नितिन गडकरी ने भारतीय कारों की सेफ्टी के साथ समझौता करने के लिए कार कंपनियों को दिया करारा जवाब
प्रकाशित: जून 29, 2022 04:21 pm । स्तुति । किया सेल्टोस
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में अक्टूबर 2022 से कारों में छह एयरबैग अनिवार्य करने को लेकर एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया था जिस पर अब कुछ कार कंपनियों ने अपनी चिंता व्यक्त की है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कार कंपनियों को भारतीय कारों की सेफ्टी और स्ट्रक्चरल इंटिग्रिटी से समझौता करने को लेकर करारा जवाब दिया है।
नितिन गडकरी का कहना है कि “हमने कारों में यहां तक कि आर्थिक मॉडल में भी छह एयरबैग को अनिवार्य देने का निर्णय लिया है। अब कुछ कार कंपनियां भारत में ऐसी कारें बना रही हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड के अनुरूप नहीं हैं। मगर, वह उसी मॉडल को विदेशी बाजार के लिए अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड के अनुरूप बना रही हैं। मुझे यह कभी समझ नहीं आता। हमें ऐसे फैसलों के महत्व को समझने की जरूरत है। जब भारत में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं और मौतें हो रही हैं, तो वह इसे गंभीरता से क्यों नहीं ले रहे हैं?”
ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर ने यह टिप्पणी तब दी है जब कुछ ऑटोमोबाइल कंपनियां (मारुति समेत) कारों के सेफ्टी रेटिंग के लिए भारत एनकैप क्रैश टेस्ट का लगातार विरोध कर रही हैं।
यहां ध्यान देने वाली बात है कि कुछ कार कंपनियां अंतरराष्ट्रीय कारों के मुकाबले अपने भारतीय मॉडल्स को कम सेफ्टी फीचर्स और कमज़ोर बॉडी शेल इंटिग्रिटी के साथ बेचती हैं। उदहारण के तौर पर ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में भारत में बिकने वाली किआ सेल्टोस को 3-स्टार रेटिंग मिली थी, जबकि इसके ऑस्ट्रेलियन मॉडल को एएनकैप क्रैश टेस्ट में 5-स्टार रेटिंग दी गई थी।
केंद्रीय मंत्री गडकरी के अनुसार, कुछ कार कंपनियों ने तो यहां तक भी कह दिया है कि उनकी कारों में छह एयरबैग अनिवार्य नहीं किए जाने चाहिए क्योंकि इससे री-इंजीनियरिंग होगी जिससे कारों की कीमतें भी बढ़ जाएंगी। हालांकि, छह एयरबैग का मतलब केवल ज्यादा सेफ्टी से ही नहीं है जैसा कि हमें हाल ही में किआ कैरेंस के क्रैश टेस्ट रिज़ल्ट से पता चला है जहां छह एयरबैग मौजूद होने के बावजूद भी इसकी स्ट्रक्चरल इंटिग्रिटी को अस्थिर करार किया गया था।
हमारा मानना है कि कार कंपनियों को अपने भारतीय मॉडल्स को अंतरराष्ट्रीय मॉडल्स (जिनकी स्ट्रक्चरल इंटिग्रिटी स्थिर है) के अनुरूप लाने के लिए बॉडी शेल इंटिग्रिटी को सुधारना चाहिए। सरकार के छह एयरबैग को कारों में अनिवार्य देने के फैसले से हमारे देश में बेची जाने वाली कारों को बेहतर सुरक्षा मिल सकेगी। देश में भारत एनकैप क्रैश टेस्ट शुरू करना भी सरकार का एक काफी अच्छा कदम है क्योंकि इससे व्हीकल के बॉडी स्ट्रक्चर का टेस्ट हो सकेगा जिससे कार कंपनियां सुरक्षित मॉडल बनाने के लिए मजबूर होंगी।
यह भी पढ़ें : भारत एनकैप नहीं होना चाहिए भारत में बिकने वाली कारों के लिए अनिवार्य : मारुति सुजुकी चेयरमैन आरसी भार्गव
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