Choose your suitable option for better User experience.
  • English
  • Login / Register

होंडा सिटी Vs मारुति सियाज Vs हुंडई वरना : स्पेस, प्रैक्टिकैलिटी और कंफर्ट कंपेरिजन

Published On सितंबर 07, 2020 By भानु for होंडा सिटी 2020-2023

मिड साइज सेडान सेगमेंट में काफी सालों तक कम बिक्री के आंकड़े मिलने के बाद अब होंडा सिटी एक नए रूप में लौट आई है। हालांकि अब इस सेगमेंट को पसंद करने वाले ग्राहकों की सोच में भी कुछ बदलाव आए हैं। वहीं इस सेगमेंट की कारों में अब प्रैक्टिकैलिटी के साथ-साथ प्रीमियमनैस और कंफर्ट को तवज्जो दी जाती है। ऐसे में हम इन खूबियों वाली हुंडई वरना, मारुति सुजुकी सियाज और होंडा सिटी का यहां स्पेस, प्रैक्टिकैलिटी और कंफर्ट के मोर्चे पर कंपेरिजन कर रहे हैं ताकि आप इनमें से अपने लिए कोई बेहतर कार चुन सकें। 


डिजायरेबिलिटी: कार में प्रैक्टिकैलिटी तो महत्वपूर्ण है ही साथ में उसमें कुछ फील गुड फैक्टर्स भी देखे जाते हैं। फीचर्स और डिजाइन ये काफी महत्वपूर्ण फैक्टर्स हैं। 

डिजाइन और क्वालिटी

  • बाहर से ही इन तीनों कारों की अपनी अपनी विशेषता है। जहां सियाज का डिजाइन काफी सिंपल सोबर है तो वहीं वरना सेडान का डिजाइन स्पोर्टी है। बात की जाए होंडा सिटी 2020 की तो इसका डिजाइन थोड़ा क्लासी लगता है। सिटी के केबिन में भी काफी प्रीमियमनैस नजर आती है। इसके डैशबोर्ड में भी ऐसी ही प्रीमियमनैस दिखाई देती है जहां सॉफ्ट टच लैदर अपहोल्स्ट्री और ग्लॉसी फॉक्स वुड इंसर्ट का इस्तेमाल किया गया है। इसके रोटरी डायल्स और पुश स्विच सब काफी अच्छा फील देते हैं। 

  • वरना की स्पोर्टीनैस उसके केबिन में भी नजर आती है। इसके टर्बो पेट्रोल वेरिएंट में एयरकॉन वेंट्स पर रेड कलर के एसेंट्स और इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर पर नई डिजिटल डिस्प्ले दी गई है। हालांकि केबिन की मैटेरियल क्वालिटी सिटी के मुकाबले उतनी अच्छी नहीं लगती है। 

  • सियाज के डैशबोर्ड का डिजाइन और एक सिंपल सा इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर ये बताने के लिए काफी है कि अब इस ​गा​ड़ी का डिजाइन काफी पुराना हो चला है। मगर, हल्के कलर्स, मैट फॉक्स वुड ट्रिम और सेंटर कंसोल में कवर्ड स्टोरेज बे को देखकर एक प्रीमियम अहसास होता है। 

फीचर्स

  • हुंडई वरना में इन दोनों कारों के मुकाबले ज्यादा फीचर्स दिए गए हैं। मगर एक वेंटिलेटेड सीट का फीचर एक बड़ा अंतर पैदा करने में सक्षम है। किसी कार के केबिन में इंफोटेनमेंट सिस्टम का भी काफी अहम किरदार होता है और वरना में दी गई यूनिट इस सेगमेंट में सबसे बेस्ट है। इसमें 8 इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम दिया गया है जो कि काफी रिस्पॉन्सिव है और इसमें दिए गए बड़े-बड़े बटन से मेन्यू को नेविगेट करना आसान बन जाता है। वरना में ड्राइवर इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर में नई डिजिटल डिस्प्ले दी गई है जो इसे एक स्पोर्टी टच देती है।

