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बजाज क्यूट आरई60: फर्स्ट ड्राइव रिव्यू

Published On मई 20, 2020 By भानु for बजाज qute

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ऑटो रिक्शा को कई महानगरों की लाइफलाइन माना जाता है। मार्केट जाना हो या ऑफिस या फिर बच्चों को स्कूल भेजना, ये ऑटोरिक्शा हमारी पर्सनल मूवेबिलिटी की जरूरत को बरसों से पूरा करते आ रहे हैं। भारत में काफी समय से ऑटो रिक्शा अफोर्डेबल और ऑन डिमांड पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में काम आ रहे हैं। हालांकि इनका डिजाइन काफी बेसिक होता है और गर्मी, सर्दी या बरसात से बचने के लिए भी इनमें कोई खास प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स नहीं होते हैं। साथ ही ऑटो रिक्शा की बॉडी भी भरोसेमंद नहीं होती है और तीन पहियों की वजह से इनके पलटने की संभावना भी काफी हद तक बनी रहती है। 

हालांकि, अब पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन में काफी अहम बदलाव देखने को मिल रहे हैं तो क्या अब ऑटो रिक्शा का प्रारूप भी बदला है? तो इसका जवाब बजाज की नई क्यूट में हमें मिल सकता है। 

बजाज ने क्यूट को लॉन्च करके पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्हीकल में कुछ नई क्रांति लाने की कोशिश की है। क्यूट एक क्वाड्रिसाइकल है जिसका साइज़ तीन पहिए वाले वाहन जैसा है। मगर इसमें स्टीयरिंग व्हील, दरवाजे और एक्सट्रा व्हील (फोर व्हीलर) भी दिए गए हैं। ऑटो रिक्शा को रिप्लेस करने के इरादे से उतारे गए बजाज क्यूट की रनिंग और मेंटेेनेंस कॉस्ट भी काफी कम है। यह पैसेंजर लोड को वहन कर सकता है और इसकी कीमत भी काफी हद तक अफोर्डेबल है। मगर क्या इन सब खूबियों के बावजूद बजाज क्यूट मार्केट में बना रह सकता है, ये जानेंगे इस फर्स्ट ड्राइव रिव्यू में:

बजाज क्यूट की खासियत

  • ऑटो रिक्शा से ज्यादा टिकाउ और सेफ 
  • रिक्शा से अच्छी वैदर प्रोटेक्शन
  • पार्क करना आसान
  • 35 किलोमीटर प्रति लीटर का शानदार माइलेज
  • एंट्री लेवल कार से भी कम रनिंग कॉस्ट

बजाज क्यूट की कमियां

  • ब्लोअर की कमी
  • एसी हीटर का अभाव
  • स्टोरेज स्पेस की कमी
  • क्या वाकई अपने नाम के मुताबिक हैं क्यूट के लुक्स

देखने में बजाज क्यूट किसी ऑटो जैसा ही लगती है। आसान भाषा में क​हें तो इसका साइज़ काफी छोटा है। मगर, बजाज ने इसे कुछ हद तक एक अलग डिजाइन देने की कोशिश की है। 

इस छोटी कार के वजन को कम करने के लिए कंपनी ने इसके बोनट और दरवाज़ों को प्लास्टिक से तैयार किया है। सबसे अच्छी बात ये है कि इसके दरवाज़ों को अगर जरा भी नुकसान होता है तो पूरा दरवाज़ा बदलने के बजाए केवल उस विशेष पार्ट को ठीक किया जा सकता है। इसकी हेडलाइट्स में साधारण बल्ब का इस्तेमाल किया गया है और हेडलाइट्स के बिल्कुल नीचे ही इंडिकेटर्स को पोजिशन किया गया है। इसके बोनट के नीचे इंजन की जगह सामान रखने के लिए बूट स्पेस दिया गया है और इंजन को पीछे की तरफ पोजिशन किया गया है। बंपर के ऊपर दिए गए एयर वेंट्स से ड्राइवर के फुटवेल एरिया और लेफ्ट सी पिलर पर हवा पहुंचती है। 

साइड से बजाज क्यूट बाइक से थोड़ी सी ही लंबी है। ज्यादा लंबाई ना होने और उंचाई ज्यादा होने के कारण इसका साइड प्रोफाइल काफी अजीब सा लगता है। 

पीछे से देखने पर क्यूट कोई फंकी डिज़ाइन वाले ऑटो जैसी लगती है। इसकी 4 भागों में बंटी टेललाइट्स, भारी भरकम बंपर और रियर विंडस्क्रीन इसे एक मॉर्डन लुक देते हैं। 

कुल मिलाकर बजाज क्यूट का एक्सटीरियर लुक अपने आप में अनूठा है। हालांकि ये हर किसी को पसंद ना भी आए, मगर इस साइज की गाड़ी को अनोखा डिज़ाइन देने में बजाज की तारीफ करनी तो बनती है। 

