अब दूसरे राज्यों में गाड़ी का री-रजिस्ट्रेशन कराने में मिलेगी सहूलियत, सरकार ला रही है नया नियम
संशोधित: अप्रैल 30, 2021 06:52 pm | स्तुति
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भारत में एक राज्य से दूसरे राज्य में गाड़ी के री-रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया काफी पैचीदा है, जो ना केवल आपका समय खराब करती है बल्कि इसके लिए जेब भी ढ़ीली करनी पड़ती है। इस पैचीदा प्रोसेस का सबसे ज्यादा सामना ऐसे कर्मचारियों को करना पड़ता है जिनका समय-समय पर एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर होता रहता है। अब सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने व्हीकल री-रजिस्ट्रेशन की पैचीदा प्रोसेस को सरल बनाने का एक नया प्लान किया है।
यह नया नियम शुरुआत में डिफेन्स पर्सनल, केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों, सेंट्रल पब्लिक सेक्टर यूनिट्स और प्राइवेट सेक्टर कंपनियों के कर्मचारियों (जिनके ऑफिस पांच या उससे ज्यादा राज्यों में हैं) के लिए पायलट बेसिस पर चलेगा। ऐसे व्हीकल के रजिस्ट्रेशन के लिए एक नई “इन” सीरीज तैयार की जाएगी।
इस नए नियम से गाड़ी को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने पर री-रजिस्ट्रेशन में ज्यादा कागजी कार्रवाही नहीं करनी पड़ेगी। वर्तमान नियम के अनुसार व्हीकल रजिस्ट्रेशन के दौरान 15 साल का रोड टैक्स देना होता है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति दो साल बाद किसी दूसरे राज्य में शिफ्ट होता है तो उसे दूसरे राज्य में री-रजिस्ट्रेशन के दौरान बाकी बचे 13 साल का रोड टैक्स देना पड़ता है और बाद में मूल राज्य से 13 साल का रोड टैक्स रिफंड लेने के लिए आवेदन करना होता है। नए नियम के तहत ‘इन’ सीरीज वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर दो साल या दो साल के मल्टीप्लिकेशन में मोटर व्हीकल टैक्स लिया जाएगा। ऐसे में दूसरे राज्य में ट्रांसफर होने पर आपको टैक्स रिफंड में समय खराब नहीं करना पड़ेगा।
मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 47 के अनुसार फिलहाल यह नियम है कि एक व्यक्ति किसी भी वाहन को उस राज्य के अलावा (जहां व्हीकल वास्तविक रूप से रजिस्टर है) दूसरे राज्य में केवल 12 महीने तक ही रख सकता है और इतने में उसको री-रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है।
इन सीरीज वाली गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन मूल राज्य के अलावा कर्मचारी का जिस राज्य में ट्रांसफर हुआ है, दोनो जगह मान्य होगा। इस नए नियम से भारत के सभी राज्यों में निजी वाहनों की आवाजाही को बढ़ावा मिलेगा।
अभी ये है गाड़ी के एक राज्य से दूसरे राज्य में री-रजिस्ट्रेशन की प्रोसेसः-
- नए राज्य में गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए मूल राज्य से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) लेना पड़ता है।
- नए राज्य का रोड टैक्स देने के बाद न्यू रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस आगे बढ़ती है।
- जिस राज्य में गाड़ी रजिस्टर्ड है वहां पर रोड टैक्स रिफंड की एप्लिकेशन देनी होती है।
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