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हुंडई ग्रैंड आई10 निओस Vs मारुति स्विफ्ट : पेट्राल मैनुअल परफॉर्मेंस कंपेरिजन रिव्यू

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मारुति स्विफ्ट हमेशा से ही एक अच्छी फैमिली कार रही है। यह न केवल स्पेशियस है, बल्कि एक फन-टू-ड्राइव कार भी है। वहीं, ग्रैंड आई10 की बात करें तो यह गाड़ी अपनी बेहतरीन क्वॉलिटी को लेकर स्विफ्ट से ज्यादा पॉपुलर रही है। क्या इस गाड़ी का नया अवतार ग्रैंड आई10 निओस, स्विफ्ट को मात दे पाएगा? इसके बारे में हम जानेंगे इन दोनों ही गाड़ियों के रिव्यू से:-

कार टेस्टेड

हुंडई ग्रैंड आई 10 निओस

  • वेरिएंट : एस्टा
  • कीमत : 7.14 लाख रुपए (एक्स-शोरूम दिल्ली)

मारुति स्विफ्ट

  • वेरिएंट : जेडएक्सआई+
  • कीमत : 7.57 लाख रुपए (एक्स-शोरूम दिल्ली)

लुक्स :

  • दोनों ही कारों में से किसी एक को लुक्स के मामले में चुनना बेहद मुश्किल है। जहां स्विफ्ट का साइज़ थोड़ा बड़ा और लुक्स एकदम सिंपल लगते हैं, वहीं निओस लुक्स के मामले में एकदम स्टाइलिश नज़र आती है। निओस में रूफ रेल्स दिए गए हैं, जिसके चलते यह साइज़ में थोड़ी ऊंची लगती है।

साइज

हुंडई ग्रैंड आई10 निओस

मारुति सुजुकी स्विफ्ट

लंबाई

3805 मिलीमीटर

3840 मिलीमीटर

चौड़ाई

1680 मिलीमीटर

1735 मिलीमीटर

ऊंचाई

1520 मिलीमीटर

1530 मिलीमीटर

व्हीलबेस

2450 मिलीमीटर

2450 मिलीमीटर

  • निओस और स्विफ्ट दोनों के एक्सटीरियर पर करीब-करीब एक जैसे फीचर्स मिलते हैं। इनमें प्रोजेक्टर हैडलैंप्स, एलईडी डीआरएल, फॉग लैंप्स, 15-इंच अलॉय व्हील्स शामिल हैं। इसके अलावा स्विफ्ट में एलईडी हैडलैंप्स दिए गए हैं, जबकि निओस प्रोजेक्टर फॉग लैंप्स के साथ आती है। रियर साइड पर स्विफ्ट में एलईडी टेललैंप्स मिलते हैं। वहीं, निओस की डिज़ाइन टाटा टियागो से प्रेरित नज़र आती है।

  • कुल मिलाकर, स्विफ्ट का लुक ज्यादा स्पोर्टी नज़र आता है। दोनों ही गाड़ियों को अगर आसपास खड़ा कर दें तो स्विफ्ट का साइज़ थोड़ा बड़ा लगता है। लेकिन, यदि आप मॉडर्न डिज़ाइन वाली हैचबैक की इच्छा रखते हैं तो ऐसे में निओस को चुनना बेहतर ऑप्शन है।

इंटीरियर व फीचर्स :

  • स्विफ्ट के केबिन को ऑल-ब्लैक कलर थीम के साथ पेश किया गया है। ऐसे में इसका इंटीरियर स्पोर्टी अहसास दिलाता है। इसमें टिल्ट किया जाने वाला सेंटर कंसोल, फ्लैट-बॉटम स्टीयरिंग और स्पोर्टी डायल्स दिए गए हैं। इस हैचबैक की सीटें भी बेहद कम्फर्टेबल हैं।
  • गाड़ी का केबिन लेआउट केवल स्पोर्टी ही नहीं है, बल्कि इसे पैसेंजर्स की सभी जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। सेंटर कंसोल पर इसमें अच्छी-खासी स्टोरेज स्पेस मिलता है। दरवाजों पर इसमें दो कप होल्डर्स और बॉटल होल्डर्स रखने की सुविधा दी गई है।
  • इसमें इस्तेमाल किए गए प्लास्टिक की क्वॉलिटी ज्यादा अच्छी नहीं है। निओस की तुलना में इसकी फिट व फिनिश क्वॉलिटी इतनी ज्यादा दमदार नज़र नहीं आती।

