फोक्सवैगन पोलो 1.0 टीएसआई Vs पोलो 1.2 टीएसआई : परफॉर्मेंस कंपेरिजन
फोक्सवैगन ने अपनी सभी छोटी कारों में 1.0 लीटर 3-सिलेंडर पेट्रोल इंजन (नैचुरली एस्पेरेटेड और टर्बोचार्ज्ड) देने की योजना बनाई है। अब यही दोनों इंजन फोक्सवैगन की नई पोलो में भी मिलते हैं। हाल ही में हमने पोलो 1.0 लीटर टीएसआई को चलाकर देखा है। तो असल में नई पोलो परफॉर्मेंस के मामले में पुराने 1.2 लीटर टीएसआई मॉडल से कितनी बेहतर है, ये जानेंगे यहांः-
पोलो 1.0 टीएसआई |
पोलो 1.2 जीटी टीएसआई (पुरानी) |
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इंजन |
1.0 लीटर टर्बो पेट्रोल |
1.2 लीटर टर्बो पेट्रोल |
पावर |
110 पीएस |
105 पीएस (-5पीएस) |
टॉर्क |
175 एनएम |
175 एनएम |
गियरबॉक्स |
6-स्पीड मैनुअल |
7-स्पीड डीएसजी |
वजन |
1072 किलोग्राम |
1109 किलोग्राम (+ 37 किलोग्राम) |
नई पोलो में कम सीसी का इंजन दिया गया है लेकिन इसकी पावर पुराने 1.2 लीटर टर्बोचार्ज्ड इंजन से ज्यादा है। हालांकि दोनों का टॉर्क एक बराबर ही है। इसमें पहले 1.2 लीटर टर्बो इंजन के साथ 7-स्पीड डीएसजी गियरबॉक्स मिलता था जबकि नए मॉडल में 6-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स दिया गया है।
परफॉर्मेंस कंपेरिजन
एक्सलरेशन एंड रॉल-ऑन टेस्ट:-
0-100किमी प्रति घंटा |
30-80किमी प्रति घंटा |
40-100किमी प्रति घंटा |
20-80किमी प्रति घंटा |
|
पोलो 1.0 टीएसआई |
9.66 सेकंड |
6.85 सेकंड |
10.51 सेकंड |
- |
पोलो 1.2 जीटी टीएसआई |
10.62 सेकंड |
- |
- |
5.92 सेकंड |
एक्सलरेशन के मामले में भी पोलो 1.0 टीएसआई ने बेहतर प्रदर्शन किया। पुरानी पोलो 1.2 जीटी टीएसआई जहां 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार हासिल करने में 10.62 सेकंड का समय लेती थी, वहीं पोलो 1.0 टीएसआई इस स्पीड पर 9.66 सेकंड में पहुंच जाती है। इनमें एक ऑटोमैटिक वर्जन है और दूसरा मैनुअल, ऐसे में हम इनका रॉल-ऑन एक्सलरेशन टेस्ट सही से नहीं कर पाए। हालांकि ये कहा जा सकता है कि इस मामले में पुरानी जीटी टीएसआई ज्यादा बेहतर थी। 20 से 80 किमी प्रति घंटा के एक्सलरेशन टेस्ट में यह नई पोलो के 30 से 80 किमी प्रति घंटा के टेस्ट में ज्यादा फुर्तिली साबित हुई।
ब्रेकिंग
100-0 किमी प्रति घंटा |
80-0 किमी प्रति घंटा |
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पोलो 1.0 टीएसआई |
40.26 मीटर |
25.97 मीटर |
पोलो 1.2 जीटी टीएसआई |
42.86 मीटर |
27.45 मीटर |
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नई पोलो की ब्रेकिंग क्षमता पुरानी पोलो 1.2 जीटी टीएसआई से ज्यादा बेहतर है। 100 की स्पीड पर ब्रेक लगाने पर जहां पुरानी पोलो 42.86 मीटर की दूरी पर जाकर रूकती थी वहीं नई पोलो 40.26 मीटर में ही रूक जाती है। इसी प्रकार 80 की स्पीड पर ब्रेक लगाने पर भी नई पोलो पहले से जल्दी रूकती है।
निष्कर्ष
नई पोलो में पहले से ज्यादा बेहतर इंजन दिया गया है, जिसका पावर आउटपुट भी पहले से ज्यादा अच्छा है। एक अच्छी बात ये है कि इसकी ब्रेकिंग क्षमता में भी पहले से ज्यादा सुधार हुआ है। फास्ट एक्सलरेशन के चलते आप इस कार से जल्दी ही दूसरे वाहन को ओवरटेक कर सकते हैं।
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सोनू
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Polo 1.2 TSI with the DSG gear box is far superior to drive and is quick n responsive during cornering and and during high speed.