सीएनजी कार ओनर्स के लिए खुशखबरी, लीकेज टेस्ट सर्टिफिकेट की बढ़ी समयसीमा
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यह एक्सटेंशन केवल रेट्रोफिटेड सीएनजी किट वाली कारों पर ही लागू होता है।
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आप अपनी कार के बोनट के अंदर लगी मेटल प्लेट पर एक्सपायरी डेट सर्टिफिकेट चेक कर सकते हैं।
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यदि सीएनजी सिलेंडर फिट पाए जाते हैं, तो ऐसे में आपको एक नया लीकेज सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा जिसे हर तीन महीने में रिन्यू करवाने की आवश्यकता होगी।
जिन सीएनजी कार ओनर्स के लीकेज टेस्ट सर्टिफिकेट 1 फरवरी 2021 के बाद एक्सपायर हो गए थे, वह अब 30 जून तक अपने दस्तावेजों को रिन्यू करवा सकेंगे। भारत सरकार ने कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के कारण इसकी वैधता को अब बढ़ा दिया है।
आमतौर पर इन सर्टिफिकेट को हर तीन महीने में रिन्यू करवाना होगा।
इससे पहले भारत सरकार ने वाहन फिटनेस परमिट, लर्निंग एन्ड ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन डॉक्युमेंट्स के रिन्यू करवाने की समयसीमा भी बढ़ा दी थी। इसके बारे में यहां पढ़ें।
टेस्ट सर्टिफिकेट बेहद जरूरी होते हैं क्योंकि वह इस बात की जानकारी देते हैं कि कार के सीएनजी किट में कोई लीकेज तो नहीं है। वहीं, फ़ैक्टरी-फिटेड किट वाली कारों में इसकी आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, यदि आपने अपनी पेट्रोल कार को रेट्रोफिटिंग के जरिए सीएनजी में बदला है तो ऐसे में आपको इस सर्टिफिकेट की जरूरत होगी। यदि आप एक्सपायर्ड सर्टिफिकेट के साथ पाए जाते हैं तो ऐसे में आपको दंडित भी किया जाएगा। यहां तक कि सीएनजी फिलिंग स्टेशन भी एक्सपायर्ड सर्टिफिकेट वाली किसी भी कार को स्वीकार नहीं करते हैं।
सीएनजी कारों में कम्प्लायंस प्लेट लगी होती है जो कार के रिन्यूवल और एक्सपायरी डेट को दर्शाती है। हर तीन साल में आपको अपने नजदीकी सिलेंडर टेस्टिंग स्टेशन पर सीएनजी सिलिंडर का निरीक्षण और सफाई करवानी चाहिए। यदि इससे जुड़ी कोई समस्या नहीं आती है तो ऐसे में आप नई डेट के साथ एक नई प्लेट जरूर प्राप्त कर सकेंगे।
वर्तमान में भारत में आठ सीएनजी कारें मौजूद हैं जिनमें हुंडई सैंट्रो ग्रैंड आई10 निओस, ऑरा, मारुति वैगन आर ऑल्टो, एस-प्रेसो, सिलेरियो और अर्टिगा शामिल हैं।
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