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क्यों जरुरी है एयरबैग, जानिए यहां

प्रकाशित: फरवरी 01, 2019 06:05 pm । tushar

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आज के दौर में कारों से जुड़े सेफ्टी फीचर के बारे में जागरूकता बढ़ रही है। वर्तमान में ज्यादातर कारों में ड्राइवर साइड एयरबैग या ड्यूल साइड एयरबैग मिलने लगे हैं। वहीं कुछ कारों में इनकी संख्या दस एयरबैग तक की भी हैं। कई खरीदार अपनी कारों में एयरबैग होने के लाभ को समझते हैं। हालांकि कई खरीदार इस तकनीक या फीचर से अनजान है। यदि आप भी उन खरीदारों में से है जो एयरबैग की तकनीक से अनजान है, तो यह लेख आपके लिए काम का साबित हो सकता है। 

क्या होता है एयरबैग?

जैसा कि नाम से साफ़ है, यह हवा से भरे पाउच या बैग होते है जो दुर्घटना के समय ड्राइवर या पैसेंजर को कार के विभिन्न हिस्सों से टकराने से बचते हैं। लेकिन क्या इनमें एयर  हमेशा भरी होती है? तो बता दें ऐसा नहीं होता। जब कार किसी चीज़ से टकराती है, तो उस समय कार की स्पीड के अनुसार एयरबैग खुलते हैं। टक्कर के एक सेकंड से भी कम समय में यह बैग एक ख़ास प्रणाली द्वारा नाइट्रोजन गैस से भर दिए जाते है और आपको होने वाले भारी नुकसान से बचाते हैं। 

किसी दुर्घटना के समय कार में बैठे पैसेंजर/ड्राइवर झटका महसूस करते है जो अंदर बैठे लोगो को आगे की ओर धकेलता हैं। जिससे आपके सिर/पैर/हाथ/छाती स्टीयरिंग व्हील,डैशबोर्ड या अन्य पार्ट्स से टकराते हैं, जिसके कारण गंभीर चोट भी लग सकती है। यही वजह है कि कार में एयरबैग होना आवश्यक है। जो ऐसी स्थिति में आपके शरीर और कार के विभिन्न पार्ट्स के बीच एक तकिये का काम करता है और गंभीर चोट आने से बचाता हैं। 

एयरबैग में हवा भर इसे फूलाने की पूरी प्रक्रिया ईसीयू (इलेक्ट्रॉनिक कण्ट्रोल यूनिट) द्वारा कण्ट्रोल की जाती हैं। लेकिन एयरबैग का सही लाभ लेने के लिए पैसेंजर या ड्राइवर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सही तरीके से काम कर रहे हैं। 

सीटबेल्ट और एयरबैग: -

जो कारें एयरबैग फीचर से लेस होती है उनमे आपको "एसआरएस" या "एयरबैग", इन दो शब्दों में से एक जरूर लिखा दिखाई देगा। एसआरएस का मतलब सप्लीमेंट्री रिस्ट्रेनट सिस्टम हैं। यानी यह कार के प्राइमरी सेफ्टी फीचर को सपोर्ट करता है, लेकिन उनका रिप्लेसमेंट नहीं है। कार में प्राइमरी सेफ्टी फीचर सीटबेल्ट होती है। इसका मतलब है कि आपको हमेशा अपना सीटबेल्ट पहनना चाहिए। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि दुर्घटना के समय एयरबैग केवल तब ही खुलेंगे जब आपने सीट बेल्ट पहनी हों। लेकिन सीटबेल्ट दुर्घटना के समय लगने वाले झटके के असर को कम करती है और आपको आपकी सीट पर बनाए रखने का कार्य करती है। जिससे एयरबैग बेहतर ढंग से हमे बचा पता है। इसे और अच्छे से समझने के लिए किसी भी एनकैप क्रैश टेस्ट की वीडियो देखें। आप पाएंगे कि टेस्ट के दौरान कैसे सीटबेल्ट डमी पर लगने वाले झटके को कम कर उसे आगे जाने से रोकती है। 