  • स्विफ्ट में सभी जरूरी फीचर्स जैसे एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले के साथ टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, ऑल पावर विन्डोज़, इंटरनल एडजस्टेबल और फोल्डेबल ओआरवीएम दिए गए हैं। निओस के मुकाबले इसमें ऑटोमैटिक हैडलैंप्स, वन टच अप/डाउन ड्राइवर विंडो स्विच जैसे फीचर्स भी मिलते हैं।

  • वहीं, निओस के केबिन में एंटर करने के बाद आप महसूस करेंगे कि आप किसी महंगी कार में बैठे हैं। इसमें इस्तेमाल हुए मटीरियल की क्वॉलिटी, प्लास्टिक फिनिश और लाइट फैब्रिक अपहोल्स्ट्री एकदम प्रीमियम अहसास दिलाती है।
  • डैशबोर्ड पर इसमें हैक्सागनल पैटर्न मिलता है। यह टच करने में काफी स्मूद और प्रीमियम लगता है। निओस के सभी टच पॉइंट को बेहतर फिनिशिंग के साथ पेश किया गया है। ऐसे में यह गाड़ी हैचबैक सेगमेंट से बढ़कर अनुभव देती है। इसके केबिन एम्बिएंस को पहले से सुधार कर पेश किया गया है। अब सेंटर कंसोल पर इसमें मल्टीकलर बैकलाइट भी मिलती है।
  • इस गाड़ी की सीटें स्विफ्ट के मुकाबले ज्यादा अच्छा सपोर्ट नहीं देती। साथ ही इसमें फ्रंट पर एडजस्टेबल हैडरेस्ट की सुविधा भी नहीं दी गई है। ऐसे में हमें लगता है कि फिक्सड हैडरेस्ट के चलते गाड़ी में बैठना पैसेंजर्स के लिए थोड़ा असुविधाजनक हो सकता है। वहीं, रियर साइड की सीट पर ऐसी कोई परेशानी महसूस नहीं होती।

  • इसके टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम का साइज़ स्विफ्ट के लगभग बराबर है। इंफोटेनमेंट सिस्टम के फीचर्स भी स्विफ्ट से मिलते-जुलते ही हैं। लेकिन, यह ऑपरेट करने में ज्यादा स्मूद है। इसमें फिजिकल बटन दिए गए हैं जो इस्तेमाल करने में आसान है। कम्फर्ट के लिहाज से इसमें वायरलैस चार्जर, रियर एसी वेंट्स और कूल्ड ग्लवबॉक्स जैसे फीचर्स दिए गए हैं।
  • निओस के केबिन में स्टोरेज स्पेस की कमी काफी खलती है। इसका इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर बिल्कुल भी दमदार नहीं लगता।
  • स्विफ्ट को हमेशा इसकी ख़राब केबिन क्वॉलिटी के लिए नापसंद किया जाता था। हालांकि अब भी यह गाड़ी प्रैक्टिकल होने के साथ-साथ बेहद स्पोर्टी मानी जाती है, लेकिन इसके केबिन की क्वॉलिटी निओस के टक्कर की बिल्कुल भी नहीं लगती।

रियर सीट्स :

  • रियर साइड पर भी निओस में स्विफ्ट के मुकाबले बेहतर अनुभव मिलता है। हल्की केबिन अपहोल्स्ट्री, रिलैक्स रिक्लाइन एंगल और बेहतर दृश्यता (चारों तरफ से) के चलते यह गाड़ी लंबी दूरी के सफ़र के लिए अच्छी साबित होती है। इसमें रियर एसी वेंट्स की सुविधा दी गई है।
  • स्पेस की बात करें तो निओस में स्विफ्ट की तुलना में ज्यादा लेगरूम और नीरूम स्पेस मिलता है। हालांकि, स्विफ्ट के मुकाबले इसके केबिन की चौड़ाई कम है। लेकिन, अगर बात रियर साइड की सीट पर तीन पैसेंजर्स के बैठने की हो तो दोनों ही गाड़ियों में बराबर स्पेस मिलती है।

