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मारुति ने फ्लैक्स-फ्यूल इंजन पर काम किया शुरू

प्रकाशित: अगस्त 16, 2022 07:45 pm । सोनूमारुति स्विफ्ट डिजायर

मारुति ने अप्रैल 2022 में कहा कि उसकी कारें अप्रैल 2023 तक ई20 (20 प्रतिशत इथेनॉल और 80 प्रतिशत पेट्रोल मिक्स फ्यूल) को सपोर्ट करेंगी। अब कंपनी ने अपने फ्लैक्स-फ्यूल इंजन पर काम शुरू दिया है और यह ई85 (85 प्रतिशत इथेनॉल) भी सपोर्ट करेगा।

अंतरराष्ट्रीय मार्केट की बात करें तो वहां कई बीएस4 इंजन अभी भी ई85 मिक्स फ्यूल सपोर्ट करते हैं जबकि भारत में बीएस6 नॉर्म्स लागू होने के बाद ऐसे इंजन आएंगे।

पेट्रोल और सीएजीनी के बाद मारुति कारों में ग्राहकों को फ्लैक्स-फ्यूल के रूप में तीसरे इंजन का ऑप्शन मिलेगा। कंपनी का कहना है कि यह बायो-सीएनजी मॉडल्स की संभावनाओं पर काम कर रही है।

फ्लैक्स-फ्यूल को पेट्रोल और इथेनॉल (या मथेनॉल) के ब्लैंड से तैयार किया जा सकता है जो पेट्रोल फ्यूल से सस्ता होता है। इथेनॉल को आमतौर पर बायोफ्यूल नाम से भी जाना जाता है जो सुगरकैन या अन्य आइटम से तैयार होता है। फ्लैक्स-फ्यूल इंजन केवल पेट्रोल और ब्लैंड फ्यूल पर चल सकते हैं।

वर्तमान में भारत में कुछ शहरों में 10-15 प्रतिशत इथेनॉल ब्लैंड पेट्रोल बेचा जाता है। कारों में 20-25 प्रतिशत इथेनॉल ब्लैंड फ्यूल सपोर्ट करने के लिए कंपनियों को पेट्रोल इंजन में कई बदलाव करने की जरूरत होगी।

भारत सरकार की योजना 2025 तक सभी कारें ई20 ब्लैंड कंपेटिबल बनाने की है और ब्लैंडेड फ्यूल पर टैक्स में कटौती पर भी विचार किया जा रहा है।

फ्लैक्स-फ्यूल इंप्लीमेंटेशन के बाद कारों की प्राइस में 15000 से 20,000 रुपये तक का इजाफा हो सकता है। हालांकि इसके बाद कच्चे तेल के लिए दूसरे देशों पर भारत की निर्भरता में कमी आएगी जिसका असर अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल सकता है। इथेनॉल सुगर प्रोडक्शन से निकलता है तो इसे भारत में आसानी से तैयार किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें : सीएनजी कारों की बढ़ती डिमांड के बीच भारत में 2024 तक उपलब्ध होंगे 8,000 सीएनजी स्टेशंस

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सोनू

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