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फोर्ड के भारत से जाने की अचानक घोषणा से फाडा नाराज,डीलर्स की चिंता भी बढ़ीं

संशोधित: सितंबर 10, 2021 03:52 pm | भानु

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No New Models From Scrapped Joint Venture With Mahindra: Ford

वैसे तो काफी दिनों से ये बात सामने आ रही थी कि फोर्ड भारत में अपना कामकाज बंद कर सकती है। फोर्ड ने इस बात को आधिकारिक तौर पर कंफर्म कर दिया है कि वो भारत में अब गाड़ियों का प्रोडक्शन नहीं करेगी और कंपनी के इस ऐलान से फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) को काफी झटका लगा है। 

फाडा के प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी ने अपने बयान में कहा ' फोर्ड की देशभर में करीब 170 डीलरशिप्स और 391 आउटलेट्स हैं जिसमें डीलरशिप तैयार करने मेंं करीब 2000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है' इसके अलावा फोर्ड इंडिया ने 5 महीने पहले कई डीलर्स को भी अपॉइन्ट किया था। ऐसे में गुलाटी का कहना है कि ऐसी डीलरशिप्स को अब तक सबसे बड़ा नुकसान पहुंचा है। 

फोर्ड इंडिया के प्रेसिडेंट और एमडी अनुराग मेहरोत्रा ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि कंपनी के पास अपने 100 प्रतिशत डीलर्स के नुकसान की भरपाई का प्लान है। मगर फाडा प्रेसिडेंट का मानना है कि डीलर्स को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए इतने प्रयास काफी नहीं है। फोर्ड का कहना है कि वो अपने डीलर नेटवर्क को मौजूदा कस्टमर्स के लिए सेल्स एंड सर्विस से बदलकर पार्ट्स एंड सर्विस सपोर्ट के रूप में फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। 

फाडा ने अपने बयान में ये भी कहा है कि इस समय फोर्ड की देशभर में मौजूद डीलरशिप्स पर करीब 1000 यूनिट्स कारें खड़ी हैं जिनकी कीमत 150 करोड़ रुपये के आसपास हो सकती है। फाडा ने सरकार से फ्रेंचाइजी प्रोटेक्शन एक्ट लाने के लिए कहा है और डीलर्स को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए एक नया कानून बनाने की गुहार लगाई है। 

यह भी पढ़ें:फोर्ड इकोस्पोर्ट का फेसलिफ्ट मॉडल भारत में नहीं होगा लॉन्च,मौजूदा मॉडल की ही बची हुई इंवेट्री ले सकेंगे कस्टमर्स

बता दें कि फोर्ड ने भारत में मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स के प्रोडक्शन को बंद करने का ऐलान कर दिया है। हालांकि कंपनी यहां बिजनेस सॉल्युशन ऑपरेट करती रहेगी। भारत में कंपनी की ईकोस्पोर्ट और एंडेवर काफी ज्यादा पॉपुलर है जिन्हें उनके फैंस काफी मिस करेंगे। कंपनी का ये भी कहना है कि वो अपने ग्लोबल लाइनअप में मौजूद कुछ प्रोडक्ट्स को भारत में इंपोर्ट कर बेचेगी जिनमें मस्टैंग कूपे,मैक ई इलेक्ट्रिक एसयूवी और रैप्टर पिकअप  शामिल है। ये मॉडल्स देश के कुछ चुनिंदा मेट्रो सिटीज में डीलरशिप्स के जरिए बेचा जाएगा। 

जानकारी के लिए बता दें कि फोर्ड से पहले भारत में शेव्रले और फिएट भी भारत में अपनी सेल्स में गिरावट के कारण जा चुकी है। 

No New Models From Scrapped Joint Venture With Mahindra: Ford

वैसे तो काफी दिनों से ये बात सामने आ रही थी कि फोर्ड भारत में अपना कामकाज बंद कर सकती है। फोर्ड ने इस बात को आधिकारिक तौर पर कंफर्म कर दिया है कि वो भारत में अब गाड़ियों का प्रोडक्शन नहीं करेगी और कंपनी के इस ऐलान से फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) को काफी झटका लगा है। 

फाडा के प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी ने अपने बयान में कहा ' फोर्ड की देशभर में करीब 170 डीलरशिप्स और 391 आउटलेट्स हैं जिसमें डीलरशिप तैयार करने मेंं करीब 2000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है' इसके अलावा फोर्ड इंडिया ने 5 महीने पहले कई डीलर्स को भी अपॉइन्ट किया था। ऐसे में गुलाटी का कहना है कि ऐसी डीलरशिप्स को अब तक सबसे बड़ा नुकसान पहुंचा है। 

