फोर्ड का चौंका देने वाला रोड सर्वे आया सामने, जानिये यहां
संशोधित: दिसंबर 26, 2018 03:31 pm | sonny
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फोर्ड इंडिया ने हाल ही में देश के ड्राइविंग बिहेवियर को जानने के लिए एक सर्वे किया है। इसे "फोर्ड कारट्सी रोड सेफ्टी सर्वे" नाम दिया गया है। सर्वे के दौरान कंपनी ने देश के 10 शहरों में कुल 1600 इंटरव्यू किए। इस शहरों में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, लखनऊ, लुधियाना, पुणे और इंदौर शामिल हैं। इंटरव्यू के दौरान पूछे गए प्रश्नों को तीन श्रेणियों क्रमशः कंप्लायंस, कॉशन और कम्पैशन में बांटा गया है। सीधे तौर पर इन्हें "यातायात सुरक्षा नियमों की पालना करना", "सावधानी के पर्याप्त उपाय करना" और "सहायता की आवश्यकता वाले लोगों पर दया दिखाना" के रूप में समझा जा सकता हैं।
कंप्लायंस
ट्रैफिक नियमों की पालना करने में दिल्ली और चेन्नई को सर्वे में सबसे कम अंक मिले। वहीं लुधियाना इस श्रेणी में सबसे आगे रहा। रिपोर्ट के अनुसार सर्वे में भाग लेने वाले 45% लोगों ने स्पीड लिमिट और लेन ड्राइविंग का पालन नहीं करने की बात स्वीकारी। 33% लोगों के अनुसार अंडरऐज ड्राइविंग और 18% लोगों के अनुसार शराब पीकर वाहन चलाना सही है। वहीं केवल मुंबई में 39% लोगों ने शराब पीकर वाहन चलाने को सही ठहराया। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि दिल्ली में 32% लोगों ने इस बात से अनजान होने का दावा किया कि ड्राइविंग के दौरान सीटबेल्ट पहनना अनिवार्य है। मुंबई के 47% उत्तरदाताओं ने अपराध के दौरान कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए पुलिसकर्मियों को प्रभावित करने की बात स्वीकारी।
कॉशन
इस श्रेणी में पूछे गए सवालों से पता चला कि सर्वे में भाग लेने वाले 51% लोग इस बात से अनजान हैं कि सीटबेल्ट लगाने पर एयरबैग सिस्टम प्रभावी ढंग से काम करता है। हालांकि बेंगलुरु में 97% और मुंबई में 91% लोग इसके बारे में जानते थें। यहां ध्यान वाले बात यह है कि 22% लोगों ने ड्राइविंग के दौरान फोन पर बात करना सही समझा। बेंगलुरु में यह आंकड़ा 46% रहा। वहीं कुल 39% लोगों ने अपने आगे चल रहे वाहन से सुरक्षित दूरी नहीं बनाए रखने की बात स्वीकारी। ओवरऑल, सावधानी के पर्याप्त उपाय करने में लखनऊ सबसे आगे रहा। मेट्रो शहरों में कोलकाता को इस श्रेणी में सबसे ज्यादा अंक मिले। वहीं बेंगलुरु और मुंबई ने सबसे कम 56% अंक हासिल किए।
कम्पैशन
इस श्रेणी में व्यावहारिक सवाल जैसे अस्पताल के पास हॉर्न बजाना, दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को अस्पताल ले जाना, आपातकालीन वाहनों को रास्ता देना आदि शामिल थें। इस दौरान लखनऊ ने सबसे ज्यादा 88% अंक प्राप्त किए, जबकि कोलकाता 76% अंकों के साथ मेट्रो शहरों में सबसे आगे रहा। चेन्नई 49% अंकों के साथ सबसे पीछे रहा।
फोर्ड के इस सर्वे के नतीजें चौंकाने वाले है। लेकिन गौरतलब है कि सर्वे के दौरान 18 से 34 वर्ष की आयु वाले उत्तरदाताओं ने वरिष्ठ उत्तरदाताओं की तुलना में हर श्रेणी में बेहतर अंक हासिल किए। अतः उम्मीद है कि हमारी सड़कें समय के साथ सुरक्षित हो सकती हैं। सर्वे में भाग लेने वाले कुल लोगों में 28% महिलाएं थी। महिलाएं पुरुषों से ज्यादा जागरूक पायी गयी। सर्वे में भाग लेने वाले कुल 8% लोग सड़क दुर्घटना या उससे होने वाले नुकसान का सामना कर चुके थे।
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