हुंडई ग्रैंड आई10 निओस टर्बो : फर्स्ट ड्राइव रिव्यू

Published On सितंबर 24, 2020 By भानु for हुंडई ग्रैंड आई10 निओस 2019-2023

हुंडई मोटर्स भी अब टर्बो पेट्रोल इंजन से लैस हैचबैक्स तैयार करने लग गई है। ये कारें ज्यादा पावरफुल होती हैं और इनका वजन भी कम होता है। तो क्या टर्बो पेट्रोल इंजन के होने से आपकी रूटीन ड्राइविंग में कोई फर्क पड़ता है? और क्या इसके लिए एक्स्ट्रा पैसे खर्च करना वाजिब है? हुंडई ग्रैंड आई10 निओस के टर्बो पेट्रोल वेरिएंट को खरीदने का मन बना रहे लोगों के लिए ऐसे सवालों के जवाब हमने इस रिव्यू में दिए हैं जिन्हें आप पढ़ेंगे आगे:

कार टेस्टेड

  • नाम: ग्रैंड आई10 निओस 
  • वेरिएंट: टर्बो स्पोर्ट्ज़
  • पावरट्रेन: 1.0 लीटर टर्बो पेट्रोल 5-स्पीड एमटी
  • प्राइस: 7.75 लाख रुपये (एक्स-शोरूम इंडिया)

क्या लुक्स में है कोई फर्क?

हुंडई ग्रैंड आई10 निओस का टर्बो ड्यूल टोन वेरिएंट इस हैचबैक के स्पोर्ट्ज़ ड्यूल टोन वेरिएंट पर बेस्ड है। दोनों वेरिएंट में केवल बैजिंग का फर्क है। टर्बो वेरिएंट की ग्रिल और बूटलिड पर 'टर्बो' नाम की बैजिंग दी गई है। इसके अलावा इसमें स्पोर्ट्ज ड्यूल टोन वेरिएंट की तरह ब्लैक कलर की ग्रिल,15 इंच डायमंड कट अलॉय व्हील और बॉडी कलर एसेंट्स के साथ ब्लैक कलर का इंटीरियर दिया गया है। तो कुल मिलाकर ग्रैंड आई10 निओस टर्बो भी बाकी वेरिएंट्स की तरह काफी स्टाइलिश हैचबैक है जिसका इंटीरियर भी काफी आकर्षक है। 

निओस टर्बो का एक नॉन ड्यूल टोन वर्जन भी उपलब्ध है जो 5000 रुपये महंगा है। इसमें रूफ और ओआरवीएम पर ब्लैक कलर के एलिमेंट्स नहीं दिए गए हैं। 

कौन-कौन से फीचर्स की है कमी

चूंकि निओस टर्बो स्पोर्ट्ज़ ड्यूल टोन वेरिएंट पर बेस्ड है। ऐसे में इसमें 8 इंच टचस्क्रीन, 15 इंच डायमंड कट अलॉय व्हील, प्रोजेक्टर हेडलैंप और वायरलैस स्मार्टफोन चार्जिंग जैसे फीचर्स दिए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात, टर्बो वेरिएंट केवल स्पोर्ट्ज़ ड्यूल टोन में ही उपलब्ध है, ऐसे में इसमें ग्रैंड आई10 निओस के टॉप वेरिएंट अस्टा में दिए गए फीचर्स मौजूद नहीं है। 

यदि आप निओस टर्बो खरीदने जा रहे हैं तो आपको इसमें पुश बटन स्टार्ट स्टॉप सिस्टम, कूल्ड ग्लव बॉक्स, एडजस्टेबल रियर हेडरेस्ट, रियर वाइप एंड वॉश फंक्शन और लगेज लैंप का फीचर नहीं मिलेगा। 

इंजन और गियरबॉक्स 

काफी सालों से कंपनियां 3 सिलेंडर इंजन के बजाए टर्बो पेट्रोल इंजन बना रही है और धीरे धीरे ये काफी रिफाइन भी होते जा रहे हैं। मगर निओस टर्बो के केस में एक नई बात देखने को मिलती है। इस इंजन को ऑन करते ही आपको इसमें कोई वाइब्रेशन महसूस नहीं होगा। 

सिटी में ड्राइव करते वक्त इसे 1100 से लेकर 1200 आरपीएम के बाद ही पावर मिलने लगती है। 2100 आरपीएम पर इसमें टर्बो मिलने लगता है। हालांकि ज्यादा पावरफुल एक्सपीरियंस या ओवरटेकिंग के लिए इसको 2100 आरपीएम के पार ले जाने की जरूरत होती है। इसके अलावा तीसरे गियर पर भी ज्यादा आरपीएम की जरूरत होती है।