फोर्ड इंडिया के प्रेसिडेंट और एमडी अनुराग मेहरोत्रा ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि कंपनी के पास अपने 100 प्रतिशत डीलर्स के नुकसान की भरपाई का प्लान है। मगर फाडा प्रेसिडेंट का मानना है कि डीलर्स को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए इतने प्रयास काफी नहीं है। फोर्ड का कहना है कि वो अपने डीलर नेटवर्क को मौजूदा कस्टमर्स के लिए सेल्स एंड सर्विस से बदलकर पार्ट्स एंड सर्विस सपोर्ट के रूप में फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। 

फाडा ने अपने बयान में ये भी कहा है कि इस समय फोर्ड की देशभर में मौजूद डीलरशिप्स पर करीब 1000 यूनिट्स कारें खड़ी हैं जिनकी कीमत 150 करोड़ रुपये के आसपास हो सकती है। फाडा ने सरकार से फ्रेंचाइजी प्रोटेक्शन एक्ट लाने के लिए कहा है और डीलर्स को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए एक नया कानून बनाने की गुहार लगाई है। 

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बता दें कि फोर्ड ने भारत में मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स के प्रोडक्शन को बंद करने का ऐलान कर दिया है। हालांकि कंपनी यहां बिजनेस सॉल्युशन ऑपरेट करती रहेगी। भारत में कंपनी की ईकोस्पोर्ट और एंडेवर काफी ज्यादा पॉपुलर है जिन्हें उनके फैंस काफी मिस करेंगे। कंपनी का ये भी कहना है कि वो अपने ग्लोबल लाइनअप में मौजूद कुछ प्रोडक्ट्स को भारत में इंपोर्ट कर बेचेगी जिनमें मस्टैंग कूपे,मैक ई इलेक्ट्रिक एसयूवी और रैप्टर पिकअप  शामिल है। ये मॉडल्स देश के कुछ चुनिंदा मेट्रो सिटीज में डीलरशिप्स के जरिए बेचा जाएगा। 

जानकारी के लिए बता दें कि फोर्ड से पहले भारत में शेव्रले और फिएट भी भारत में अपनी सेल्स में गिरावट के कारण जा चुकी है। 

No New Models From Scrapped Joint Venture With Mahindra: Ford

वैसे तो काफी दिनों से ये बात सामने आ रही थी कि फोर्ड भारत में अपना कामकाज बंद कर सकती है। फोर्ड ने इस बात को आधिकारिक तौर पर कंफर्म कर दिया है कि वो भारत में अब गाड़ियों का प्रोडक्शन नहीं करेगी और कंपनी के इस ऐलान से फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) को काफी झटका लगा है। 

फाडा के प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी ने अपने बयान में कहा ' फोर्ड की देशभर में करीब 170 डीलरशिप्स और 391 आउटलेट्स हैं जिसमें डीलरशिप तैयार करने मेंं करीब 2000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है' इसके अलावा फोर्ड इंडिया ने 5 महीने पहले कई डीलर्स को भी अपॉइन्ट किया था। ऐसे में गुलाटी का कहना है कि ऐसी डीलरशिप्स को अब तक सबसे बड़ा नुकसान पहुंचा है। 

फोर्ड इंडिया के प्रेसिडेंट और एमडी अनुराग मेहरोत्रा ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि कंपनी के पास अपने 100 प्रतिशत डीलर्स के नुकसान की भरपाई का प्लान है। मगर फाडा प्रेसिडेंट का मानना है कि डीलर्स को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए इतने प्रयास काफी नहीं है। फोर्ड का कहना है कि वो अपने डीलर नेटवर्क को मौजूदा कस्टमर्स के लिए सेल्स एंड सर्विस से बदलकर पार्ट्स एंड सर्विस सपोर्ट के रूप में फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। 

फाडा ने अपने बयान में ये भी कहा है कि इस समय फोर्ड की देशभर में मौजूद डीलरशिप्स पर करीब 1000 यूनिट्स कारें खड़ी हैं जिनकी कीमत 150 करोड़ रुपये के आसपास हो सकती है। फाडा ने सरकार से फ्रेंचाइजी प्रोटेक्शन एक्ट लाने के लिए कहा है और डीलर्स को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए एक नया कानून बनाने की गुहार लगाई है। 

यह भी पढ़ें:फोर्ड इकोस्पोर्ट का फेसलिफ्ट मॉडल भारत में नहीं होगा लॉन्च,मौजूदा मॉडल की ही बची हुई इंवेट्री ले सकेंगे कस्टमर्स

