फोक्सवैगन पोलो 1.0 लीटर टीएसआई एमटी: फर्स्ट ड्राइव रिव्यू
Published On जुलाई 08, 2020 By भानु for फॉक्सवेगन पोलो
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पोलो टीएसआई भारत में किसी पहचान की मोहताज नहीं है और खासतौर पर स्पीड से प्यार करने वालों के बीच तो बिल्कुल नहीं। इसे चुनने वाले एक बात तो साबित कर ही देते हैं कि उन्हें क्वान्टिटी से ज्यादा क्वालिटी से मतलब होता है। हां ये सच है कि इस कार में स्पेस और फीचर्स की कमी जरूर है, मगर इसका रिफाइंड और पावरफुल टर्बोचार्ज्ड इंजन और फटाफट काम करने वाले डीएसजी गियरबॉक्स के बारे में जानकार फिर आगे कोई समझौता नहीं करते हैं। फोक्सवैगन की पोलो कार में अब एक नया इंजन जुड़ चुका है। यह एक छोटा,कम रिफाइंड 3-सिलेंडर टर्बोचार्ज्ड इंजन है। लेकिन ये ज्यादा पावर जनरेट करने में सक्षम है जो कि मैनुअल गियरबॉक्स के साथ आता है। तो क्या खासियत है पोलो 1.0 लीटर टीएसआई एमटी की ये जानेंगे आगे:
- कार टेस्टेड: फोक्सवैगन पोलो हाइलाइन प्लस
- इंजन: 1.0 लीटर टीएसआई
- गियरबॉक्स: 6-स्पीड मैनुअल
- कीमत: 8.02 लाख रुपये (एक्स-शोरूम)
लुक्स
2019 में आए फेसलिफ्ट मॉडल के कंपेरिजन में इस वेरिएंट में कुछ अलग सा नहीं है। यह अभी भी एक क्लासिक हैचबैक ही लगती है। ग्राहकों को इसका शेप काफी पसंद आता है।
इसमें दी गई हनीकॉम्ब ग्रिल पोलो जीटीआई से प्रभावित है जिससे इसका लुक और भी स्पोर्टी बन जाता है। हेडलैंप्स में ना तो डेटाइम रनिंग लैंप ना ही एलईडी और ना ही प्रोजेक्टर लैंस का फीचर मौजूद है। यदि इसमें वेंटो वाले एलईडी हेडलैंप्स दे दिए जाते तो अच्छी बात हो सकती थी।
इसमें दूसरे वेरिएंट्स की तरह स्मार्ट 10 स्पोक 16 इंच अलॉय व्हील दिए गए हैं। इसमें एलईडी टेललैंप्स दिए गए हैं जो काफी स्टाइलिश लगते हैं, जिसके सेंटर में ऑफसैट एलिमेंट दिया गया है। इसमें नई डिजाइन का रियर बंपर भी दिया गया है जिससे लगता है कि इसके रियर में थोड़े बहुत बदलाव हुए हैं।
इंटीरियर
इसके केबिन में कुछ नया नहीं है। पहले की तरह इसमें ऑल ब्लैक थीम के साथ सेंटर कंसोल के आसपास गनमैटल ग्रे एसेंट्स दिए गए हैं। इसके इंटीरियर की थीम थोड़ी डार्क है जो हर किसी को पसंद नहीं आती है। इस हैचबैक की बिल्ड क्वालिटी काफी अच्छी है। इसमें हार्ड प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है, वहीं डोर पैड्स जैसी चीजों को एकदम व्यवस्थित तरीके से पोजिशन किया गया है। दूसरी तरफ इसके केबिन का इंसुलेशन भी काफी अच्छा है। यहां तक की ये कार अपने से दो सेगमेंट ऊपर की कारों से ज्यादा अच्छी है। पोलो के इस हाईलाइन प्लस वेरिएंट में लैदर कवर वाले स्टीयरिंग व्हील और गियर नॉब का फीचर दिया गया है जो इसके लोअर वेरिएंट्स में नहीं दिए गए हैं।
फोक्सवैगन पोलो में दी गई 6.5 इंच टचस्क्रीन का साइज बड़ा तो नहीं है मगर ये काफी यूजर फ्रेंडली है। आपको इसकी वाइब्रेंट डिस्प्ले, टच सेंसिटिविटी और रिस्पॉन्स काफी पसंद आएगा। इसमें एंड्रॉयड ऑटो और एपल कारप्ले कनेक्टिविटी के साथ वॉइस कमांड का फीचर भी दिया गया है जो स्टीयरिंग व्हील से ही एक्टिवेट किया जा सकता है। इसमें मिरर लिंक का फीचर भी दिया गया है हालांकि यह ज्यादा काम का नहीं है। इसमें जिस फीचर की कमी ज्यादा महसूस होती है वो है रियर कैमरा। यहां तक कि ये फीचर इसके टॉप वेरिएंट हाईलाइन में भी नहीं दिया गया है। जबकि ये फीचर इससे कई गुना सस्ती रेनो क्विड तक में दिया गया है।
