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टोयोटा हाइलक्स ऑफ रोड एक्सपेडिशनः कैसी रही परफॉर्मेंस, जानिए यहां

प्रकाशित: जून 12, 2023 07:26 pm । भानुटोयोटा हाइलक्स

टोयोटा हाइलक्स को लॉन्च हुए 55 साल बीत चुके हैं मगर भारत में इसे 2022 में लॉन्च किया गया था। यहां इसकी कीमत 55 लाख रुपये रखी गई है और इसकी असेंबलिंग भारत में ही होती है जिससे ये आसानी से उपलब्ध है। हाइलक्स काफी पसंद किया जाने वाले लाइफस्टाइल पिकअप है। हाल ही में टोयोटा ने एक शॉर्ट रोड ट्रिप के लिए 4x4 एक्सपेडिशन का आयोजन किया जिसके लिए हमें भी न्यौता दिया गया था। तो कैसा रहा वहां हमारा एक्सपीरियंस इस बारे में आप ज्यादा जानेंगे आगेः

क्या होता है 4x4 एक्सपेडिशन?

प्रीमियम ऑफ रोड व्हीकल्स की पॉपुलर रेंज के साथ टोयोटा ने अपने कस्टमर्स को अपनी कारों के साथ खुलकर जीने का एक मौका दिया और इसी के लिए ‘ग्रेट 4x4एक्सपेडिशन‘ कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

ये इवेंट केवल टोयोटा के कस्टमर्स के लिए ही सीमित नहीं था और इसमें 4x4 कार वाले दूसरे लोग भी भाग ले सकते थे। इसमें मिंहंद्रा की थार और स्कॉर्पियो एन समेत 30 कारों का काफिला था। इसके साथ ही इनमें एक इसुजु डी मैक्स वी क्रॉस भी शामिल थी।

इस काफिले में 10 से ज्यादा टोयोटा हाइलक्स पिकअप मौजूद थे जिनके भी टॉप वेरिएंट्स थे जिनकी ऑन रोड कीमत ही 40 लाख रुपये के करीब है। कुछ लोग फॉर्च्यूनर भी लेकर आए थे और कंपनी ने भी अपनी लैंड क्रुजर एलसी300 को इस काफिले में अपनी ओर से शामिल किया था।

क्या था आगे का प्लान?

इस इवेंट के लिए बेंगलुरू से 200 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी क्षेत्र को चुना गया था। यहां कंपनी ऑफ रोड कोर्स भी कराती है जहां हाइलक्स की ऑफ रोडिंग का दमखम अच्छे से देखने को मिलता है।

इस एक्सपेडिशन के जरिए हमें टोयोटा हाइलक्स को परखने का मौका मिला जहां अलग अलग ड्राइविंग कंडीशंस में हमनें इसे ड्राइव भी किया।

हाईवे परफॉर्मेंस

इस पिकअप में 2.8 लीटर डीजल इंजन दिया गया है और जो मॉडल हम चला रहे थे वो उसमें 6 स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन दिया गया है। इस वेरिएंट का पावर आउटपुट 204 पीएस है और इसमें 480 एनएम का टॉर्क जनरेट होता है। हालांकि मैनुअल गियरबॉक्स होने के बावजूद इससे अच्छा टॉर्क मिलता है जिससे हाईवे ड्राइविंग के दौरान 150$ किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड के दौरान भी स्मूद ड्राइविंग का एक्सपीरियंस मिलता है।

इस पिकअप में क्रुज कंट्रोल भी दिया गया है मगर इंडियन ड्राइविंग कंडीशंस के हिसाब से इसकी जरूरत ही नहीं पड़ती है। यहां तक कि इसमें आईएमटी फंक्शन भी दिया गया है मगर हमनें इसे ड्राइव करने के लिए मैनुअल मॉडल को ही चुना।

इसकी उंचाई की वजह से हाइलक्स में ड्राइवर को अच्छी सीटिंग पोजिशन मिलती है जिससे सड़क के आगे का नजारा अच्छा मिलता है। इसमें रियर लीफ स्प्रिंग्स दिए गए हैं जिससे खासतौर पर रियर पैसेंजर्स को स्टिफ राइड मिलती है।

फीचर्स की बात करें हाइलक्स एक फीचर लोडेड पिकअप है। इसमें 8 इंच का टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम दिया गया है मगर इसमें एंड्रॉयड ऑटो और एपल कारप्ले के लिए वायरलेस कनेक्टिविटी देनी चाहिए थी। इसके टॉप हाई वेरिएंट में ड्युअल जोन क्लाइमेट कंट्रोल, पावर एडजस्टेबल ड्राइवर सीट और लेदर सीट अपहोल्स्ट्री जैसे फीचर्स दिए गए हैं।

