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होंडा सिटी ई:एचईवी : फर्स्ट ड्राइव रिव्यू

Published On मई 11, 2022 By भानु for होंडा सिटी हाइब्रिड 2022-2023

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हम काफी समय से कुछ इलेक्ट्रिक कारों की टेस्टिंग कर रहे हैं जहां हमें उन्हें चार्ज करने के लिए घंटो बिताने पड़े। इलेक्ट्रिक कारों को ड्राइव करने में मजा तो आता है, मगर चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता अब भी एक बड़ा चैलेंज है। अभी हम इन सब चीजों का समाधान ढूंढ ही रहे थे कि इतने में होंडा ने सिटी ई:एचईवी स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कार लॉन्च कर इलेक्ट्रिक कारों का एक अच्छा विकल्प ला खड़ा किया है। ये एक ऐसी इलेक्ट्रिक कार है जो अपनी बैट्रियों को पेट्रोल इंजन से चार्ज करती है और इलेक्ट्रिक मोटर को पावर सप्लाय भी करती है। इन सब चीजों की बदौलत ये कंपनी द्वारा दावाकृत 26.5 किलोमीटर प्रति लीटर का शानदार माइलेज रिटर्न भी देती है। मगर क्या वाकई ये रियल वर्ल्ड कंडीशन में भी इतना माइलेज देने में सक्षम है? इसके बारे में आप जानेंगे इस फर्स्ट ड्राइव रिव्यू के जरिए:

सिटी ई:एचईवी को केवल सिंगल वेरिएंट जेडएक्स में उतारा गया है और ये स्पेस, प्रैक्टिकैलिटी और फीचर्स के मोर्चे पर अपने नॉन हाइब्रिड वर्जन के समान ही है। हमने इस रिव्यू में केवल होंडा सिटी नॉन हाइब्रिड और हाइब्रिड मॉडल के बीच बड़े अंतर पर ही ज्यादा फोकस रखा है। ऐसे में होंडा सिटी के बारे में ज्यादा जानने के लिए आप हमारे द्वारा किए गए पिछले रिव्यूज़ और कंपेरिजन रिव्यूज़ भी देख सकते हैं।

लुक्स

दिखने में सिटी ई:एचईवी अपने रेगुलर मॉडल जैसी ही लगती है और इसमें काफी कम अंतर नजर आते हैं। इसके फ्रंट में नई हनीकॉम्ब ग्रिल और काफी अग्रेसिव स्टाइल की फॉगलैंप हाउसिंग दी गई है। इसमें ब्लू कलर का होंडा लोगो दिया गया है जो ये दर्शाता है कि ये एक हाइब्रिड कार है। हालांकि ये सब चीजें आपको एकबारगी में नजर नहीं आएगी और आपको ये नॉमल होंडा सिटी जैसी ही लगेगी।

इसका साइड प्रोफाइल भी बिल्कुल रेगुलर मॉडल के समान नजर आ रहा है जहां 16 इंच के ड्युअल टोन अलॉय व्हील्स दिए गए हैं। हालांकि इसमें दिए गए अलॉय व्हील्स का डिजाइन काफी मॉडर्न है जिससे ये वेरिएंट भी इस कारण रेगुलर मॉडल से थोड़ा अलग नजर आता है।

इसके रियर प्रोफाइल में बूट लिड स्पॉयलर और फॉक्स कार्बन फाइबर डिफ्यूजर दिया गया है जिसकी फिनिशिंग एक एग्जिक्यूटिव लुक वाली सेडान पर सूट नहीं करती है। ई:एचईवी में होंडा ने जो बदलाव किए हैं वो उसे ज्यादा स्पोर्टी तो बनाते हैं, मगर इसकी एक अलग पहचान बनाने के लिए कंपनी को यहां और भी काम करने चाहिए थे। हमारी नजर में कंपनी को इसमें अलग से बॉडी शेड्स, नए अलॉय व्हील्स और कम से कम चाबी तो अलग सी देनी ही चाहिए थी।