इसका क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम काफी अच्छे से काम करता है और टेंपरेचर चेंज एवं फैन की स्पीड तेज करने के लिए दी गई नॉब भी काफी अच्छी है। इसके अलावा इसमें रेन सेंसिंग वायपर्स, ऑटो डे नाइट आईआरवीएम, सभी दरवाजों पर पावर विंडो के साथ वन टच ऑपरेशन और क्रूज़ कंट्रोल जैसे फीचर्स दिए गए हैं। हालांकि इसमें ऑटोमैटिक हैडलैंप्स नहीं दिए गए हैं। इसके अलावा पोलो हैचबैक में स्टोरेज के साथ एडजस्टेबल फ्रंट आर्मरेस्ट दिया गया है। हमारी टेस्टिंग टीम द्वारा इसे लेकर एक मिली-जुली प्रतिक्रिया ही देखने को मिली। कुछ को ये काफी कंफर्टेबल लगी तो वहीं कुछ ने ये पाया कि दूसरा और चौथा गियर लगाने पर इस पर हाथ रखने से कोहनी टकराती है।
इसकी रियर सीट्स को लेकर कुछ शिकायतें आपको जरूर हो सकती है। 5'9" की लंबाई वाले व्यक्ति को यहां बैठने में कोई समस्या नहीं आती है, मगर इससे लंबे कद के व्यक्ति को हेडरूम और नीरूम स्पेस में समस्या आ सकती है। हालांकि इसकी सीट पर कुशनिंग इतनी अच्छे ढंग से की गई है कि कार में घंटो बैठे रहने पर थकान महसूस नहीं होती है। रियर सीट्स पर एसी वेंट्स, फोल्डिंग सेंट्रल कप बॉटल होल्डर और 12 वोल्ट का सॉकेट दिया गया है।
बूटस्पेस
पोलो का बूट फ्लोर काफी बड़ा है जिससे इसमें आप काफी सामान रख सकते हैं। हमारे द्वारा किए गए लगेज टेस्ट में हम इसमें पार्सल ट्रे को बाहर निकालने के बाद तीन बड़े बैग आराम से रख पाए। पोलो के टॉप वेरिएंट में पार्सल ट्रे पर कार्पेट जैसी फिनिशिंग की गई है जो काफी सॉफ्ट और प्रीमियम नजर आती है।
सेफ्टी
सेफ्टी के मोर्चे पर पोलो काफी दमदार हैचबैक है। इसकी टैंक जैसी बिल्ड क्वालिटी से किसी दुर्घटना होने पर भी सेफ्टी बनी रहती है। हालांकि इसमें काफी कम सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं जिनमें 2 एयरबैग, एबीएस के साथ ईबीडी और रियर पार्किंग सेंसर शामिल है।
इंजन और परफॉर्मेंस
पोलो के इंजन लाइनअप में से अब 1.2 लीटर टीएसआई और 1.5 लीटर टीडीआई इंजन को हटा दिया गया है। इनके बजाए आप अब 1.0 लीटर एमपीआई या 1.0 लीटर टीएसआई को चुन सकते हैं। एमपीआई के साथ केवल 6-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स दिया गया है तो वहीं टीएसआई में 6-स्पीड मैनुअल और 6 स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक का ऑप्शन रखा गया है। टीएसआई इंजन का विकल्प केवल हाईलाइन या जीटी लाइन वेरिएंट्स में ही उपलब्ध है। हमारी इस टेस्ट ड्राइव में हमने पोलो का 1.2 लीटर टीएसआई वाला वेरिएंट ड्राइव किया है।
इंजन ऑन करते ही आपको ये महसूस हो जाएगा कि इसका रिफाइनमेंट लेवल कम हो गया है। हालांकि ये 3-सिलेंडर इंजन के हिसाब से तो रिफाइंड है और जाहिर सी बात है कि इसमें आपको पहले वाले 4-सिलेंडर 1.2 लीटर टीएसआई जैसी स्मूदनैस नहीं मिलेगी। गाड़ी के आगे बढ़ते रहने के साथ-साथ ही इंजन से आने वाले वाइब्रेंशंस अपने आप खत्म होने लगते हैं। इसका क्लच काफी हल्का है और गियर थ्रो थोड़े शॉर्ट पड़ते हैं। टर्बो आने से पहले तक तो पोलो काफी एनर्जी से भरी हुई लगती है और आपको इसे ज्यादा एक्सलरेट भी नहीं करना पड़ता है।
2400 आरपीएम के बाद आपको इसके इंजन से एक तगड़ा पावर बूस्ट मिलेगा। इसके बाद आप इस कार को स्पीड बिल्डअप करते हुए 6500 आरपीएम तक पहुंचा सकते हैं। हमारे टेस्ट में नई फोक्सवैगन पोलो को 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल करने में 9.66 सेकंड का समय लगा। वहीं 1.2 लीटर जीटी टीएसआई को यही काम करने में 10.61 सेकंड लगते थे। इसका नया इंजन 110 पीएस की पावर और 175 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है, वहीं इसका मैनुअल गियरबॉक्स भी कार को स्पीड जल्दी पकड़वाने में काफी मदद करता है।
