लगातार गिर रही है डीज़ल कारों की बिक्री

प्रकाशित: अगस्त 03, 2016 07:26 pm । tushar

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दिल्ली-एनसीआर में 2,000 सीसी से ज्यादा क्षमता वाले डीजल वाहनों पर प्रतिबंध और फिर एनजीटी के फैसले का असर दिखने लगा है। 2000 सीसी से ज्यादा क्षमता वाली कारों की बिक्री में तो गिरावट आ ही रही थी, अब 2,000 सीसी से कम इंजन क्षमता वाली डीजल कारों की बिक्री भी घट रही है।

उदाहरण के लिए होंडा की डीज़ल कारों में 1.5 लीटर या 1500 सीसी के इंजन लगे हैं, यह कारें बैन के दायरे से भी बाहर हैं लेकिन फिर भी इनकी पूछताछ और बिक्री घटी है।

होंडा कार्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स-मार्केटिंग) ज्ञानेश्वर सेन ने कहा, 'कुल मिलाकर इससे धारणा प्रभावित होती है। सबकुछ अचानक होने से खरीदारों को लगता है कि 10 साल बाद यदि कार का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा तो क्या होगा, इससे कार की रीसेल कीमत घटेगी और उसका सीधा असर नई डीजल कारों की खरीद पर दिखेगा।' सेन ने कहा कि आमतौर पर महीने की शुरुआत के बाद पूछताछ और बातचीत में तेजी आती है, लेकिन पिछले महीने दिल्ली में डीजल कारों के बारे में पूछताछ में कोई तेजी नहीं आई।

एनसीआर के ही एक लग्ज़री कार डीलर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बाद 2,000 सीसी से कम क्षमता वाली डीजल कारों की मांग में 15 से 20 फीसदी की कमी आई है। उन्होंने कहा, 'पिछले महीने एनजीटी के आदेश के बाद उसमें 30 से 40 फीसदी की और गिरावट दर्ज की गई है। लग्ज़री डीजल कारों के संभावित खरीदारों ने अपनी योजना फिलहाल टाल दी है।'

इसके अलावा पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में घटता अंतर भी एक बड़ी वजह है कि लोग डीज़ल कारों से दूरी बना रहे हैं। इन्हीं सब वजहों को देखते हुए टोयोटा, महिन्द्रा और मर्सिडीज़ बेंज़ जैसी कंपनियां अब पेट्रोल वेरिएंट लाने पर काम कर रही हैं।

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