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मारुति सेलेरियो एक्सपर्ट रिव्यू

Published On जनवरी 20, 2020 By स्तुति for मारुति सेलेरियो 2017-2021

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सेलेरियो कई लोगो के लिए केवल एक अन्य मारुति सुजुकी कार होगी। लेकिन सेलेरियो में दो ऐसे महत्वपूर्ण फीचर दिए गए हैं, जो इसे मारुति के लिए बेहद ख़ास बनाते है। इनमे पहला है: ऑटोमैटिक मैनुअल ट्रांसमिशन (एएमटी) और दूसरा, ''डीडीआईएस125'' नामक डीजल इंजन जिसे भारत में ही तैयार किया गया है।  मारुति के बेड़े में ये दोनों फीचर्स पाने वाली सेलेरियो पहली कार थी। हालांकि, अब मारुति ने सेलेरियो के डीजल इंजन को बंद कर दिया है। 

खेर, सेलेरियो मारुति के लिए तो ख़ास है, लेकिन क्या ये आपको भी कुछ ख़ास ऑफर करती है? आइए जानें:-

एक्सटीरियर

सेलेरियो को मारुति की 'सी.आई.सी.ओ.' यानि 'कर्व-इन, कर्व-आउट' डिज़ाइन फिलॉसोफी पर तैयार किया गया है, जो इसके छोटे आकार की शोभा बढ़ाता है। सेलेरियो के ग्रिल में बड़ी क्रोम स्लेट मिलती है, जो कार के हैडलैंप में विलीन होती है। कार के बोनट और फ्रंट बंपर पर क्रीज़ लाइन दी गई है, जो कार को अलग करैक्टर देते है। 

कार की बाहरी बनावट पारम्परिक मारुति कार की तरह ही लगती है। हालांकि इसके साइड में शार्प करैक्टर लाइन है। वहीं, ओआरवीएम पर मिलने वाले इंडिकेटर और 14-इंच का अलॉय व्हील सेलेरियो की डिज़ाइन को थोड़ा प्रीमियम बनाने में मदद करते है। कार की रियर डिज़ाइन बेहद साधारण है। इसकी टेललैंप कुछ-कुछ मारुति ऑल्टो 800 की तरह लगती है। सेलेरियो के टॉप मॉडल में रियर डिफॉगर और रियर वाइपर-वॉशर भी मिलते है। 

हुंडई ग्रैंड आई10 की तुलना में मारुति सेलेरियो की लंबाई 40 मिलीमीटर कम है, लेकिन दोनों कारों का व्हीलबेस बराबर है। हालांकि इसके बावजूद भी सेलेरियो में ज्यादा पैसेंजर स्पेस मिलता है। इसके अतिरिक्त, सेलेरियो में 235-लीटर का बूटस्पेस दिया गया है। वहीं, ग्रैंड आई10 में 256-लीटर का बूट मिलता है। हालांकि इसमें 60:40 अनुपात में फोल्ड होने वाली रियर सीटें मिलती है, जिसकी सहायता से सेलेरियो के बूट को 510-लीटर तक बढ़ाया जा सकता है।  

ओवरऑल, कार की स्टाइलिंग अच्छी है, मगर बहुत ज्यादा ख़ास नहीं है, जो इसे भीड़ से अलग बनाने में असफल है। साथ ही, हमारे अनुसार कार की बिल्ड-क्वालिटी थोड़ी और बेहतर होनी चाहिए थी। 

इंटीरियर

गाड़ी का केबिन कुछ हद तक आपको पुरानी स्विफ्ट की याद दिलाता है। इसे बेज और ब्लैक रंग के ड्यूल टोन कलर कॉम्बिनेशन के साथ तैयार किया गया है। इसमें सेंटर कंसोल और साइड एसी वेंट्स पर सिल्वर कलर एक्सेंट मिलते हैं जो एकदम क्लासी नज़र आते हैं।

सेलेरियो के इंटीरियर की बिल्ड क्वॉलिटी मारुति के पुराने मॉडल्स के मुकाबले कहीं ज्यादा बेहतर है। हालांकि, इसके मुकाबले वाली टाटा टियागो और ग्रैंड आई10 की तुलना में इसकी बिल्ड क्वॉलिटी थोड़ी फीकी नज़र आती है। हालांकि, इसका एर्गोनोमिक्स काफी अच्छा है और आप बेहद आसानी से कार के सभी कंट्रोल्स को एक्सेस कर सकते हैं।