बता दें कि फोर्ड ने भारत में मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स के प्रोडक्शन को बंद करने का ऐलान कर दिया है। हालांकि कंपनी यहां बिजनेस सॉल्युशन ऑपरेट करती रहेगी। भारत में कंपनी की ईकोस्पोर्ट और एंडेवर काफी ज्यादा पॉपुलर है जिन्हें उनके फैंस काफी मिस करेंगे। कंपनी का ये भी कहना है कि वो अपने ग्लोबल लाइनअप में मौजूद कुछ प्रोडक्ट्स को भारत में इंपोर्ट कर बेचेगी जिनमें मस्टैंग कूपे,मैक ई इलेक्ट्रिक एसयूवी और रैप्टर पिकअप  शामिल है। ये मॉडल्स देश के कुछ चुनिंदा मेट्रो सिटीज में डीलरशिप्स के जरिए बेचा जाएगा। 

जानकारी के लिए बता दें कि फोर्ड से पहले भारत में शेव्रले और फिएट भी भारत में अपनी सेल्स में गिरावट के कारण जा चुकी है। 

No New Models From Scrapped Joint Venture With Mahindra: Ford

वैसे तो काफी दिनों से ये बात सामने आ रही थी कि फोर्ड भारत में अपना कामकाज बंद कर सकती है। फोर्ड ने इस बात को आधिकारिक तौर पर कंफर्म कर दिया है कि वो भारत में अब गाड़ियों का प्रोडक्शन नहीं करेगी और कंपनी के इस ऐलान से फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) को काफी झटका लगा है। 

फाडा के प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी ने अपने बयान में कहा ' फोर्ड की देशभर में करीब 170 डीलरशिप्स और 391 आउटलेट्स हैं जिसमें डीलरशिप तैयार करने मेंं करीब 2000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है' इसके अलावा फोर्ड इंडिया ने 5 महीने पहले कई डीलर्स को भी अपॉइन्ट किया था। ऐसे में गुलाटी का कहना है कि ऐसी डीलरशिप्स को अब तक सबसे बड़ा नुकसान पहुंचा है। 

फोर्ड इंडिया के प्रेसिडेंट और एमडी अनुराग मेहरोत्रा ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि कंपनी के पास अपने 100 प्रतिशत डीलर्स के नुकसान की भरपाई का प्लान है। मगर फाडा प्रेसिडेंट का मानना है कि डीलर्स को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए इतने प्रयास काफी नहीं है। फोर्ड का कहना है कि वो अपने डीलर नेटवर्क को मौजूदा कस्टमर्स के लिए सेल्स एंड सर्विस से बदलकर पार्ट्स एंड सर्विस सपोर्ट के रूप में फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। 

फाडा ने अपने बयान में ये भी कहा है कि इस समय फोर्ड की देशभर में मौजूद डीलरशिप्स पर करीब 1000 यूनिट्स कारें खड़ी हैं जिनकी कीमत 150 करोड़ रुपये के आसपास हो सकती है। फाडा ने सरकार से फ्रेंचाइजी प्रोटेक्शन एक्ट लाने के लिए कहा है और डीलर्स को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए एक नया कानून बनाने की गुहार लगाई है। 

यह भी पढ़ें:फोर्ड इकोस्पोर्ट का फेसलिफ्ट मॉडल भारत में नहीं होगा लॉन्च,मौजूदा मॉडल की ही बची हुई इंवेट्री ले सकेंगे कस्टमर्स

बता दें कि फोर्ड ने भारत में मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स के प्रोडक्शन को बंद करने का ऐलान कर दिया है। हालांकि कंपनी यहां बिजनेस सॉल्युशन ऑपरेट करती रहेगी। भारत में कंपनी की ईकोस्पोर्ट और एंडेवर काफी ज्यादा पॉपुलर है जिन्हें उनके फैंस काफी मिस करेंगे। कंपनी का ये भी कहना है कि वो अपने ग्लोबल लाइनअप में मौजूद कुछ प्रोडक्ट्स को भारत में इंपोर्ट कर बेचेगी जिनमें मस्टैंग कूपे,मैक ई इलेक्ट्रिक एसयूवी और रैप्टर पिकअप  शामिल है। ये मॉडल्स देश के कुछ चुनिंदा मेट्रो सिटीज में डीलरशिप्स के जरिए बेचा जाएगा। 

जानकारी के लिए बता दें कि फोर्ड से पहले भारत में शेव्रले और फिएट भी भारत में अपनी सेल्स में गिरावट के कारण जा चुकी है। 

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