र ेनो काइगर सीवीटी Vs एएमटी : जानिए इस कार का कौनसा ऑटोमेटिक मॉडल रहेगा आपके लिए बेहतर
Published On सितंबर 29, 2021 By nabeel for रेनॉल्ट काइगर 2021-2023
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रेनो काइगर भले ही डीजल इंजन में उपलब्ध नहीं है, लेकिन कंपनी ने ग्राहकों को इसमें दो पेट्रोल इंजन की चॉइस जरूर दी है। इसका 1.0-लीटर नेचुरली ऐस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन (72 पीएस) ज्यादा किफायती है, वहीं इसका टर्बोचार्ज्ड 1.0-लीटर इंजन (100 पीएस) ज्यादा प्रीमियम है जो अच्छी परफॉर्मेंस भी देता है। इन दोनों ही इंजन के साथ मैनुअल और ऑटोमेटिक ऑप्शंस दिए गए हैं। इसके ज्यादा किफायती इंजन के साथ एएमटी गियरबॉक्स दिया गया है जो सिटी के हिसाब से काफी अच्छा साबित होता है। वहीं, टर्बोचार्ज्ड इंजन के साथ स्मूद सीवीटी गियरबॉक्स मिलता है।
हाल ही में हमने इसके दोनों ऑटोमेटिक वर्जन को चलाकर देखा है। तो इनमें से कौनसा ऑटोमेटिक वर्जन है ज्यादा बेहतर जानेंगे यहां:-
टेस्टेड मॉडल |
अंतर |
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वेरिएंट |
आरएक्सजेड टर्बो सीवीटी ड्यूल टोन |
आरएक्सजेड एएमटी ड्यूल टोन |
|
प्राइस (एक्स-शोरूम) |
10.09 लाख रुपए |
8.61 लाख रुपए |
1.48 लाख रुपए |
इंजन |
999 सीसी |
999 सीसी |
- |
पावर |
100 पीएस |
72 पीएस |
28 पीएस |
टॉर्क |
152 एनएम |
96 एनएम |
56 एनएम |
ट्रांसमिशन |
सीवीटी |
5-स्पीड एएमटी |
- |
चूंकि इन दोनों वेरिएंट के बीच अंतर केवल पावरट्रेन का ही है, ऐसे में अब देखना यह होगा कि इसका कौनसा ऑटोमेटिक गियरबॉक्स ज्यादा अच्छा साबित होता है।
तो अब किसका है इंतजार?
सबसे पहले बात करते हैं इन दोनों कारों के स्टार्ट होने की। इन दोनों ही गाड़ियों में पुश बटन स्टार्ट/स्टॉप फीचर स्मार्ट की के साथ दिया गया है। सीवीटी वेरिएंट की बात करें तो स्टार्ट बटन दबाने पर यह कार एकदम से शुरू हो जाती है। वहीं, एएमटी वेरिएंट में स्टार्ट बटन दबाने और इग्निशन शुरू होने के बीच 4 से 5 सेकंड का समय लगता है। जैसे-जैसे आप इसके साथ समय बिताएंगे आप महसूस करेंगे कि कमांड देने के बाद इसके इंजन शुरू होने की देरी काफी कष्टप्रद होने लगती है।
नॉर्मल स्पीड पर अच्छी परफॉर्मेंस
सबसे पहले बात करते हैं इसके एएमटी वर्जन की.. इसका गियरबॉक्स ट्राइबर एएमटी वाला ही लगता है क्योंकि इसका नेचर इससे काफी हद तक मिलता-जुलता है। इसके गियरबॉक्स का रिस्पांस काफी स्लो है, ऐसे में अगर आप एक ठीक ठाक स्पीड मेंटेन रखेंगे तो आपको गियर बार बार चेंज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इसमें सबसे बड़ी समस्या तब आनी शुरू होती है जब आपके फ्रंट में एकदम क्लियर रोड हो और आप थोड़ा जल्दी ड्राइव करना चाह रहे हों। ऐसी स्थिति में इसके एएमटी गियरबॉक्स के गियरशिफ्ट काफी स्लो लगने लगते हैं क्योंकि यह ड्राइविंग के दौरान स्पीड को ब्रेक कर देते है। यदि आप जल्दी ओवरटेक करना चाह रहे हैं तो ऐसे में आप इसके इंजन से अच्छा पंच जरूर हासिल कर सकेंगे, लेकिन इसके गियरशिफ्ट आपको आसानी से आगे बढ़ने नहीं देंगे। इसमें मैनुअल मोड भी दिया गया है जो ओवरटेकिंग के दौरान अच्छा साबित होता है। लेकिन, इसके लिए आपको कार को आगे बढ़ने से पहले लोअर गियर में डालना पड़ेगा।