इंटीरियर

नई होंडा सिटी हाइब्रिड का इंटीरियर भी काफी हद तक रेगुलर मॉडल जैसा नजर आता है। यहां होंडा ने केवल लैदर अपहोल्स्ट्री को लाइट शेड में देकर ही बदलाव किया है। रेगुलर मॉडल की तरह इसकी बिल्ड और मैटेरियल क्वालिटी अब भी काफी इंप्रेसिव नजर आती है। इसके इंटीरियर के बैक पोर्शन में बैट्री पैक को अच्छा वेंटिलेशन देने के लिए बैकरेस्ट के पास एक वेंट दिया गया है। इसके बैट्री पैक को रियर सीट के पीछे रखा गया है।

फीचर्स के तौर पर होंडा सिटी ई:एचईवी में एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम का एक एक्सक्लूसिव फीचर दिया गया है। इस सिस्टम के तहत कॉलिजन मिटिगेशन ब्रेकिंग, अडेप्टिव क्रूज कंट्रोल, रोड डिपार्चर मिटिगेशन, ऑटो हाई बीम असिस्ट और लेन-कीप असिस्ट जैसे फीचर्स दिए गए हैं। रूटीन ड्राइविंग के लिए ये फीचर काफी काम का साबित होगा। इस फीचर के बारे में ज्यादा जानने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को भी जरूर देखें। एडीएएस फीचर के अलावा ई:एचईवी में इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक और ब्रेक होल्ड का फीचर भी दिया गया है। इसमें अब स्मार्टवॉच के जरिए भी कनेक्टेड कार फीचर्स को ऑपरेट किया जा सकता है। 

होंडा सिटी ई:एचईवी केवल सिंगल वेरिएंट में पेश की गई है जो इसके टॉप वेरिएंट जेडएक्स ट्रिम पर बेस्ड है। ऐसे में साफ है कि इसमें वो सब फीचर्स दिए गए हैं जो रेगुलर सेडान के टॉप वेरिएंट में मौजूद है। इसमें ड्राइवर के लिए टिल्ट और टेलिस्कोपिक स्टीयरिंग एडजस्टमेंट, 7-इंच सेमी-डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर डिस्प्ले, लेन वॉच कैमरा, पुश-बटन स्टार्ट/स्टॉप जैसे फीचर्स दिए गए हैं। ड्राइवर के अलावा दूसरे पैसेंजर्स के लिए इसमें सिंगल-पैन सनरूफ, एम्बिएंट लाइटिंग, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, 8-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम और 8-स्पीकर साउंड सिस्टम जैसे फीचर्स दिए गए हैं। सेफ्टी के लिए इसमें छह एयरबैग, आईएसओफिक्स चाइल्ड सीट एंकरेज, और एक टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम ​जैसे फीचर्स दिए गए हैं। 

बूट स्पेस

होंड सिटी ई:एचईवी में बूट स्पेस से समझौता किया गया है या यूं ​कहे तो ये कार खरीदने पर आपको ज्यादा बूट स्पेस नहीं मिलेगा। रियर सीट के पीछे बैट्री रख देने के कारण करीब 200 लीटर का लगेज स्पेस खत्म हो गया है। इसी के चलते इसमें 506 लीटर से बूट स्पेस 306 लीटर ही रह गया है जिसमें आप केवल दो जोड़ी सूटकेस रख सकते हैं। 

इंजन और परफॉर्मेंस 

सिटी हाइब्रिड कैसे करती है काम 

इसके ड्राइव एक्सपीरियंस पर बात करने से पहले आपको आसान भाषा में समझाएं कि आखिर ये हाइब्रिड सिस्टम कैसे काम करता है। इस पावरट्रेन के 4 प्रमुख कंपोनेंट्स हैं। पहला इसमें दिया गया 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन जो सिटी के रेगुलर मॉडल में दिए गए 1.5 लीटर इंजन से काफी अलग है। सिटी ई:एचईवी में दिया गया 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन अटकिंसन साइकल पर काम करता है। अगला कंपोनेंट एक मोटर है जो जनरेटर का काम करता है जो बैट्री और ड्राइव मोटर को करंट पहुंचाने के लिए इंजन से ड्राइव होता है। इसके अलावा इसमें एक ड्राइव मोटर भी दी गई है जो व्हील और बैट्री पैक को पावर देती है और ये बैट्री मोटर को पावर देती है।