पहाड़ियों पर कुछ ऐसी रही परफॉर्मेंस

हाइलक्स काफी बड़ा पिकअप है और संकरे पहाड़ी रास्तों पर काफी बड़ा दिखाई देता है। लंबी बॉडी के साथ स्पेशियस ट्रक बेड होने के बावजूद भी ये कॉनर्स पर एडजस्ट हो जाती है। इसके डीजल इंजन द्वारा अच्छा खासा टॉर्क देने से आपको चढ़ाई चढ़ते हुए ओवटेक करने में दिक्कत नहीं आती है। उंचा ग्राउंड क्लीयरेंस होने से आप इससे फुल यू टर्न भी ले सकते हैं।

अब सबसे पहली चीज जो करनी चाहिए वो है कि लो रेंज गियरबॉक्स को एंगेज करने के लिए 2 एच से 4 लो पर लाया जाए। इसके बाद ये कार पैसेंजर साइड से उंची उठने लगेगी जिसे पॉजिटिव साइड इनक्लाइन कहा जाता है इसके बाद ये ड्राइवर साइड की तरफ से उठने लगेगी जिसे निगेटिव साइड इनक्लाइन कहा जाता है। ये कुछ छोटी मोटी ऑफ रोडिंग के बीच रुकावटें होती हैं जिससे कार का ग्राउंड क्लीयरेंस , एप्रोच, ब्रेक ओवर और डिपार्चर एंगल और ओवरऑल एबिलिटी दिखाई देती है।

इसके बाद आता है आर्टिकुलेशन टेस्ट का नंबर जहां हाइलक्स की बॉडी रिजिडिटी नजर आती है। इस टेस्ट के लिए इलेक्ट्रॉनिक रियर डिफ्रेंशियल लॉक को एंगेज करना पड़ता है। इससे ये सुनिश्चित होता है कि कहीं चारों टायर में से किसी एक को कहीं कम पावर तो नहीं मिल रही जिससे ग्रिप नहीं बन पा रही है। एक्सपर्ट्स की छोटी सी सलाह से इस टेस्ट को भी हाइलक्स ने बखूबी पास कर लिया।

हिल चैलेंज

अब अगला चैलेंज आता है हिल क्लाइंब का जिसके लिए डिफ्रेंशियल लॉक को ऑन करना पड़ता है। इसकी चढ़ाई का ग्रेडिएंट करीब 45 डिग्री था और इस रास्ते पर मिट्टी ही मिट्टी थी मगर हाइलक्स के लिए ये कोई बड़ी बात नहीं थी। इसके लिए बस पहाड़ी उंचाई तक कार को 4 लो पर रखना था।

हिल डिसेंट

आखिरी चैलेंज हिल डिसेंट था जिसमें ड्राइवर को अपनी ओर से ज्यादा इनपुट नहीं देना होता है। इसमें रियर डिफ्रेंशियल लॉक को डिसएंगेज करके रखना पड़ता है और हमनें इसके लिए डाउनहिल असिस्ट कंट्रोल को स्विच ऑन किया था।

डीएसी इलेक्ट्रॉनिकली ब्रेक अप्लाय करता है और कार काफी धीमी गति और कंट्रोल के साथ नीचे की ओर बढ़ती है। आपको केवल स्टीयरिंग पर फोकस रखना पड़ता है। ऑटोमैटिक मॉडल चलाते हुए लंबी ढलान के दौरान आप उसे मैनुअल गियर पर ले आएं और व्हीकल पर अच्छा कंट्रोल बनाने के लिए इसे पहले गियर पर ही लॉक कर दें।

भारी स्टीयरिंग और ऑल व्हील ड्राइव सिस्टम के साथ हर तरह की कठिनाईयों में भी हाइलक्स आपको पूरा कॉन्फिडेंस देती है। ये ड्राइव करने में इतना आसान है कि हमारे एक साथी जिसने कभी ऑफ रोडिंग नहीं की थी उसने भी कोर्स पूरा करने के बाद इसे आसानी से चला लिया।

टोयोटा हाइलक्स पिकअप के बारे में हमारी राय

टोयोटा के इस आइकॉनिक पिकअप के साथ हमनें तीन दिन गुजारे और हमनें कुल 500 किलोमीटर कवर किए। ड्राइवर सीट पर बैठने के बाद हर मंजर पर हमें इसमें कमियां निकालने में मुश्किल हुई। इसका डीजल इंजन हमें काफी ज्यादा पसंद आया और हाईवे स्पीड पर ये कार काफी स्थिर रहती है। ऑफ रोडिंग करने के लिए ये पिकअप काफी शानदार है और हर तरह के रास्तों पर इसकी यूजेबिलिटी ने हमें काफी इंप्रेस किया।

यदि हाइलक्स में कोई एक चीज है जो इसे मुश्किल बनाती है वो है सिटी में इसका साइज। इसमें फ्रंट और रियर पार्किंग सेंसर्स दिए गए हैं जो टाइट स्पॉट्स में और कार को पार्क करना आसान बना देते हैं। सिटी की भीड़ में इसके साइज से आपको मुश्किल हो सकती है।

टोयोटा हाइलक्स को फुल साइज एसयूवी का एक रिप्लेसमेंट तो नहीं कहा जा सकता है। मगर एडवेंचर के लिए ये काफी बेहतर चॉइस साबित हो सकता है।

द्वारा प्रकाशित

भानु

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