भारत सरकार ने की घोषणा, फाॅक्सवेगन के डीजल वाहनों की होगी जांच
प्रकाशित: दिसंबर 03, 2015 07:33 pm । manish
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फाॅक्सवेगन ने उत्सर्जन घोटाले में फंसने के बाद भारत में 3.23 लाख कारों को रिकाॅल किया था। इसके बाद भारत सरकार की ओर से यह घोषणा की गई है कि फाॅक्सवेगन कंपनी के डीजल गाडि़यों की जांच की जाएगी।
केन्द्रीय हैवी इंडस्ट्री व पब्लिक एंटरप्राइजेज मंत्री अनंत गीते ने कहा कि ‘फाॅक्सवेगन के डीजल व्हीकल की जांच कर यह देखा जाएगा कि क्या यह भारतीय उत्सर्जन मानकों का उल्लंघन कर रहे हैं। अगर जरूरत पड़ी तो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भी कार्रवाई करेंगे। अगले छह महीनों में हम सभी डीजल यात्री वाहनों के उत्सर्जन स्तर की जांच करेंगे।’
भारी उद्योग मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अंबुज शर्मा ने कहा कि ‘इस महीने के अंत तक हम भारत में पैसेन्जर डीजल व्हीकल के परीक्षण की शुरूआत करेंगे। एआरआई द्वारा डीजल पैसेंजर व्हीकल की जांच अगले छह महीनों में पूरी की जाएगी।’
आॅटोमेटिव रिसर्च एसोसिएशन आॅफ इंडिया ने अपनी जांच में पाया था कि फाॅक्सवेगन द्वारा भारत में निर्मित डीजल कारों में ई 189 इंजन लगाया गया है। यह इंजन लगे वाहन सड़क पर चलने के दौरान नाइट्रोजन आॅक्साइड का उत्सर्जन तय सीमा से अधिक हो रहा है। इसमें 1.2 लीटर, 1.5 लीटर, 1.6 लीटर और 2.0 लीटर डीजल इंजन शामिल हैं। फाॅक्सवेगन की ओर से अपने दूसरे ब्रांड स्कोडा और आॅडी कारों को भी रिकाॅल किया है।
कंपनी की ओर से 2008 से 2015 नवम्बर के बीच निर्मित कारों को रिकाॅल किया है। इसमें 36,500 यूनिट आॅडी, 88,700 यूनिट स्कोडा और 1,98,500 यूनिट फाॅक्सवेगन की कारें शामिल हैं।
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