हुंडई क्रेटा vs टाटा कर्व: क्या टाटा की ये नई एसयूवी कूपे छीन सकती है हुंडई की बेस्ट सेलि ंग एसयूवी का ताज? जानिए यहां
प्रकाशित: जनवरी 23, 2025 06:57 pm । भानु । हुंडई क्रेटा
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कई सालों से कारमेकर्स मार्केट में अपना स्टेटस बदलने के लिए अपनी कारों में बेहतर फीचर्स,ज्यादा पावरफुल पावरट्रेन ऑप्शंस और कॉम्टिटिव प्राइस देकर दूसरे ब्रांड्स से मुकाबला कर रहे हैं। अब ये कॉम्टिशन डिजाइन में भी दिखने लगा है। कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में लगभग हुंडई क्रेटा का ही दबदबा है और इसी प्राइस ब्रेकेट पर टाटा ने कर्व एसयूवी कूपे को लॉन्च किया है जिसका डिजाइन काफी अलग है और आने वाले समय में ये कंपनी की बेस्ट सेलिंग कार बन सकती है। मगर क्या इसमें वो सब बदलाव मौजूद हैं जिससे लोग इसकी तरफ आकर्षित हो? जानिए आगे:
चाबी
कर्व को लॉन्च करने के साथ टाटा ने अपनी आउटडेटेड प्लास्टिक की चाबी को अपडेट कर दिया है जो अब पहले से ज्यादा प्रीमियम और इस कार के साथ काफी जचती भी है। कर्व की चाबी के चारो ओर एल्युमिनियम दिया गया है और इसे ग्लॉसी फिनिशिंग दी गई है जो पकड़ने और ऑपरेट करने में प्रीमियम महसूस होती है। इसमें लॉकिन्ग/अनलॉकिन्ग के लिए बटन दिए गए हैं और आप दूर से भी बूट को ओपन कर सकते हैं और कार की लाइट्स को भी टर्न कर सकते हैं।
हुंडई क्रेटर में बटन पर ब्रश्ड एल्यूमिनियम फिनिश वाली ब्राउन कलर की चाबी दी गई है जो कार को लॉक/अनलॉक,बूट को खोलने और इंजन को स्टार्ट करने के काम में आती है। इसकी चाबी की फिट और फिनिशिंग काफी अच्छी है मगर ये टाटा कर्व की चाबी के कंपेरिजन में कम प्रीमियम नजर आती है क्योंकि इसमें सॉफ्ट टच मैटेरियल्स का इस्तेमाल नहीं हुआ है।
लुक्स
टाटा कर्व का डिजाइन ऐसा है जो अब तक मास मार्केट सेगमेंट में नहीं देखा गया था। इसमें स्लोपिंग रूफलाइन के साथ एसयूवी कूपे डिजाइन दिया गया है। इसके अलावा इसमें 18 इंच के अलॉय व्हील्स दिए गए हैं जो कॉम्पैक्ट एसयूवी के हिसाब से काफी बड़े हैं। हालांकि,कर्व के साइज को देखते हुए ये अलॉय व्हील्स इसपर छोटे ही नजर आते हैं। दूसरी तरफ इस कार डिजाइन ऐसा है कि एकबार जरूर मुड़कर देखना बनता है।
कर्व के कंपेरिजन में हुंडई क्रेटा को पहली बार 2015 में लॉन्च किया गया था और तब से ये बेस्ट सेलिंग कार रही है। अपने बोल्ड लुक्स के कारण ये अपने मुकाबले में मौजूद दूसरी कारों से दमदार नजर आती है।इसका डिजाइन काफी सेंसिबल और अपीलिंग है जिससे काफी ग्राहक इसे पसंद करते हैं।
हमारी नजर में कर्व के लुक्स ज्यादा बेहतर है और ये काफी ध्यान आकषित भी करती है। मगर इसके डिजाइन पर अलग अलग लोगों की अलग अलग राय हो सकती है और उसी हिसाब से दोनों में से किसी एक को चुना जा सकता है।
