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व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम के पांच फायदे जो रखेंगे आपकी कार को लंबे समय तक सुरक्षित

प्रकाशित: जून 12, 2020 03:49 pm । स्तुतिकिया सेल्टोस 2019-2023

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व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम कार को सुरक्षित रखने और चोरी-चकारी से बचाने का एक कारगर तरीका है। कार ट्रैकर्स न केवल लोकेशन बेस्ड सर्विस देते हैं, बल्कि इसके जरिये कार की रियलटाइम इन्फॉर्मेशन भी प्राप्त की जा सकती है। अगर किसी भी कार में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगा होता है तो इसके सहारे ड्राइवर्स के मूवमेंट की पूरी निगरानी भी रखी जा सकती है।  

आज हम आपको व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम के पांच फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको अपनी कार को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में मदद करेंगे, तो चलिए जानते हैं यहां:- 

निवेश पर रिटर्न

हम में से अधिकतर भारतीय जिस चीज़ को लेकर सबसे ज्यादा स्मार्ट हैं, वो है पैसों को मैनेज करके रखना, जिससे निवेश पर अच्छा रिटर्न प्राप्त किया जा सके। अगर हमें एक एवरेज कार को खरीदना हो तो उसके लिए हमें लगभग 3.50 लाख रुपए से 4 लाख रुपए तक का भुगतान करना होगा।   

वहीं, यदि हमें अपनी कार में प्रीमियम क्वॉलिटी का व्हीकल जीपीएस ट्रैकर लगवाना हो तो उसके लिए लगभग 4000 से रुपए 6000 रुपए खर्च करने होंगे। आपको बता दें कि इस डिवाइस में सिम कार्ड पहले से ही फिट किया हुआ होता है। यह डिवाइस लंबे समय तक खराब नहीं होने वाले हार्डवेयर के साथ आती है। इसका इंटरफेस भी एकदम यूज़र फ्रेंडली होता है। यह डाटा सिक्योरिटी को भी बरकरार रखती है। इसके अलावा मार्केट में कई सस्ते ट्रैकर्स भी उपलब्ध हैं जिनकी कीमतें 2000 रुपए से 3000 रुपए के बीच है। लेकिन, ऐसे जीपीएस ट्रैकर के लिए सिम अलग से खरीदनी पड़ती है और यह केवल एसएमएस अलर्ट ही देते हैं। कम दाम में आने वाले ट्रैकर्स सस्ते तो होते हैं, लेकिन अच्छी तरह से काम बिलकुल भी नहीं करते।

अगर आपकी कार में व्हीकल ट्रैकर इंस्टॉल किया हुआ होता है तो आपको इसके जरिये ना केवल चोरी-चकारी की जानकारी मिल पाती है, बल्कि आप बदमाशों की गतिविधियों की निगरानी भी रख सकते हैं। यह सिस्टम कार टो होने पर भी ओनर तक अपडेट्स पहुंचा देता है।

सेफ्टी

हम में से कुछ लोगों के पास कार चलाने के लिए ड्राइवर या फिर एडल्ट बच्चे हैं जो ड्राइविंग करने में एकदम नए हैं। ऐसे में अगर कार में ट्रैकिंग सिस्टम लगा हो तो हम इसके जरिये ड्राइवर के मूवमेंट की पूरी निगरानी रख सकते हैं। यदि कोई ड्राइवर आपके बच्चे को स्कूल ले जा रहा हो तो भी आप ड्राइवर द्वारा लिए गए रूट की पूरी जानकारी भी हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा आप जियोफेन्स भी सेटअप करवा सकते हैं जो आपको ड्राइवर द्वारा लिए गए दूसरे रूट के बारे में अलर्ट देने में मदद करेगा।  

वहीं, अगर आपका टीनेजर बच्चा ड्राइव करना सीख रहा है तो ऐसी स्थिति में जाहिर है कि आप उसे कार चलाने के लिए नहीं देंगे। यदि आप बच्चे को कार ड्राइव करने के लिए देते भी हैं तो यह सिस्टम कार की तेज़ स्पीड के बारे में अलर्ट दे देगा। अगर आपकी कार एक तय दूरी से आगे बढ़ रही हो तो भी आपको इस सिस्टम के जरिये इस बात की जानकारी मिल सकेगी।  इसके अलावा यह सिस्टम कार ओनर को चोरी के बारे में अपडेट भी पहुंचा देता है या फिर अलर्ट कर देता है। जितनी जल्दी आप अपनी कार चोरी होने के बारे में जान सकेंगे, उतनी ही जल्दी व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम के सहारे कार को पुलिस की सहायता से वापस प्राप्त करने की भी संभावनाएं होंगी।