ट्रैफिक में पोलो आराम चलती रहती है। यहां तक कि 2000 आरपीएम के नीचे रहते हुए भी हायर गियर पर ये कार आराम से चलती है। तीसरे गियर पर इसको 30 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल करने में 8.54 सेकंड का समय लगता है। वहीं चौथे गियर पर ये 13.74 सेकंड में 40 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल कर लेती है। आराम से ड्राइव की जाए तो पोलो सिटी में आपको 15.16 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज दे देती है।
हाईवे पर इसे आप आराम से छठे गियर पर चला सकते हैं जहां आपको 2000 आरपीएम पर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर चलने का भरपूर मौका मिलता है। हाईवे पर ये हैचबैक 17.21 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देने में सक्षम है। आप छठे गियर पर स्पीड तो बिल्डअप कर सकते हैं, मगर जल्दी से किसी को ओवरटेक करने के लिए आपको पांचवे गियर पर आना ही पड़ता है। इसकी ब्रेकिंग भी काफी लाजवाब है और 1072 किलोग्राम की यह कार ब्रेक लगाने के बाद 100 से 0 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर 40.26 मीटर चलने के बाद रुक जाती है।
राइड और हैंडलिंग
पोलो के ड्राइविंग डायनैमिक्स की तो हमेशा से ही तारीफ की जाती रही है। इस बार भी इसमें काफी बड़ा बदलाव हुआ है। अब ये कार सिटी में स्पीड ब्रेकर्स और तीखे उछालों से निपटने के लिए पहले से ज्यादा अच्छी तरह तैयार हो गई है। अब ये पहले की तरह खराब सड़कों और स्पीड ब्रेकर्स से गुजरते हुए आवाज नहीं करती है। इसके सस्पेंशन सेंटअप को अब भारतीय सड़कों के हिसाब से ट्यून कर दिया गया है जो काफी बैलेंस्ड लगते हैं। ये किसी गड्ढे से आने वाले झटकों को सहने के बाद दोबारा से सैटल हो जाते हैं और इस दौरान ये कोई आवाज भी नहीं करते हैं।
इसकी हैंडलिंग पहले की ही तरह अच्छी है और इसके स्टीयरिंग से भी अच्छा खासा फीडबैक मिलता है।
प्राइस
2020 फोक्सवैगन पोलो की प्राइस 5.82 लाख रुपये से शुरू होती है जो कि 9.59 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) तक पहुंचती है। जिस हाइलाइन प्लस वेरिएंट को हमने ड्राइव किया उसकी कीमत 8.02 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) है और वेरिएंट लाइनअप में इसे जीटी से ठीक नीचे पोजिशन किया गया है। पुरानी जीटी टीएसआई के मुकाबले अब इसकी कीमत 1.7 लाख रुपये तक बढ़ गई है। मौजूदा जीटी लाइन 6-स्पीड ऑटोमैटिक पुरानी जीटी टीएसआई से मात्र 15000 रुपये ही मंहगी है। पोलो के अलावा देश में केवल निओस ही टर्बो पेट्रोल इंजन से लैस हैचबैक है, जिसकी कीमत 7.75 लाख रुपये है।
निष्कर्ष
सिटी के लिहाज से पोलो काफी शानदार हैचबैक साबित होती है जो कि हाईवे पर चलने का भी उतना ही दम रखती है। नए इंजन और ट्रांसमिशन के कॉम्बिनेशन आ जाने से कंफर्ट और ईज़ी ड्राइविंग दोनों की सुविधा मिलती है। कुछ जरूरी फीचर्स और रियर सीट पर स्पेस की बात को छोड दें तो इसकी बिल्ड क्वालिटी और इंसुलेशन सेगमेंट में सबसे बेस्ट है। हालांकि इसके इंजन में आपको अब रिफाइनमेंट लेवल की कमी जरूर लग सकती है।
यदि आप फीचर्स और स्पेस के बदले बिल्ड क्वालिटी, अच्छे ड्राइविंग एक्सपीरियंस और राइड क्वालिटी को अहमियत देते हैं तो पोलो आपको जरूर पसंद आएगी। हालांकि इसकी प्राइस काफी ज्यादा है, मगर स्पोर्टी ड्राइविंग के शौकीनों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है।