बूट स्पेस
हुंडई क्रेटा और टाटा कर्व दोनों में ही अच्छा खासा बूट स्पेस दिया गया है। हमारे इस टेस्ट में क्रेटा के मुकाबले कर्व में ज्यादा बैग्स रखने की गुंजाइश नजर आई। बूट उंचा होने से एक बैग के उपर दूसरा बैग भी रख पाने में आसानी रही है जिससे स्पेस का भी बेहतर इस्तेमाल हो पाया। टाटा ने इसमें पावर्ड टेलगेट दिया है जिससे बूट में सामान रखना आसान हो जाता है।
दूसरी तरफ क्रेटा का बूट चौड़ा है मगर गहरा नहीं है जिससे बड़ा सूटकेस रखने के बाद दूसरे बैग्स रखने के लिए जगह नहीं बच पाती है। यदि आप क्रेटा ले रहे हैं तो हम आपको इसके बूट में छोटे केबिन साइज बैग्स रखने की सलाह देंगे।
टाटा कर्व का बड़ा बूट और पावर्ड टेलगेट इसे क्रेटा के मुकाबले इस मोर्चे पर ज्यादा बेहतर बनाता है।
केबिन: डिजाइन और क्वालिटी
कर्व के डैशबोर्ड का डिजाइन स्लीक और मिनिमल है। टाटा कर्व के डैशबोर्ड का लेआउट सिंपल है जिसमें हॉरिजॉन्टल लाइंस,एंबिएंट लाइटिंग और कार्बन फाइबर जैसी ट्रिम दी गई है जिससे इसका केबिन का डिजाइन काफी सोबर नजर आता है। इसके डैशबोर्ड पर इल्युमिनेटेड लोगो के साथ 4 स्पोक स्टीयरिंग व्हील भी दिया गया है मगर ध्यान रहे कि इसके स्टीयरिंग व्हील पर स्क्रैच लगने का डर बना रहेगा और आपको स्क्रैच से बचाने के लिए किसी तरह का प्रोटेक्टर जरूर ले लेना चाहिए।
कर्व के कंपेरिजन में हुंडई क्रेटा में ड्युअल टोन ब्लैक और व्हाइट केबिन दिया गया है जिसका डिजाइन अच्छा है। डैशबोर्ड के एक तरफ ड्युअल इंटीग्रेटेड 10.25 इंच स्क्रीन दी गई है जिसके नीचे ही कूपर कलर्ड ट्रिम भी मौजूद है जिससे एक्सट्रा कॉन्ट्रास्ट मिल जाता है और दूसरी तरफ ग्लॉब ब्लैक इंसर्ट दिया गया है। इसके एसी वेंट्स काफी स्लीक है जिसके चारो ओर ब्लैक बेजल्स दिए गए हैं।
हमारा मानना है कि कर्व के डैशबोर्ड का डिजाइन काफी क्लीन है और क्रेटा के मुकाबले ये ज्यादा आकर्षक नजर आता है।
हालांकि जब बात केबिन क्वालिटी की आती है तो कहानी बदल जाती है। कर्व के डैशबोर्ड और डोर पैड्स् प्श्र काफी सारे सॉफ्ट टच मैटेरियल्स का इस्तेमाल किया गया है जिससे इसका केबिन क्रेटा के मुकाबले ज्यादा प्रीमियम नजर आता है क्योंकि क्रेटा में लेदरेट मैटेरियल्स का इस्तेमाल नहीं हुआ है।
हालांकि, क्रेटा के केबिन की फिनिशिंग कर्व से बेहतर है। कर्व में दिए गए एसी वेंट्स,विंडो कंट्रोल बटंस और केबिन लाइट उतने अच्छे महसूस नहीं होते है। वहीं गियर नॉब पर इस्तेमाल हुए मैटेरियल्स इसके पूरे केबिन के जितने अच्छे नहीं है। कर्व के केबिन में गियर लिवर और ग्लवबॉक्स के आसापास पैनल गैप्स भी काफी कम है।
