फेस्टिवल सीजन शुरू होने से पहले ही ऑटो सेक्टर ने पकड़ी रफ्तार, अगस्त में कारों को मिली बंपर डिमांड
संशोधित: सितंबर 03, 2020 12:25 pm | cardekho
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भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री राष्ट्रीयव्यापी लॉकडाउन के बाद से ना सिर्फ रिकवर कर रही है, बल्कि फेस्टिव सीजन शुरू होने से पहले इसने अच्छी-खासी रफ्तार पकड़ ली है। हाल ही में ऑटो कंपनियों ने अगस्त 2020 की सेल्स रिपोर्ट जारी कर दी है, जिसमें अधिकतर मैन्युफक्चरर्स का कहना है कि नई कारों के लॉन्च और मॉडल अपडेट्स के बाद उनकी सेल्स ग्रोथ में वृद्धि हुई है। यहां देखें ब्रांड वाइज अगस्त माह के सेल्स आंकड़े:-
अगस्त 2020 |
अगस्त 2019 |
जुलाई 2020 |
सालाना मार्केट शेयर (%) |
मासिक शेयर (%) |
|
मारुति |
1,13,033 |
93,173 |
97,768 |
20.2% |
15.6% |
हुंडई |
45,809 |
38,205 |
38,200 |
19.9% |
19.9% |
टाटा |
18,583 |
7,316 |
15,012 |
154% |
23.7% |
महिंद्रा |
13,651 |
13,147 |
10,904 |
3.8% |
25.1% |
किया |
10,853 |
6,236 |
8,502 |
74% |
27.6% |
रेनो |
8,060 |
5,704 |
6,422 |
41.3% |
25.5% |
होंडा |
7,509 |
8,291 |
5,383 |
-9.4% |
39.4% |
टोयोटा |
5,555 |
10,701 |
5,386 |
-48% |
3.1% |
फोर्ड |
4,731 |
5,517 |
3,937 |
-14.2% |
20.1% |
एमजी |
2,851 |
2,018 |
2,105 |
41.2% |
35.4% |
फोक्सवैगन |
1,470 |
2,306 |
1,887 |
-36.2% |
-22% |
स्कोडा |
1,003 |
1,164 |
922 |
-13.8% |
8.7% |
निसान |
800 |
1,413 |
784 |
-43.3% |
2% |
फिएट/जीप |
468 |
609 |
400 |
-23.1% |
17% |
कुल |
2,34,376 |
1,95,800 |
1,97,612 |
19.7% |
18.6% |
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- टाटा की मांग अगस्त 2019 से लेकर अब तक सबसे ज्यादा बढ़ी है। इसका श्रेय प्रीमियम हैचबैक अल्ट्रोज़ की लॉन्चिंग और अपडेटेड नेक्सन सब-4 मीटर एसयूवी को दिया जा सकता है। इस घरेलू कार निर्माता ने सालाना सेल्स में 150 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की है।
- मारुति का मासिक सेल्स फिगर हमेशा की तरह पिछले महीने भी सबसे ज्यादा रहा। अगस्त 2020 में कंपनी करीब 1 लाख से ज्यादा यूनिट्स को बेचने में सक्षम रही। मारुति की कारों की डिमांड में गिरावट डीजल ऑप्शन बंद होने के बाद से देखने को मिली है। कंपनी की सालाना वृद्धि 20 प्रतिशत से ज्यादा की दर्ज की गई है।
- हुंडई की सालाना ग्रोथ रेट मारुति से लगभग मिलती-जुलती है। लेकिन, अगस्त 2020 माह में इसकी कुल सेल मारुति से आधी दर्ज की गई। मॉडल अपडेट्स के साथ यह कंपनी अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को बढ़ाने में जुटी हुई है। हुंडई की साल-दर-साल बिक्री में 19.9% की बढ़ोतरी हुई है।