इस इंजन के साथ केवल 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स ही दिया गया है जो काफी स्मूद है। इसमें गियर शिफ्टिंग में समय भी कम लगता है। हालांकि इसका क्लच काफी हैवी है जो ट्रैफिक जाम में आपके घुटनों को थोड़ा तकलीफ पहुंचा सकता है। 

एक्सलरेशन एंड रोल ऑन टेस्ट

0-100किलोमीटर प्रति घंटा

30-80किलोमीटर प्रति घंटा (तीसरा गियर)

40-100किलोमीटर प्रति घंटा (चौथा गियर)

9.88 सेकंड

8.74 सेकंड

14.21 सेकंड

इसकी स्पीड को धीरे धीरे बढ़ाते हुए आपको टर्बो किक महसूस ही नहीं होगा। इसके बाद तो इंजन में एक नई सी जान आ जाती है जो कि कार को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे ले जाने का दम रखता है। गाड़ी के काफी देर तक तीसरे गियर पर रहने से जब तक आप चौथे गियर पर पहुंचते हैं तब तक ये 100 की स्पीड पार कर चुकी होती है। ऐसे में हाईवे पर पांचवे गियर में भी आप निओस को पूरा दिन तेज स्पीड में चला सकते हैं। 

निओस का ये वेरिएंट काफी फ्यूल एफिशिएंट भी है। हमारे टेस्ट में इसने हमें 20 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज दिया। वहीं सिटी में ये 16 किलोमीटर प्रति लीटर का तो माइलेज दे ही देती है। 

राइड क्वालिटी

स्पीडब्रेकर और गड्ढों के आने पर आप एक चीज नोट करेंगे और वो ये कि निओस टर्बो को इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। यह अपने रेग्यूलर मॉडल से भी ज्यादा स्थिर रहती है। 

हालांकि इसमें टायरों के सड़क पर चलने की आवाज केबिन तक सुनाई देती है जो आपको थोड़ा बहुत परेशान कर सकता है।

हेंडलिंग 

ग्रैंड आई10 निओस टर्बो में दिया गया स्टीयरिंग हुंडई की दूसरी कारों में दिए गए स्टीयरिंग की आपको याद दिला देता है। ये 80 से लेकर 90 किलोमीटर की स्पीड के बाद अपने आप भारी हो जाता है जो कि अच्छी बात तो है, मगर फिर इससे कोई फीडबैक की उम्मीद नहीं की जा सकती है। हालांकि ये आपके​ लिए कोई परेशानी की बात नहीं है। 

कॉर्नर्स पर भी निओस टर्बो काफी आराम से चलती है। हालांकि यहां इसकी हैंडलिंग उतनी शार्प नहीं लगती है, मगर फिर भी आप इससे खुली खुली सड़कों पर ड्राइविंग का मजा ले सकते हैं। 

निष्कर्ष

हमने आपको ग्रैंड आई10 निओस के रेग्यूलर मॉडल और टर्बो वेरिएंट के बीच की कुछ असमानताओं के बारे में बता दिया है। तो अब सवाल ये उठता है कि क्या 1.2 लीटर पेट्रोल इंजन वाले स्पोर्ट्ज ड्यूल टोन वेरिएंट के मुकाबले 1 लाख रुपये ज्यादा खर्च करते हुए टर्बो वेरिएंट लेना एक रॉइट चॉइस साबित होगा?

तो हमारा जवाब है नहीं। क्योंकि निओस टर्बो आपकी रूटीन ड्राइविंग के हिसाब से फिट नहीं बैठती है और इसी प्राइस पर आप इसका फीचर लोडेड अस्टा वेरिएंट ले सकते हैं जो 1.2 लीटर पेट्रोल इंजन में उपलब्ध है या फिर आप इसका एएमटी वेरिएंट खरीद सकते हैं। तो कुल मिलाकर अगर आप निओस टर्बो में फैमिली कार वाला फैक्टर ढूंढेंगे तो वो आपको इसमें नहीं मिलेगा। 

हालांकि यदि आप स्पोर्टी ड्राइविंग के शौकीन है जो सिटी और हाईवे दोनों पर ही हवा से बातें करने का शौक रखते हैं उनके लिए निओस टर्बो बेस्ट कार साबित होगी।

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