भारत एनकैप को भविष्य में किया जाएगा अपडेट, बेहतर सेफ्टी के लिए नए टेस्ट और नए फीचर होंगे शामिल
प्रकाशित: अगस्त 23, 2023 09:54 am । स्तुति
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- भारत एनकैप कारों का क्रैश टेस्ट 1 अक्टूबर 2023 से शुरू करेगी।
- भारत एनकैप दूसरी अंतरराष्ट्रीय कार-सेफ्टी असेसिंग एजेंसी जैसे ग्लोबल एनकैप के समान ही कारों की टेस्टिंग करेगी।
- एक्टिव सेफ्टी फीचर्स किसी भी घटना को घटित होने से रोकने में मदद करेंगे।
- पैसिव सेफ्टी टेक्नोलॉजी दुर्घटना की स्थिति में कार के अंदर बैठे पैसेंजर्स के लगने के खतरे को कम करने में उपयोगी साबित होगी।
- इससे पहले सरकार द्वारा अनिवार्य किए गए सेफ्टी फीचर में ड्यूल फ्रंट एयरबैग और ईबीडी के साथ एबीएस शामिल थे।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी ने भारत एनकैप क्रैश टेस्ट (न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) को लॉन्च कर दिया है। इसमें मौजूदा और नई दोनों कारों का क्रैश टेस्ट अलग-अलग पैरामीटर पर किया जाएगा और फिर कारों को एक सेफ्टी रेटिंग दी जाएगी। प्रेजेंटेशन के दौरान यह भी खुलासा किया गया है कि भारत एनकैप प्रोटोकॉल को भविष्य में भी अपडेट किया जाता रहेगा, जिससे कारें और ज्यादा सुरक्षित हो जाएंगी। सरकार द्वारा दिए गए सुझावों को दो कैटेगरी में बांटा गया है:
एक्टिव सेफ्टी सिस्टम
एक्टिव सेफ्टी सिस्टम कुछ जरुरी सेफ्टी फीचर हैं जो किसी भी तरह की दुर्घटना को रोकने में मदद करते हैं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ईएससी), 360-डिग्री कैमरा, एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (एडीएएस) और टीपीएमएस (टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम) जैसे फीचर्स शामिल हैं।
भविष्य में ईएससी सेफ्टी फीचर को भारत में अनिवार्य किया जा सकता है। भारत एनकैप द्वारा अच्छी सेफ्टी रेटिंग हासिल करने के लिए 360-डिग्री कैमरा, ब्रेक असिस्ट के साथ ऑटोनॉमस इमरजेंसी ब्रेकिंग (एईबी) और लेन डिपार्चर वार्निंग जैसे फीचर्स का गाड़ी में मौजूद होना बुनियादी जरूरत हो सकती है।
वर्तमान में यह फीचर ड्राइवर असिस्ट फंक्शन के साथ केवल एडीएएस से लैस कारों में ही उपलब्ध है। वहीं, 360-डिग्री कैमरा फीचर मारुति बलेनो और ब्रेज़ा, निसान मैग्नाइट और टोयोटा अर्बन क्रूज़र हाइराइडर जैसी कारों में उपलब्ध है।
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किया सेल्टोस, एमजी हेक्टर, टाटा सफारी और हुंडई ट्यूसॉन जैसी कारों में मिलने वाले दूसरे एडीएएस फीचर में अडेप्टिव क्रूज़ कंट्रोल, हाई-बीम असिस्ट और रियर क्रॉस ट्रैफिक अलर्ट शामिल है।
पैसिव सेफ्टी सिस्टम
पैसिव सेफ्टी फीचर्स तब काम आते हैं जब कोई व्हीकल किसी दुर्घटना या किसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना का शिकार हो जाता है, ऐसे में पैसिव सेफ्टी फीचर से पैसेंजर्स को चोट लगने का खतरा कम हो जाता है। सीटबेल्ट, एयरबैग और क्रंपल ज़ोन इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
भारत एनकैप लागू होने पर कारों पर फुल-फ्रंटल क्रैश टेस्ट भी किया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने व्हीकल्स को सुरक्षा रेटिंग देने के लिए भविष्य में कई नए टेस्ट लागू करने का भी संकेत दिया है। इसमें ऑब्लिक साइड पोल इम्पेक्ट टेस्ट और रियर इम्पेक्ट प्रोटेक्शन शामिल है।
भारत एनसीएपी की योजना नए सेफ्टी असेसमेंट प्रोटोकॉल्स जोड़ने की भी है जो खासकर ईवी और वैकल्पिक ईंधन मॉडल के लिए ही होंगे। हमारा मानना है कि वैकल्पिक ईंधन मॉडल में सीएनजी और फ्लेक्स-फ्यूल से चलने वाली कारें शामिल हो सकती हैं। ऐसे मॉडल्स के आर्किटेक्चर पेट्रोल या डीजल मॉडल की तुलना में अलग हो सकते हैं और रेगुलर क्रैश टेस्ट द्वारा उनकी सुरक्षा का सटीक आकलन नहीं किया जा सकता है।
हालांकि, मंत्रालय ने इन नए अपडेट्स को लागू करने की सही टाइमलाइन नहीं बताई है। भारत एनकैप द्वारा नए प्रोटोकॉल्स 4 से 5 सालों के अंतराल पर अपडेट किए जाएंगे।
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भारत एनकैप से जुड़ी अन्य डिटेल्स
भारत एनकैप के साथ अब इंडिया सेफ्टी असेसमेंट प्रोग्राम की ग्लोबल फ्रेटर्निटी में शामिल हो गया है। इसके तहत कारों को कई सारे क्रैश टेस्ट से गुज़रना होगा, जैसे फ्रंटल ऑफसेट और साइड इम्पैक्ट टेस्ट और इसके बाद ही क्रैश परीक्षणों के आधार पर कारों को सुरक्षा रेटिंग दी जाएगी। भारत एनकैप को इस साल 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा। सरकार ने कई पैरामीटर साझा किए हैं जिनके आधार पर कारों का टेस्ट किया जाएगा, जैसे टेस्ट किए जाने वाले व्हीकल का टाइप, रेटिंग सिस्टम आदि।
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