पेट्रोल-डीजल की कीमत में लगातार 16वें दिन इजाफा, डीजल ने रिकॉर्ड तोड़ा

प्रकाशित: जून 23, 2020 10:37 am । भानु

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  • 79.56 रुपये/लीटर हुए पेट्रोल के दाम
  • 78.85 रुपये/लीटर हुए डीजल के दाम 
  • पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अब तक क्रमश: 8.3 रुपये और 9.46 रुपये का हो चुका है इजाफा
  • मई 2017 से ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोजाना किया जा रहा है संशोधन

भारत में लगातार 16वें दिन पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा दिए गए हैं। सोमवार 22 जून तक पेट्रोल के दाम 79.56 रुपये/लीटर थे तो वहीं डीजल की कीमत 78.85 रुपये/लीटर रही। बता दें कि जहां पेट्रोल की कीमत दो साल में सबसे उच्च स्तर पर पहुंची है तो वहीं डीजल के दाम अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। 

पेट्रोल और डीजल की कीमत में पिछले 16 दिनों में क्रमश: 8.3 रुपये और 9.46 रुपये का इजाफा हुआ है। इनकी कीमत में बढ़ोतरी पूरे देश में लागू है और इसके बाद इनकी कीमतों में राज्य सरकारों द्वारा लोकल सेल्स टैक्स और वैन्यू एडेड टैक्स वैट लगाने के बाद भी संशोधन होता है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि 7 जून से यह मूल्य वृद्धि आज तक सबसे अधिक है। इससे पहले इनकी कीमतों में अधिकतम संशोधन 4-5 रुपये/लीटर था।

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अप्रैल 2002 में डीरैग्यूलेट होने के बाद से सभी भारतीय पेट्रोकेमिकल कंपनियां हर 15 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन कर रही हैं। हालांकि, मई 2017 से ही पेट्रोल डीजल की कीमतों में रोजाना संशोधन किया जा रहा है ताकि लागतों को खुदरा दरों में तुरंत प्रतिबिंबित करने की अनुमति मिल सके। पिछली बार डीजल और पेट्रोल 2018 में सबसे उच्च स्तर पर क्रमशः 75.69 रुपये/लीटर (16 अक्टूबर तक) और 84 रुपये/लीटर (4 अक्टूबर को) थे। उस दौरान सरकार ने बढ़ी हुई दरों को कम करने के लिए पेट्रोल और डीजल दोनों पर उत्पाद शुल्क (एक्साइज़ ड्यूटी) में 1.50 रुपये/लीटर की कटौती की थी। 

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केंद्र सरकार ने राज्यों के स्वामित्व वाली तेल कंपनियों को 1 रुपये/लीटर बढ़ाने के लिए कहा है ताकि खुदरा दरों में 2.50 रुपये/लीटर की कटौती करने में मदद मिल सके। पेट्रोल और डीजल की रिटेल सेलिंग प्राइस का दो-तिहाई हिस्सा उस पर लगने वाले टैक्स से बनता है। इन करों का पेट्रोल की कीमत में 64 प्रतिशत जबकि डीजल की कीमत में 63 प्रतिशत का हिस्सा होता है। 14 मार्च, 2020 को सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 3 रुपये/लीटर की बढ़ोतरी की और फिर 5 मई को पेट्रोल के मामले में रिकॉर्ड 10 रुपये/लीटर और डीजल पर 13 रुपये की बढ़ोतरी कर डाली। इससे सरकार को अतिरिक्त कर राजस्व में 2 लाख करोड़ रुपये इकट्ठा करने में मदद मिली। चूंकि अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें दो दशक के निचले स्तर पर गिर गईं हैं, कई तेल कंपनियों ने इसका सीधा फायदा ग्राहकों को पहुंचाने के बजाय खुदरा दरों में गिरावट के बावजूद उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की है जिससे पेट्रोल और डीजल के दाम एकाएक बढ़ गए हैं। 

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