क्रैश टेस्ट में फेल हई जीप रैंग्लर, मिली 1 स्टार रेटिंग

संशोधित: दिसंबर 12, 2018 01:11 pm | dinesh | जीप रैंगलर

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2018 Wrangler

यूरोपियन न्यू कार असेस्मेंट प्रोग्राम (यूरो-एनकैप) ने जीप की 2018 रैंग्लर एसयूवी का क्रैश टेस्ट किया, जिसमे रैंग्लर को सेफ्टी के मामले में महज़ 1 स्टार रेटिंग प्राप्त हुई। टेस्ट की गई जीप रैंग्लर ड्यूल फ्रंट एयरबैग, साइड हैड एयरबैग, साइड चेस्ट एयरबैग और आईएसओफ़िक्स चाइल्ड सीट एंकर से लैस थी। गौरतलब है कि, जीप की सबसे किफयती एसयूवी कंपास को 5-स्टार रेटिंग मिली थी।

रैंग्लर केक्रैश टेस्ट का विस्तृत विवरण यहां जाने :

एडल्ट सेफ्टी : (19.2/34)

एनकैप रिपोर्ट के अनुसार, 64 किमी/घंटे की रफ़्तार पर किए गए फ्रंट ओफ़्सेट टेस्ट में गाड़ी का बॉडी स्ट्रक्चर स्टेबल नहीं रहा। इम्पैक्ट का असर कार के ए-पिलर तक पंहुचा, जो बेहद निराशाजनक है। साफ़ है कि कार का स्ट्रक्चर हाई लोड को झेलने में असमर्थ है। डमी रीडिंग और अनस्टेबल बॉडीशेल को देखते हुए ड्राइवर छाती की सुरक्षा को भी कमजोर करार दिया गया। 

2018 Wrangler

फुल-विड्थ रिजिड बैरियर टेस्ट के दौरान, ड्राइवर और यात्रियों के चेस्ट और गले की सुरक्षा भी कमजोर साबित हुई। यह टेस्ट 50 किमी/घंटे की रफ़्तार पर किया गया था। 

2018 Wrangler

जीप रैंग्लर ने साइड इम्पैक्ट टेस्ट में सबसे ज्यादा अंक प्राप्त किए। रिपोर्ट के अनुसार साइड से टक्कर होने पर सभी यात्री सुरक्षित रहेंगे। यह टेस्ट भी 50 किमी/घंटे की रफ़्तार पर किया गया था। साथ ही, पीछे से टक्कर होने पर भी यात्रियों को कोई भारी नुकसान नहीं होगा।

चाइल्ड सेफ्टी : (34.4/62)

2018 Wrangler

फ्रंट ऑफसेट टेस्ट के दौरान, शरीर के सभी महत्वपूर्ण हिस्सों की सुरक्षा को "अच्छा" और "मार्जिनल" के रूप में रेट किया गया है। हालांकि, 10 साल के बच्चों के लिए गर्दन की सुरक्षा उतनी कुशल नहीं है। साइड-बैरियर टेस्ट के दौरान भी, 10 साल के बच्चों के लिए सिर की सुरक्षा को "मार्जिनल" रेटिंग मिली। अन्य सभी अंग टक्कर के दौरान सुरक्षित रहें। 

पैडेस्ट्रीयन सेफ्टी (पैदल यात्री सुरक्षा): 23.9/36

बोनेट से टकराने के मामले में पैदल चलने वालों की सुरक्षा को "मार्जिनल" और "पुअर" के रूप में रेट किया गया। हालांकि, पैरों की सुरक्षा के लिए इसे अच्छी रेटिंग मिली। 

सेफ्टी सिस्टम : 4.2/13

रैंग्लर में आगे और पीछे की सीटों के लिए सीट बेल्ट रिमाइंडर सिस्टम और स्पीड असिस्टेंस सिस्टम भी मिलता है। हालांकि, इसमें ऑटोनोमस ब्रेकिंग और लेन असिस्टेंट सिस्टम जैसे फीचर की कमी है। 

ऊप्पर दिए विवरण से यह स्पष्ट है कि जीप रैंग्लर के ख़राब प्रदर्शन के पीछे इसका कमजोर स्ट्रक्चर और कम सेफ्टी फीचर मुख्य वजह हैं। जिनके कारण भारत में लांच से पहले ही जीप रैंगलर यहां फेल होती नज़र आई। 

इसके अलावा यूरो-एनकैप ने 2018 ऑडी क्यू 3, बीएमडब्ल्यू एक्स 5, हुंडई सेंटा-फे, जगुआर आई-पेस, प्यूजो 508, वोल्वो वी 60 और एस 60 सहित अन्य कारों का भी परीक्षण किया। सभी कारों को 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग प्राप्त हुई। हालांकि इन कारों में से केवल 2018 ऑडी क्यू 3, 2018 बीएमडब्ल्यू एक्स 5, हुंडई सेंटा-फे और वोल्वो एस 60 के ही भारत में लॉन्च होने की संभावना है। इन्हें अगले साल लॉन्च किया जा सकता है। 

यह भी पढें : टाटा नेक्सन बनी भारत की सबसे सुरक्षित कार, क्रैश टेस्ट में मिली 5-स्टार रेटिंग

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