इसके टॉप वेरिएंट जेडएक्सआई (ओ) में हाइट एडजस्टेबल ड्राइवर सीटें दी गई है। साथ ही में स्टीयरिंग के रैक को एडजस्ट करने की सुविधा भी मिलती है। जिसके चलते आप अपने कम्फर्ट के अनुसार ड्राइविंग पोज़िशन सेट कर सकते हैं। इसमें छोटे ट्रिप्स के लिए अच्छा लोअर व बैक सपोर्ट मिलता है। मगर, जब बात लंबी दूरी के सफर की हो तो इसमें लोअर बैक और अंडर-थाई सपोर्ट की कमी खलती है। ऐसे में हमारे अनुसार कंपनी को इसकी बोलस्टरिंग पर थोड़ा और काम करना चाहिए था। इसके अलावा, इसमें फिक्स-हेडरेस्ट मिलते हैं जिससे ऊंचे कद वाले पैसेंजर्स को पर्याप्त नैक सपोर्ट नहीं मिल सकता हैं।

सेलेरियो में ड्राइवर सीट थोड़ी ऊँची है जिससे अच्छी विजिबिलिटी मिलती है। हालांकि, इसके ए-पिलर की चौड़ाई काफी मोटी है, ऐसे में कार मोड़ते वक्त एक ब्लाइंड स्पॉट बन जाता है जिससे टर्न लेते समय रोड का एक हिस्सा साफ़ नज़र नहीं आता।

इसमें पुरानी मारुति स्विफ्ट जैसा स्टीयरिंग व्हील दिया गया है। इसके टॉप वेरिएंट में स्टीयरिंग माउंटेड ऑडियो व कॉल्स कण्ट्रोल बटन भी मिलते हैं। ग्रैंड आई10 की तरह इसे आर्टिफिशियल लैदर से रैप नहीं किया गया है।

सेलेरियो का इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर तीन भागो में बनता हैं जिसमे टैकोमीटर, स्पीडोमीटर और मल्टी-इनफार्मेशन डिस्प्ले (एमआईडी) शामिल हैं। इस एमआईडी में गाड़ी की फ्यूल रेंज, ओडोमीटर, ट्रिपमीटर और फ्यूल माइलेज आदि से जुड़ी जानकारियां देखी जा सकती है।

टॉप वेरिएंट की बात करें तो इसमें 2-डिन इंफोटेन्मेंट सिस्टम दिया गया है। इसके नीचे की ओर एसी के कंट्रोल स्विच दिए गए हैं। वहीं, लोअर वेरिएंट में इंफोटेन्मेंट सिस्टम को फिट करने के लिए एक खाली स्लॉट दिया गया है जहां आप अपनी सुविधा अनुसार एक्सेसरीज के रूप में म्यूजिक प्लेयर/इंफोटेनमेंट सिस्टम फिट करवा सकते हैं।

सेलेरियो का एयर कंडीशनिंग सिस्टम बेहद दमदार है। यह चुटकियो में केबिन को ठंडा कर देता हैं। इस मोर्चे पर आपको किसी तरह की कोई शिकायत नहीं महसूस होगी। हालांकि, ग्रैंड आई10 की तुलना में इसमें रियर एसी वेंट का अभाव है। ऐसे में पीछे बैठने वाले पैसेंजर्स भीषण गर्मियों के दिनों में थोड़ी परेशानी का सामना कर सकते हैं।

कार में रियर साइड की सीटों को फ्रंट के मुकाबले थोड़ा ऊंचा रखा गया है। ये सीटें पतली है जिसके कारण ये औसत सपोर्ट और कुशनिंग दे पती है। इस बेंच सीट की चौड़ाई उतनी ज्यादा नहीं हैं ऐसे में तीन एडल्ट पैसेंजर को इस पर बैठने में कठिनाई हो सकती है। हालांकि, दो एडल्ट इसपर आराम से बैठ सकते हैं।

एक कॉम्पैक्ट डाइमेंशन्स की कार होने के बावजूद भी इसमें अच्छा केबिन स्पेस मिलता है। हालांकि, फीचर्स के मामले में इसका इंटीरियर इतना दमदार साबित नहीं होता। हमारे अनुसार यह सिटी राइड्स के लिए एक परफेक्ट हैचबैक है।

