भारत एनकैप का कल होगा लॉन्च: अब देश में ही होगी कारों की टेस्टिंग, ये अपनाए जा सकते हैं मापदंड
हमारी ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में यदि कोई एक ऐसी चीज है जिसे यहीं के स्तर पर किया जाना चाहिए तो वो है क्रैश टेस्ट असेसमेंट्स। न्यू कार असेसमेंट के लिए कई इंटरनेशनल इंस्टिट्यूशंस मौजूद हैं जिनमें ग्लोबल एनकैप,यूरो एनकैप और लैटिन एनकैप शामिल हैं जिनमें नई कारों को सख्त सेफ्टी पैरामीटर्स से होकर गुजरना पड़ता है और उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर उन्हें स्कोर और रेटिंग दी जाती है। 2022 की शुरूआत में ही इंटरनेट पर कुछ रिपोर्ट्स सामने आई थी भारत एनकैप नाम से भारत सरकार अपनी ही एनकैप शुरू करने की प्लानिंग कर रही है। अब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से कंफर्म कर दिया गया है 22 अगस्त 2023 के दिन भारत एनकैप को लॉन्च किया जाएगा।
क्या कुछ हो सकता है ऐलान
हमारा मानना है कि परिवहन मंत्रालय की ओर से ना सिर्फ भारत एनकैप से जुड़ी डीटेल्स और पैरामीटर्स से पर्दा उठाया जाएगा बल्कि इन्ही के साथ नवनिर्मित इंडियन टेस्टिंग सेंटर से भी पर्दा उठाया जाएगा। इसके अलावा उम्मीद ये भी है कि एक या दो इंडियन कारमेकर की ओर से अपनी या तो एक या उससे ज्यादा कारों की भारत एनकैप क्रैश टेस्ट रेटिंग्स भी बताई जा सकती है। साथ ही ट्रांसपोर्ट मंत्रालय की ओर से इस टेस्ट में शामिल हर स्टेप्स का ब्यौरा भी दिया जा सकता है।
ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के अनुसार हो सकते हैं ये टेस्ट
साल 2022 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि "भारत एनकैप के टेस्टिंग प्रोटोकॉल को मौजूदा भारतीय नियमों को ध्यान में रखते हुए ग्लोबल क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर अपने व्हीकल्स की टेस्टिंग भारत में ही तैयार इन-हाउस टेस्टिंग सेंटर में कर सकेंगे।"
भारत एनकैप डीटेल्स
नए इंडियन क्रैश टेस्ट असेसमेंट प्रोग्राम में 3.5 टन या 3500 किलो से कम वजन वाले व्हीकल्स को सेफ्टी के पैमाने पर परखा जाएगा। प्रस्तावित ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड 197 (एआईएस-197) डॉक्यूूमेंट के अनुसार, कोई भी कारमेकर अपनी इच्छा से इस प्रोग्राम के तहत अपनी कारों का टेस्ट करवा सकते हैं। एआईएस 197 के अनुसार भारत एनकैप में ऑफसेट फ्रंट इंपेक्ट टेस्ट,साइड इंपेक्ट टेस्ट और पोल साइड इंपेक्ट टेस्ट किए जाएंगे। इस टेस्ट में एडल्ट और चाइल्ड प्रोटेक्शन कैटेगरी में स्टार रेटिंग दी जाएगी।
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पिछले गवर्नमेंट डॉक्यूमेंट के अनुसार रेटिंग तय करने में छह एयरबैग, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ईएससी), सभी पैसेंजर्स के लिए 3-पॉइंट सीटबेल्ट और एडवांस्ड इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम जैसे फीचर्स अनिर्वाय हो सकते हैं। यदि ये फीचर्स टेस्ट की जाने वाली कार में स्टैंडर्ड दिए जाते हैं तो उन्हें बेहतर रेटिंग्स मिल सकती है।
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अभी ये फीचर्स हैं अनिवार्य
अब भारत में बिकने वाली सभी कारों में डुअल फ्रंट एयरबैग, ईबीडी के साथ एबीएस, रियर पार्किंग असिस्ट, फ्रंट सीटबेल्ट रिमाइंडर और स्पीड अलर्ट सिस्टम जरूरी है। सरकार 8 सीटर कारों में 6 एयरबैग्स अनिवार्य करने पर भी काम कर रही है। वहीं कुछ एडवांस्ड ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम के तहत आने वाले फीचर्स को भी स्टैंडर्ड किए जाने के बारे में भी विचार किया जा रहा है।