दूसरी तरफ क्रेटा के केबिन की फिट और फिनिशंग काफी शानदार है। भले ही कर्व का केबिन ज्यादा मॉर्डन नजर आता हो मगर इंटीरियर डिपार्टमेंट में यहां क्रेटा ज्यादा बेहतर है।
केबिन स्पेस
कर्व की फ्रंट सीटों की बात करें तो इसमें लेदरेट सीट अपहोल्स्ट्री दी गई है जिसका कलर वेरिएंट अनुसार अलग अलग है। क्रेटा की सीटों के मुकाबले इसकी कुशनिंग ज्यादा सॉफ्ट है मगर इसका सीट बैकरेस्ट काफी छोटा हैं। ऐसे में जब आप क्रेटा को पहली बार ड्राइव करेंगे तो आपको बिल्कुल भी कंफर्टेबल महसूस नहीं होगा।
क्रेटा में व्हाइट और ग्रे लैदरेट सीट अपहोल्स्ट्री दी गई है जिसपर ऑरेन्ज पाइपिंग मौजूद है और ये काफी क्लीन और प्रीमियम नजर आती है। इसमें जो बस कमी नजर आती है वो ये है कि इन्हें साफ रख पाना थोड़ा मुश्किल है। बाकी इसकी कुशनिंग अच्छी है जिससे कंफर्ट बना रहता है।
रियर सीट की बात करने से पहले बता दें कि कर्व का डिजाइन एसयूवी कूपे है। ऐसे में इस तरह के डिजाइन वाली कार में अच्छा हेडरूम नहीं मिल पाता है और 6 फुट से लंबे पैसेंजर को सिकुड़कर बैठना पड़ता है। इसके अलावा इनकी विंडोज भी छोटी होती है जिससे रियर सीट पैसेंजर को बाहर की अच्छी विजिबिलिटी नहीं मिल पाती है।
कर्व की रियर सीट उतनी चौड़ी भी नहीं है कि उसपर 3 पैसेंजर्स बैठ सके। हालांकि,यदि यहां तीन पैसेंजर्स बैठ भी जाए तो बीच वाले पैसेंजर के कार की रूफ से सिर अड़ने के काफी चांस रहेंगे क्योंकि सेंटर में सीट हंंप से काफी कम हेडरूम मिलता है। कर्व का फ्लोर भी थोड़ा ऊंचा है और स्लोपिंग रूफ लाइन के कारण इसके केबिन में बैठना या उससे बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है।
दूसरी तरह क्रेटा की रियर सीटें काफी स्पेशियस है और इसमें औसत साइज के तीन पैसेंजर्स आराम से बैठ सकते हैं। व्हाइट और ग्रे केबिन थीम होने से केबिन में एक खुलेपन का अहसास होता है और इसमें हेडरूम की भी कोई कमी नजर नहीं आती। दरवाजे बड़े होने से और डिजाइन ट्रेडिशनल होने से इस कार के केबिन में एंट्री लेना और उससे बाहर निकलना आसान है। तो बेहतर रियर सीट एक्सपीरियंस के मोर्चे पर यहां कर्व के मुकाबले क्रेटा ज्यादा अच्छी है।
फीचर्स
फीचर्स हुंडई क्रेटा और टाटा कर्व दोनों ही एक फीचर लोडेड कार है। इनकी फीचर लिस्ट इस प्रकार से है:
हुंडई क्रेटा |
टाटा कर्व |
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दोनों कारों में वेंटिलेटेड फ्रंट सीट्स, एक पैनोरमिक सनरूफ, एक वायरलेस फोन चार्जर, ऑटो-फोल्ड फ़ंक्शन के साथ इलेक्ट्रिकली एडजस्टेबल रियरव्यू मिरर (ओआरवीएम), पैडल शिफ्टर्स, एक कूल्ड ग्लोवबॉक्स और रियरव्यू मिरर (आईआरवीएम) के अंदर ऑटो-डिमिंग जैसे कॉमन फीचर्स दिए गए हैं।