जैसे ही आप इग्निशन स्टार्ट करते हैं और कार को ड्राइव करना शुरू करते हैं सिटी ई:एचईवी एक इलेक्ट्रिक कार जैसे काम करना शुरू कर देती है। इस दौरान इंजन बिल्कुल बंद रहता है और कार पूरी तरह से इलेक्ट्रिक मोड पर ड्राइव की जा सकती है। जैसे ही आप स्पीड बढ़ाते हैं तो इस दौरान ज्यादा करंट की जरूरत बढ़ जाती है और इंजन जनरेटर को पावर देना शुरू कर देता है। इस दौरान इसके व्हील अभी इलेक्ट्रिक मोटर के जरिए ही स्पिन हो रहे होते हैं और केवल इंजन का काम जनरेटर को करंट सप्लाय करने का होता है। यदि करंट ज्यादा मिलने लगे तो वो जाकर बैट्री मेंं स्टोर होने लगता है जिससे बैट्री अपने आप चार्ज हो जाती है।

हाईवे पर जब इंजन अपनी पीक एफिशिएंसी आरपीएम पर होता है तो कार इलेक्ट्रिक मोटर से आईसीई इंजन पर स्विच हो जाती है। अब इंजन सीधे व्हील्स को एक ​फिक्सड गियर के जरिए अपनी पावर देने लग जाता है। ओवरटेक करने के लिए यदि ज्यादा स्पीड की जरूरत पड़ती है तो मोटर इंजन को टॉर्क बूस्ट के साथ फिर से सपोर्ट करने लग जाती है। 

ड्राइव एक्सपीरियंस

इसका इंजन बिल्कुल भी शोर नहीं करता है। इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरह ये कार पूरी तरह से इलेक्ट्रिक मोड पर आगे बढ़ने लगती है। आप जब तक ट्रैफिक में धीमी स्पीड पर ड्राइव करते रहेंगे तब तक ये कार इलेक्ट्रिक मोड पर चलती रहेगी। इस दौरान एक्सलरेशन भी काफी स्मूद रहता है। 

जैसे ही आप स्पीड बढ़ाते हैं तो फिर ये इंजन मोड पर आ जाती है। ये चीज आपकी ड्राइविंग को बिल्कुल भी डिस्टर्ब नहीं करती है, मगर हां इसका एकबार तो पता जरूर चलता है। यह मोटर और बैटरी को इलेक्ट्रिसिटी सप्लाय करने के लिए जनरेटर को पावर नहीं दे रहा है। चूंकि अभी भी कार इलेक्ट्रिक मोटर से ही चल रही है ऐसे में आपको इस दौरान काफी स्मूद ड्राइविंग एक्सपीरियंस मिल रहा होता है। एक्सलरेशन भी काफी जल्द होता है जिससे आपको ओवरटेक करने में कोई परेशानी नहीं होती है। 

हार्ड थ्रॉटल देने के बाद आपको कार से एक्सट्रा पावर मिलती है और इसी दौरान टॉर्क भी मिलने लगता है। चूंकि सिटी में गियरबॉक्स नहीं दिया गया है, मगर इंजन की रेव्स ड्रॉप होने के पर आपको महसूस होगा कि शायद गियर बदला है। 

इस कार को 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पकड़ने में 10 सेकंड का समय लगता है। सिटी के पेट्रोल और डीजल मैनुअल मॉडल के मुकाबले सिटी हाइब्रिड ये काम क्रमश: 0.4 सेकंड और 2.5 सेकंड जल्दी कर लेती है। 

हाईवे पर 80 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड के दौरान इंजन अपनी सबसे एफिशिएंट आरपीएम पर चल रहा होता है। जैसे ही फिर हाइब्रिड सिस्टम एंगेज होता है तो इंजन सीधे फिक्स गियर के जरिए व्हील्स को पावर देने लग जाता है। इस दौरान आप इंजन की पावर से कार को ड्राइव कर सकते हैं। यहां भी एक्सलरेशन की डिमांड होने पर इंजन को टॉर्क बूस्ट के रूप में मोटर से भी सपोर्ट मिलने लगता है। 


सिटी ई:एचईवी में सभी पहियों पर डिस्क ब्रेक्स दिए गए हैं, मगर आपको हमेशा इनकी जरूरत नहीं पड़ती है और ये ब्रेकिंग रीजनरेशन के काम ज्यादा आते हैं। इससे बैट्री चार्ज करने के लिए काइनेटिक एनर्जी का इस्तेमाल होता है। वहीं जब आप काफी आराम से ब्रेक पैडल को दबाते हैं तो रीजनरेशन के लेवल ब्रेकिंग जैसा काम करने लगते हैं। वहीं इमरजेंसी ब्रेकिंग के लिए डिस्क ब्रेक्स अपना काम करते हैं। 

