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मिट्टी में फंसी किया सेल्टोस को हुंडई क्रेटा ने किस तरह किया रेस्क्यू,देखिए इस वीडियो में

प्रकाशित: मार्च 09, 2021 04:38 pm । भानुहुंडई क्रेटा 2020-2024

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आपने किसी मिट्टी में फंसे वाहन को बाहर निकालने के लिए किसी दूसरे व्हीकल की मदद लेते जरूर देखा होगा। ऐसे व्हीकल्स को रेस्क्यू करने के लिए 4x4 ऑफ रोडर ही काम का साबित हो सकता है। हालांकि आप इस यूट्यूब वीडियो में फ्रंट व्हील ड्राइव​ सिस्टम के साथ आने वाली किया सेल्टोस को मिट्टी में धंसे हुए पाएंगे। सेल्टोस को ड्राइव कर रहे व्यक्ति ने कई बार उसे मिट्टी से निकालने के पुरजोर प्रयास किए मगर फिर भी सफलता हाथ नहीं लगी। बल्कि जितनी बार उसने कोशिश की कार उतनी ही अंदर धंसती चली गई। आखिरकार किया सेेल्टोस को इस संकट से बचाने के लिए काम में आई हुंडई क्रेटा। और ये सब कैसे हुआ इस वीडियो रिव्यू के जरिए हम आपको आगे बताएंगे। 

गोवा ट्रिप पर जा रहे अरुण पंवार नाम के व्लॉगर ने ये सारा मामला अपने कैमरे में कैद किया। यात्रा के दौरान पंवार और उनके दोस्त राजस्थान के श्रीमाधोपुर गांव पहुंचे। दोनों दोस्त क्रेटा और सेल्टोस से एकदूसरे रेसिंग लगाना चाहते थे मगर उन्हें यहां कोई अच्छा ट्रैक नहीं मिला। हालांकि इसके बाद उन्हें एक ऑफ रोडिंग ट्रैक मिला और फिर दोनों ने रेस शुरू करने का फैसला किया। 

अपने एक तीसरे दोस्त के खेत से गुजरते समय वहां सेल्टोस मिट्टी में फंस गई। गाड़ी को रिवर्स लेने के लिए ट्रैक्शन ज्यादा ना मिलने के चलते इसका व्हील अपनी ही जगह पर घुमता रहा और टायर अंदर और ज्यादा धंसने लगा। चूंकि हुंडई क्रेटा और किया सेल्टोस दोनों ही कारें फ्रंट व्हील ड्राइव सिस्टम से लैस हैं ऐसे में गाड़ी के केवल आगे वाले टायरों तक ही पावर पहुंचती है जबकि ऑल व्हील ड्राइव सिस्टम वाली कारों में हर टायर को इंजन की पावर मिलती है। इसके बाद दोनों ने सेल्टोस के आगे वाले टायरों के आसपास जमी मिट्टी को हटाने की कोशिश भी की मगर इसका भी उन्हें कोई फायदा नहीं मिला। एक समय तो उन्हें क्लच प्लेट से कुछ जलने की बू भी आने लगी। 

कोई चारा नहीं मिलने पर दोनों ने एक दूसरे के व्हीकल को टो करने का फैसला किया। क्रेट के रियर पर लगे टो हुक को सेल्टोस के टो हुक से जोड़ा गया। इसके बाद हल्का सा खींचने पर ही सेल्टोस मिट्टी के गड्ढे से बाहर निकल आई। 