  • स्विफ्ट में ऑल-ब्लैक इंटीरियर, छोटी साइज़ की रियर विंडो और बड़े साइज़ के फ्रंट हैडरेस्ट दिए गए हैं। इसका बैकरेस्ट एंगल खड़ा (स्टीप) है, ऐसे में लंबी दूरी के सफर में पैसेंजर्स को बैठने में थोड़ी तकलीफ हो सकती है।
  • यदि आप रियर साइड की सीट पर ज्यादा वक्त बिताने का सोच रहे हैं तो ऐसी स्थिति में निओस को चुनना बेहतर ऑप्शन है।

बूट स्पेस :

  • निओस की तुलना में स्विफ्ट में बूट स्पेस ज्यादा है। ऐसे में बड़े सूटकेस को इसमें आसनी से रखा जा सकता है। इसमें रियर सीटों को 60:40 रेश्यो में फोल्ड भी किया जा सकता है। इस लिहाज से स्विफ्ट ज्यादा लगेज रखने के हिसाब से बेहतर साबित होती है।

सेफ्टी :

  • स्विफ्ट के भारतीय वर्जन को 2018 जीएनकैप क्रेश टेस्ट में 2 स्टार रेटिंग प्राप्त हुई थी। वहीं, ग्रैंड आई10 निओस का अब तक टेस्ट नहीं किया गया है।
  • पैसेंजर सेफ्टी के लिहाज से दोनों ही कारों में दो एयरबैग, एबीएस के साथ ईबीडी और पार्किंग सेंसर्स स्टैंडर्ड दिए गए हैं। इसके अलावा स्विफ्ट में आईएसओफिक्स चाइल्ड सीट माउंट फीचर भी मिलता है।
  • बिल्ड क्वॉलिटी की बात करें तो हुंडई की हैचबैक मारुति के मुकाबले ज्यादा सॉलिड साबित होती है।

इंजन व परफॉर्मेंस :

  • निओस और स्विफ्ट दोनों ही कारों में 1.2-लीटर पेट्रोल इंजन दिए गए हैं। इंजन के साथ इसमें 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स का विकल्प रखा गया है। हालांकि, इन दोनों ही कारों के इंजन अलग-अलग पावर आउटपुट जनरेट करने में सक्षम हैं।

  • स्विफ्ट का के12 पेट्रोल इंजन काफी पावरफुल है। इसके गियर रेश्यो काफी बड़े हैं, यह 5500 आरपीएम तक काफी तेज़ी से स्पीड पिक कर लेती है। इसका इंजन रिफाइन करके पेश किया गया है। ऐसे में यह रेस देने पर एकदम स्मूद व कम्फर्टेबल राइड्स देता है।
  • सिटी में भी इसका पेट्रोल इंजन एकदम स्मूद ड्राइविंग अनुभव देता है। भीड़-भाड़ वाले इलाके में कम स्पीड पर भी इसमें अच्छा ख़ासा टॉर्क मिलता है। इसका क्लच बेहद हल्का है जो ड्राइव करते समय ड्राइवर को एकदम थकान मुक्त रखता है।
  • हाइवे पर स्विफ्ट 100 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार को 2800 आरपीएम पर पकड़ती है। इस दौरान गाड़ी का इंजन एकदम शांत रहता है। इंजन के इस शांत नेचर के चलते यह गाड़ी हर परिस्थिति में ड्राइव करने में बेहद रोमांचक लगती है।

0-100 किलोमीटर/घंटे

13.04 सेकंड

12.71 सेकंड

30-80 किलोमीटर/घंटे (तीसरा गियर)

11.28 सेकंड

10.46 सेकंड

40-100 किलोमीटर/घंटे (चौथा गियर )

