क्या क्रूज़ कंट्रोल का फीचर आपके लिए है बेहद जरूरी? जानिए यहां

प्रकाशित: सितंबर 14, 2020 02:56 pm । भानु

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काफी समय पहले तक 15 लाख रुपये से सस्ती कारों में क्रूज कंट्रोल का फीचर नहीं मिला करता था। लेकिन अब ये फीचर 10 लाख रुपये से सस्ती कार में भी मिल जाता है। हालांकि कंपनियां इसे केवल कारोंं के टॉप मॉडल तक ही सीमित रखती है। तो ऐसे में क्या ये फीचर गाड़ी में इतना जरूरी है कि आपको इसके लिए टॉप मॉडल खरीदने की जरूरत पड़े? ऐसे में नजर डालते हैं इस फीचर की खूबियों और खामियों पर: 

खूबियां

1) आपके पैरों को मिलता है आराम 

क्रूज़ कंट्रोल फीचर का मुख्य काम कार को बैलेंस्ड थ्रॉटल पर रखना होता है जिससे आप अपने पैरों को आराम दे सकें। ये हाईवे पर काफी काम आता है, जहां गाड़ी एक कॉन्सटेंट स्पीड पर दौड़ती है। 

2) फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ाता है 

कॉन्सटेंट थ्रॉटल से एक फायदा ये भी होता है कि इंजन पर ज्यादा जोर नहीं पड़ता है। टेक्निकल भाषा में बोले तो इंजन कॉन्सटेंट आरपीएम पर काम करता है जिससे फ्यूल कम खर्च होता है। क्रूज कंट्रोल के फीचर से हाईवे पर गाड़ी की फ्यूल एफिशिएंसी 10 से 15 परसेंट बढ़ जाती है। 

3)स्पीड पर रहता है कंट्रोल

कई लोग नॉर्मल स्पीड पर गाड़ी ड्राइव करना पसंद करते हैं। मगर जब रोड चौड़ी हो और विजिबिलिटी अच्छी हो तो आप स्पीड बढ़ा लेते हैं। यहां तक कि कभी कभी ड्राइवर को इस बारे में स्पीडोमीटर देखने के बाद ही पता चलता है। हालांकि ज्यादा स्पीड के दौरान रोड की कंडीशन बदल जाने पर उसके हिसाब से स्पीड मेंटेन करने के लिए काफी कम समय मिलता है। मगर क्रूज कंट्रोल के रहते आप एक तय स्पीड से ऊपर नहीं जा सकते हैं। इसलिए एक स्पीड लिमिट तय कीजिए और बाकी का काम क्रूज कंट्रोल पर छोड़ दीजिए। 

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4. बटन से ही स्पीड बढ़ाने घटाने की मिलती है सहूलियत

वैसे तो स्पीड बढ़ाने के लिए एक्सलरेटर का इस्तेमाल किया जाता है और ब्रेक दबाने से स्पीड कम होती है। मगर क्रूज कंट्रोल पर दिए गए बटन से भी ये काम किए जा सकते हैं। हालांकि इनका इस्तेमाल करने से पहले इनके काम करने के तरीकों के बारे में अच्छी तरह से जान लें। हमारी राय में आप किसी सुरक्षित जगह पर ही इन बटनों के इस्तेमाल करने की प्रैक्टिस करें। 

5) ऑटोमैटिक गाड़ियों में ज्यादा अच्छे से काम करता है ये फंक्शन

क्रूज कंट्रोल का फीचर एक्सलरेशन देने का काम करता है, वहीं अगर किसी कार में ऑटोमैटिक गियरबॉक्स लगा हो तो गियर चेंज करने की भी चिंता नहीं रहती है और क्रूज कंट्रोल के रहते स्पीड बढ़ने या कम होने पर गियर बदलते रहते हैं। इसका मतलब साफ है ड्राइवर को केवल  गाड़ी का स्टीयरिंग व्हील ही संभालना है बाकि काम ये गाड़ी में दिए गए सिस्टम कर लेंगे। 

