रिलायंस के नए क्लीन एनर्जी प्लान से ऑटो सेक्टर को इन 3 तरीकों से मिलेंगे फायदे
प्रक ाशित: जून 25, 2021 03:00 pm । स्तुति । हुंडई नेक्सो
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रिलायंस ने अपनी 44वीं एनुअल जनरल मीटिंग में क्लीन एनर्जी सेक्टर के लिए नई पहल और निवेश की घोषणा की है। कंपनी का यह कदम खासकर इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में सरकार के मेक इन इंडिया मूवमेंट को बढ़ावा देगा।
ये तीन तरीके हैं जिनसे इन निवेशों से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और उपभोक्ताओं को फायदा होगा:-
1. बैटरी स्टोरेज फैक्ट्री
रिलायंस का प्लान चार गीगा फैक्ट्री सेटअप करने का है जिनमें से एक फैक्ट्री को बैटरी मैन्युफैक्चर करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। कंपनी इस अवसर का फायदा कार निर्माताओं को बैटरी सप्लाई करने के लिए उठा सकती है जिससे उन्हें कॉम्पिटिटिव प्राइसिंग में मदद मिलेगी।
2. इलेक्ट्रोलाइज़र यूनिट
इलेक्ट्रोलाइज़र एक ऐसा सिस्टम है जो पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करने के लिए बिजली का उपयोग करती है। इस प्रक्रिया को इलेक्ट्रोलाइसिस कहा जाता है। नई रिलायंस यूनिट में हाइड्रोजन गैस का उत्पादन होगा और इसे तमाम व्हीकल्स को पावर देने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
3. फ्यूल सेल मैन्युफैक्चरिंग बैटरी
रिलायंस की योजना हाइड्रोजन फ्यूल सेल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को स्थापित करने की भी है। 2019 में भारत सरकार ने हाइड्रोजन को फ्यूल ऑप्शन के तौर पर शामिल करने के लिए एक ड्राफ्ट भी जारी किया था। यह सबसे साफ सुथरा फ्यूल है जिसका बायप्रोडक्ट केवल क्लीन वाटर है। इसके अलावा इसे हैवी बैटरी पैक की भी आवश्यकता नहीं होती है।
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हुंडई भारत में नेक्सो हाइड्रोजन फ्यूल सेल को पहले ही रजिस्टर कर चुकी है जो 1000 किलोमीटर से ज्यादा की ड्राइविंग रेंज दे सकता है। इसकी खासियत यह है कि इसे रिफ्यूल करवाने में 5 मिनट का समय लगता है।
ऑपरेशन शुरू होने पर यह यूनिट्स लोकली मैन्युफैक्चर्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को फायदा पहुंचाएगी।
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