  • दूसरी तरफ होंडा सिटी में ड्राइवर इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर में दी गई डिजिटल डिस्प्ले को कुछ इस तरह पोजिशन किया गया है कि वो एनालॉग यूनिट जैसी लगती है। हालांकि इस डिस्प्ले पर आप रेव्स, जी फोर्स डेटा या ट्रिप इंफो जैसी जानकारियां भी देख सकते हैं। नई होंडा सिटी में लेन वॉच सिस्टम भी दिया गया है जो लेफ्ट हैंड साइड पर लगे ओआरवीएम के नीचे लगे कैमरा की वीडियो फीड शो करता है। मगर ये फीड्स आपको इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर की डिजिटल डिस्प्ले में ना दिखकर इंफोटेनमेंट स्क्रीन पर दिखाई देती है। इसके अलावा इन फीड्स के शो होने पर आप नेविगेशन को नहीं देख सकते हैं। इसका टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम यूजर फ्रेंडली नहीं है, जितना वरना का है। हालांकि, सिटी सेडान में वायरलैस फोन चार्जर जैसी एसेसरीज़ भी दी गई है। वहीं इसमें 4 एयरबैग का फीचर स्टैंडर्ड दिया गया है। दूसरी तरफ वरना में मिलने वाला 6 एयरबैग का फीचर केवल टॉप लाइन वेरिएंट तक ही सीमित है। 

  • मारुति सियाज में केवल दो ही एयरबैग दिए गए हैं। इसमें कई दूसरे फीचर्स की भी कमी है जिनमें इलेक्ट्रिक सनरूफ और कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी शामिल है। हालांकि इसमें सिटी और वरना की तरह रियर विंडशील्ड पर सनशेड और रियर एयरकॉन वेंट्स का फीचर दिया गया है। हालांकि वरना में रियर साइड पर यूएसबी चार्जिंग पोर्ट दिया गया है, वहीं सिटी और सियाज में केवल 12 वोल्ट का सॉकेट दिया गया है। 

पैसेंजर स्पेस: हमारे काफी व्यूअर्स और रीडर्स ने हमसे इस मोर्चे पर भी तीनों कारों का कंपेरिजन करने को कहा है जिसके नतीजे कुछ इस प्रकार हैं:-

बुजुर्ग पैसेंजर को कंफर्ट देने के लिहाज से कौन है बेस्ट: मारुति सियाज के केबिन में घर के बुजुर्ग सदस्य आराम से दाखिल हो सकते हैं और उससे बाहर निकल सकते हैं। सियाज के दरवाजे काफी बड़े हैं और इसकी सीटें भी ऊंची है जिससे कार के अंदर बैठना और उससे बाहर निकलना आसान बन जाता है। इसमें अंदर प्रवेश करने के लिए आपको कम झुकना पड़ता है और घुटनों पर ज्यादा जोर नहीं पड़ता है। इसी तरह होंडा सिटी के केबिन में प्रवेश करना और उससे बाहर निकलना आसान है। हालांकि सियाज के मुकाबले सिटी की सीटें थोड़ी नीची है फिर भी इसमें कोई परेशानी नहीं होती है। वहीं हुंडई वरना कि स्वूपिंग रूफलाइन होने के कारण और स्टांस नीचे होने की वजह से इस मोर्चे पर ये कार उतनी प्रैक्टिकल नहीं लगती है।  

तीनों कारों में से किसमें पीछे की सीटों पर आराम से बैठ सकते हैं तीन पैसेंजर्स: यदि आपकी कार में रोजाना ही पांच पैसेंजर सवार होते हैं तो पीछे की सीट पर तीन पैसेंजर्स के लिए कंफर्ट लेवल काफी मायने रखता है। इस मोर्चे पर भी मारुति सियाज खरी उतरती है। इसमें 1335 मिलीमीटर का शोल्डर रूम मिलता है और थोड़े छोटे सफर के दौरान तो इसमें तीनों पैसेंजर्स आराम से बैठ सकते हैं। यदि एक लंबे सफर में यहां बीच में किसी बच्चे को बैठा लिया जाए तो बाकि के दो पैसेंजर्स के लिए बैठना और भी ज्यादा कंफर्टेबल बन जाता है। 

1315 मिलीमीटर शोल्डर रूम के साथ इन तीनों में हुंडई वरना दूसरी सबसे चौड़ी सेडान है। हालांकि इसमें काफी कम नीरूम मिलता है और ऊंची विंडोलाइन होने के कारण आपको सिकुड़े जाने जैसा अहसास भी होता है।

  • इस मोर्चे पर होंडा सिटी उतनी कंफर्टेबल सेडान साबित नहीं होती है। इसमें केवल 1290 मिलीमीटर शोल्डर रूम मिलता है जिससे तीनों पैसेंजर्स बैक सीट पर कंफर्टेबल होकर नहीं बैठ पाते हैं। साइड से रूफलाइन के स्कूपी शेप में होने के कारण भी इसमें दोनों साइड पर बैठे पैसेंजर्स को हेडरूप स्पेस की भी कमी लगती है। हालांकि इन तीनों कारों में से केवल सिटी में ही बीच में बैठने वाले पैसेंजर के लिए हेडरेस्ट और थ्री पॉइन्ट सीटबेल्ट का फीचर दिया गया है। 

