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भारत की पहली हाइड्रोजन पावर वाली कार हो सकती है हुंडई नेक्सो इलेक्ट्रिक, जानिए कब होगी लॉन्च

प्रकाशित: मार्च 11, 2021 07:14 pm । भानुहुंडई नेक्सो

  • 2020 के मध्य में भारत सरकार ने हाइड्रोजन को वैकल्पिक ईंधन के तौर शामिल करने के लिए एक ड्राफ्ट किया था तैयार
  • हाइड्रोजन पावर वाली इलेक्ट्रिक कारों में नहीं पड़ती भारी बैट्री पैक की जरूरत
  • फ्यूल सेल के जरिए मिलती है गाड़ी को बिजली
  • फ्यूल सेल में हाइड्रोजन के साथ ऑक्सीजन का भी होता है मिश्रण, जिससे मोटर के लिए जनरेट होती है बिजली
  • 2019 में हुंडई मोटर्स ने नेक्सो को भारत में लॉन्च करने की घोषणा की थी
  • भारत में जल्द शुरू की जा सकती है इसकी टेस्टिंग

हुंडई मोटर्स को भारत में अपनी हाइड्रोजन पावर्ड इलेक्ट्रिक एसयूवी नेक्सो को इंपोर्ट कराने की मंजूरी मिल गई है। एक आरटीओ दस्तावेज के अनुसार सरकार ने ग्रीन एसयूवी को रजिस्टर कराने की मंजूरी दे दी है और अब हुंडई मोटर्स बहुत जल्द इसकी यहां टेस्टिंग शुरू कर सकती है। 2019 में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट तैयार किया था जिसमें हाइड्रोजन को वैकल्पिक ईंधन के तौर पर शामिल किए जाने की बात कही गई थी। भारत में काफी सारे कार मैन्यूफैक्चरर्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ रहे हैं और हुंडई मोटर्स इनसे एक कदम आगे निकल गई है।

हुंडई नेक्सो कंपनी की क्रेटा और ट्यूसॉन एसयूवी से भी बड़ी है जो अमेरिका के कैलिफोर्निया जैसी जगहों पर बिक्री के लिए उपलब्ध है क्योंकि यहां हाइड्रोजन फ्यूल मिलता है। इस कार में फ्यूल सेल्स दिए गए हैं जो हाइड्रोजन के साथ ऑक्सीजन गैस के मिश्रण से मोटर को इलेक्ट्रिसिटी पहुंचाने का काम करते हैं। मजेदार बात ये है कि इस कार से धुएं के बजाए साफ पानी निकलता है।

रेगुलर इलेक्ट्रिक कारों के मुकाबले हाइड्रोजन से चलने वाली कारों में भारी भरकम बैट्री पैक्स नहीं दिए जाते हैं। गाड़ी में इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करने जैसे काम इसमें दिए गए फ्यूल सेल्स ही कर लेते हैं। इन्हें मात्र 5 मिनट में पूरी तरह चार्ज किया जा सकता है। हुंडई मोटर्स भारत सरकार के साथ मिलकर फ्यूल सेल्स चार्जिंग एंड मेंटेनेंस के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेगी।

हुंडई नेक्सो हाइड्रोजन इलेक्ट्रिक एसयूवी में 1.56 केडब्ल्यूएच का बैट्री पैक दिया जाएगा और इसकी इलेक्ट्रिक मोटर 161 पीएस की पावर और 395 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम होगी। इसे 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में 9.2 सेकंड का समय लगेगा। इसमें तीन फ्यूल टैंक्स दिए जाएंगे जिनकी सामूहिक क्षमता 156.6 लीटर होगी।

नेक्सो और उसके जैसी फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक गाड़ियों की एक और सबसे खास बात ये है कि रेगुलर बैट्री पावर वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों के मुकाबले ये ज्यादा रेंज भी देती हैं। यूरोपियन टेस्ट साइकल में इस गाड़ी ने 600 किलोमीटर की रेंज दी जबकि कोरियन टेस्ट साइकल में इसने 800 किलोमीटर की शानदार रेंज दी। भारत में लॉन्च होने वाली नेक्सो 1000 किलोमीटर की रेंज देने में सक्षम हो सकती है

इंटरनेशनल मार्केट में उपलब्ध इस कार में स्मार्ट क्रूज कंट्रोल, लेन कीपिंग असिस्ट, फॉरवर्ड कॉलिजन असिस्ट, ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटर, एलईडी हेडलैंप्स, 360 डिग्री कैमरा, पैनोरमिक सनरूफ, पावर्ड टेलगेट, पैडल शिफ्टर्स, वेंटिलेटेड पावर्ड फ्रंट सीट्स और पूरी तरह से डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर जैसे फीचर्स दिए गए हैं।

नेक्सो जब भी भारत में लॉन्च होगी तो ये देश की पहली फ्यूल सेल व्हीकल के तौर पर अपना नाम दर्ज करेगी। इससे अच्छी रेंज मिलने की भी उम्मीद है। कंपनी इसे दिल्ली एनसीआर जैसे बड़े शहरों में लॉन्च कर सकती है।

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भानु

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