Login or Register for best CarDekho experience
Login

ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल फीचर कारों में कितना है जरूरी, डालिए इसकी खूबियों और खामियों पर एक नजर

संशोधित: सितंबर 14, 2020 03:43 pm | स्तुति

ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल इन दिनों कारों में स्टैंडर्ड फीचर के तौर पर दिया जाने लगा है, लेकिन बहुत कम लोग ही इसकी फंक्शनिंग से वाकिफ हैं। इस फीचर ने कार में ट्रेवल करने वाले पैसेंजर्स की ज़िंदगी को बेहद कम्फर्टेबल व आरामदायक बना दिया गया है। लेकिन, यदि आप सावधानी नहीं रखेंगे और चीज़ों को हल्के में लेंगे तो ऐसे में आपको इस फीचर से नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। यहां हमने ऑटोमैटिक क्लाइमेट फीचर की खूबियों व खामियों का जिक्र किया है, तो चलिए जानते हैं कि यह फीचर कारों के लिए कितना है जरूरी:-

खासियतें :

कम्फर्ट

मैनुअल एयर कंडीशन सिस्टम से लैस कार में एसी को मैनुअली ऑपरेट किया जाता है। इसकी ब्लोअर स्पीड और टेम्प्रेचर सेटिंग को भी अपने अनुसार कंट्रोल करना पड़ता है। वहीं, जब बात ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल फीचर की हो तो चीज़ें बेहद कम्फर्टेबल व आसान हो जाती हैं। चाहे बाहर का तापमान कैसा भी हो, आपके केबिन का टेम्प्रेचर उसी लेवल पर सेट रहता है जिस पर आपने सेट किया हो। इसमें दिए गए ऑनबोर्ड सेंसर्स एम्बिएंट टेम्प्रेचर और बाहर की नमी के अनुसार हॉट और कूल केबिन एयर को रेगुलेट कर देते हैं जिससे कि आपके द्वारा केबिन में सेट किए गए लेवल को मैच किया जा सके।

यहां तक कि कुछ प्रीमियम कारों में सूरज की किरणों और उसकी तेजी के हिसाब से टेंपरेचर अपने आप बैलेंस हो जाता है। इससे आपको मौसम की लगातार बदलती परिस्थिति से एसी नॉब से टेंपरेचर सेट करने से निजात मिलती है। कुछ मैन्यूफैक्चरर्स इसे अपने ब्रांड से जोड़ते हुए अपना नाम दे देते हैं। उदाहरण के तौर पर मर्सिडीज बेंज ने इसे थर्मोट्रॉनिक्स नाम दिया है, तो वहीं फोक्सवैगन ने क्लामेट्रॉनिक नाम ​दे रखा है।

यह भी पढ़ें : इन 5 तरीकों से बनाएं अपनी पुरानी कार को मॉडर्न

कनेक्टेड टेक्नोलॉजी

ऑटोमैटिक एसी यूनिट केवल एक फीचर ही नहीं है, बल्कि आपको कार में ज्यादा कम्फर्ट देने वाला एक अहम हिस्सा है। उदहारण के तौर पर हुंडई वेन्यू और किया सेल्टोस जैसी कनेक्टेड कारें ना सिर्फ इंजन बल्कि एयर कंडीशनिंग सिस्टम को भी रिमोटली टॉगल करने में मदद करती है। यदि आपकी कार धूप में पार्क करते समय फर्नेस में बदल गई है, तो ऐसे में ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम के जरिये कार के केबिन को दूर से ही ठंडा किया जा सकता है।

एयर प्यूरीफायर व परफ्यूम

कुछ साल पहले तक बिल्ट इन परफ्यूम डिफ्यूज़र से लैस एयर कंडीशनिंग सिस्टम महंगी कारों (जैसे बीएमडब्ल्यू 7-सीरीज, मर्सिडीज़ बेंज एस-क्लास) में ही दिया जाता था। लेकिन, अब किया ने यह फीचर पिछले साल लॉन्च हुई अपनी सेल्टोस कार में भी शामिल कर दिया है।

चूंकि पूरे देशभर में बेसिक एयर क्वॉलिटी काफी प्रभावित होने लगी है, ऐसे में परफ्यूम डिफ्यूज़र अब कारों में एक नए फीचर के तौर पर दिया जाने लगा है। एयर प्यूरीफायर ना सिर्फ घरों बल्कि कारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो गए हैं। एमजी ज़ेडएस ईवी, हुंडई वेन्यू व क्रेटा, किया सेल्टोस और सॉनेट जैसी कारों में फैक्ट्री फिटेड फ्रेग्नेंट एयर प्यूरीफायर दिए गए हैं। इसके लिए आपको एयर फ़िल्टर को बार-बार बदलने या फिर साफ़ करने की जरूरत भी नहीं पड़ती।

