ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट के प्रोटोकॉल्स को किया गया अपडेट, अब 3,4 और 5 रेटिंग पा ने के लिए इन मोर्चों पर कारों को उतरना होगा खरा
प्रकाशित: जुलाई 05, 2022 01:21 pm । भानु
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ग्लोबल एनकैप ने 1 जुलाई 2022 से लेकर दिसंबर 2025 तक के लिए न्यू एसेसमेंट प्रोटोकॉल्स को प्रभावी रूप से लागू कर दिया है। अब कारों को टेस्ट करने के लिए नए नियमों की पालना की जाएगी और 5 स्टार रेटिंग प्राप्त करने के लिए कारों को और कठिन परीक्षा से गुजरना होगा। ग्लोबल एनकैप ने साइड इंपेक्ट और इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल टेस्ट को अब अनिवार्य भी कर दिया है।
ग्लोबल एनकैप से 5 स्टार रेटिंग प्राप्त करने के लिए इन 5 जरूरतों पर उतरना होगा खरा:
ईएससी (इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल) का फीचर अब कार के हर वेरिएंट में स्टैंडर्ड दिया जाना अनिवार्य होगा। यदि कंपनी इसे स्टैंडर्ड नहीं दे सकती है तो उसे कार के सबसे पॉपुलर वेरिएंट में ये फीचर देना अनिवार्य होगा। सेफ्टी रेटिंग दिए जाने के बाद कंपनी को संबंधित कार के सभी वेरिएंट्स में ईएससी का फीचर स्टैंडर्ड देना भी अनिवार्य होगा।
इसके अलावा अब से सभी कारों का पोल साइड इंपेक्ट टेस्ट भी किया जाएगा। इसके लिए कारों में साइड और कर्टेन एयरबैग्स होना जरूरी होगा। हालांकि ग्लोबल एनकैप ने कहा है कि कारमेकर एयरबैग के अलावा यदि कोई और रास्ता निकाल सके तो उसके लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
सभी वेरिएंट्स में पेडिस्ट्रियन प्रोटेक्शन भी जरूरी होगा। इसके मुताबिक कार का डिजाइन कुछ इस तरह का होना चाहिए जिससे एक्सिडेंट/क्रैश के समय पैदल जा रहे व्यक्ति को कम से कम चोट पहुंचे।
आवश्यकताएं |
5 स्टार |
4 स्टार |
3 स्टार |
0-2 स्टार |
ईएससी |
स्टैंडर्ड |
स्टैंडर्ड |
2022/2023 मॉडल के लिए ऑप्शनल / 2024 मॉडल से स्टैंडर्ड |
आवश्यक नहीं |
साइड हेड प्रोटेक्शन सिस्टम (साइड और कर्टेन एयरबैग) |
स्टैंडर्ड |
2022/2023 मॉडल के लिए ऑप्शनल / 2024 मॉडल से स्टैंडर्ड |
2022/2023 मॉडल के लिए आवश्यक नहीं / 2024/2025 मॉडल के लिए कम से कम एक वेरिएंट में ऑप्शनल |
आवश्यक नहीं |
पेडिस्ट्रियन प्रोटेक्शन |
स्टैंडर्ड |
स्टैंडर्ड |
स्टैंडर्ड |
आवश्यक नहीं |
इन क्रैश टेस्ट में फ्रंट और रियर सीट बेल्ट रिमाइंडर और ऑफसेट और मूविंग डिफॉर्मेशन बैरियर टेस्ट जैसे पैरामीटर्स पर भी गौर किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर मूविंग डिफॉर्मेशन बैरियर टेस्ट एक तरह का साइड इंपेक्ट टेस्ट ही होगा।
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हालांकि इन सभी मापदंडों पर खरा उतरने के बावजूद हो सकता है कि कार को 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग ना मिल पाए। इसका सबसे ताजा उदाहरण किया कारेंस एमपीवी है जिसमें 6 एयरबैग्स और इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल का फीचर स्टैंडर्ड होने के बावजूद ग्लोबल एनकैप से 3 स्टार रेटिंग मिली है। इसकी बॉडीशेल इंटीग्रिटी को अस्थिर बताया गया और ए पिलर की शेप भी अजीब पाई गई। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के 6 एयरबैग अनिवार्य करने को दिए जा रहे जोर के बावजूद भी अब चांस ये भी होगा कि कारों को 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिले ही ना।
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ग्लोबल एनकैप प्रोटोकॉल्स में किए गए परिवर्तन के बाद तो कार मैन्युुफैक्चरर्स के लिए अपनी कारों को 5 स्टार रेटिंग दिला पाना आसान नहीं होगा। बता दें कि टाटा नेक्सन, पंच, अल्ट्रोज़, महिंद्रा एक्सयूवी300, थार और एक्सयूवी700 जैसी कारों का साइड इंपेक्ट टेस्ट किया जा चुका है। इसके अलावा थार और एक्सयूवी700 तो ईएससी टेस्ट भी पास कर चुकी है।
इच बीच अप्रैल 2023 से देश में भारत एनकैप क्रैश टेस्ट की शुरूआत भी होगी। अब देश में बेची जाने वाली कारों का देश में ही क्रैश टेस्ट किया जाएगा। भारत एनकैप में भी वही सब प्रोटोकॉल्स फॉलो किए जा सकते हैं जो ग्लोबल एनकैप में किए जा रहे हैं।