22.06 सेकंड

19.73 सेकंड

  • 0 से 100 किलोमीटर की स्पीड पर स्विफ्ट जल्दी से पहुंच जाती है, जबकि निओस को इससे ज्यादा समय लगता है।
  • हमारे माइलेज टेस्ट में स्विफ्ट ने सिटी में 16.10 किलोमीटर/लीटर और हाइवे पर 22.43 किलोमीटर/लीटर का माइलेज दिया। वहीं, निओस का माइलेज फिगर सिटी में 15.12 किलोमीटर/लीटर और हाइवे पर 18.82 किलोमीटर/लीटर रहा। माइलेज के मामले में निओस के मुकाबले में स्विफ्ट ज्यादा बेहतर साबित होती है।

  • वहीं, निओस का इंजन सिटी ड्राइविंग के लिहाज से बेहद पावरफुल है। इस गाड़ी का इंजन एकदम रिफाइन किया हुआ लगता है। हाइवे पर यह गाड़ी 3000 आरपीएम के करीब क्रूज़ करती है, जिसके चलते इसके साथ बेहतर माइलेज भी मिलता है।
  • कुल मिलाकर चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, दोनों कारों में से स्विफ्ट ड्राइविंग के लिहाज से बेहतर है।

राइड व हैंडलिंग

  • स्विफ्ट का सस्पेंशन सेटअप इंजन के स्पोर्टी नेचर को कॉम्प्लीमेंट करता नज़र आता है। इसके सस्पेंशन्स थोड़े कड़े हैं, ऐसे में ख़राब व उबड़ खाबड़ सड़कों पर इसे चलाना थोड़ा हार्ड है।
  • कम स्पीड पर भी राइड्स के दौरान रोड की सतह का पता स्विफ्ट में केबिन के अंदर तक चलता है। ऐसे में स्पीड ब्रेकर्स और गड्ढों से गुज़रने पर स्पीड को थोड़ा स्लो रखने की जरूरत पड़ती है। लेकिन, तेज़ गति पर स्विफ्ट ज्यादा स्टेबल रहती है।
  • इसके स्टीयरिंग व्हील का फीडबैक काफी अच्छा है। राइड्स के दौरान इसमें टायर की ग्रिप भी अच्छी होती है। ऐसे में चलाते समय यह गाड़ी एकदम कंट्रोल में रहती है।

  • वहीं, निओस के सस्पेंशन सेटअप काफी सॉफ्ट हैं। यह गाड़ी ख़राब व उबड़ खाबड़ सड़कों को आसानी से पार कर लेती है। ऐसे में पैसेंजर्स को केबिन के अंदर झटका बिलकुल भी महसूस नहीं होता। यह हैचबैक थोड़ी असुविधाजनक केवल तेज़ गति पर बड़े स्पीड ब्रेकर्स या गड्ढों से गुज़रते समय ही लगती है।
  • निओस का स्टीयरिंग व्हील काफी भारी है। लेकिन, यह राइड्स के दौरान स्विफ्ट की तरह फीडबैक नहीं देता। हालांकि, इसे सिटी व हाइवे पर चलाना एकदम आसान लगता है। मोड पर इसके टायर की ग्रिप ज्यादा दमदार नहीं लगती। राइड्स के दौरान इस कार में बॉडी रोल भी ज्यादा होता है।

निष्कर्ष :

यहां मारुति स्विफ्ट एक बेहतरीन ऑल-राउंडर कार साबित होती है। इसमें दमदार फीचर्स दिए गए हैं और पावरफुल इंजन लगा है, जिसका मज़ा परिवार का हर सदस्य राइड्स के दौरान उठा सकता है। कई किलोमीटर तक चलाने पर यह गाड़ी अच्छा-ख़ासा माइलेज भी देती है। वहीं, निओस एक अच्छी फैमिली कार है। इसके केबिन और सीट्स की क्वॉलिटी बेहतरीन है। ऐसे में यह प्रीमियम अहसास दिलाती है। इसकी प्राइस स्विफ्ट के मुकाबले 40,000 रुपए कम है। लेकिन, अगर इसके इंजन का रिस्पांस और ज्यादा बेहतर होता तो इस फैमिली हैचबैक को जरूर चुना जा सकता था। यदि आप एक अच्छी फैमिली हैचबैक खरीदना चाह रहे हैं तो ग्रैंड आई10 निओस को चुनना एकदम गलत भी नहीं होगा।

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मारुति स्विफ्ट 2014-2021

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