मारुति सुजुकी ने भारत के कार बाजार के लिए बनाई नई रणनीति, जानिए इस प्लान में क्या है खास
संशोधित: मार्च 02, 2021 04:55 pm | स्तुति
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- सुजुकी ने 2021-2026 के लिए नए मिड-टर्म मैनेजमेंट प्लान की जानकारी साझा की है।
- कंपनी के इस प्लान में भारतीय बाजार में हिस्सेदारी बनाए रखना और इलेक्ट्रिफिकेशन को बढ़ावा देना शामिल हैं।
- मारुति सुजुकी एकमात्र कार कंपनी है जो हैचबैक्स, सेडान, एमपीवी और कॉम्पेक्ट एसयूवी में माइल्ड-हाइब्रिड टेक्नोलॉजी देती है।
- कंपनी ने ज्यादा बैटरी कॉस्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर में कमी के चलते मास मार्केट प्योर इलेक्ट्रिक कार को पेश करने में देरी की है।
- मारुति ने स्ट्रांग हाइब्रिड और प्योर ईवी को लॉन्च करने के लिए कोई निश्चित समयसीमा निर्धारित नहीं की है, लेकिन कंपनी निश्चित रूप से इस पर काम कर रही है।
सुजुकी ने 2021-2026 के लिए अपने नए मिड-टर्म प्लान की घोषणा कर दी है। इस प्लान में कंपनी ने अपने वैश्विक लक्ष्यों जैसे इमिशन को कम करना और क्वॉलिटी एश्योरेंस को सुधारने ध्यान दिया है। साथ ही सुजुकी ने कहा कि वह भारत में इलेक्ट्रिफिकेशन को बढ़ावा देगी और पैसेंजर कार सेगमेंट में 50 प्रतिशत से ज्यादा मार्केट पर अपना वर्चस्व बनाए रखेगी।
कंपनी का कहना है कि वह इलेक्ट्रिफिकेशन टेक्नोलॉजी को विकसित करना जारी रखेगी और 2025 से गाड़ियों में उसे देना लागू करेगी। अनुमान है कि कंपनी किफायती इलेक्ट्रिक कारें उसी दौरान लॉन्च कर सकती है।
अपनी कारों में माइल्ड हाइब्रिड सिस्टम पेश करने वाली मारुति पहली कार कंपनी थी। हाइब्रिड कार और प्योर ईवी के मुकाबले इसका माइल्ड हाइब्रिड सिस्टम ग्रीन मोबिलिटी की दिशा में एक छोटा कदम था। लेकिन, इसके माइल्ड हाइब्रिड सिस्टम ने ग्राहकों को ज्यादा माइलेज तो दिया ही साथ ही इनसे पॉल्यूशन भी काफी कम फैला। कंपनी की माइल्ड हाइब्रिड सिस्टम से लैस कारों ने यहां दूसरी कंपनियों की कारों को कड़ी से कड़ी चुनौती दी जो आज भी जारी है।
सुजुकी ने इस नई घोषणा के जरिए भारत में इलेक्ट्रिफाइड मॉडल के लिए अपने प्लान की पुष्टि की है। बता दें कि कंपनी ने ऑटो एक्सपो 2020 में स्विफ्ट हाइब्रिड को शोकेस किया था जिसमें 1.2-लीटर पेट्रोल इंजन के साथ इलेक्टिक मोटर भी दी गई थी। कंपनी का दावा है कि यह गाड़ी 32 किलोमीटर प्रति लीटर (जैपनीज़ टेस्ट साइकिल) का माइलेज देने में सक्षम है।
इसके अलावा कंपनी की ऑल-इलेक्ट्रिक वैगन आर को भी 2018 से टेस्टिंग के दौरान कई बार देखा जा चुका है। लेकिन, इस गाड़ी का निर्माण कार्य इंफ्रास्ट्रक्चर में कमी, महंगी ईवी बैटरी और कम गवर्नमेंट सपोर्ट के चलते फिलहाल होल्ड पर है।
महंगी बैटरी कॉस्ट की समस्या से निपटने के लिए मारुति सुजुकी ने तोशिबा और डेनसो के साथ एमओयू भी साइन किया है जिससे गुजरात में बैटरी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को सेटअप किया जा सके। मारुति की स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारों और मास मार्केट ईवी को लॉन्च होने में कई साल लगेंगे। लेकिन, अनुमान है कि कंपनी माइल्ड हाइब्रिड टेक्नोलॉजी का बेहतर वर्जन (यूरोप वाले 48 वोल्ट सिस्टम की तरह ही) यहां पेश कर सकती है जिससे बेहतर माइलेज मिलेगा और इमिशन भी कम होगा। वर्तमान में मारुति माइल्ड हाइब्रिड टेक्नोलॉजी अपनी बलेनो, विटारा ब्रेज़ा, अर्टिगा, एक्सएल6, एस-क्रॉस और सियाज़ कार के साथ देती है।
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