वो पांच कारें, जिनका साल 2015 में नहीं चला जादू
प्रकाशित: दिसंबर 29, 2015 04:02 pm । cardekho
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भारतीय ऑटो बाजार के लिए साल 2015 काफी मिला-जुला रहा। इस साल ऑटो सेक्टर के साथ-साथ ग्राहकों की पसंद में भी काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले। मसलन, कॉम्पैक्ट सेडान सेगमेंट में मायूसी का माहौल बना हुआ है, इस वर्ग में नई कारें आने के बावजूद बिक्री उतनी नहीं बढ़ी है, जितना कंपनियां उम्मीद कर रहीं थी। क्रॉसओवर, कॉम्पैक्ट एसयूवी और एसयूवी कारों का क्रेज़ पहले की तरह कायम है। वहीं प्रीमियम हैचबैक कारों की लोकप्रियता अच्छी-खासी बढ़ी है।
दरअसल इसकी वजह ग्राहकों के रवैये में आया बदलाव भी है। पहले की तुलना में ग्राहक ज्यादा से ज्यादा जानकारियां जुटाने के बाद कार खरीदने का फैसला करने लगे हैं, इस वजह से उनको आसानी से अपने पाले में खींच लेना कंपनियों के लिए आसान नहीं रह गया है। यही कारण है कि बीते एक साल में आईं कुछ कारें दमदार होते हुए भी ग्राहकों को अपनी ओर लुभाने में नाकाम रहीं।
यहां नजर डालतें हैं ऐसी ही पांच कारों पर जो 2015 में असफल साबित हुईं...
टाटा बोल्ट
टाटा बोल्ट की शुरुआत तो अच्छी थी, लेकिन लंबे वक्त में इसका जादू बेअसर साबित हुआ। इसकी एक वजह बोल्ट का लुक भी है। अंदर से एकदम अलग और जेस्ट जैसे ही फीचर्स होने के बावजूद बोल्ट खरीददारों को अपनी ओर खींचने में नाकाम रही है। दरअसल बोल्ट में कहीं न कहीं इंडिका रेंज की झलक मिलती है। वहीं जेस्ट इस मामले में पुरानी कारों से अलग नज़र आती है। इस तरह की अटकलें हैं कि इसका प्रदर्शन सुधारने के लिए टाटा जल्द ही बोल्ट का स्पोर्ट्स वर्जन लाने वाली है। जिसे जिनेवा मोटर शो-2015 में शो-केस भी किया जा चुका है।
रेनो लॉजी
एक बेहतरीन कार होने के बावजूद रेनो लॉजी ग्राहकों की पहली पसंद में शुमार नहीं हो सकी। यही वजह है हर महीने इस कार की बिक्री घट रही है। इस मल्टीपरपज़ यूटीलिटी व्हीकल में अपने सेगमेंट का सबसे पावरफुल इंजन है, जो 6-स्पीड मैनुअल गियर बॉक्स के साथ आता है। इसके अलावा इसमें डे-टाइम रनिंग लाइट्स व रेनो का टचस्क्रीन मीडियानेव इंफोटेनमेंट सिस्टम जैसे हाईकेट और एडवांस फीचर्स दिए गए हैं। इसका इंटीरियर व एक्सटीरियर भी काफी आकर्षक है, लेकिन इतना सब होने के बावजूद इसे लोगों ने ज्यादा पसंद नहीं किया।
हुंडई वरना फेसलिफ्ट
मिड-साइज सेगमेंट में हुंडई वरना शुरू से ही काफी लोकप्रिय रही है। इसे बेहतरीन डिजायन, दमदार इंजन और आकर्षक फीचर्स के लिए जाना जाता है। लेकिन होंडा की नई सिटी डीज़ल में लॉन्च होने के बाद से वरना का जादू खत्म सा हो गया। इसकी बिक्री में गिरावट दर्ज होने लगी। हुंडई ने इस साल की शुरुआत में वरना का फेसलिफ्ट वर्जन भी उतारा। लेकिन यह सफल नहीं रहा। कई लोगों के मुताबिक पुरानी वरना, फेसलिफ्ट वर्जन के मुकाबले कहीं ज्यादा आकर्षक दिखाई देती है। इसके अलावा फेसलिफ्ट वर्जन को कंपनी ने टचस्क्रीन नेविगेशन जैसे फीचर से भी अपडेट नहीं किया, जो इस सेगमेंट में आमतौर मिलने लगा है।
डटसन गो-प्लस
गो-प्लस भारत की पहली माइक्रो एमपीवी कार है । इसे डटसन ने गो हैचबेक के क्रैश टेस्ट में फेल होने के बाद लॉन्च किया था। गो हैचबैक ने कमजोर बॉडी और सुरक्षा में फिसड्डी साबित होने की वजह से काफी आलोचना झेली। डटसन ने गो व गो-प्लस में एयर बैग का विकल्प भी दिया लेकिन इसके बावजूद यह कार मार्केट में अपना रूतबा नहीं बना पाई। अब डटसन जल्द ही गो का क्रॉसओवर वर्जन गो-क्रॉस लाने वाली है। इसे 2016 इंडियन ऑटो एक्सपो में पेश किया जाएगा। देखना होगा कि गो-क्रॉस कितनी सफल रहती है।
मारूति सुज़ुकी एस-क्रॉस
मारूति की यह पहली क्रॉसओवर कार है। कंपनी और लोगों को इस कार से काफी उम्मीदें थी। लेकिन क्रेटा ने खेल बिगाड़ दिया। एस-क्रॉस उतनी सफलता नहीं पा सकी, जितनी इससे उम्मीद थी। मारूति की यह पहली कार है जिसमें फ्रंट एयर बैग व एबीएस स्टैंडर्ड फीचर्स के तौर दिए गए हैं। एस-क्रॉस को दो डीज़ल इंजन ऑप्शन में उतारा गया है। इसमें फिएट का पावरफुल 1.6-लीटर और 1.3-लीटर का इंजन दिया गया है। फीचर्स भी अच्छे खासे हैं लेकिन क्रेटा के सामने इसकी चमक फीकी पड़ गई। हालांकि कंपनी हर महीने इसकी 2 से 3 हजार यूनिट बेचने में सफल रही है। लेकिन यह वो आंकड़े नहीं है जिनकी उम्मीद कंपनी ने एस-क्रॉस से की थी।
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