तीनों में से किसकी बैक सीट पर हमेशा मिलता है कंफर्ट: यदि आप हमेशा ही कार में पीछे की सीट पर आराम से कहीं आना जाना पसंद करते हैं तो होंडा सिटी आपके लिए बेस्ट रहेगी। ना केवल इसमें अच्छा नीरूम स्पेस मिलता है बल्कि इसमें ज्यादा हेडरूम भी मिलता है। इसकी बड़ी बड़ी विंडो और लाइट इंटीरियर कलर केबिन में एक खुलेपन का अहसास कराता है। इसकी सीटों की कुशनिंग भी काफी अच्छी है। 

सिटी की तरह सियाज में भी लाइट कलर का केबिन और ब़ड़ी विंडो दी गई है जिससे खुलेपन का अहसास होता है। हालांकि फ्लैट सीटें और कुशनिंग के मामले में ये होंडा सिटी की बराबरी नहीं करती है। इन तीनों कारों में सबसे ज्यादा बड़ी सीटें आपको वरना में मिलेंगी। इसका सीटेबेस काफी लंबा है और इसमें अच्छा अंडरथाई सपोर्ट भी मिलता है। 

वरना में सभी तरह के वयस्क पैसेंजर्स के बैठने जितना स्पेस तो नहीं मिलता है, मगर इसमें मिलने वाले नीरूम,हेडरूम स्पेस और केबिन के खुलेपन का कहीं कोई मैच नहीं है। 

फ्रंट सीट: फ्रंट सीट एक्सपीरियंस के मोर्चे पर एकबार फिर से होंडा सिटी बाजी मार ले जाती है। इसके डैशबोर्ड की पोजिशनिंग काफी नीचे है और सीटों को थोड़ा ऊंचा पोजिशन किया गया है और इसके आपको बाहर का नजारा काफी अच्छे से देखने को मिलता है। इसकी कंफर्टेबल सीटों और बड़ी बड़ी विंडोज के चलते यहां काफी अच्छा सीटिंग एक्सपीरियंस मिलता है। हालांकि यहां 6 फुट से लंबे पैसेंजर के लिए हेडरूम स्पेस की थोड़ी कमी जरूर महसूस होती है। 

वरना की भी फ्रंट सीटिंग पोजिशनिंग थोड़ा थोड़ा होंडा सिटी से मेल खाती है। इसमें भी लो सीटिंग पोजिशन मिलती है और हाई विंडो लाइन के कारण किसी रेसिंग कार में बैठने जैसा फील आता है। हालांकि वरना में ड्राइवर और को ड्राइवर के लिए हेडरूम स्पेस की कोई कमी नहीं रहती है। 

इस मामले में सियाज भी काफी अच्छी है और इसमें किसी भी साइज के ड्राइवर के लिए हेडरूम की कोई परेशानी नहीं रहती है। इसके ​अलावा न्यू जनरेशन होंडा सिटी की ही तरह​ इसमें खुलेपन का अहसास भी होता है और स्पेस की भी कोई कमी नहीं लगती है। हालांकि इसमें टेलिस्कोपिक एडजस्टेबल स्टीयरिंग व्हील का फीचर नहीं दिया गया है जिससे ड्राइवर के लिए एक कंफर्टेबल सीटिंग पोजिशन पर आना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। वहीं सियाज की सीटें ज्यादा सपोर्टिव भी नहीं लगती है।

स्टोरेज स्पेस: केबिन स्टोरेज स्पेस के मामले में होंडा सिटी काफी प्रैक्टिकल सेडान है। इसके सेंटर कंसोल में एयरकॉन पैनल के नीचे ट्रे दी गई है। यहां तक कि ड्राइवर और को ड्राइवर को फोन रखने के ​लिए हैंडब्रेक के बगल में ही फोन होल्डर स्लॉट्स दिए गए हैं। इसमें फ्रंट और रियर पर एक लीटर तक की बॉटल रखने के लिए डोर पॉकेट्स भी दिए गए हैं। वहीं सीटबैक पॉकेट्स में फोन या दूसरे छोटे मोटे सामान रखने के लिए स्पेशल पॉकेट्स भी दिए गए हैं। सियाज में भी काफी बड़े डोर पॉकेट्स दिए गए हैं। मगर कपहोल्डर्स और फोन स्टोरेज एक साथ ही सेंटर कंसोल में दे दिए गए हैं जिससे ​कि किसी गर्म पेय के साथ फोन को रखना सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। वरना में स्टोरेज स्पेस काफी अच्छे तरीके से ऑर्गनाइज्ड किया गया है जिसमें फ्रंट सीट के बीच में कपहोल्डर्स दिए गए हैं और गियर लिवर के आगे फोन रखने की जगह दी गई है। इसके फ्रंट डोर पॉकेट्स काफी बड़े हैं, मगर रियर डोर पॉकेट्स में एक लीटर तक की बॉटल नहीं रखी जा सकती है। 