कैसा है इसका इंटीरियर

यदि आप अपनी जिंदगी की पहली कार खरीदने जा रहे हैं तो आपको बता दें कि बजाज क्यूट आपके लिए नहीं है। यह एक कम कीमत वाली मोबिलिटी व्हीकल है जो केवल कैब या टैक्सी के रूप में ही इस्तेमाल की जा सकती है। इसके केबिन में कार जैसे फीचर्स भी मौजूद नहीं है तो आप इसे एक ऑटो​ रिक्शा जैसा ही व्हीकल मानें।

बजाज क्यूट में ऑटो रिक्शा जैसे हैंडलबार की जगह स्टीयरिंग व्हील दिया गया है। साथ ही इसमें एनालॉग डिजिटल इंस्ट्रूमेंट भी दिया गया है जिसमें गियर पोजिशन इंडिकेटर, डिजिटल फ्यूल गेज, ओडोमीटर और ट्रिपमीटर जैसे फंक्शन दिए गए हैं। इसमें एसी या हीटर नहीं दिए गए हैं, मगर एंटरटेनमेंट के लिए दो स्पीकर से लैस एफएम का फीचर दिया गया है। इसके इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर के दोनों तरफ लॉक किया जा सकने वाला स्टोरेज कंपार्टमेंट भी दिया गया है। 

इसकी सीटें नॉन रिक्लाइनेबल है, इसलिए ज्यादा लेगरूम के लिए ड्राइवर को सीधा ही बैठना पड़ता है। इसमें ऊंची सीटिंग पोजिशन मिलती है, जिससे ड्राइवर और पैसेंजर को बाहर का नजारा काफी साफ साफ दिखाई देता है। ऑटो रिक्शा के कंपेरिजन में इसके 2+2 सीटिंग लेआउट वाले केबिन में पैसेंजर्स ज्यादा कंफर्टेबल होकर बैठ सकते हैं। 

इसकी रियर सीट्स पर अच्छा खासा नीरूम स्पेस मिलता है, मगर लेगरूम स्पेस की कमी महसूस होती है। कार का साइज ऊंचा होने से इसमें अच्छा हेडरूम भी मिलता है और सीटें भी कंफर्टेबल रहती हैं। केबिन में बेहतर हीट इंसुलेशन के लिए रूफ लाइनर का फीचर दिया गया है। 

बजाज क्यूट में कुछ छोटी-मोटी कमियां भी हैं, उदाहरण के तौर पर इसके दरवाजे कुछ ज्यादा ही छोटे हैं। इस कार में वेंटिलेशन की भी काफी समस्या है। 

क्यूट में ड्राइवर के अलावा तीन पैसेंजर आराम से बैठ सकते हैं। इसमें 77 लीटर का बूट स्पेस दिया गया है जिसमें केवल 20 किलो तक का लगेज ही रखा जा सकता है। यदि ज्यादा बूट स्पेस चाहिए तो आप फ्रंट सीट्स के नीचे का खाली हिस्सा भी उपयोग में ले सकते हैं, मगर ध्यान रहे कि ये जगह सीएनजी सिलेंडर रखने के लिए होती है। 

इसकी रूफ पर लगेज कैरियर भी दिया गया है, जिसपर 40 किलो तक का सामान रखा जा सकता है। इसकी सीटों के पीछे भी बूटस्पेस दिया गया है जहां छोटा-मोटा सामान रखा जा सकता है। इसमें 60:40 के अनुपात में बंटी सीटों को फोल्ड कर 400 लीटर का बूट स्पेस तैयार किया जा सकता है। 

इसमें डोर पैकेट्स भी काफी चौड़े और गहरे हैं, जिनमें भी छोटा-मोटा सामान रखा जा सकता है। ड्राइवर साइड पर भी डोर हैंडल के पास फोन या पर्स जैसा सामान रखने के लिए स्टोरेज स्पेस दिया गया है। डैशबोर्ड पर दो लॉक किए जा सकने वाले कंपार्टमेंट दिए गए हैं, जिनमें जरूरी कागजात रखे जा सकते हैं। 

कुल मिलाकर क्यूट में पैसेंजर्स के साथ-साथ सामान रखने की क्षमता है। 

इंजन एवं परफॉर्मेंस

बजाज क्यूट में 216.6 सीसी का लिक्विड कूल्ड डीटीएसआई इंजन दिया गया है और ये पेट्रोल, सीएनजी और एलपीजी मोड पर चल सकती है। इसका इंजन पेट्रोल मोड पर 13 पीएस की पावर और 19.15 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। वहीं सीएनजी मोड पर इसका आउटपुट 10.8 पीएस और 16.1 एनएम हो जाता है जबकि एलपीजी मोड पर यह 12.4 पीएस की पावर और 18.2 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। इस इंजन के साथ मोटरसाइकिल जैसा 5-स्पीड सीक्वेंशल गियरबॉक्स दिया गया है, जिसमेें गियर अप करने के लिए लिवर को ऊपर धकेलना पड़ता है और गियर डाउन करने के लिए उसे नीचे की ओर धकेलना पड़ता है। इसकी गियर स्टिक काफी लंबी और भारी महसूस होती है। इसमें क्लच भी दिया गया है जो काफी हलका महसूस होता है। 

