देश के सभी टोल प्लाज़ा पर अनिवार्य हुआ फास्टैग, जानिए कैसे करेगा काम
संशोधित: दिसंबर 20, 2019 01:05 pm | भानु
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देशभर में अब फास्टैग (FASTag) अनिवार्य हो गया है। इसे पहले 1 दिसंबर से अनिवार्य किया जाना था मगर बाद में सरकार ने इसकी तारीख को 15 दिन आगे बढ़ा दिया था। फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टैग है जो आरएफआईडी यानी रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (Radio Frequency Identification) पर बेस्ड है।
जानिए फास्टैग कैसे करेगा काम (FASTag : Know how it work)
यह एक इलेक्ट्रॉनिक टैग है जो वाहन की विंडस्क्रीन के अंदर चिपकाया जाता है। इस टैग में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टेक्नोलॉजी है जो कि सीधे आपके बैंक अकाउंट या प्रीपेड वॉलेट से लिंक होगा। फास्टैग का फायदा (FASTag Benefits) ये है कि जैसे ही कोई वाहन टोल प्लाजा से गुजरेगा तो इस टैग को स्कैन किया जाएगा और स्कैन होने के बाद व्हीकल ओनर के बैंक अकाउंट या प्रीपेड वॉलेट से टोल शुल्क अपने आप ही कट जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया इतनी तेज़ होगी कि वाहन बिना रुके टोल पार कर लेगा। नई कार खरीदने वाले ग्राहकों को यह टैग शोरूम से ही मिल जाएगा, जबकि बाकि कार ओनर्स को यह टैग खुद लेना होगा।
फास्टैग से जुड़े मुख्य बिंदु
- फास्टैग लागू करने का मुख्य उद्देश्य हाईवे पर ट्रेफिक की आवाजाही को तेज़ करने और फ्यूल की खपत को कम करने से है।
- फास्टैग को 22 प्रमाणित बैंकों की चुनिंदा ब्रांचो के साथ-साथ नेशनल हाईवे के टोल प्लाज़ा से भी प्राप्त किया जा सकता है। हमने यहां आसानी से फास्टैग प्राप्त करने के तरीकों का उल्लेख किया है।
- चूंकि 16 दिसंबर से फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में एनएचएआई की ओर से देशभर के सभी टोल प्लाज़ा पर 25 प्रतिशत से ज्यादा हायब्रिड लेन शुरू की गई है। यहां हायब्रिड लेन का मतलब कैश पेमेंट से है जो केवल जनवरी 2020 के मध्य तक ही संचालित की जाएगी।
- चेन्नई में एनएचएआई से जुड़े कुछ अधिकारियों ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा व्हीकल ओनर्स को फास्टैग मुहैया कराने की कार्रवाई तेज कर दी गई है। इसका मकसद 75 प्रतिशत कारों को फास्टैग से लैस करना है।
- नॉन फास्टैग व्हीकल को फास्टैग टोल लेन में प्रवेश करने पर टोल राशि का दोगुना भुगतान करना होगा।
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