परफॉर्मेंस

वर्तमान में सेलेरियो केवल पेट्रोल और सीएनजी पावरट्रेन के साथ ही उपलब्ध है। कंपनी ने इसके डीजल इंजन को बंद कर दिया है। इसमें वैगनआर वाला 1.0-लीटर के10बी पेट्रोल इंजन मिलता है। हालांकि, मारुति ने सेलेरियो में इस इंजन को रिट्यून कर पेश किया है। यह एक 3-सिलिंडर, 998सीसी इंजन है जो 5-स्पीड मैनुअल या एएमटी गियरबॉक्स के साथ आता है। यह इंजन 6000आरपीएम पर 67पीएस की अधिकतम पावर और 3500आरपीएम पर 90 न्यूटन मीटर का अधिकतम टॉर्क जनरेट करने की क्षमता रखता है।

यह इंजन बेहद स्मूथली पावर डिलीवरी करता है और कम स्पीड पर भी आप इसे एक गियर ऊपर रख कर चला सकते हैं। सेलेरियो का क्लच भी बेहद लाइट है जिससे सिटी ड्राइविंग के लिए यह एक परफेक्ट हैचबैक साबित होती है। हालांकि, हाई स्पीड पर यह इंजन काफी शोर करता है और आपको पावर की कमी महसूस होती है। गौरतलब है कि मारुति दोनों ट्रांसमिशन के साथ 23.1 किलोमीटर/लीटर का माइलेज देने का दावा करती है।

सेलेरियो में इस पेट्रोल इंजन के साथ फैक्ट्री फिटेड सीएनजी किट का भी ऑप्शन मिलता है। हालांकि, सीएनजी के साथ यह इंजन पेट्रोल मोड की तुलना में कम पावर जनरेट करता है। यह इंजन 6000आरपीएम पर 59 पीएस की अधिकतम पावर और 3500आरपीएम पर 78 न्यूटन मीटर का अधिकतम टॉर्क देता है।

सीएनजी पावरट्रेन के साथ केवल 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स ही मिलता है। यह 31.79 किलोमीटर/किग्रा का मिलेगा देता है।

ऑटोमैटिक मैनुअल ट्रांसमिशन (एएमटी)

बात की जाए सेलेरियो के साथ मिलने वाले एएमटी गियरबॉक्स की तो, इसमें मैनुअल और ऑटोमैटिक दोनों मोड मिलते हैं। इसमें क्रीप फंक्शन भी मिलता है। जिसकी बदौलत भीड़-भाड़ वाले इलाकों में आपको बार-बार रेस देने की जरूरत नहीं पड़ती, केवल 'डी' मोड सेलेक्ट करें और ब्रेक से पाँव हटा दें और गाड़ी धीमे-धीमे आगे बढ़ने लगेगी। चूंकि यह एक एएमटी गियरबॉक्स है ऐसे में आपको इसमें क्लच पैडल नहीं मिलेगा। आपको केवल रेस और ब्रेक पैडल को ही कंट्रोल करना होगा। वहीं, क्लच का ऑपरेशन हाइड्रोलिक एक्चुएटर के जरिये ऑटोमैटिक होता है।

इस एएमटी यूनिट को अपने सेगमेंट में सबसे बेहतर नहीं कहा जा सकता है। इसमें पावर ट्रांसमिशन उतना स्मूथ है और ऑटोमेटिकली गियरशिफ्टिंग के दौरान झटका महसूस होता है। ऐसे में शहरी इलाको में बार बार गियर बदलने की झंझट से बचने के लिए आप ऑटोमैटिक मोड का इस्तमाल कर सकते हैं। हालांकि, हाईवे पर यदि आप बिना किसी पावर-लेग के क्रूज करना चाहते हैं तो मैनुअल मोड पर ड्राइव कर सकते हैं।

राइड व हैंडलिंग

मारुति की दूसरी कारों की तरह ही सेलेरियो के सस्पेंशन भी काफी सॉफ्ट रखे गए हैं। यह छोटे स्पीड ब्रेकर और गड्डो से आसानी से निकल जाती है। हालांकि, बड़े गड्ढों से गुजरने पर आपको केबिन के अंदर झटका जरूर महसूस होगा।

सेलेरियो का स्टीयरिंग व्हील बेहद लाइट है जिससे सिटी ड्राइविंग में काफी सहूलियत होती है। वहीं, स्पीड बढ़ाने पर स्टीयरिंग थोड़ा भारी महसूस होने लगता है जो कि एक अच्छी बात है।

