लॉकडाउन के चलते अप्रैल महीने में बे-कार रहा ऑटोमोबाइल बाजार, 0 रही सेल्स

संशोधित: मई 04, 2020 04:57 pm | स्तुति

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वैश्विक महामारी बन चुके कोरोनावायरस के कारण 23 मार्च से पूरा देश लॉकडाउन में है। हालांकि 4 मई से इसमें कुछ रियायत दी गई है, लेकिन अभी भी लोगों को गैर-आवश्यक गतिविधियों के लिए घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। लॉकडाउन के चलते पूरे अप्रैल माह में मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज़ बंद रही थी। कार निर्माता कंपनियों के अनुसार, भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में ऐसा पहली बार हुआ है जब अप्रैल के महीने में एक भी कार की बिक्री दर्ज नहीं की गई है।

फेडरेशन ऑफ़ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएडीए) के अध्यक्ष आशीष हर्षाराज काले के अनुसार “अप्रैल ऐसा महीना है जिसे पूरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री भूलना चाहेगी। सभी सामान्य आर्थिक गतिविधियों के रूकने से ऑटोमोटिव क्षेत्र सहित विभिन्न उद्योगों पर गंभीर असर पड़ेगा।"

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Auto Manufacturing Not Among Activities Permitted From April 20

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन का प्रभाव ऑटो सेल्स से लेकर इससे संबंधित अन्य क्षेत्रों जैसे इंश्योरेंस, बैंकिंग, सर्विस, कॉम्पोनेन्ट सेल्स, ऑइल और रबर पर भी पड़ा है। साथ ही उन्होंने इस पर ज़ोर डालते हुए भी कहा कि व्यवसायों के पूरे ऑटोमोटिव इकोसिस्टम को अपने ऑपरेशंस फिर से शुरू करने की आवश्यकता है। ऑटोमोबाइल सेक्टर के पूरे ईकोसिस्टम से जुड़ा यदि कोई भी उद्योग लॉकडाउन में नहीं खुलता है तो पूरा सिस्टम कार्य नहीं कर पाएगा।

अपने स्टेटमेंट में फाडा के अध्यक्ष ने एक बार फिर सरकार से ऑटो इंडस्ट्री के सहयोग के लिए पुनर्याचना की है, जिससे लॉकडाउन के बाद बिज़नेस को ट्रैक पर लाया जा सके। उन्होंने कुछ समय पहले दिए गए अपने सुझावों पर ध्यान देने के लिए  एक फिर बार सरकार से मांग की है और ऑटोमेटिव डिमांड जैसे जीएसटी दरों में अस्थायी कटौती करना या बैंकों और एनबीएफसी के ब्याज दरों को कम करना जैसे विषयों को दोहराया है। सरकार को दिए गए सुझावों में स्क्रेपेज पॉलिसी की शुरुआत करने के साथ-साथ डेप्रिसिएशन बेनिफिट स्कीम को मार्च 2021 तक बढ़ाना भी शामिल है। 

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वर्तमान में भारत में 17 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाया गया है। जिन-जिन क्षेत्रों में कोरोनोवायरस के मामले कम हैं, वहां सरकार द्वारा व्यावसायिक ऑपरेशंस फिर से शुरू करने की कुछ छूट दी जा रही है। कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के चलते अधिकांश बड़े शहरों को अभी भी हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है, जिसका मतलब है कि अधिकतर व्यवसाय सीमित संख्या में ही जुलाई 2020 तक काम करना जारी रखेंगे। 

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