- महिंद्रा को 4 प्रतिशत से कम की साल-दर-साल बढ़ोतरी के साथ एक ठीक ठाक कहे जा सकने वाले आंकड़े प्राप्त हो रहे हैं। अनुमान है कि नई जनरेशन की थार के लॉन्च के साथ ब्रांड के मासिक आंकड़ों में 2020 के अंत तक अच्छी-खासी वृद्धि देखने को मिल सकती है।
- केवल एक साल में ही किया के सेल्स फिगर में 74 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसका श्रेय सेल्टोस एसयूवी को दिया जा सकता है। सेल्टोस के लॉन्च के बाद से कंपनी की नई कार केवल प्रीमियम एमपीवी कार्निवल रही है। लेकिन, अब इस माह के अंत तक सब-4 मीटर एसयूवी सॉनेट के लॉन्च के साथ कंपनी के सेल्स आंकड़ों में अच्छा-ख़ासा उछाल देखने को मिल सकता है।
- सालाना सेल्स आंकड़ों के मामले में रेनो और निसान के परिणाम एक दूसरे से एकदम विपरीत रहे हैं। ट्राइबर की अच्छी खासी सफलता के चलते रेनो ने अपने सेल्स आंकड़ों में 40 परसेंट की वृद्धि दर्ज की है, वहीं अगस्त 2019 के मुकाबले अगस्त 2020 में निसान के सेल्स फिगर में लगभग 40 परसेंट की गिरावट देखने को मिली है।
- एमजी इंडिया की सालाना बिक्री भी 40 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी है। एमजी ने कुछ समय पहले ही अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में जेडएस ईवी और हेक्टर प्लस को शामिल किया है। एमजी की मासिक सेल्स 3000 यूनिट के भीतर है।
- होंडा की मासिक सेल्स में अच्छी रिकवरी देखने को मिली है, हालांकि अगस्त 2019 के मुकाबले इसकी बिक्री करीब 10 प्रतिशत कम हुई है। होंडा ने अपनी सभी मास मार्केट कारों को बीएस6 नॉर्म्स पर अपग्रेड कर दिया है।
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- टोयोटा अपने पुराने बिक्री के आंकड़ों को छूने में अभी भी काफी पीछे है। अगस्त 2020 में टोयोटा ने अगस्त 2019 की तुलना में करीब 50 प्रतिशत कम गाड़ियां बेची। टोयोटा को कम बिक्री मिलने की एक वजह ये भी हो सकती है कि कंपनी के इटियॉस हैचबैक और सेडान जैसे अफोर्डेबल मॉडल अब बंद हो चुके हैं। हालांकि टोयोटा की अपकमिंग अर्बन क्रूजर से कंपनी को काफी उम्मीदे हैं।
- फोर्ड की मासिक सेल्स भी बढ़ी है, लेकिन सालाना सेल्स ग्रोथ अभी भी 14 प्रतिशत कम है।
- जीप की सेल्स रिपोर्ट में कोई ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। अगस्त 2019 में जीप की 400 कारें बिकी थी जबकि इस बार 468 यूनिट। इस हिसाब से इसकी मासिक ग्रोथ 17 प्रतिशत बढ़ी है जबकि सालाना सेल्स ग्रोथ 23 प्रतिशत कम है।
- इस लिस्ट में फोक्सवैगन एकमात्र कंपनी है जिसकी मासिक और सालाना दोनों सेल्स ग्रोथ में कमी आई है।
- फोक्सवैगन के स्कोडा ब्रांड की मासिक सेल्स ग्रोथ में इजाफा देखा गया है, हालांकि सालाना सेल्स ग्रोथ इसकी भी कम हुई है। स्कोडा की सालाना सेल्स में 14 प्रतिशत के करीब कमी आई है।
कुल मिलाकर ऑटो इंडस्ट्री की सालाना डिमांड 19 प्रतिशत तक बढ़ी है। कहा जा रहा है कि फेस्टिव सीजन में कंपनियों की बिक्री और भी ज्यादा बढ़ेगी।
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