बता दें कि किया सेल्टोस में काफी सारे इंजन और गियरबॉक्स के ऑप्शन दिए गए हैं। किया की इस एसयूवी कार में बीएस6 नॉर्म्स से लैस 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन, 1.4 लीटर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल और 1.5-लीटर डीजल इंजन दिए गए हैं। इस कार का 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन 115 पीएस की पावर और 144 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। वहीं, डीजल इंजन का आउटपुट फिगर 115 पीएस और 250 एनएम है। जबकि, इसका 1.4 लीटर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन 140 पीएस की पावर और 242 एनएम का टॉर्क देने में सक्षम है। यह इंजन केवल जीटी लाइन वेरिएंट्स के साथ मिलता है। इंजन अनुसार इसमें 6-स्पीड मैनुअल और कई सारे ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन का ऑप्शन रखा गया है। इसके डीजल इंजन के साथ 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर का विकल्प रखा गया है। वहीं, पेट्रोल इंजन के साथ सीवीटी और डीसीटी गियरबॉक्स उपलब्ध है। सेल्टोस के 1.4-लीटर टर्बो-पेट्रोल इंजन के साथ 6-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स और 7-स्पीड डीसीटी (ड्यूल-क्लच ट्रांसमिशन) का ऑप्शन दिया गया है। सका पेट्रोल-मैनुअल वेरिएंट 16.5 किलोमीटर प्रति लीटर और पेट्रोल-सीवीटी वेरिएंट 16.8 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देने में सक्षम है। वहीं, डीजल मैनुअल का माइलेज फिगर 21 किलोमीटर प्रति लीटर है, जबकि सेल्टोस का डीजल 6-स्पीड एटी वेरिएंट 18 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देता है। इसका 1.4-लीटर टर्बो पेट्रोल डीसीटी वेरिएंट 16.5 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देने में सक्षम है। वहीं, मैनुअल वेरिएंट 16.1 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देता है।  

यह भी पढ़ें:किया एसयूवीज पर कितना चल रहा है वेटिंग पीरियड, जानिए यहां

इसके ऑटोमैटिक वेरिएंट्स के साथ मल्टीपल ड्राइव मोड्स भी दिए गए हैं जो ऑफ रोडिंग के काम नहीं वरना ड्राइविंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने का काम करते हैं। जहां ईको मोड पर गाड़ी में जल्दी जल्दी​ गियर बदलने की प्रक्रिया को थोड़ा हल्का कर दिया जाता है तो वहीं स्पोर्ट मोड पर गाड़ी तुरंत रफ्तार भी पकड़ती है और तेज भागती है। किया सेल्टोस जैसी एसयूवी को आप ऑफ रोडिंग के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। यदि आप इसके साथ ये कोशिश करते भी हैं तो फिर खामियाजा भुगतने के लिए तैयार भी रहें और नीचे जो हम उपाय बताने जा रहे हैं उसपर अमल करें। 

यदि मिट्टी में कार फंस जाए तो कैसे करें बचाव?

यदि आपकी कार मिट्टी भरे गड्ढे में फंस जाए और उसे निकालने के लिए कोई दूसरा वाहन मौजूद ना हो तो फिर उसके लिए नीचे हमनें कुछ टिप्स दी है जिनसे आप अपना और गाड़ी का बचाव कर सकते हैं। 

टायरों को एक ही जगह पर ज्यादा ना घूमने दें

गाड़ी के मिट्टी में फंसने के बाद गाड़ी को ज्यादा एक्सलरेट ना करें। जैसा कि आपने इस वीडियो में देखा ज्यादा एक्सलरेट करने से टायर मिट्टी के अंदर और भी गहराई तक धंसता चला गया जिससे कार को बाहर निकालना ज्यादा मुश्किल काम बन गया। 

ट्रैक्शन जनरेट करें

सबसे पहला कदम आप ये उठाएं कि ऐसी ग्रिप बनाएं की टायर आगे की तरफ जा सके। इसके लिए आप कार्डबोर्ड,सपाट पट्टी,टावर या अपनी कार के ही कारमैट को भी उपयोग में ले सकते हैं। इसके बाद आप इनमें से एक चीज को टायर की उस दिशा में रखें जहां से आप उसे निकालना चाहते हैं या तो आगे या फिर पीछे। आप चाहें तो बाजार से ट्रैशन मैट्स भी खरीद सकते हैं जो ऐसी स्थिती में आपको और आप की गाड़ी को रेस्क्यू करने के बड़े काम आ सकती है। 

