क्या एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले एक जरूरी फीचर है, जानिए यहां

प्रकाशित: मई 17, 2021 06:30 pm । स्तुति

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कुछ साल पहले तक एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले कनेक्टिविटी से लैस टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम केवल प्रीमियम और लग्ज़री कारों में ही दिया जाता था। लेकिन, अब यह बजट मॉडल्स जैसे मारुति ऑल्टो और डैटसन रेडी-गो में भी मिलने लगा है। लेकिन, हां इसके लिए आपको टॉप वेरिएंट जरूर चुनना होगा। 

अगर आप कार के लोअर वेरिएंट्स खरीदना चाहते हैं तो भी आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। अब एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले  आफ्टरमार्केट कार इंफोटेनमेंट या फिर स्टीरियो सिस्टम के साथ भी उपलब्ध है।  

चलिए जानते हैं एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले कैसे करता है काम :-

एंड्रॉइड ऑटो गूगल द्वारा तैयार किया गया एक मोबाइल सॉफ्टवेयर है जो कार के टचस्क्रीन सिस्टम पर एंड्रॉइड डिवाइस के फीचर्स को दिखाने में सक्षम है। यह कार के डैशबोर्ड के डिस्प्ले सेटिंग के जरिए फोन के एप्स, मेसेज, नोटिफिकेशन, म्यूज़िक और मैप्स को एक्सेस करने में मदद करता है।  

यह एकदम सुरक्षित व कम्फर्टेबल ऑप्शन है। एप्पल कारप्ले भी यही सभी फंक्शन्स परफॉर्म करने में सक्षम है। हालांकि, एंड्रॉइड ऑटो और  एप्पल कारप्ले के बीच अंतर केवल इतना है कि इसे एप्पल द्वारा डिज़ाइन किया गया है।   

खासियतें :

  • फोन जैसा इंटरफेस

एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले दोनों का लेआउट एकदम स्मार्टफोन एक जैसा है। इसमें एक जैसे फॉन्ट और आइकन मिलते हैं। इसे आसानी से इस्तेमाल भी किया जा सकता है।  

अलग-अलग खूबियां 

कार के टचस्क्रीन सिस्टम में म्यूज़िक व नेविगेशन के लिए कई सारी एप्लीकेशंस मिल पाती हैं, एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले इन सभी एप्लीकेशंस का इस्तेमाल करना बेहद आसान बना देता है। उदहारण के तौर पर फोन की बजाए (या फिर इनबिल्ट प्लेयर) अब कार के डिस्प्ले के जरिए स्पॉटीफाई और यूट्यूब म्यूज़िक का आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे में अब यूज़र्स को चॉइस करने का ऑप्शन मिल पाता है।  

प्रो टिप : यदि आप नेविगेशन का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो ऐसे में हम आपको कार में दिए गए मैप्स की बजाए गूगल मैप्स को चुनने की सलाह देंगे। इसकी वजह यह है कि गूगल मैप्स ज्यादा बेहतर ऑप्शन है और यह इस्तेमाल करने में भी काफी आसान है। 

  • वॉइस कंट्रोल का इस्तेमाल 

एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले का सबसे बेस्ट फीचर यह है कि इसके जरिये अलग-अलग फंक्शन्स को ऑपरेट के लिए वॉइस कमांड का इस्तेमाल किया जा सकता है।  

कमियां 

लो नेटवर्क कनेक्टिविटी एरिया में अच्छा रिस्पांस नहीं देता

  • एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले के जरिये यूज़र्स को एक अच्छा-ख़ासा एक्सपीरिएंस मिल पाता है, लेकिन इसके लिए दमदार कनेक्शन का होना बेहद जरूरी है। यह लो नेटवर्क कनेक्टिविटी एरिया में इतने अच्छे से फंक्शन नहीं करते हैं।  

  • यदि आपका इंटरनेट कनेक्शन स्लो है तो ऐसे में आप म्यूज़िक ऑनलाइन सही से नहीं सुन सकेंगे और ना ही वॉइस कमांड का इस्तेमाल कर सकेंगे। 

फोन को पावर सोर्स में प्लग करने की जरूरत 

एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले को इस्तेमाल करने का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह तब ही काम करता है जब आपका फोन प्लग इन हो चाहे आपकी डिवाइस फुली चार्ज हो या नहीं। हालांकि, रेनॉल्ट काइगर और निसान मैग्नाइट जैसी अफोर्डेबल कारों में एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले फीचर में ग्रेजुअल शिफ्टिंग जरूर देखने को मिलता है।

लिमिटेड ऐप सपोर्ट 

एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले गूगल मैप्स , हैंगआउट, ऑडिबल जैसे ऐप्स को सपोर्ट करता है। यह व्हाट्सप्प नोटिफिकेशन और स्टैंडर्ड मेसेजिंग ऐप्स के नोटिफिकेशन को भी डिस्प्ले करता है। हालांकि, यह ईमेल को भी नहीं रीड कर पाता क्योंकि इसमें जीमेल का कोई सपोर्ट नहीं दिया गया है। 

निष्कर्ष :
अब आप समझ पा रहे होंगे कि एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले फीचर कार के लिए कितना जरूरी है और कितना नहीं।  यह एक अच्छा कम्फर्ट फीचर है, लेकिन लाइफ सेविंग फंक्शन नहीं है।  

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