सेलेरियो 120 किलोमीटर/घंटे की स्पीड पर स्टेबल महसूस होती है जिससे ड्राइविंग कॉन्फिडेंस कम नहीं होता। हालांकि, इस स्पीड के बाद यह थोड़ी अनस्टेबल होने लगती है। चूंकि सेलेरियो की ऊंचाई थोड़ी ज्यादा है जिसके चलते इसमें थोड़ा बॉडी रोल महसूस होता है। ऐसे में हम आपको सलाह देंगे कि हाई स्पीड पर आप इसमें कॉर्नरिंग या शार्प टर्न न लें।

बात की जाए ब्रेकिंग सिस्टम की तो, इसमें फ्रंट पर वेन्टीलेटेड डिस्क ब्रेक्स और रियर साइड पर ड्रम ब्रेक्स मिलते हैं। इनकी ब्रेकिंग क्षमता काफी अच्छी है।

सेफ्टी फीचर्स

सेफ्टी फीचर की बात करें तो इसके सभी वेरिएंट्स में ड्राइवर साइड एयरबैग, एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस), स्पीड अलर्ट सिस्टम, रियर पार्किंग सेंसर्स और फ्रंट सीटबेल्ट रिमाइंडर जैसे फीचर स्टैंडर्ड मिलते हैं। वहीं, इसके सभी वेरिएंट्स के साथ पैसेंजर साइड एयरबैग ऑप्शनल मिलता है। जानकरी के लिए बता दें कि यूरो एनकैप टेस्ट में सेलेरियो के टॉप वेरिएंट को 5 में से 3 सेफ्टी रेटिंग मिली थी। हमारी सलाह है कि यदि आप सेलेरियो खरीदने का विचार करते हैं तो ड्यूल एयरबैग वाले वेरिएंट को ही चुनें।

वेरिएंटस और फीचर्स

सेलेरियो के सभी वेरिएंट में से बेस वेरिएंट- एल में कई बेसिक फीचर्स जैसे ऑडियो सिस्टम, की-लैस एंट्री, पावर विन्डोज़ आदि का भी अभाव है। हालांकि, यह वेरिएंट कई जरूरी फीचर्स जैसे पावर असिस्टेड स्टीयरिंग, मैनुअल एयर कंडीशनर और हीटर के साथ आता है। यदि आपका बजट कम है तो आप इसका एल (ओ) वेरिएंट लें सकते हैं इसमें पैसेंजर साइड एयरबैग भी मिलता है। इसके मिड-वेरिएंट वी में पांचों दरवाजों पर पावर विन्डोज़, सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम, 60:40 स्प्लिट फोल्डिंग रियर सीट, रियर लगेज शेल्फ और पैसेंजर साइड सन वाइज़र जैसे फीचर्स भी मिलते हैं। वहीं, इसके टॉप वेरिएंट 'ज़ेड' इंटीग्रेटेड इंफोटेनमेंट सिस्टम (रेडियो, सीडी प्लेयर, ऑक्स-इन, ब्लूटूथ और यूएसबी कनेक्टिविटी के साथ), स्टीयरिंग माउंटेड कंट्रोल्स, टिल्ट एडजस्टेबल स्टीयरिंग व्हील, रियर वॉश वाइपर और डिफॉगर जैसी खूबियां भी मिलती है।

निष्कर्ष:

सेलेरियो एक न्यूट्रल कार है जो ना आपको असंतुष्ट करेगी और ना ही ज्यादा आपको लुभाएगी। मारुति की कारों को खरीदने का सबसे बड़ा लाभ इसका विशाल सर्विस सेंटर नेटवर्क हैं जिससे आपको कार सर्विस करवाने के लिए ऑथोराइज़्ड सेंटर ढूंढने में मुश्किल नहीं होती। वहीं, अगर बात सेलेरियो के खामियों की करें तो इसकी बिल्ड क्वॉलिटी ग्राहकों को थोड़ा निराश जरूर कर सकती है। फीचर्स में मामले में भी यह सेगमेंट की अन्य कारों की तुलना में इतनी दमदार साबित नहीं होती। हालांकि, सिटी ड्राइविंग के लिहाज से गाड़ी का पेट्रोल इंजन आपको बिलकुल निराश नहीं करेगा। 

Published by
स्तुति

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