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वो 5 कारें जो थी अपने समय से आगे और ऐसे ट्रैंड्स किए सेट

प्रकाशित: अप्रैल 21, 2023 08:11 pm । भानु

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इन दिनों मार्केट में काफी ऐसी छोटी कारें उपलब्ध है जिनमें कम कैपेसिटी वाला टर्बो पेट्रोल इंजन दिया गया है। छोटे टर्बो इंजन से एक्सट्रा पंच तो मिलता ही है साथ ही इनमें तेल भी कम खर्च होता है। मगर क्या आप जानते हैं ये चीज मेनस्ट्रीम में कब आई?

मार्केट में कुछ ऐसी कारें आई जो अपनी डिजाइन लेंग्वेज और सेगमेंट्स के कारण एक क्रांति लाई मगर प्रभाव नहीं छोड़ सकी। इस आर्टिकल में आप जानेंगे ऐसी 5 कारों के बारे में जो अपने समय से आगे थी और उनके जरिए ही आज हमें कई ऑप्शंस मिल रहे हैं। 

फोर्ड इकोस्पोर्ट इकोबूस्ट

इसी से शुरू हुआ टर्बो पेट्रोल इंजन मिलने का ट्रैंड

Ford Ecosport

2013 से फोर्ड इकोस्पोर्ट के जरिए ही सब कॉम्पैक्ट एसयूवी का ट्रैंड शुरू हुआ था। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसमें दिया गया 1 लीटर टर्बो पेट्रोल इकोबूस्ट इंजन था। ये 1000 सीसी का 3 सिलेंडर इंजन 123 हॉर्सपावर और 170 एनएम का टॉर्क देने का दमखम रखता था। ये ड्राइव करने में भी काफी स्मूद था। ज्यादा तेज ड्राइव करने पर पेट्रोल जल्दी खत्म होता था और लोगों को ऐसा भी महसूस होता था कि ये 1 लीटर इंजन ज्यादा पावरफुल नहीं है। नतीजतन इकोस्पोर्ट टर्बो पेट्रोल मॉडल ज्यादा बिका भी नहीं। 

अब बाजार में 1 लीटर और 1.2 लीटर वाले छोटे कैपेसिटी के टर्बो पेट्रोल इंजन वाली कारों की भरमार है जिनकी कीमत 10 लाख रुपये के आसपास ही रहती है। ऐसे में लोग भी अब टर्बो पेट्रोल इंजन वाली कारें खरीद रहे हैं क्योंकि इनमें अच्छी परफॉर्मेंस के साथ प्रीमियम ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन की चॉइस भी मिल जाती है। हुंडई की आई20 एन लाइन और वेन्यू, किआ सोनेट,मारुति फ्रॉन्क्स,टाटा की अल्ट्रोज और नेक्सन,रेनो और निसान की काइगर और मैग्नाइट इसके कुछ बेहतरीन उदाहरण है। 

यह भी पढ़ेंः फोर्ड एंडेवर: भारत में अब तक लॉन्च हुई सबसे बेस्ट एसयूवी में से एक, कुछ ऐसा रहा इसका सफर

टाटा सिएरा

मेड इन इंडिया लाइफस्टाइल व्हीकल

Tata Sierra

टाटा ने 90 के दशक की शुरूआत में दमदार लुक वाली सिएरा को लॉन्च किया था। ये कंपनी की पहली पैसेंजर कार थी जिसकी कीमत 5 लाख रुपये तक थी और ये रेगुलर बजट कार नहीं थी। उस समय भारत में कस्टमर्स कारों में प्रैक्टिकैलिटी और एफिशिएंसी जैसे फैक्टर्स देकर ही कार खरीदते थे इसलिए ये 2 डोर लाइफस्टाइल एसयूवी ज्यादा पॉपुलर नहीं हो पाई। इसका मतलब ये हुआ कि ये अपने समय से आगे की कार थी। 

इस समय लाइफस्टाइल एसयूवी काफी पॉपुलर हो रहे हैं। लोग थार जैसी कार के लिए 20 लाख रुपये तक खर्च करने को तैयार हैं और यहां तक कि लोग टोयोटा के 40 लाख रुपये तक के पिकअप को भी लेने को तैयार हैं। बता दें कि टाटा मोटर्स भी सिएरा ईवी के आईसीई और इलेक्ट्रिक वर्जन उतारने की तैयारी कर रही है। 20 लाख रुपये से कम संभावित कीमत पर लॉन्च होने वाली ये कार अपने पिछले जनरेशन मॉडल से ज्यादा बेहतर और ज्यादा पॉपुलर साबित हो सकती है। 

हुंडई गैट्ज

पावरफुल इंजन के साथ आने वाली छोटी हैचबैक कार 

Hyundai Getz

हुंडई गैट्ज को साल 2004 में सेंट्रो के एक महंगे विकल्प के तौर पर उतारा गया था। अपने कुछ पॉश फीचर्स और स्टाइलिश डिजाइन के कारण इसे एक प्रीमियम हैचबैक के तौर पर देखा जाता था। कई लोगों को ये बात पता नहीं होगी कि ये पहली डीजल स्पोर्टी हैचबैक कार थी। गैट्ज 1.5 लीटर डीजल इंजन दिया गया था जो 110 पीएस की पावर जनरेट करने में सक्षम था। एक छोटी हैचबैक के लिए भी 100 पीएस की पावर काफी होती है वो भी एक डीजल कार में। ये चीज काफी रोचक मालूम पड़ती हो मगर डीजल इंजन होने के बावजूद भी गैट्ज को मार्केट से अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला। 

Ford Fusion

मगर पावरफुल छोटी हैचबैक कारों को पॉपुलैरिटी मिलने लग गई है। आजकल 100 पीएस से ज्यादा पावरफुल छोटी हैचबैक काफी कॉमन है जो कम बजट में अच्छी परफॉर्मेंस के साथ आती है। फोक्सवैगन पोलो जीटी,टाटा अल्ट्रोज टर्बो,हुंडई आई20 टर्बो और मारुति बलेनो आरएस ये कुछ ऐसे नाम हैं जो 10 लाख रुपये तक के बजट में आ जाया करती थी। 

मैनी रेवा

एक सिटी इलेक्ट्रिक कार के तौर पर बनाई पहचान

Maini Reva

2001 में भारत में पहली इलेक्ट्रिक कार लॉन्च हुई थी। मैनी रेवा को एक 2 डोर कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रिक कार के तौर पर उतारा गया था जिसकी कीमत 2 लाख रुपये तक रखी गई थी। ये एक गेम चेंजर कार के तौर पर देखी जा रही थी जो एक मास मार्केट प्रोडक्ट बन सकती थी। 100 किलोमीटर की रेंज देने वाली इस कार को सिटी फ्रैंडली व्हीकल के तौर पर देखा जाता था। 

लेकिन लोगों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के प्रति कम रुचि होने और एक 2 डोर कार डिजाइन इस कार को लोगों के बीच पॉपुलर नहीं बना सका। अब हम देख सकते हैं कि कारमेकर्स छोटी इलेक्ट्रिक कारें तैयार करने पर फोकस कर रहे हैं। टियागो ईवी,टिगॉर ईवी और सिट्रोएन ईसी3 इसके कुछ बेहतरीन उदाहरण हैं। यदि रेवा की बिल्ड क्वालिटी,बेहतर बैटरी टेक्नोलॉजी और ज्यादा रेंज के साथ पेश किया जाता तो ये काफी पॉपुलर हो सकती थी। अब एमजी कॉमेट भी ऐसे ही आइडिया के साथ मार्केट में लॉन्च होने के लिए तैयार है। 

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