इसका सीवीटी गियरबॉक्स काफी अच्छा रिस्पांस देता है। काइगर के सीवीटी गियरबॉक्स से लेस टर्बो पेट्रोल इंजन में पावर की कमी बिलकुल भी महसूस नहीं होती है। चूंकि यह हमेशा एक जैसी एसेलेरेशन देता है, ऐसे में इसमें झटके भी ज्यादा महसूस नहीं होते हैं। इसका सीवीटी गियरबॉक्स एकदम अच्छे से ट्यून्ड है। चाहे रोड पर आराम से कम्यूट करने की बात हो या फिर गैप्स में से आगे निकलने की इसका टर्बो पेट्रोल सीवीटी गियरबॉक्स हर स्थिति में परफेक्ट साबित होता है।
लंबी दूरी
हाइवे पर इन दोनों ही कारों का नेचर एक जैसा है। ओवरटेकिंग की स्थिति में और गियर बदलते वक्त इसके एएमटी गियरबॉक्स के साथ काफी प्रयास करना पड़ता है और इसके केबिन के अंदर इंजन आवाज़ भी काफी सुनने को मिलती है। वहीं, इसका सीवीटी गियरबॉक्स बेहद स्मूद है और यह दूसरी गाड़ी को ओवरटेक भी आसानी से कर लेता है। लेकिन, यदि आप इस कार को 100 किलोमीटर/घंटे की स्पीड पर ड्राइव करते हैं तो इसके एएमटी गियरबॉक्स के साथ आपको कोई भी परेशानी नहीं आएगी। यह अच्छी माइलेज भी देगी।
माइलेज
दोनों ही कारों में एक जैसे ड्राइव मोड ईको, नॉर्मल और स्पोर्ट दिए गए हैं। इसका ईको मोड थ्रॉटल को कम कर देता है और सबसे अच्छा तब साबित होता है जब इस गाड़ी को ट्रैफिक में चलाया जा रहा हो। वहीं, नॉर्मल मोड हम आमतौर पर 90 परसेंट इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इस पर गाड़ी ड्राइव करने से अच्छा माइलेज मिलता है और पावर भी जरूरत के हिसाब से मिल जाती है। यदि आप स्पोर्टी ड्राइविंग के शौक़ीन हैं तो इसे सपोर्ट मोड में भी चला सकते हैं।
टेस्टेड माइलेज |
1.0 लीटर टीपी सीवीटी |
1.0 लीटर पेट्रोल एएमटी |
अंतर |
सिटी माइलेज |
12.88 किलोमीटर/लीटर |
13.54 किलोमीटर/लीटर |
0.66 किलोमीटर/लीटर |
हाइवे माइलेज |
17.02 किलोमीटर/लीटर |
19.00 किलोमीटर/लीटर |
1.98 किलोमीटर/लीटर |
हमने काइगर का माइलेज टेस्ट ईको मोड में किया था। टेस्ट के दौरान इस गाड़ी ने हाइवे पर 110 किलोमीटर और सिटी में 50 किलोमीटर की दूरी तय की थी। जैसे कि हमने अनुमान लगाए थे इसका एएमटी वेरिएंट हाइवे पर सीवीटी के मुकाबले 2 किलोमीटर/लीटर ज्यादा का माइलेज देने में सक्षम रहा। जबकि, सिटी में इनके माइलेज फिगर लगभग बराबर से रहे।
इसका 1.0-लीटर नेचुरली एस्पिरेटेड इंजन ट्राइबर जैसा ही है, लेकिन ज्यादा पावर और टॉर्क जनरेट करने के लिए इसे इसमें ट्यून करके पेश किया गया है जो इसके नेचर से ही महसूस हो जाता है। हाइवे पर 100 किलोमीटर/लीटर की स्पीड पर इसमें गियर को शिफ्ट करने की भी जरूरत नहीं पड़ती है और यह कार इस स्पीड पर अच्छे से क्रूज़ कर लेती है। वहीं, सिटी और हाइवे पर (जैसा की केबिन के नॉइस और वाइब्रेशन से पता चलता है) इस कार को थोड़ा ज्यादा एसेलेरेट करने की जरूरत पड़ती है। यह अपशिफ्ट तब ही होती है जब हर गियर में आप एक निश्चित आरपीएम तक पहुंच जाते हैं। यदि ट्रैफिक के चलते आप शिफ्ट पॉइंट से थोड़ा नीचे रहते हैं तो ऐसी स्थिति में यह गाड़ी भी उसी गियर में रहती है। यदि आप नॉर्मल मोड में ड्राइव करते हैं तो यह फिगर इससे भी कम हो सकता है।