क्रेटा के मुकाबले कर्व में बड़ी टचस्क्रीन और एडिशनल स्पीकर दिया गया है। दूसरी तरफ क्रेटा में 8 तरीकों के एडजस्टमेंट लेवल के साथ पावर्ड और को ड्राइवर सीट दी गई है। वहीं क्रेटा में रिमोट इंजन स्टार्ट फंक्शन और पडल लैंप्स भी दिए गए हैं।
हमारे एक्सपीरियंस से बोले तो टाटा की कारों में टचस्क्रीन पर काफी अटकाव देखा जाता रहा है और कर्व में भी ये चीज देखी गई। हांलाकि,इसबार जब हमनें कर्व को ड्राइव किया तो हमें परेशानी नहीं आई। इसमें हमें सबसे अच्छी चीज जो लगी वो कि इसकी टचस्क्रीन वायरलेस एंड्रॉयड ऑटो और एपल कारप्ले को सपोर्ट करती है जबकि क्रेटा में ये फीचर नहीं दिया गया है। क्रेटा में 10.25 इंच की टचस्क्रीन दी गई है जिसमें वायर्ड एंड्रॉयड ऑटो और एपल कारप्ले दिया गया है और इसमें वायरलेस कनेक्टिविटी केवल लोअर वेरिएंट्स में 8 इंच की टचस्क्रीन के साथ ही मिल रही है।
दोनों कारों में दिए गए फीचर्स एक दूसरे के मुकाबले में अच्छे खासे है और आपको दोनों ही कारों में फीचर्स की कमी नजर नहीं आएगी।
प्रैक्टिकैलिटी और चार्जिंग ऑप्शंस
टाटा कर्व में डोर पर बॉटल होल्डर और फ्रंंट आर्मरेस्ट के नीचे छोटा सा स्टोरेज स्पेस दिया गया है। हालांकि, कपहोल्डर्स ग्लवबॉक्स में दिया गया है जिससे ड्राइव करते वक्त ये किसी काम में नहीं आते हैं। इसमें रियर पैसेंजर्स के लिए सेंटर आर्मरेस्ट में कपहोल्डर्स दिए गए हैं मगर कोई सीट बैक पॉकेट्स नहीं दिए गए हैं।
दूसरी तरफ क्रेटा के केबिन में ज्यादा प्रैक्टिकल स्टोरेज स्पेस दिए गए हैं। इसमें सेंटर कंसोल पर दो कपहोल्डर्स, सभी दरवाजों पर 1 लीटर का बॉटल होल्डर,औसत साइज का ग्जवबॉक्स और सेंटर आर्मरेस्ट के नीचे छोटा सा स्टोरेज स्पेस दिया गया है। रियर पैसेंजर्स के लिए सेंटर आर्मरेस्ट में कपहोल्डर्स,सीट बैक पॉकेट्स और फोन या वॉलेट रखने के लिए रियर एसी वेंट्स के नीचे स्लॉट दिया गया है।
चार्जिंग ऑप्शंस की बात करें तो कर्व में फ्रंट पैसेंजर्स के लिए टाइप सी,टाइप ए और 12 वोल्ट का सॉकेट दिया गया है मगर ये पोर्ट्स गियर नॉब के नीचे की तरफ दिए गए है जिससे वायर को प्लग इन करना मुश्किल हो जाता है। रियर पैसेंजर्स के लिए टाइप ए और टाइप सी पोर्ट्स दिए गए हैं।
क्रेटा में भी फ्रंट पैसेंजर्स के लिए टाइप सी,टाइप ए और 12 वोल्ट का चार्जिंग सॉकेट दिया गया है जो कि टाटा कर्व के मुकाबले सही तरीके से पोजिशन किए गए हैं। यहां रियर पैसेंजर्स के लिए दो टाइप सी चार्जिंग पोर्ट्स दिए गए हैं। दोनों कारों के फ्रंट में वायरलेस फोन चार्जर दिया गया है।
ट्रेडिशनल एसयूवी होने के चलते क्रेटा में बेहतर स्टोरेज स्पेस दिया गया है और चार्जिंग पोर्ट्स का एग्जिक्यूशन भी बेहतर तरीके से किया गया है।
सेफ्टी