चूंकि क्यूट का वजन 465 किलोग्राम ही है तो जल्दी से ओवरटेकिंग करते वक्त आपको इसमें पावर की कमी बिल्कुल महसूस नहीं होती है और ऑटोरिक्शा के मुकाबले ट्रैफिक में ये ज्यादा अटकती नहीं है। जब इसे ड्राइव करने की बात आती है तो तीसरे गियर में ये 30 किलोमीटर प्रति घंटे और चौथे गियर में 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेती है। हालांकि शुरूआत में इसमें पावर की थोड़ी कमी जरूर महसूस होती है। हमनें क्यूट के सीएनजी और पेट्रोल वेरिएंट को चलाकर देखा, जहां हमें सीएनजी वेरिंएट चलाने में ज्यादा अच्छा लगा। इसके पेट्रोल वेरिएंट को लेकर कंपनी 35 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज दावा करती है, वहीं इसके सीएनजी वेरिएंट को लेकर 45 किलोमीटर प्रति लीटर का दावा किया जाता है। 

राइड और हैंडलिंग 

बजाज क्यूट का ये पहलू आम थ्री व्हीलस से कहीं ज्यादा अच्छा है, क्योंकि चौथा पहिया होने से इसको हैंडल करने में कोई परेशानी नहीं होती है। बार-बार ब्रेक लगाने पर इसके पैडल से ठीक-ठाक ही रिस्पॉन्स मिलता है। बता दें कि इसमें एबीएस का फीचर नहीं दिया गया है। 

क्यूट में 135/70 आर12 एमआरएफ टायर्स दिए गए हैं, जिनसे गाड़ी को काफी अच्छी ग्रिप मिलती है। मोनोकॉक प्लेटफॉर्म पर तैयार की गई इस मिनी कार में हाई स्ट्रैंथ स्टील का इस्तेमाल किया गया है। तीव्र घुमाव पर भी ये आराम से निकल जाती है और थ्री व्हीलर के मुकाबले इसके पलटने की संभावना थोड़ी कम ही रहती है। 

राइड क्वालिटी की बात करें तो खराब रास्तों और गड्ढों से लगने वाले झटके केबिन में महसूस किए जा सकते हैं। 

सेफ्टी

सेफ्टी के मोर्चे पर बजाज क्यूट में वैसे फीचर्स नहीं दिए गए हैं जो किसी कार में मिलते हैं। ऑटो रिक्शा से कंपेयर करें तो ये गाड़ी ज्यादा सुरक्षित है, जिसमें आप मौसम की मार से बच सकते हैं। यूरो एनकैप द्वारा क्यूट को 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर क्रैश टेस्ट किया गया जिसमें इसे सिंगल स्टार रेटिंग दी गई। सेफ्टी के तौर पर इसमें हर पैसेंजर के लिए सीटबेल्ट का फीचर ही दिया गया है। 

निष्कर्ष

बजाज क्यूट एक साधारण फोर व्हीलर है, क्योंकि रनिंग और मेंटेनेंस कॉस्ट को कम करने के लिए इसमें बेसिक एलिमेंट्स का ही इस्तेमाल किया गया है। यह बाजार में आई अनोखी कारों में से एक है। ऑटो रिक्शा के कंपेरिज़न में इसमें सेफ्टी, वैदर प्रोटेक्शन और राइड क्वालिटी का लेवल ज्यादा अच्छा है। चूंकि इसकी रनिंग और मेंटेेनेंस कॉस्ट काफी कम पड़ती है, इसलिए इसकी प्राइस 2.7 लाख रुपये (एक्स-शोरूम दिल्ली) रखी गई है जो एक थ्री व्हीलर की कीमत से ज्यादा है। हालांकि इस कार को लेने के अपने ही कई फायदे हैं, इसलिए इसकी ज्यादा कीमत को नजरअंदाज किया जा सकता है। भारत में फिलहाल ये गाड़ी कमर्शियल व्हीकल के तौर पर ही बेची जा रही है। 

इसको एंट्री लेवल कार तो नहीं कहा जा सकता है, मगर एक ऑटो रिक्शा के कंपेरिजन में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिहाज से ये ज्यादा बेहतर है।

Published by
भानु

बजाज qute

वेरिएंट*एक्स-शोरूम कीमत नई दिल्ली
सीएनजी (सीएनजी)Rs.3.61 लाख*

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