइलाइन प्लस वेरिएंट के स्पॉयलर से काफी बड़ा भी है जो इस हैचबैक पर काफी अच्छा लगता है।

  • जीटी टीएसआई के बूट पर बैजिंग भी अलग दी गई है। इसमें बाएं तरफ जीटी लिखा है और दाएं तरफ जीटीएस। इसके दूसरे टर्बो वेरिएंट्रस में बाएं तरफ पोलो लिखा है जबकि दाईं ओर टीएसआई लिखा है।
  • कुल मिलाकर पोलो के स्टैंडड वेरिएंट्रस और जीटी में कोई ज्यादा फर्क नहीं है और ये हैचबैक अब भी काफी शानदार दिखाई पड़ती है।

इंटीरियर और फीचर्स 

  • इसके केबिन में दाखिल होते ही पहला बड़ा फर्क जो आपको नजर आएगा वो है फ्रंट सेंटर आर्मरेस्ट जो कि इसमें नहीं दिया गया है। इसकी जगह रियर एसी वेंट्स और 12 वोल्ट का चार्जर दिया गया है। सबसे बड़ी बात ये है कि फ्रंट सेंटर आर्मरेस्ट का फीचर हाइलाइन प्लस वेरिएंट में मौजूद है जिसमें यही पावरट्रेन और फीचर्स दिए गए हैं और 50,000 रुपये सस्ता भी है।
  • जीटी टीएसआई वेरिएंट्स में टचस्क्रीन की फिनिशिंग ब्लैक कलर से की गई है जबकि दूसरे वेरिएंट्स में ग्रे कलर की फिनिशिंग की गई है।
  • माय फॉक्सवैगन कनेक्ट जो कि लाइव व्हीकल ट्रैकिंग, ट्रिप एनालिसिस और जिओफेंस के काम में आने वाला फीचर केवल और केवल जीटी टीएसआई में ही दिया गया है।

इंजन और परफॉर्मेंस

फॉक्सवैगन का 1.0 टर्बो पेट्रोल इंजन उन सबमें सबसे ज्यादा रिफाइंड थ्री सिलेंडर इंजन में से है जो हमने अब तक ड्राइव करके देखे हैं। ये इंजन 110 पीएस की पावर और 175 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। इससे बड़ी मुश्किल से ही कोई वाइब्रेशन केबिन में महसूस की जा सकती है। यहां तक कि गाड़ी के न्यूट्रल खड़े रहने के दौरान ये ठीक वैसे ही शांत रहता है जैसा कि हुंडई का 1.0 लीटर टर्बो इंजन। ये इंजन काफी जल्दी रफ्तार पकड़ लेता है। 1600 आरपीएम के बाद इस इंजन में असली जान आना शुरू होती है। वहीं 2000 आरपीएम तक ये अच्छा खासा पावरफुल हो जाता है। 3 सिलेंडर इंजन होने के बावजूद भी ये बिल्कुल शोर नहीं मचाता है। पुराने वाले 1.2 लीटर इंजन के मुकाबले इस इंजन से ज्यादा टर्बो मिलता है।

इस इंजन के साथ ही इसका ट्रांसमिशन भी काफी लाजवाब है। ये 6-स्पीड गियरबॉक्स इंजन को पावर जनरेट करते रहने में मदद करता है। ये गियर को 1600 आरपीएम आने तक काफी लंबे समय तक होल्ड करके रखता है। इसका मतलब है कि ओवरटेक करने के लिए आपको काफी पावर मिल जाती है। इसके गियर शिफ्टस भी काफी क्विक हैं और ये आपको गियर बार बार अप करने की जरूरत महसूस नहीं कराता है। स्पोर्ट मोड में इसका गियरबॉक्स थोड़ा जर्क करता है। लेकिन वैसे ये काफी गियरबॉक्स काफी स्मूद है। हालांकि डीएसजी गियरबॉक्स के मुकाबले 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ज्यादा बेहतर इसलिए होते हैं क्योंकि डीएसजी में आपको बार बार गियर डाउन करना पड़ता है। 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर स्पीड और थ्रॉटल चेंज को जल्दी से भांप लेता है जबकि डीएसजी इसमें कंफ्यूज़ हो जाता है।

फोक्सवैगन पोलो जीटीआई में कुछ चीज़े और भी ठीक की जा सकती थी। एक तो ये कि जब आप ब्रेक से पैर हटाकर एक्सलरेट करते हैं तो ये काफी तेजी से आगे बढ़ती है। ऐसे में बंपर टू बंपर ट्रैफिक में आपको गाड़ी स्लो करने के लिए फिर से ब्रेक दबाने पड़ते ही हैं। इससे ड्राइविंग पर काफी बुरा असर पड़ता है। दूसरी बात ये है कि थ्रॉटल देते समय इसमें पावर आने में काफी समय लगता है। चलिए अब नजर डालते हैं इस इंजन के एक्सलरेशन परफॉर्मेंस परः-