ऐसे स्थानों पर गाड़ी को मॉडरेट स्पीड पर रखें

कीचड़ और मिट्टी से भरे रास्तों पर गुजरते हुए यदि आप तेज स्पीड से गाड़ी दौड़ाएंगे तो आप उसपर से नियंत्रण खो सकते हैं। वहीं ज्यादा धीरे चलाने पर भी आप कीचड़ में धंस सकते हैं। ऐसे में गाड़ी को मॉडरेट या हल्की मध्यम स्पीड पर रखेंगे तो फंसने का डर ज्यादा नहीं रहेगा। ज्यादा ट्रैक्शन के लिए आप स्टीयरिंग को लेफ्ट राइट भी करते रहें। 

टायरों से हवा कम कर लें

मजबूत ग्रिप के लिए गाड़ी के टायरों में से थोड़ी हवा निकाल लें। हालांकि ऐसे फेज से निकल जाने के बाद अच्छे रास्ते पर आकर आप फिर से टायरों में हवा जरूर भरा लें। इसके लिए आप चाहे तो पोर्टेबल टायर इंफ्लेटर भी खरीद सकते हैं। 

खुरपा साथ रखें 

यदि आपकी कार कीचड़ या मिट्टी में फंस जाए तो मिट्टी हटाने के लिए खुरपे का इस्तेमाल करें। 

दूसरे व्हीकल्स की राह ना पकड़ें

मिट्टी या कीचड़ वाले स्थानों पर दूसरे व्हीकल्स के टायरों से बनने वाले निशान को पकड़कर रास्ता तय करने की भूल ना करें। भले ही वो व्हीकल सफलतापूर्वक वहां से निकल चुका हो,मगर उसके टायर मिट्टी को ढीला कर चुके होते हैं जिसके बाद यदि आप उस रास्ते से गुजरेंगे तो मिट्टी ​के धंसने का रिस्क बना रहता है। 

एकदम से कभी ब्रेक ना लगाएं और ना ही एक्सलरेट करें

ऐसे स्थानों पर अचानक से कभी ब्रेक ना लगाएं और ना ही एकदम से गाड़ी को एक्सलरेट करें। इससे आपकी गाड़ी के टायर फिसल सकते है जिसके बाद गाड़ी के पलटने की संभावना बनी रहती है। 

यह भी पढ़ें:हाई-स्पीड क्रैश टेस्ट में फोक्सवैगन पोलो ने ट्रैक्टर का कर डाला ऐसा हाल,देखें वीडियो

आपने किसी मिट्टी में फंसे वाहन को बाहर निकालने के लिए किसी दूसरे व्हीकल की मदद लेते जरूर देखा होगा। ऐसे व्हीकल्स को रेस्क्यू करने के लिए 4x4 ऑफ रोडर ही काम का साबित हो सकता है। हालांकि आप इस यूट्यूब वीडियो में फ्रंट व्हील ड्राइव​ सिस्टम के साथ आने वाली किया सेल्टोस को मिट्टी में धंसे हुए पाएंगे। सेल्टोस को ड्राइव कर रहे व्यक्ति ने कई बार उसे मिट्टी से निकालने के पुरजोर प्रयास किए मगर फिर भी सफलता हाथ नहीं लगी। बल्कि जितनी बार उसने कोशिश की कार उतनी ही अंदर धंसती चली गई। आखिरकार किया सेेल्टोस को इस संकट से बचाने के लिए काम में आई हुंडई क्रेटा। और ये सब कैसे हुआ इस वीडियो रिव्यू के जरिए हम आपको आगे बताएंगे। 

गोवा ट्रिप पर जा रहे अरुण पंवार नाम के व्लॉगर ने ये सारा मामला अपने कैमरे में कैद किया। यात्रा के दौरान पंवार और उनके दोस्त राजस्थान के श्रीमाधोपुर गांव पहुंचे। दोनों दोस्त क्रेटा और सेल्टोस से एकदूसरे रेसिंग लगाना चाहते थे मगर उन्हें यहां कोई अच्छा ट्रैक नहीं मिला। हालांकि इसके बाद उन्हें एक ऑफ रोडिंग ट्रैक मिला और फिर दोनों ने रेस शुरू करने का फैसला किया। 