आप अपनी कार के लिए मार्केट से एयर प्यूरीफायर या फिर परफ्यूम डिफ्यूज़र भी खरीद सकते हैं। लेकिन, वह फैक्ट्री फिटेड एयर प्यूरीफायर या फिर परफ्यूम डिफ्यूज़र के मुकाबले इतने ज्यादा दमदार नहीं होंगे।

मल्टी ज़ोन क्लाइमेट कंट्रोल

अधिकतर कारों में इन दिनों सिंगल-ज़ोन क्लाइमेट कंट्रोल दिया जाता है जो पूरे केबिन के तापमान को एक जैसा रखने के काम आता है। लेकिन, जैसे ही कार की कीमतें बढ़ती हैं तो ऐसे में आपको दो, तीन या फिर चार-जोन यूनिट्स भी मिल सकती हैं। बीएमडब्ल्यू एक्स7 और मर्सिडीज़ बेंज जीएलएस जैसी बड़ी व लग्ज़री एसयूवी में फाइव-ज़ोन क्लाइमेट कंट्रोल यूनिट दी गई हैं। यह कारें पैसेंजर्स को कुल्लू व केरला जैसे शहरों के तापमान का अहसास दिलाने में मदद करती है। भारत में महिंद्रा एक्सयूवी300 एसयूवी ट्विन-ज़ोन क्लाइमेट कंट्रोल के साथ सबसे ज्यादा अफोर्डेबल कार है।

यह भी पढ़ें : कार को चोरी होने से बचाना चाहते हैं तो फॉलो करें ये पांच टिप्स

कमियां:-

इस्तेमाल करने में थोड़े मुश्किल

क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम ऑपरेट करने में काफी सिंपल होते हैं, लेकिन ज्यादा बटन व डायल्स के चलते कुछ यूज़र्स के लिए इसे ऑपरेट करना मुश्किल हो सकता है। हां, आप इससे परिचित हो जाएंगे लेकिन इसमें थोड़ा समय लग सकता है।

मल्टी-ज़ोन क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम में भी कई सारे बटन दिए जाते हैं जिन्हे समझने में पैसेंजर्स को कुछ समय लग सकता है। चूंकि मल्टी-ज़ोन क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम में हवा होती है, ऐसे में संभव है कि यह केबिन के अंदर मिक्स हो जाए।

सही करवाना महंगा सौदा

यदि मैनुअल एसी के अंदर कुछ खराबी हो जाती है तो ऐसे में सबसे ज्यादा कम्प्रेसर या कंडेंसर को फिक्स करवाने की जरूरत पड़ती है। वहीं, अगर ऑटोमैटिक क्लाइमेट सेंसर्स और इलेक्ट्रॉनिक में कुछ गड़बड़ी हो जाती है तो इसे ठीक करवाने के लिए भारी शुल्क देना पड़ सकता है।

निष्कर्ष

यह एक जरूरी फीचर नहीं है। ऐसे में हम आपको उस वेरिएंट के लिए बजट बढ़ाने की सलाह नहीं देंगे जिसका सबसे महत्वपूर्ण फीचर क्लाइमेट कंट्रोल हो। यदि क्लाइमेट कंट्रोल कुछ अतिरिक्त फीचर्स के साथ आए तो ऐसे में इसे जरूर लगवाया जा सकता है।

कारों में मिलने वाले ऐसे कई फीचर्स के बारे में हम आप तक अलग अलग स्टोरीज़ पहुंचाते रहेंगे। यदि आपके दिमाग में भी ऐसे किसी फीचर्स के बारे में जानने की इच्छा है तो कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं

यह भी पढ़ें : क्या क्रूज़ कंट्रोल का फीचर आपके लिए है बेहद जरूरी?

द्वारा प्रकाशित

स्तुति

  • 3643 व्यूज़
  • 0 कमेंट्स

Write your कमेंट

S
sudhir pai
Sep 14, 2020, 8:22:10 PM

Wireless phone charging feature

Read Full News

ट्रेंडिंगकारें

  • लेटेस्ट
  • अपकमिंग
  • पॉपुलर
इलेक्ट्रिक
फेसलिफ्ट
Rs.67.65 - 71.65 लाख*
फेसलिफ्ट
नई दिल्ली में *एक्स-शोरूम कीमत