आप रीजनरेशन के लिए पैडल शिफ्टर्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ये पावर मिलने पर वापस रीसेट भी की जा सकती है। अपने मुताबिक रीजनरेशन का लेवल सेट करने के लिए आप गियर सलेक्टर के जरिए ड्राइव से रीजनरेटिव ब्रेकिंग मोड पर शिफ्ट हो सकते हैं। 

कुल मिलाकर सिटी ई:एचईवी को ड्राइव करते हुए एक नया एक्सपीरियंस मिला जो काफी स्मूद रहा। ये शार्प थ्रॉटल इनपुट से काफी तेज भी महसूस होती है और रेगुलर सिटी के मुकाबले शहरों में ड्राइव करने में आसान लगती है। 

राइड और हैंडलिंग 

नए हाइब्रिड सिस्टम के चलते इसका वजन 120 किलो ज्यादा बढ़ गया है। मगर रीट्यून किए गए सस्पेंशन से इसमें राइड कंफर्ट काफी अच्छा मिलता है। भारत की सड़कों पर ये कार आपको पूरी तरह से कंफर्टेबल रखने में सक्षम है। इसका ग्राउंड क्लीयरेंस रेगुलर सिटी सेडान के बराबर है। 

वेरिएंट्स

होंडा सिटी ई:एचईवी को सिंगल वेरिएंट जेडएक्स में ही पेश किया गया है जिसकी प्राइस 19.50 लाख रुपये रखी गई है। सिटी जेडएक्स पेट्रोल सीवीटी मॉडल के मुकाबले इसकी प्राइस 4.46 लाख रुपये ज्यादा रखी गई है। 

इस कार के एआरएआई माइलेज फिगर के हिसाब से पूरे साल यदि आप रोजाना इस हाइब्रिड कार से 80 किलोमीटर सफर करते हैं तो पूरे साल में आप 51,000 रुपये की फ्यूल पर बचत कर सकते हैं। रेगुलर मॉडल से 4.46 लाख रुपये ज्यादा कीमत को देखते हुए आपको 9.8 साल तक ये कार चलानी होगी और इसकी कीमत वसूलने के लिए आपको इसे 2.8 लाख किलोमीटर तक ड्राइव करनी होगी। 

रनिंग कॉस्ट कैलकुलेशन

माइलेज सिटी सीवीटी 18.4किमी/ली.

सिटी ई:एचईवी 26.5किमी/ली.

दिल्ली में फ्यूल कॉस्ट

 105.41

ई:एचईवी से होने वाली ईयरली सेविंग्स

 51,000 रुपये

होंडा सिटी पेट्रोल सीवीटी के मुकाबले कीमत में अंंतर:  15.04 लाख रुपये

होंडा सिटी ई:एचईवी:  19.50 लाख रुपये 

कीमत में अंतर: 4.46 लाख रुपये

एडिशनल पर्चेज कॉस्ट को वसूलने में लगने वाला समय

9.8 साल

9.8 साल के दौरान व्हीकल ड्राइव: 

2.8 लाख किलोमीटर

निष्कर्ष 

सिटी ई:एचईवी को रोजाना ड्राइव करने के बाद इतना तो महसूस किया जा सकता है कि ये इस सेडान का बेहतर अवतार है। ये कार इलेक्ट्रिक कारों जैसी परफॉर्मेंस देती है और कन्वेंशनल फ्यूल कारों जैसा कंफर्ट। मैकेनिकल पार्ट पर ये काफी पेचीदा नजर आती है, मगर आपको इसमें स्मूद राइड मिलने की पूरी गारंटी मिलेगी। इसके अलावा अतिरिक्त परफॉर्मेंस मिलने से आप अपनी डेली ड्राइव को ज्यादा एंजॉय कर सकते हैं। 

लॉन्च होने से पहले ही सिटी ई:एचईवी पर वेटिंग पीरियड 6 महीने तक पहुंच चुका है। यदि आपको इलेक्ट्रिक कारें ज्यादा प्रैक्टिकल नहीं लगती है और आपको पर्यावरण की भी चिंता है तो ये हाइब्रिड कार आपके लिए बेस्ट चॉइस साबित हो सकती है।

Published by
भानु

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