मारुति अपने एंट्री लेवल मॉडल्स में 6 एयरबैग्स देने पर असमंजस की स्थिति में, 1 अक्टूबर 2022 से ये नए नियम होने जा रहे हैं लागू
संशोधित: मई 25, 2022 10:50 am | भानु | मारुति ऑल्टो 2000-2012
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- अपने एंट्री लेवल मॉडल्स में 6 एयरबैग्स देने के लिए संभावनाओं पर अध्ययन कर रही है कंपनी
- 6 एयरबैग्स देने के लिए कंपनी को अपनी कारों के स्ट्रक्चर में करने होंगे बदलाव
- अपग्रेड मिलने से कंपनी की एंट्री लेवल कारों की कीमतों में होगा ज्यादा इजाफा,ऐसे में कारमेकर्स को मजबूरन बंद करने होंगे ऐसे मॉडल्स
- 4 एयरबैग्स देने से केवल 30,000 रुपये बढ़ जाती है कारों की प्राइस,ये ज्यादा सस्ता विकल्प
अक्टूबर 2022 से सरकार की ओर से कारों में 6 एयरबैग्स देना अनिवार्य कर दिए जाने का ऐलान हो चुका है। मगर एंट्री लेवल कारों के लिए इन नए नियमों के तहत चलना उतना आसान साबित नहीं होगा। हाल ही मेंं दिए गए एक इंटरव्यू में मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने मारुति के एंट्री लेवल मॉडल्स को लेकर बातचीत की।
उन्होनें कहा “मुझे यह भी नहीं पता कि छोटी कारों में छह एयरबैग फिट होंगे या नहीं क्योंकि वे छोटी कारों के लिए नहीं बने हैं। ये अध्ययन का विषय है। निश्चित तौर पर छोटी कारों की बिक्री पर इसका गहरा असर पड़ेगा और ये किसी झटके से कम नहीं है। क्योंकि 4 एक्सट्रा एयरबैग लगाना काफी महंगा सौदा साबित होगा।"
मारुति अपने एंट्री लेवल मॉडल्स में 4 एक्सट्रा एयरबैग्स लगाने की संभावनओं को लेकर अध्ययन कर रही है और माना जा रहा है कि कंपनी अपने कुछ मॉडल्स को बंद भी कर सकती है। 4 एक्सट्रा एयरबैग्स लगाने का सीधा असर कारों की कीमत पर पड़ेगा और एंट्री लेवल मॉडल्स और उनके वेरिएंट्स की प्राइस करीब 60,000 रुपये तक बढ़ जाएगी।
इसके अलावा एक्सट्रा एयरबैग्स को फिट करने के लिए कारमेकर्स को अपनी कारों के स्ट्रक्चर में भी बदलाव करने होंगे। जहां साइड एयरबैग्स को फ्रंट सीट्स पर फिट करना होता है तो वहीं कर्टेन एयरबैग्स को बी पिलर के टॉप पोर्शन में लगाना होता है। क्या वाकई कारों में एक्सट्रा एयरबैग्स देने से पैसेंजर की सेफ्टी पुख्ता हो जाएगी? दिए गए लिंक पर इसका डीटेल रिव्यू जरूर पढ़ें।
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बता दें कि इस वक्त काफी कारों में केवल ड्युअल एयरबैग्स का फीचर ही दिया गया है। हालांकि ज्यादा बिकने वाले प्रीमियम व्हीकल्स में तो 6 एयरबैग्स अनिवार्य करने की बात समझ आती है मगर 5 लाख तक के बजट वाली कारों के लिए ये नियम फिट नहीं बैठते हैं। उदाहरण के तौर पर इस नियम के लागू होने के बाद ऑल्टो और एस प्रेसो की कीमतों में काफी ज्यादा इजाफा हो जाएगा जिससे इनकी बिक्री पर असर पड़ सकता है।
हाल ही में हुंडई मोटर्स ने सेंट्रो हैचबैक को बंद किया है जिसे इस मामले से जोड़कर देखा जा सकता है। इसके टॉप वेरिएंट्स की प्राइस 7.5 लाख रुपये ऑन रोड तक पहुंच रही थी। वहीं एडिशनल एयरबैग्स देने से ये 8 लाख रुपये तक का आंकड़ा छू लेती जो एक एंट्री लेवल कार के लिहाज से काफी ज्यादा है।
हालांकि एंट्री लेवल मॉडल्स में 4 एयरबैग्स देकर इस चीज को थोड़ा कॉस्ट फ्रेंडली रखा जा सकता है। इससे केवल कारों की कीमत में 30,000 रुपये तक का इजाफा होगा जिससे ये ज्यादा महंगी नहीं होंगी। उदाहरण के तौर पर रेनो क्विड के ब्राजीलियन वर्जन में 4 एयरबैग्स स्टैंडर्ड दिए गए हैं।
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चांस ऐसे भी है कि मारुति अपनी कुछ एंट्री लेवल कारों को ही बंद कर दे। जैसे जैसे नियम लागू होने की तारीखें पास आएंगी वैसे वैसे स्थिती साफ हो जाएगी।
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