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कमियां

1) लंबे रास्तों पर ज्यादा देर तक नहीं किया जा सकता है इस्तेमाल

क्रूज कंट्रोल का फीचर लंबी और चौड़ी सड़कों पर ज्यादा काम में आता है, जहां ड्राइवर को थोड़े ध्यान से गाड़ी चलानी पड़ती है। भारत में काफी अच्छे हाइवे मौजूद हैं मगर कुछ ड्राइवर उसपर चलने के नियमों को तोड़ देते हैं जिससे दूसरों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चूंकि हमारी सड़कों पर आवारा पशु काफी आसानी से घुमते हुए पाए जा सकते हैं, ऐसे में क्रूज़ कंट्रोल के फीचर को लंबे समय तक ऑन नहीं रखा जा सकता है। 

2)अचानक से ब्रेक नहीं लगा सकते 

जैसा कि हमने ऊपर भी बताया सड़क पर कोई बाधा आने पर हम अचानक से ब्रेक लगाते हैं। यदि आप क्रूज़ कंट्रोल को उपयोग में नहीं ले रहे हैं तो आपको ब्रेक लगाने के लिए एक्सलरेटर से पांव उठाकर ब्रेक पैडल पर रखना होता है। वहीं जब आप क्रूज कंट्रोल इस्तेमाल कर रहे हों तब आपके पैर आराम ही कर रहे होते हैं जिसके बाद आप एकदम से ब्रेक नहीं लगा पाते हैं। जितने समय में आप ब्रेक लगाते हैं उतनी देर में आप किसी मुश्किल में पड़ सकते हैं। 

3)ड्राइविंग के दौरान आपको आलसी बना देता है 

सफर के दौरान लंबे समय तक क्रूज कंट्रोल का इस्तेमाल आपको आलसी बना देता है। लिहाजा आपके अंदर अलर्टनैस लेवल कम हो जाता है जो आपको मुश्किल में डाल सकता है। ऐसे में हमारी सलाह ये रहेगी कि हर 10 से 15 मिनट के अंतराल पर क्रूज कंट्रोल को ऑफ करके कार को मैनुअल मोड पर ही चलाएं। 

4)रात में ज्यादा यूज़फुल नहीं

रात में अच्छी विजिबिलि​टी नहीं मिलने के कारण क्रूज कंट्रोल का इस्तेमाल ना के बराबर ही किया जा सकता है। यहां तक कि जिन एरिया में स्ट्रीट लाइट्स होती है वहां भी आप ज्यादा दूरी तक देख नहीं सकते हैं। ऐसे में आप रात के वक्त क्रूज कंट्रोल ऑन कर भी दें तो भी आपके अंदर घबराहट रहेगी ही। ये बात ना सिर्फ अनजान रास्तों के लिए लागू होती है बल्कि आपको अपने डेली रूट पर भी इसका ध्यान रखना होगा। 

5)मैनुअल गियरबॉक्स के रहते इसका इस्तेमाल उतना खास नहीं रहता 

मैनुअल गियरबॉक्स से लैस कार में आपको खुद से गियर बदलने होते हैं। चूंकि क्रूज कंट्रोल का फीचर एक्सलरेशन और डिस्लरेशन का काम अपने आप करता है फिर भी आपको इंजन को एक सही आरपीएम रेंज में रखने के लिए गियर अपने आप बदलने होते हैं। ऐसे में स्पीड कम करना या उसे बढ़ाना आपके लिए थोड़ा कठिन बन जाता है। 

निष्कर्ष

क्रूज कंट्रोल का फीचर उनके लिए ज्यादा सहूलियत से भरा होगा जो अक्सर हाईवे पर गाड़ी से चलते हैं। उनको लंबे सफर के दौरान ये काफी कंफर्ट पहुंचता है। वहीं यदि आप ज्यादातर सिटी में ही गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं तो फिर इस फीचर के लिए एक्सट्रा पैसा खर्च करने का कोई मतलब नहीं है। 

कारों में मिलने वाले ऐसे कई फीचर्स के बारे में हम आप तक अलग अलग स्टोरीज़ पहुंचाते रहेंगे। यदि आपके दिमाग में भी ऐसे किसी फीचर्स के बारे में जानने की इच्छा है तो कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं।

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