इसके सीवीटी गियरबॉक्स के साथ ईको मोड में ड्राइविंग के दौरान ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती है। यदि आप इसे नॉर्मल मोड में स्विच कर लेते हैं तो भी यह कार एकदम शांत रिस्पांस देती है और इसका इंजन सिर्फ तब ही काम करता है जब आपको ज्यादा एसेलेरेट करने की जरूरत होती है। इसके टर्बो पेट्रोल इंजन के साथ अतिरिक्त पावर मिलने के बावजूद भी इसका माइलेज एएमटी वेरिएंट जितना ही है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
इन दोनों कारों के पावर और टॉर्क फिगर काफी अच्छे हैं। यह गाड़ी ऑन-रोड कितनी माइलेज देती है? यह जानने के लिए हमने सेटेलाइट लिंक्ड टाइम मेज़रिंग अपेरेटस वीबॉक्स को कार में फिट कर दिया और इसे परफॉर्मेंस रन के लिए ले गए। तो क्या रहे नतीजे जानें यहां:-
पावरट्रेन |
1.0 लीटर टीपी सीवीटी |
1.0लीटर पेट्रोल एएमटी |
अंतर |
0-100 किलोमीटर/घंटे |
11.20 सेकंड |
19.25 सेकंड |
8.05 सेकंड |
20-80 किलोमीटर/घंटे |
6.81 सेकंड |
11.40 सेकंड |
4.59 सेकंड |
साफ़ तौर पर इन दोनों ही गाड़ियों के बीच कम्पेरिज़न बिलकुल भी नहीं है। यदि इन दोनों के नाम को छिपा दें तो आप यह पता नहीं लगा पाएंगे कि यह एक ही कार के दो मॉडल हैं। इसका इंजन तो काफी पावरफुल है मगर इसका एएमटी गियरबॉक्स काफी स्लो है, कभी कभी तो यह चेंज होने में काफी समय भी लेता है। इसमें शिफ्ट टाइम कई सेकंड ज्यादा का रिकॉर्ड किया गया। वहीं, इसका सीवीटी गियरबॉक्स सेगमेंट की दूसरी सीवीटी कारों की तरह ज्यादा बेहतर हो सकता था।
कौनसा ऑटोमेटिक आपको चुनना चाहिए?
चाहे आपकी जरूरत कुछ भी हो इसका सीवीटी गियरबॉक्स सबसे अच्छा साबित होता है। चाहे बात सिटी ड्राइविंग की हो या फिर हाइवे राइड्स की हो, यह एकदम स्मूद एसेलेरेशन डिलीवर करता है और ज्यादा किफायती ऑप्शन साबित होता है। ना ही सिर्फ इस कम्पेरिज़न में, लेकिन व्यक्तिगत रूप से भी इसका सीवीटी गियरबॉक्स सेगमेंट के दूसरे ऑटोमेटिक गियरबॉक्स को कड़ी टक्कर देता है।
वहीं, एएमटी ट्रांसमिशन बजट ऑटोमेटिक गियरबॉक्स है जिसे हाल में स्विफ्ट और ग्रैंड आई10 निओस में शामिल गया है। हालांकि, काइगर का एएमटी गियरबॉक्स थोड़ा स्लो है। लेकिन, एक मेंटेन स्पीड पर इसका ड्राइविंग एक्सपीरिएंस काफी स्मूद रहता है। यदि आप इस गियरबॉक्स से ज्यादा उम्मीद करते हैं तो यह अपने कम्फर्ट ज़ोन के बाहर लगने लगता है। हालांकि, यह क्विड और ट्राइबर जैसी कारों में तो सही है जो रोज़ाना चलाने के हिसाब से अच्छी हैं, वहीं ज्यादा प्रेशर डालने पर काइगर का एएमटी गियरबॉक्स थोड़ा अजीबोगरीब लगने लगता है।
यदि आप अपनी जेब को ढीली कर सकते हैं या फिर अपने बजट को बढ़ा सकते हैं तो हम आपको इसके टर्बो पेट्रोल सीवीटी ऑप्शन को चुनने की सलाह देंगे।