दोनों कारों में दिए गए सेफ्टी फीचर्स पर डालिए एक नजर:
हुंडई क्रेटा |
टाटा कर्व |
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कंफर्ट फीचर्स की तरह हुंडई क्रेटा और टाटा कर्व में काफी सारे सेफ्टी फीचर्स भी दिए गए हैं। इनमें छह एयरबैग, ईएससी, टीपीएमएस और यहां तक कि अडेप्टिव क्रूज़ कंट्रोल और लेन कीप असिस्ट जैसे लेवल -2 एडवांस्ड ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम (एडीएएस) जैसे सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं। इंडियन रोड कंडीशन के हिसाब से ये काफी अच्छे से काम करते हैं।
टाटा कर्व को भारत एनकैप से 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिल चुकी है और क्रेटा का क्रैश टेस्ट किया जाना अभी बाकी है।
पावरट्रेन ऑप्शंस और राइड क्वालिटी
क्रेटा में नैचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल और टर्बो पेट्रोल इंजन के साथ डीजल इंजन का भी ऑप्शन दिया गया है। दूसरी तरफ कर्व में दो टर्बो पेट्रोल और डीजल इंजन के ऑप्शंस दिए गए हैं। इनका निष्कर्ष जानने से पहले डालिए नजर इनके स्पेसिफिकेशन पर:
मॉडल |
हुंडई क्रेटा |
टाटा कर्व |
||||
इंजन विकल्प |
1.5-लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल |
1.5-लीटर टर्बो-पेट्रोल |
1.5-लीटर डीजल |
1.2-लीटर टीजीडीआई टर्बो-पेट्रोल |
1.2-लीटर टर्बो-पेट्रोल |
1.5-लीटर डीजल |
पावर |
115 पी.एस |
160 पी.एस |
116 पी.एस |
125 पी.एस |
120 पी.एस |
118 पी.एस |
टॉर्क |
144 एनएम |
253 एनएम |
250 एनएम |
225 एनएम |
170 एनएम |
260 एनएम |
ट्रांसमिशन |
6-स्पीड एमटी/सीवीटी |
7-स्पीड डीसीटी |
6-स्पीड एमटी/6-स्पीड एटी |
6-स्पीड एमटी / 7-स्पीड डीसीटी |
6-स्पीड एमटी / 7-स्पीड डीसीटी |
6-स्पीड एमटी / 7-स्पीड डीसीटी |
दोनों कारों में दिए गए टर्बो पेट्रोल इंजन को कंपेयर करें तो कर्व के मुकाबले क्रेटा का इंजन ज्यादा पावरफुल है और ज्यादा टॉर्क भी देता है। कर्व में दिया गया डीजल इंजन क्रेटा के डीजल इंजन से ज्यादा पावरफुल है।
हमारे इस टेस्ट में हमनें क्रेटा का 115 पीएस नैचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल सीवीटी वेरिएंट और कर्व का 125 पीएस टर्बो पेट्रोल मैनुअल वेरिएंट ड्राइव किया।
टाटा कर्व के ड्राइविंग एक्सपीरियंस की बात करें तो ये क्रेटा के नैचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन से ज्यादा स्पोर्टी फील देता है। ये इंजन काफी रिफाइंड है और इसकी पावर डिलीवरी भी काफी स्मूद है। ये सिटी ड्राइविंग के हिसाब से भी अच्छे ढंग से ट्यून किया गया है जिसका मतलब ये हुआ कि आपको जरूरत की पावर के लिए बार बार गियर बदलने की जरूरत नहीं पड़ती है। हालांकि पेट्रोल इंजन के हिसाब से इसका क्लच काफी हार्ड रहता है और इस क्लच का आदी होने के लिए आपको समय लगेगा।