याद रखें, एयरबैग पलक झपकने में लगने वाले समय से भी चार गुना तेजी से काम करता है। यह बेहद हाई प्रेशर और लगभग 322 किमी/घंटा की स्पीड से फूलता हैं। यह फरारी 458 इटालिया की टॉप स्पीड के बराबर है। ऐसे में यदि आपने सीटबेल्ट नहीं पहनी होगी तो एयरबैग से टकराने के बाद आपकी बॉडी अस्थिर हो जाएगी, जिससे आपकी गर्दन भी टूट सकती है या कोई और गंभीर चोट भी आ सकती हैं। एयरबैग तकिए की तरह होते हैं, लेकिन अगर कोई आपको तकिये से चेहरे पर जोर से मारता है, तो भी यह कुछ नुकसान कर सकता है। इसलिए सीटबेल्ट पहनना बहुत जरुरी है, जिससे आपके शरीर को लगने वाले झटके को कम किया जा सकता है। जिसके फलस्वरूप दुर्घटना के दौरान होने वाले नुकसान में कमी आती है। 

बदलें ड्राइविंग आदत: -

सुरक्षित और सही ढंग से ड्राइविंग करना बहुत जरुरी है। वर्तमान में "10 एंड 2 पोजीशन" सबसे लोकप्रिय स्टीयरिंग पकड़ने की तकनीक हैं। यानी कल्पना करें कि आपका स्टीयरिंग व्हील एक घड़ी है और अपने हाथों को स्टीयरिंग पर ऐसे पकड़ें जहां 10 और 2 बजे होंगे। हालांकि एयरबैग वाली कारों में 10 एंड 2 पोजीशन में स्टीयरिंग पकड़ना सही नहीं है। क्योंकि एयरबैग फूलने की स्थिति में आपके हाथ सीधे आपके चेहरे पर जा लग सकते हैं। ऐसी में "9 एंड 3 पोजीशन" पर स्टीयरिंग पकड़ना सही है। 

साथ ही, जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है कि एयरबैग खुलने से भी चोट लग सकती है। इसलिए, यदि आप स्टीयरिंग व्हील के बहुत करीब बैठ कर ड्राइविंग करते है तो इससे बचें। अपने हाथों को अपनी कलाई के साथ स्टीयरिंग व्हील के ऊपर रख ड्राइविंग करें। हालांकि इस स्टीयरिंग पोजीशन में आपकी दोनों कोहनियों के बीच एक कोण होना चाहिए, ताकि आप स्टीयरिंग को आसानी से मोड सकें। ऐसे ड्राइविंग करना आसान और सुरक्षित दोनों है।

इसके अलावा, फ्रंट पैसेंजर को डैशबोर्ड पर पैर रखने की अनुमति नहीं दे। क्योंकि एयरबैग खुलने या दुर्घटना होने की स्थिति में यह बहुत खतरनाक साबित हो सकता हैं। 

क्या हर दुर्घटना की स्थिति में एयरबैग खुलते हैं?

नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (एन.एच.टी.एस.ए.) के अनुसार एयरबैग को इस प्रकार डिज़ाइन किया जाता है कि यह 12 किमी/घंटा या उससे अधिक की स्पीड पर ही खुलें। हालांकि, एयरबैग का खुलना विभिन्न बातों पर निर्भर करता हैं, इनमें कार की स्पीड, इम्पैक्ट फाॅर्स, इम्पैक्ट की दिशा आदि बातें शामिल हैं। यही कारण है कि एयरबैग से लेस कारों में भी कई बार एयरबैग नहीं फूलते हैं। 

कारों में एयरबैग डी-एक्टिवेशन स्विच क्यों दिया जाता हैं?

इस विकल्प के मौजूद होने का मुख्य कारण यह है कि यदि आपके पास रियर-फेसिंग चाइल्ड सीट है और मजबूरन आपने उसे फ्रंट पैसेंजर सीट पर माउंट किया है, तो ऐसे में एयरबैग डी-एक्टिवेशन स्विच के जरिए पैसेंजर एयरबैग को डी-एक्टिवेट कर दें। क्योंकि ऐसा न करने पर एयरबैग खुलने की स्थिति में चाइल्ड सीट अपनी जगह से खिसक सकती है और आपके बच्चे को गंभीर चोटें आ सकती हैं।

ध्यान दें: - चाइल्डसीट को हमेशा रियर सीट पर ही माउंट करें। अति-आवश्यक या मज़बूरी की स्थिति में ही फ्रंट सीट का विकल्प चुनें। 

एयरबैग एक बीमा की तरह है - आप इसके लिए प्रीमियम का भुगतान तो करते हैं, लेकिन आशा करते हैं कि आपको कभी भी इसका उपयोग नहीं करना पड़ेगा। इसलिए हमेशा यातायात के नियमों का पालन करें और सीटबेल्ट अवश्य पहनें। 

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