अपने एक तीसरे दोस्त के खेत से गुजरते समय वहां सेल्टोस मिट्टी में फंस गई। गाड़ी को रिवर्स लेने के लिए ट्रैक्शन ज्यादा ना मिलने के चलते इसका व्हील अपनी ही जगह पर घुमता रहा और टायर अंदर और ज्यादा धंसने लगा। चूंकि हुंडई क्रेटा और किया सेल्टोस दोनों ही कारें फ्रंट व्हील ड्राइव सिस्टम से लैस हैं ऐसे में गाड़ी के केवल आगे वाले टायरों तक ही पावर पहुंचती है जबकि ऑल व्हील ड्राइव सिस्टम वाली कारों में हर टायर को इंजन की पावर मिलती है। इसके बाद दोनों ने सेल्टोस के आगे वाले टायरों के आसपास जमी मिट्टी को हटाने की कोशिश भी की मगर इसका भी उन्हें कोई फायदा नहीं मिला। एक समय तो उन्हें क्लच प्लेट से कुछ जलने की बू भी आने लगी। 

कोई चारा नहीं मिलने पर दोनों ने एक दूसरे के व्हीकल को टो करने का फैसला किया। क्रेट के रियर पर लगे टो हुक को सेल्टोस के टो हुक से जोड़ा गया। इसके बाद हल्का सा खींचने पर ही सेल्टोस मिट्टी के गड्ढे से बाहर निकल आई। 

बता दें कि किया सेल्टोस में काफी सारे इंजन और गियरबॉक्स के ऑप्शन दिए गए हैं। किया की इस एसयूवी कार में बीएस6 नॉर्म्स से लैस 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन, 1.4 लीटर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल और 1.5-लीटर डीजल इंजन दिए गए हैं। इस कार का 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन 115 पीएस की पावर और 144 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। वहीं, डीजल इंजन का आउटपुट फिगर 115 पीएस और 250 एनएम है। जबकि, इसका 1.4 लीटर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन 140 पीएस की पावर और 242 एनएम का टॉर्क देने में सक्षम है। यह इंजन केवल जीटी लाइन वेरिएंट्स के साथ मिलता है। इंजन अनुसार इसमें 6-स्पीड मैनुअल और कई सारे ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन का ऑप्शन रखा गया है। इसके डीजल इंजन के साथ 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर का विकल्प रखा गया है। वहीं, पेट्रोल इंजन के साथ सीवीटी और डीसीटी गियरबॉक्स उपलब्ध है। सेल्टोस के 1.4-लीटर टर्बो-पेट्रोल इंजन के साथ 6-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स और 7-स्पीड डीसीटी (ड्यूल-क्लच ट्रांसमिशन) का ऑप्शन दिया गया है। सका पेट्रोल-मैनुअल वेरिएंट 16.5 किलोमीटर प्रति लीटर और पेट्रोल-सीवीटी वेरिएंट 16.8 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देने में सक्षम है। वहीं, डीजल मैनुअल का माइलेज फिगर 21 किलोमीटर प्रति लीटर है, जबकि सेल्टोस का डीजल 6-स्पीड एटी वेरिएंट 18 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देता है। इसका 1.4-लीटर टर्बो पेट्रोल डीसीटी वेरिएंट 16.5 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देने में सक्षम है। वहीं, मैनुअल वेरिएंट 16.1 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देता है।  

यह भी पढ़ें:किया एसयूवीज पर कितना चल रहा है वेटिंग पीरियड, जानिए यहां

इसके ऑटोमैटिक वेरिएंट्स के साथ मल्टीपल ड्राइव मोड्स भी दिए गए हैं जो ऑफ रोडिंग के काम नहीं वरना ड्राइविंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने का काम करते हैं। जहां ईको मोड पर गाड़ी में जल्दी जल्दी​ गियर बदलने की प्रक्रिया को थोड़ा हल्का कर दिया जाता है तो वहीं स्पोर्ट मोड पर गाड़ी तुरंत रफ्तार भी पकड़ती है और तेज भागती है। किया सेल्टोस जैसी एसयूवी को आप ऑफ रोडिंग के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। यदि आप इसके साथ ये कोशिश करते भी हैं तो फिर खामियाजा भुगतने के लिए तैयार भी रहें और नीचे जो हम उपाय बताने जा रहे हैं उसपर अमल करें। 

यदि मिट्टी में कार फंस जाए तो कैसे करें बचाव?