हुंडई का 1.5 लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड इंजन शुरूआत से ही काफी अच्छा रहा है। अपने मौजूदा अवतार में ये इंजन काफी रिफाइन हुआ है और ड्राइव करने में भी आसान है जिसके साथ सिटी या हाईवे पर ड्राइव किया जा सकता है। दूसरे सीवीटी ऑप्शंस की तरह क्रेटा में भी स्पीड अपने आप बढ़ती है और गियर शिफ्ट में कोई अटकाव महसूस नहीं होता है। हालांकि अगर आपको स्पोर्टी ड्राइविंग पसंद है तो फिर आपके लिए क्रेटा का 1.5 लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन ज्यादा बेहतर रहेगा।
राइड क्वालिटी की बात करें तो टाटा की दूसरी कारों की तरह कर्व भी खराब सड़कों पर कंफर्टेबल रहती है। हालांकि, खुली खुली सड़कों और स्मूद हाईवे पर आपको केबिन में एक मूवमेंट महसूस होगा जो कर्व्स और 100 से ज्यादा की स्पीड पर आपको कॉन्फिडेंस नहीं देगा।
दूसरी तरफ क्रेटा में कॉनर्स पर आपको पूरा कॉन्फिडेंस मिलता है। इसे 100 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की स्पीड पकड़ने में समय लगता है। वहीं खराब सड़कों पर इसकी राइड क्वालिटी में थोड़ा जर्क महसूस होता है और यदि आप खराब सड़कों पर स्पीड पकड़ने में ड्राइव करने की कोशिश करेंगे तो आपको केबिन में साउंड सुनाई देगा जिससे ड्राइव एक्सपीरियंस खराब होता है। हालांकि, स्लो स्पीड पर क्रेटा खराब रास्तों का सामना कर लेती है और केबिन में हल्का सा ही मूवमेंट महसूस होता है।
दोनों अर्बन एसयूवी कारों को कंपेयर करें तो इस मोर्चे पर हुंडई क्रेटा सिटी और हाईवे राइड के लिए एक बेहतर ऑप्शन साबित होती है। कर्व के टर्बो पेट्रोल इंजन के मुकाबले क्रेटा के टर्बो पेट्रोल इंजन से आपको अच्छा खासा पंच भी मिलता है और इसमें बेहतर ट्रांसमिशन ऑप्शंस भी दिए गए हैं।
निष्कर्ष
तो किसे चुनें? इसका जवाब जानिए आगे।
टाटा कर्व मार्केट में एक नई कार है जिसका डिजाइन आकर्षक है और ये खासतौर पर यंग जनरेशन को बड़ी पसंद आएगी। इसका केबिन मिनिमल्स्टिक है जिसमें काफी सारे फीचर्स दिए गए हैं और इसमें ज्यादा बूट स्पेस भी दिया गया है। हालांकि, रियर सीट स्पेस में समझौता करना पड़ता है जिससे ये एक आइडियल फैमिली कार नहीं लगती है। यदि आप यंग है और भीड़ से अलग कार लेना चाहते हैं तो टाटा कर्व आपके लिए बेहतर ऑप्शन साबित होगी।
दूसरी तरफ क्रेटा एक ट्रेडिशनल डिजाइन वाली एसयूवी है जिसमें चार लोगों के लिए बेहतर स्पेस दिया गया है। इसमें आपकी जरूरत के हिसाब से फीचर्स दिए गए हैं और इसकी राइड क्वालिटी भी काफी कंफर्टेबल है और ये फैमिली वालों को आज भी आकर्षित करती है जिससे ये एक सेंसिबल चॉइस साबित होती है।