डिजिटल के बाद 'फिजिटल' मोड से कार खरीदना पसंद कर रहे हैं ग्राहक और क्या है इस शब्द के मायने,जानिए इस रिपोर्ट में

प्रकाशित: जून 29, 2021 01:54 pm । भानु

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कोरोना महामारी के मद्देनजर अब आए दिन कभी भी लॉकडाउन लगाने जैसी स्थितयों का बार बार सामना करना पड़ रहा है। नतीजतन गाड़ियों के शोरूम भी बंद करने पड़ते हैं। ऐसे में अब कस्टमर्स डिजिटली गाड़ियां बुक करा रहे हैं। देश में लगभग अब हर कार मैन्युफैक्चरर की वेबसाइट पर ऑनलाइन कार खरीदने का पूरा प्रोसेस डाल दिया गया है। लेकिन,इस बीच ही जैसे अनलॉक की प्रक्रिया एकबार फिर से शुरू होने से ग्राहक शोरूम्स की ओर लौटने लगे हैं जिसे लेकर फाडा के प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी ने कहा कि भले ही कार मैन्युफैक्चरर्स ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए ऑनलाइन कार खरीदने की सहूलियत दे दी हो मगर अब भी कस्टमर्स का एक बड़ा तबका शोरूम पर जाकर ही गाड़ी खरीदने को महत्वता देता है। 

कोरोना महामारी के कारण लोग अब अपनी सेफ्टी को भी प्राथमिकता दे रहे हैं। ऐसे में एक सर्वे के जरिए ये बात सामने आई कि उसमें हिस्सा लेने वाले 80 प्रतिशत लोगों ने ऑनलाइन कार खरीदने में रूचि दिखाई। 

कई ब्रांड्स ने अपनी वेबसाइट पर ऑनलाइन ब्रॉशर और लीड कलेक्शन सिस्टम शुरू किया है जहां आपके द्वारा सलेक्ट किए कलर,वेरिएंट और एसेसरीज में कार डिस्प्ले होती है। ऑनलाइन कार बुकिंग को शुरू हुए तो काफी समय बीत गया है और 2016 में मारुति ने इसकी भारत में शुरूआत की थी। हालांकि अभी ज्यादा से ज्यादा मैन्युफैक्चरर्स आपको कार चुनने से लेकर उसे खरीदने का पूरा ट्रांजेक्शन करने की सुविधा दे रहे हैं। 

पिछले साल अक्टूबर में मारुति सुजुकी ने जानकारी दी थी कि कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान उनकी ऑनलाइन पूछताछ 5 गुना बढ़ गई है जहां उसकी कुल सेल्स में डिजिटल इन्क्वायरी का 33 प्रतिशत योगदान है।

फाडा के प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी का कहना है कि “ लीड जनरेशन अब कोल्ड कॉल्स से डिजिटल इन्कवायरी पर शिफ्ट हो रही है। मगर जब बात कार को ऑनलाइन खरीदने की आती है तो इनमें से केवल 1 से 3 प्रतिशत लोग ही इसमें रुचि दिखाते हैं।”

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उन्होनें आगे कहा कि “ कार बुक करने से पहले लोग उसे अपनी आंखो से अच्छे से देख परखना लेना चाहते हैं। भारत में इस चीज को लेकर लोगों की सोच थोड़ी अलग है। उन्हें लगता है कि ऐसा करने से ही उन्हें सबसे अच्छी डील मिलेगी।“ गुलाटी ने ये भी कहा कि अब लॉकडाउन हटने के बाद कस्टमर्स बड़ी संख्या में शोरूम्स की तरफ रुख कर रहे हैं। 

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अब कस्टमर्स खुद ही अपना'फिजिटल'परचेज क्रिएट कर रहे हैं। इसमें वो पहले शोरूम आकर कार देखकर जाते हैं और फिर उसे कंपनी के ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर बुक कराते हैं। ऑनलाइन कार बुकिंग से उन्हें कुछ फ्री एसेसरीज जैसे ऑफर्स भी मिल जाते हैं। हालांकि इससे डीलर का मार्जिन भी घटता है मगर इससे कस्टमर्स खुश हैं तो फिर इससे बड़ी बात कंपनी के लिए और कुछ हो नहीं सकती। 

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केपर​जेमिनी की रिपोर्ट के जरिए एक बात और सामने आई है कि करीब 80 प्रतिशत लोग डीलरशिप पर जाकर सेल्स एग्जिक्यूटिव से बात करने के बाद ही गाड़ी लेने का इरादा बनाना चाहते हैं। हालांकि 88 प्रतिशत लोग ये भी चाहते हैं कि यदि डीलर अपने पोर्टल पर फाइनेंस और गाड़ी के फीचर्स से जुड़ी बातों को ठीक से डिस्प्ले करे तो उन्हें गाड़ी ऑनलाइन बुक कराने में और भी आसानी रहेगी। 

चूंकि ये रिपोर्ट ग्लोबल सर्वे पर आ​धारित है। ऐसे में हमारा मानना है कि 'फिजिटल' जैसी चीज अभी भारतीय कस्टमर्स में डेवलप नहीं हुई है। आज भी यहां के लोग खुद शोरूम्स तक जाकर ही पूरी जानकारी लेने के बाद ही कार खरीदने की कार्रवाई शुरू करते हैं।  

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