 

1.0 लीटर जीटी टीएसआई

1.0 लीटर एमटी

पुराना 1.2 लीटर जीटी टीएसआई डीएसजी

0-100किलोमीटर प्रति घंटा

10.79 सेकंड

9.66 सेकंड

10.61 सेकंड

100-0किलोमीटर प्रति घंटा

40.60 मीटर

40.26 मीटर

42.86 मीटर

20-80किलोमीटर प्रति घंटा (किकडाउन)

6.46 सेकंड

-

05.92 सेकंड

30-80किलोमीटर प्रति घंटा (थर्ड गियर)

-

8.54 सेकंड

-

हमारे द्वारा पोलो जीटी टीएसआई के स्टैंडर्ड परफॉर्मेंस टेस्ट में काफी रोचक नतीजे निकलकर सामने आए। ये पुरानी जीटी टीएसआई से थोड़ी सी ही तेज निकली। 1.0 लीटर जीटी टीएसआई को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल करने में 10.79 सेकंड का समय लगता था जो 1.2 लीटर जीटी टीएसआई से महज 0.18 सेकंड ही पीछे रही। पुरानी जीटी टीएसआई (5.92 सेकंड) के मुकाबले में इसे 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल करने में 6.46 सेकंड लगते हैं जो कि आधा सेकंड स्लो है। माइलेज की बात करें तो नई जीटी टीएसआई सिटी में 14.05 किलोमीटर प्रति लीटर और हाईवे पर 17.69 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती है और ये पुरानी जीटी टीएसआई से ज्यादा माइलेज देती है।

राइड और हैंडलिंग

पुरानी वाली पोलो के सस्पेंशन भारत की सड़कों के हिसाब से अच्छे नहीं थे। लेकिन इसमें 2020 मॉडल में अब ये कमी दूर हो गई है। खराब सड़कों से निपटने के लिए अब इसमें सस्पेंशन ज्यादा सक्षम हो गए हैं। ये ना सिर्फ पहले से ज्यादा सॉफ्ट हो गए हैं बल्कि खराब सड़कों पर ये गाड़ी को एकदम फ्लैट चलते रहने में मदद करते हैं। अपने सस्पेंशंस की वजह से ये कार जर्मनी की कोई आलिशान कार ज्यादा लगती है ना कि स्पोर्टी कार। गड्ढों और स्पीड ब्रेकर्स पर से भी गुजरने के बाद केबिन के अंदर पैसेंजर्स तक बामुश्किल ही झटके पहुंचते हैं।

पोलो के इंजन से मिलने वाली पावर को देखते हुए स्पोर्टी ड्राइविंग का शौक रखने वालों को इसका हैंडलिंग पार्ट काफी पसंद आएगा। इसका स्टीयरिंग व्हील बिल्कुल भारी नहीं लगता है और गाड़ी के टायरों से इसे अच्छा फीडबैक मिलता है। कॉर्नर पर पोलो काफी अच्छे से चलती है और एकदम फ्लैट रहती है। इससे ड्राइवर को भी गाड़ी ड्राइव करते वक्त कॉन्फिडेंस मिलता रहता है।

कुल मिलाकर पोलो जीटी को हैंडल करना काफी आसान है और ये हैचबैक तेज होते हुए भी आपके कंट्रोल में रहती है। हाईवे पर भी ये एकदम आराम से चलती है। 2000 आरपीएम पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जाते हुए आप बड़े आराम से मीलों लंबा सफर तय कर सकते हैं।

निष्कर्ष

पोलो में ज्यादा बदलाव करने की कंपनी को जरूरत नहीं पड़ी। यदि आप एक फीचर लोडेड और स्पेशियस फैमिली हैचबैक की तलाश में हैं तो इसे पहली चॉइस ना मानें। मगर जिन लोगों को इस गाड़ी की बिल्ड क्वालिटी और ड्राइविंग डायनामिक्स पसंद आते हैं तो ये कार उनके लिए परफेक्ट है। सस्पेंशन जैसी चीजों में सुधार हो जाने के बाद तो ये कार रूटीन ड्राइविंग के लिहाज से भी काफी अच्छी हो गई है। इसके अलावा नई पोलो में रियर कैमरा और नए इंफोटेनमेंट सिस्टम जैसे फीचर्स देकर भी अपडेट किया गया है।

यदि आप पोलो जीटी टीएसआई लेने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको ये ले लेनी चाहिए। ये आज भी आपको काफी स्पोर्टी कार लगेगी। मगर हां, इसके हाइलाइन प्लस वेरिएंट के बारे में भी एक बार विचार जरूर करें। ये जीटी टीएसआई से ज्यादा वैल्यू फॉर मनी साबित होगा।

Published by
भानु

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