यदि आपकी कार मिट्टी भरे गड्ढे में फंस जाए और उसे निकालने के लिए कोई दूसरा वाहन मौजूद ना हो तो फिर उसके लिए नीचे हमनें कुछ टिप्स दी है जिनसे आप अपना और गाड़ी का बचाव कर सकते हैं। 

टायरों को एक ही जगह पर ज्यादा ना घूमने दें

गाड़ी के मिट्टी में फंसने के बाद गाड़ी को ज्यादा एक्सलरेट ना करें। जैसा कि आपने इस वीडियो में देखा ज्यादा एक्सलरेट करने से टायर मिट्टी के अंदर और भी गहराई तक धंसता चला गया जिससे कार को बाहर निकालना ज्यादा मुश्किल काम बन गया। 

ट्रैक्शन जनरेट करें

सबसे पहला कदम आप ये उठाएं कि ऐसी ग्रिप बनाएं की टायर आगे की तरफ जा सके। इसके लिए आप कार्डबोर्ड,सपाट पट्टी,टावर या अपनी कार के ही कारमैट को भी उपयोग में ले सकते हैं। इसके बाद आप इनमें से एक चीज को टायर की उस दिशा में रखें जहां से आप उसे निकालना चाहते हैं या तो आगे या फिर पीछे। आप चाहें तो बाजार से ट्रैशन मैट्स भी खरीद सकते हैं जो ऐसी स्थिती में आपको और आप की गाड़ी को रेस्क्यू करने के बड़े काम आ सकती है। 

ऐसे स्थानों पर गाड़ी को मॉडरेट स्पीड पर रखें

कीचड़ और मिट्टी से भरे रास्तों पर गुजरते हुए यदि आप तेज स्पीड से गाड़ी दौड़ाएंगे तो आप उसपर से नियंत्रण खो सकते हैं। वहीं ज्यादा धीरे चलाने पर भी आप कीचड़ में धंस सकते हैं। ऐसे में गाड़ी को मॉडरेट या हल्की मध्यम स्पीड पर रखेंगे तो फंसने का डर ज्यादा नहीं रहेगा। ज्यादा ट्रैक्शन के लिए आप स्टीयरिंग को लेफ्ट राइट भी करते रहें। 

टायरों से हवा कम कर लें

मजबूत ग्रिप के लिए गाड़ी के टायरों में से थोड़ी हवा निकाल लें। हालांकि ऐसे फेज से निकल जाने के बाद अच्छे रास्ते पर आकर आप फिर से टायरों में हवा जरूर भरा लें। इसके लिए आप चाहे तो पोर्टेबल टायर इंफ्लेटर भी खरीद सकते हैं। 

खुरपा साथ रखें 

यदि आपकी कार कीचड़ या मिट्टी में फंस जाए तो मिट्टी हटाने के लिए खुरपे का इस्तेमाल करें। 

दूसरे व्हीकल्स की राह ना पकड़ें

मिट्टी या कीचड़ वाले स्थानों पर दूसरे व्हीकल्स के टायरों से बनने वाले निशान को पकड़कर रास्ता तय करने की भूल ना करें। भले ही वो व्हीकल सफलतापूर्वक वहां से निकल चुका हो,मगर उसके टायर मिट्टी को ढीला कर चुके होते हैं जिसके बाद यदि आप उस रास्ते से गुजरेंगे तो मिट्टी ​के धंसने का रिस्क बना रहता है। 

एकदम से कभी ब्रेक ना लगाएं और ना ही एक्सलरेट करें

ऐसे स्थानों पर अचानक से कभी ब्रेक ना लगाएं और ना ही एकदम से गाड़ी को एक्सलरेट करें। इससे आपकी गाड़ी के टायर फिसल सकते है जिसके बाद गाड़ी के पलटने की संभावना बनी रहती है। 

यह भी पढ़ें:हाई-स्पीड क्रैश टेस्ट में फोक्सवैगन पोलो ने ट्रैक्टर का कर डाला ऐसा हाल,देखें वीडियो

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1 कमेंट
1
M
manikandan soma
Mar 17, 2021, 10:17:50 AM

Awesome. Informative, Thanks!

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