यह भी पढ़ें : इन 5 तरीकों से बनाएं अपनी पुरानी कार को मॉडर्न

इस्तेमाल करना बेहद आसान

बेसिक सिस्टम में कप्लर टू कप्लर कनेक्शन की आवश्यकता होती है। वहीं, ट्रैकिंग सिस्टम में वायर के साथ कोई छेड़छाड़ करने या बदलाव करने की जरूरत नहीं पड़ती। कारदेखो अपलिंक की तरह ही किसी भी प्रीमियम ऑप्शंस में आपको एक तार भी नहीं दिखेगा।  

कारदेखो अपलिंक के जैसा ही प्लग एन्ड प्ले सेटअप कार को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा तरीका है। इसे कार के ऑन-बोर्ड डायग्नॉस्टिक (ओबीडी) पोर्ट (आमतौर पर ड्राइवर की तरफ डैशबोर्ड के नीचे स्थित होता है) में लगाया जा सकता है और फोन ऐप के जरिये सिंक किया जा सकता है। इसके अलावा ट्रैकिंग सिस्टम में एक अलग तरह का ज्यादा डिस्क्रीट वेरिएंट भी आता है जिसे कार के 12 वोल्ट पावर सॉकेट में लगाया जा सकता है। इसके जरिये आप अपने फोन को भी चार्ज कर सकते हैं।

अगर आप अपने अनुसार व्हीकल ट्रैकर चुनते हैं तो आपको सिम कार्ड की आवश्यकता पड़ सकती है। वहीं, कई ट्रैकर ऐसे भी होते हैं जिसमें एम2एम (मशीन-टू-मशीन) सिम पहले से ही दी गई होती है। बेसिक व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम एसएमएस अलर्ट देने में सक्षम होते हैं। वहीं, प्रीमियम सेटअप ऐप्स के साथ आते हैं जिससे तमाम फंक्शन को कंट्रोल व मॉनिटर भी किया जा सकता है।  

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ड्राइव डाटा एक्सेस

कार ट्रैकर्स न सिर्फ लोकेशन बेस्ड सर्विस देते हैं, बल्कि इसके जरिये कार की रियलटाइम इन्फॉर्मेशन भी हासिल की जा सकती है। इसमें कार के हैल्थ डाटा और ड्राइव पैटर्न से जुड़ी जानकारी शामिल होती है। अगर आप ड्राइव करते वक्त कार को तेज़ एक्सेलरेट करते हैं या फिर हार्ड ब्रेक लगाते हैं, तो इसकी जानकारी भी आपको ऐप पर मिल सकेगी।

यह केवल जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम ही नहीं है, बल्कि टेलीमैटिक्स भी है।  यह सिस्टम टैक्सी ओनर्स के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होते हैं, जो अपने ड्राइवर को कुशल बनाना चाहते हैं। 

पुरानी कार को मॉडर्न बनाएं

हुंडई वेन्यू, किया सेल्टोस, एमजी हेक्टर, हुंडई क्रेटा, हुंडई वरना और टाटा नेक्सन जैसी नई कारों में कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी दी गई है। इन सभी कारों में दिए गए कनेक्टेड कार सेटअप्स पुराने सिस्टम के मुकाबले कहीं ज्यादा बेहतर साबित होते हैं। ऐसे में आप भी यह नई टेक्नोलॉजी अपनी कई दशकों पुरानी कार में लगवा सकते हैं। 

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कारों में दिए गए सिक्योरिटी और ट्रैकिंग फीचर हमेशा से ही फायदेमंद साबित हुए हैं। आपकी पुरानी कार चाहे कितने ही अच्छे फीचर्स से लैस क्यों ना हो, आप नई कार से उसकी बराबरी करने के लिए उसमें नए फीचर्स शामिल करके उसे मॉडर्न जरूर बनाना चाहेंगे।

ऐसे में यदि आप भी अपनी कार को सुरक्षित रखने का कोई आसान और किफायती तरीका ढूंढ रहे हैं तो जीपीएस ट्रैकर का इस्तेमाल करना काफी अच्छा ऑप्शन है। जीपीएस ट्रैकर छोटा तो होता है, लेकिन कार की सेफ्टी को बरकरार रखने में अहम भूमिका निभाता है।

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1 कमेंट
1
E
edwin shaju
Jul 8, 2020, 6:35:54 PM

kia seltos is good

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