बूटस्पेस: बूटस्पेस के मामले में सिटी और सियाज का मुकाबला लगभग बराबर सा है। जहां सिटी में 506 लीटर का बूटस्पेस दिया गया है तो वहीं सियाज में 510 लीटर का बूटस्पेस दिया गया है। वरना की बात की जाए तो इसमें केवल 480 लीटर का बूटस्पेस दिया गया है। हुंडई वरना की डिजाइन के चलते इसके बूट में सामान रखना काफी आसान है। हमने टेस्टिंग के दौरान इसमें जितना भी लगेज रखा उसे रखने के बाद भी एक सूूटकेस को रखने जितना स्पेस बच गया। इसी तरह सियाज में भी बड़ा सूटकेस रखने के बावजूद भी छोटे मोटे बैग रखने जितना स्पेस बच जाता है। होंडा सिटी की पतली और लोअर बूट लिप के कारण इसमें लगेज को लोड करना काफी आसान है। इसमें भी लगेज रखने के बाद कुछ और सामान रखने की गुंजाइश बच जाती है। 

सड़क पर चलते हुए कौनसी रहती है ज्यादा कंफर्टेबल: जब बात खराब सड़कों पर चलने की हो तो होंडा सिटी की राइड क्वालिटी ज्यादा कंफर्टेबल रहती है। इसका ग्राउंड क्लीयरेंस पहले जैसा ही है। मगर, होंडा का कहना है कि उन्होंने अच्छे ग्राउंड क्लीयरेंस के लिए इसके सस्पेंशन सिस्टम को रिट्यून कर दिया है। हालांकि होंडा सिटी की लंबाई बढ़ चुकी है, ऐसे में डिफ्लेक्टर फ्लैप के किसी गड्ढे या स्पीक ब्रेकर को छूने की संभावना बनी रहती है। 

स्पोर्टी स्टांस होने के बावजूद भी हुंडई वरना काफी अच्छे से खराब सड़कों को हैंडल कर लेती है। इस मोर्चे पर तीनों कारों में से सियाज काफी अच्छी है जो खराब से खराब सड़कों पर भी बिना किसी परेशानी के आराम से दौड़ती है। 

अब सवाल ये उठता है कि इन तीनों कारों में से किसमें खराब सड़कों के बावजूद भी केबिन में अच्छा कंफर्ट मिलता है। तो हमारा जवाब होगा होंडा सिटी। खराब सड़कों पर इस गाड़ी में और गड्ढों को इसके सस्पेंशन सिस्टम काफी अच्छी तरह से एब्सॉर्ब कर लेते हैं और इसके बाद वापस सैटल भी हो जाते हैं। हाईवे पर भी सिटी आराम से चलती है। मारुति सियाज ये काम सिटी जितना तो अच्छा नहीं करती है, मगर वो कुछ बड़े गड्ढों पर से गुजरने में माहिर है। हालांकि सिटी की तरह सियाज में भी आपको केबिन में टायरों की आवाज सुनाई देगी। वहीं इन तीनों कारों में से वरना का साउंड इंसुलेशन काफी बेहतर है। 

निष्कर्ष

काफी पुरानी कार होने के बावजूद भी सियाज में फैमिली को बैठाने के लिए काफी अच्छा स्पेस मिलता है और ये भारत की सड़कों की स्थिति को देखते हुए भी काफी अच्छी कार है। हालांकि इसमें कुछ फीचर्स की कमी जरूर है, मगर ये वरना और सिटी से 3 लाख रुपये तक सस्ती पड़ती है। हालांकि सिटी के निचले वेरिएंट जिसमें चार एयरबैग दिए गए हैं उसका कंपेरिजन सियाज से करें तो यहां वैल्यू कार्ड मायने नहीं रखता है। दूसरी तरफ वरना में काफी अच्छे फीचर्स दिए गए हैं। सिटी में प्रैक्टिकैलिटी और प्रीमियमनैस का अच्छा कॉम्बिनेशन देखने को मिलता है। वहीं इसके पुराने मॉडल और नए मॉडल की प्राइस के बीच भी कोई ज्यादा अंतर नहीं आया है। यदि आप अपने लिए एक ऑलराउंडर सेडान ढूंढ रहे हैं तो ये ख़ासियत आपको होंडा सिटी के पांचवे जनरेशन मॉडल में नजर आएगी।

नई सेडान कारें

अपकमिंग कारें

पॉपुलर सेडान कारें

×
We need your सिटी to customize your experience